यह संकेत दर्शाता है कि यह सड़क तीन रंग वाली बस्ती सिग्नल से प्रचालित है क्यों चालक कुछ सड़को पर इस प्रकार की व्यवस्था का अनुमान नहीं लगा पाते हैं ।
आपके बच्चे के लिए अपने घर को सुरक्षित बनाने के लिए टिप्स
घर पर बच्चों को न केवल आनन्द और मजा आता है बल्कि उन्हें सुरक्षित रखने के लिए अंतरिक्ष की अधिक से अधिक सुरक्षा और जिम्मेदार नियोजन की जरूरत है। जोड़ों के लिए, बच्चों के साथ, भारत में एक आवासीय संपत्ति खरीदने की योजना बना, यह जानना अनिवार्य है कि संपत्ति बालप्रतिरोधी है या नहीं। यदि आप एक संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे हैं जो अभी तक बालप्रतिरोधक नहीं है, तो यह सुनिश्चित करें कि इससे पहले कि आप कदम उठाने से पहले इसे बालप्रूफ बनाने के लिए आवश्यक उपाय करें। बच्चे को निपुण पेशेवरों को काम पर रखने से किया जा सकता है, संपत्ति आपके बच्चे के लिए सुरक्षित हो सकती है बालप्रमुखता का महत्व बढ़ती उम्र में, बच्चों को उनके पर्यावरण और उनके आस-पास की चीजों के बारे में उत्सुक हैं चाहे वह बच्चा है या चार साल की उम्र में, घर एक बड़ा खेल का मैदान है जहां उनकी कल्पना जंगली चलती है। इसका यह भी अर्थ है कि आपके घर में कई जगहें हो सकती हैं जहां एक दुर्घटना बस होने की प्रतीक्षा कर रही है। दुर्घटना के संभावित क्षेत्रों को बाधित करके, उनकी सुरक्षा और मन की शांति सुनिश्चित कर लेंगे। वास्तव में, भारत में कई आगामी परियोजनाएं अपने अपार्टमेंट में एक प्रमुख विशेषता के रूप में बालप्रूफिंग जोड़ती हैं। खतरे क्षेत्र क्या हैं? खतरे की पहचान करने के लिए, एक बच्चा के फिसलन का कारण क्या हो सकता है? दृष्टिकोण से अपने घर को देखो। कोणीय कोने, तेज धार वाली फर्नीचर, कम बिजली की कुर्सियां, फिसलन वाले फर्श, और यहां तक कि उनकी पहुंच के भीतर जहरीला सफाई वाले उत्पादों, गंभीर बच्चे के खतरे पैदा कर सकते हैं किसी भी स्थान पर जहां बच्चे को चोट पहुंचाई जा सकती है, वह एक संभावित खतरे क्षेत्र है, जिसे फिसलन का कारण क्या हो सकता है? बालप्रूफ होना चाहिए बालप्रूविंग के लिए कदम बालप्रूफ की दिशा में पहला कदम है कि वह सब कुछ तेज, मर्मज्ञ, और बच्चे के रास्ते से भारी होता है। स्नानगृह बाथरूम के बाहर गैर-फिसलन वाले मैट्स और स्नानटब के बगल में है ताकि वे पर्ची न करें। नहाने के दौरान अपने बच्चे को कभी भी अनसुनी न रखें। शौचालय के ढक्कन को बच्चों को अपने हाथ या सिर पर टिपने या बंद करने से रोकना चाहिए। कैबिनेट, यदि कोई हो, तो लॉक किया जाना चाहिए क्योंकि ये बड़े पैमाने पर दवाइयों, साबुन और शैंपू के भंडारण के लिए उपयोग किए जाते हैं, जो कि जिज्ञासा से भस्म हो जाने पर खतरे का सामना कर सकते हैं। सभी इलेक्ट्रिक आउटलेट / सॉकेट्स को अप्रत्याशित इलेक्ट्रोक्यूशन को रोकने के लिए प्रूफ़िंग गैजेट्स के साथ कवर किया जाना चाहिए। बच्चे बिजली की कुर्सियां में अपनी उंगलियां डालते हैं छज्जा और छत बच्चे अकेले बालकनियों और छतों पर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए उन्हें हमेशा एक जिम्मेदार वयस्क के साथ होना चाहिए बालकनियों में grilles, बाड़, और सुरक्षात्मक रेलिंग होना फिसलन का कारण क्या हो सकता है? चाहिए, और इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि ग्रिल की सलाखों के बीच न्यूनतम स्थान है, दुर्घटना को रोकने के लिए पर्याप्त है रसोई के रसोई मंत्रिमंडलों में तीखी वस्तुओं जैसे चाकू और कैंची को बच्चों की पहुंच से दूर रखने के लिए ताले होने चाहिए। दराज में बंद हो जाने से रोकना बच्चों को अपने आप से बाहर निकालने से रोक देगा स्टोव knobs स्थापित करें, जो इन-निर्मित लॉकिंग तंत्र के साथ आते हैं, ताकि बच्चे भी स्टोव तक पहुंच सकें, वे इसे संचालित करने में असमर्थ हैं। उपयोग में नहीं होने पर फ्रिज और माइक्रोवेव को बंद रखें कॉफी निर्माताओं, टोस्टर और माइक्रोवेव के लिए एक वापसी योग्य विद्युत केबल का उपयोग करें ताकि बच्चों को डोरियों को नहीं खींच सके। बेडरूम और लिविंग रूम इन कमरों में बच्चे बहुत समय बिताते हैं। जब तक बच्चा थोड़ा ऊपर नहीं बढ़ता तब तक न्यूनतम सजावट लें। कई कलाकृतियों, भंगुर या भारी और तेज धार वाले फर्नीचर बच्चों के लिए चोट का कारण हो सकते हैं। सभी दरवाजे पर स्टॉपर्स स्थापित करें, शिशु की उंगलियों को पीसने से रोकना। द्वार पर कीहलों को प्राथमिक रूप से घर के अंदर गलती से लॉक होने से बचने के लिए डबल-पक्षीय और बच्चे के अनुकूल होना चाहिए। विद्युत कवर को अप्रयुक्त सॉकेट पर रखा फिसलन का कारण क्या हो सकता है? जाना चाहिए। स्विच और नियामकों को छोटे हाथों की पहुंच से स्थापित किया जाना चाहिए सिर पर बाधाओं को रोकने के लिए सभी तीक्ष्ण किनारों पर कोने के बंपर रखें। यदि आपके पास सीढ़ी है, तो इसके ऊपर और नीचे स्थित एक बच्चा गेट को ठीक करें। स्थापना प्रक्रिया में सभी सुरक्षा उपायों और उपकरणों को आपके अंदर जाने से पहले पूरा किया जाना चाहिए। यद्यपि यह कीमत के साथ आता है, लेकिन यह आपके बच्चे के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए भुगतान करने योग्य है।
भोपाल में खेलते हुए सेप्टिक टैंक में गिरा मासूम, मौत / BHOPAL NEWS
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी नगर थाना क्षेत्र में सोमवार देर शाम 6 साल का एक मासूम एक निर्माणाधीन मकान में बने सेप्टिक टैंक में गिर गया। वह शाम को घर से करीब 100 फीट की दूरी पर में दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। टैंक में करीब 4 फीट तक पानी होने के कारण वह उसमें डूब गया। साथ खेल रहे बच्चों के चीखने पर माता-पिता उसे पानी से निकालकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना प्रभारी नीलेश अवस्थी ने बताया कि गांधी नगर निवासी मोहन माली हवाई हैं। उनका 6 साल का इकलौता बेटा सौरभ सोमवार शाम करीब 6 बजे कॉलोनी के बच्चों के साथ पास के ही एक निर्माणाधीन मकान में खेल रहा था। इसी दौरान सौरभ के सेप्टिक टैंक में गिरने पर बच्चों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। मोहन दौड़कर वहां पहुंचे और सौरभ को पानी से निकालकर अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हमीदिया अस्पताल की सूचना पर गांधी नगर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
शिप्रा के घाट पर श्रद्धालु हो रहे घायल, आखिर क्या है कारण
उज्जैन. शिप्रा में आस्था की डुबकी लगाने दूर-दराज से श्रद्धालु रामघाट पहुंच रहे हैं, शिप्रा पूजन-स्नान में आत्म संतुष्टी की जगह उन्हें चोटिल होने का कड़वा अनुभव मिल रहा है। प्रशासनिक अव्यवस्थाओं के कारण घायल होने के बाद अपनी समस्या किसे बताएं, इसके लिए भी कोई मंच नहीं इसलिए मजबूरी में सिर्फ दर्द और आक्रोश लेकर लौटना पड़ रहा है। इधर जिम्मेदार घाटों पर डुअकी लग सके जितना पानी पहुुंचाकर संतुष्ट हैं, स्नान फिसलन का कारण क्या हो सकता है? करने आ रहे श्रद्धालुओं को किस खराब हालत से गुजरना पड़ रहा है, इसकी किसी को फिक्र नहीं है।
रामघाट पर बड़ी मात्रा में कंजी जमी हुई है। कई बार मांग उठने के बावजूद प्रशासन-नगर निगम ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। जिम्मेदारों की इस लापरवाही का खमियाजा घाट पर पूजन-स्नान करने आने वालों को झेलना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि प्रतिदिन १०-१५ लोग कंजी के कारण घाट पर फिसलकर घायल हो रहे हैं। बुधवार को भी एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु रामघाट पर फिसलन से गिरे। पूजन के लिए दिल्ली से आए एक परिवार फिसलन का कारण क्या हो सकता है? की कुछ महिलाएं जब पूजन करने नदी की ओर बढ़ी तो फिसलकर गिर गई। इनमें से एक महिला को सिर में काफी चोट लगी और १०-१५ मिनट तक वह दर्द से कराहती रहीं। तैराक दल ने उनकी मदद की। फिसलन का कारण क्या हो सकता है? रतलाम से आए एक श्रद्धालु भी स्नान के दौरान फिसल गए जिससे उनके सिर में चोट लग गई। कुछ लोगों ने घायल श्रद्धालु के सिर पर हल्दी लगाकर खून रोकने का प्रयास किया। शिप्रा तैराक दल के जितेंद्र कहार ने बताया, घाट पर काई के कारण काफी फिसलन रहती है और रोज कई लोग गिरते हैं।
यह बोले श्रद्धालु
&मैं परिवार के साथ यहां पूजन व स्नान के लिए आया था लेकिन पास में कुछ लोगों को फिसलता देख बच्चों को पानी के पास नहीं आने दिया। घाट पर गंदगी व फिसलन है कि कभी भी बड़ा हादसा फिसलन का कारण क्या हो सकता है? हो सकता है। - मुकेश शर्मा, मंदसौर
&शिप्रा स्नान के लिए दूर से आए हैं लेकिन यहां पानी और घाट की स्थिति देखकर मन दुखी हुआ है। स्नान करने के लिए जब मैं घाट पर गया काई के कारण फिसल गया। गनीमत रही कि अधिक चोट नहीं लगी। -रोहित भटनागर, कोटा
योगाभ्यास के दौरान बार-बार योगा मैट से फिसल जाते हैं तो अपनाएं ये टिप्स
योगाभ्यास के लिए लोग योगा मैट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मैट पर योगाभ्यास करना तब मुश्किल हो जाता है, जब यह फिसलन भरा हो जाता है। योगा मैट पर फिसलन का कारण उस पर पसीना गिरना या फिर आपके कपड़े हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस परेशानी को कैसे दूर किया जा सकता है तो चलिए फिर आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं, जिन्हें अपनाकर आप योगा मैट पर फिसलने से बच सकते हैं।
सूती के मोजे और दस्ताने पहनें
अगर आप बार-बार योगा मैट से फिसल जाते हैं तो इस परेशानी को दूर करने में सूती मोजे और दस्ताने आपकी काफी मदद कर सकते हैं। दरअसल, पैरों और हाथों से आने वाले पसीने की वजह से कई बार लोग योगा मैट से फिसल जाते हैं। इसलिए ऐसे में योगाभ्यास करते समय सूती के मोजे और दस्ताने पहनना बेहतर हो सकता है ताकि हाथों और पैरों में पसीना आने के बावजूद योगा मैट पर आपकी ग्रिप अच्छे से बनी रहे।
अगर आप यह सोच रहे हैं कि योगा मैट पर पानी का छिड़काव करने से फिसलन बढ़ सकती है तो आपको बता दें कि योगा मैट पर पानी का छिड़काव करने से उस पर आपकी ग्रिप अच्छे से बन सकती है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि आपको पूरे योगा मैट पर पानी का छिड़काव नहीं करना है बल्कि पानी का छिड़काव बस उसी जगह पर करना है, जहां आपके पैर और हाथ अधिक समय तक रहते हैं।
जिम पाउडर का करें इस्तेमाल
शायद आपको यह बात पता न हो, लेकिन जब जिम वेट लिफ्टिंग या पावर लिफ्टिंग जैसी एक्सरसाइज कराई जाती है तो उससे पहले व्यक्ति के हाथों में एक तरह का पाउडर लगाया जाता है ताकि एक्सरसाइज के दौरान व्यक्ति का हाथ न फिसलें। ठीक इसी तरह योगा मैट पर आप योगाभ्यास करने से पहले अपने हाथों और पैरों पर उस जिम पाउडर को लगा सकते हैं ताकि आप योगा मैट पर फिसलने से बच सकें।
अगर ऊपर बताए गए हर टिप को फॉलो करने से बाद भी आपके योगा मैट पर फिसलन बनी हुई है तो ऐसे में आपको उसे बदल देना चाहिए और उसकी जगह एंटीस्किड योगा मैट को खरीद लेना चाहिए। एंटीस्किड ऐसे योगा मैट होते हैं, जिन पर फिसलने के गुंजाइश बिल्कुल भी नहीं होती है इसलिए बेहतर होगा कि आप योगाभ्यास के लिए इस योगा मैट का इस्तेमाल करें। यह आपको मार्केट से आसानी से मिल जाएगा।
फिसलन का कारण क्या हो सकता है?
कई बार सड़क किसी ऐसे पुल के साथ मिलती है, जो सड़क से कम चौड़ा होता है । यह चिन्ह ऐसे पुलों से पहले लगाया जाता है, जो सड़क की तुलना से संकरे होते है । ड्राइवर को चाहिए कि वह गति कम करे और सुरक्षित ड्राइविंग के लिये सामने से आ रहे यातायात पर नजर रखे ।
फिसलन भरी सड़क
यह चिन्ह आगे की सड़क की फिसलन-भरी स्थितियों को दर्शाता है। इन स्थितियों का कारण जल रिसाव या तेल का फैलना आदि हो सकता है । यह चिन्ह दिखने पर चालक को सदैव दुर्घटना से बचने के लिये अपने वाहन की गति कम करनी चाहिए ।
बिखरी बजरी
यह चिन्ह आम तौर पर पहाड़ी सड़को पर लगाया जाता है, जहां सड़को पर धूल-मिट्टी या बजरी गिरती रहती है । यह चिन्ह दिखने पर ड्राइवरों को धीमी गति से और सावधानीपूर्वक वाहन चलाना चाहिए, क्योंकि यहां थोड़ी सी लापरवाही से भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है ।
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