E Rupi Digital Currency Kya Hai: 1 दिसम्बर से जारी हुआ ई रुपी, अब कैश फ्री होने की करे तैयारी

E Rupi Digital Currency Kya Hai: यदि आप भी डिजिटल लेन – देन करना पंसद करते है तो आपके लिए खुशखबरी है कि, भारतीय रिज र्व बैंक ऑफ इंडिया द्धारा E Ru p i Digital Currency को लांच कर दिया गया है और इसीलिए हम आपको इस लेख मे बतायेगे कि, E Rupi Digital Cur re ncy Kya Hai?

आपको बता दें कि, E Rupi Digital Currency को वर्तमान समय मे, पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर कुल 4 शहरों में, लांच किया जायेगा औऱ इस शहरों मे, प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद इस प्रोजेक्ट को अन्य शहरों में, आयोजित किया जायेगा।

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अन्त, आर्टिकल के अन्त में, हम आपको क्विक लिंक्स प्रदान करेगे ताकि आप सभी आसानी से इसी प्रकार के आर्टिकल्स प्राप्त कर सकें।

E Rupi Digital Currency Kya Hai

E Rupi Digital Currency Kya Hai – Overview

Name of the Bank Rese rv e Bank of India ( RBI )
Name of the Currency E Rupi Digital Currency
Subject of Article E Rupi Digital Currency Kya Hai?
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1 दिसम्बर से जारी हुआ ई रुपी, अब कैश फ्री होने की करे तैयारी – E Rupi Digital Currency Kya Hai?

भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्धारा 1 दि स म्बर, 2022 को ऐतिहासिक दिन बनाते हुए भारतीय मुद्रा प्रणाली में, E Rupi Digital Currency को लांच कर दिया गया है जिसके सभी मुख्य बिंदुओं को हम कुछ बिंदुओं की मदद से प्रदान करना चाहते है जो कि, इस प्रकार से हैं –

E Rupi Digital Currency Kya Hai

E Rupi Digital Currency को लेकर जारी हुआ न्यू अपडेट?

  • 1 दिसम्बर, 2022 को भारतीय रि ज र्व बैंक ऑफ इंडिया द्धारा खुदरा लेन – देन के लिए E Rupi Digital Currency को लांच कर दिया गया है,
  • इस E Rupi Digital Currency की मदद से आप सभी ग्राहक किसी भी दुकान से खुदरा खरीदारी हेतु व्यापक स्तर पर लेन – देन कर पायेगे और
  • साथ ही साथ हम आपको बता दें कि, वर्तमान समय मे, इस करेसी को देश के केवल 4 शहरो मे ही शुरु किया गया है।

किन 4 शहरों मे शुरु हुआ E Rupi Digital Currency?

  • यहां पर हम आपको बता दे कि, E Rupi Digital Currency को भारत के कुल 4 शहरो मे, पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु किया गया है,
  • इन 4 शहरों के नाम इस प्रकार से हैं – मु म्ब ई, दिल्ली, बेंगलुरु व भुवनेश्वर आदि शहरों मे, इस डिजिटल करेंसी को लांच किया गया है।

पायलेट प्रोजेक्ट के बाद किन शहरों मे होगा E Rupi Digital Currency लांच?

  • जैसा कि, हमने आपको बताया कि, इस डिजिटल करेंसी को देश के 4 शहरो मे, पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु किया गया है जिसके सफल रहने पर इस करेंसी को अन्य शहरों में, शामिल किया जायेगा,
  • पायलेट प्रोजेक्ट के बाद जिन शहरों में, इस डि जि टल करेंसी को लांच किया जायेगा वो इस प्रकार से हैं – अह म दाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, है द राबाद, इंदौर, को च्चि , लखनऊ, पटना औऱ शिमला में भी इस डिजिटल करेंसी को लांच किया गया है।

कैसा होगा E Rupi Digital Currency?

  • E Rupi Digital Currency का आकार भी पे प र के नोट जैसा ही होगा,
  • आपको बता दे कि, इस डिजिटल करेंसी को अपने पास रखने के लिए बैंको द्धारा आपको डिजिटल वॉलेट प्रदान किया जायेगा,
  • वहीं दूसरी तरफ यदि आप अपने इस डि जि टल रुपय को अपने मोबाइल या एप्प में सुरक्षित रखते है तो इस पर आपको ब्याज नहीं दिया जायेगा,
  • लेकिन यदि आप अपने इस डिजिटल करेंसी को पेपर नोट के रुप मे, बैंक में रखते है तो आपको ब्याज प्रदान किया जायेगा।

कौन से बैंक प्रदान करेगे E Rupi Digital Currency की सुविधा?

आपको बता दें कि, पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर आपको इस करेंसी की सुविधा कुछ बैंको द्धारा प्रदान किया जायेगा जो कि, इस प्रकार से हैं –

  • S B I Bank,
  • ICICI Bank,
  • Yes Ba nk and
  • IDFC Bank Etc.

उपरोक्त सभी बिंदुओं की मदद से हमने आपको विस्तार से पूरी अपडेट प्रदान की ताकि आप सभी पाठक व नागरिक इस E Rupi Digital Currency का पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें।

सारांश

अपने इस लेख में, हमने आप सभी डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले युवाओं व पाठकों को विस्तार से ना केवल यह बताया कि, E Rupi Digital Currency Kya Hai बल्कि हमने आपको विस्तार से पूरी अपडेट भी प्रदान की ताकि आप इस करेंसी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें और इसका लाभ प्राप्त कर सकें।

अन्त, हमें उम्मीद है कि, आप सभी को हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा जिसके लिए आप हमारे इस आर्टि क ल को लाइक, शेयर व कमेंट करेगे।

क्विक लिंक्स

FAQ’s – E Rupi Digital Currency Kya Hai?

ई रुपया क्या है?

क्या है ई रुपया रिटेल डिजिटल रुपया या ई रुपी एक सुरक्षित करेंसी है जो आपको पेमेंट और सेटलमेंट का सेफ एक्सेस उपलब्ध करवाता है। रिटेल CBDC एक इलेक्ट्रॉनिक वर्जन हैं जो आपको रिटेल ट्रांजैक्शन को आसान बनाता है। ये ई रुपया टोकन बेस है, जो केंद्रीय बैंक जारी कर रहा है।

आरबीआई डिजिटल करेंसी कब लॉन्च करेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने '1 दिसंबर 2022' को रिटेल डिजिटल रुपी (Retail Digital Rupee) के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। RBI के मुताबिक, इसमें चरणबद्ध भागीदारी के लिए आठ बैंकों की पहचान कर ली गई है। बता दें, इसका इस्तेमाल लेन-देन के लिए किया जा सकेगा।

डिजिटल मुद्रा से आरबीआई की कैश मैनेजमेंट की लागत होगी कम

नई दिल्ली (आईएएनएस)| आरबीआई ने 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपया लॉन्च करने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है और बाद में एक महीने के भीतर रिटेल सेगमेंट में एक और प्रोजेक्ट लाने की योजना है। केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) को अपनाने के पीछे कई कारण हैं, जैसे वित्तीय समावेशन को बढ़ाना और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना।

माना जाता है कि डिजिटल रुपये की ओर बढ़ने का एक प्रमुख कारण भौतिक नकदी प्रबंधन से जुड़ी लागत को कम करना है। आरबीआई के एक कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि भारत में कैश मैनेजमेंट की लागत महत्वपूर्ण बनी हुई है। 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 के दौरान सुरक्षा मुद्रण पर किया गया कुल खर्च 4,984.80 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष (1 जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021) 4,012.10 करोड़ रुपये के मुकाबले अधिक है।

यह लागत, जिसमें पैसे की छपाई की पर्यावरणीय, सामाजिक और शासन (ईएसजी) लागत शामिल नहीं है, मुख्य रूप से चार स्टेकहॉल्डर्स आम जनता, व्यवसायों, बैंकों और आरबीआई द्वारा वहन किया जाता डिजिटल मुद्रा ऋण है। सीबीडीसी रुपए जारी करने वाले कार्य के समग्र मूल्य को प्रभावित करते हैं। यह मुद्रण, भंडारण, परिवहन, बैंक नोटों के प्रतिस्थापन आदि से जुड़ी लागतों से संबंधित ऑपरेशनल लागत को कम करता है।

आरबीआई के कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है, शुरूआत में, सीबीडीसी निर्माण या जारी करने की स्थिरता में महत्वपूर्ण निश्चित बुनियादी ढांचे की लागत हो सकती है, लेकिन बाद में मार्जिनल ऑपरेटिंग लागत बहुत कम होगी। फिजिकल करेंसी की तुलना में सीबीडीसी का उपयोग करते हुए कैश मैनेजमेंट की लागत-प्रभावशीलता एक सकारात्मक संकेत देती है, जिसे पर्यावरण के अनुकूल भी माना जा सकता है।

कॉन्सेप्ट नोट में आगे कहा गया, देश की उच्च नकदी आवश्यकता को पूरा करने के लिए, सीबीडीसी लागत को कम करेगा। इसके अलावा, भौगोलिक प्रसार को देखते हुए, जहां भौतिक नकदी उपलब्ध कराना एक चुनौती भरा काम है, ऐसे में सीबीडीसी से सहज लेनदेन की सुविधा की उम्मीद है।

सीबीडीसी की शुरूआत के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को प्राप्त करने के लिए डिजिटलीकरण के उपयोग को आगे बढ़ाना है। सीबीडीसी महामारी कोविड-19 जैसी किसी भी अनिश्चित स्थिति में नकदी के बजाय केंद्रीय बैंक के पैसे रखने का एक पसंदीदा तरीका हो सकता है। इससे देश में डिजिटलीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

सीबीडीसी सीमा पार से भुगतान में इनोवेशन को बढ़ावा दे सकता है, लेनदेन को तात्कालिक बना सकता है और टाइम जोन, एक्सचेंज रेट के अंतर के साथ-साथ सभी न्यायालयों में कानूनी और नियामक आवश्यकताओं से संबंधित प्रमुख चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकता है।

सीबीडीसी की इंटरऑपरेबिलिटी का मतलब है कि भुगतान प्रणाली के लिए एक एंकर के रूप में केंद्रीय बैंक के पैसे की भूमिका को मजबूत डिजिटल मुद्रा ऋण करते हुए क्रॉस-बॉर्डर और क्रॉस-करेंसी के खतरे को कम करना। इसलिए, सीमा पार से भुगतान में चुनौतियों को कम करने में सीबीडीसी का संभावित उपयोग एक बेहतर तकनीक है।

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल रुपया भी एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। उपयुक्त डिजाइन विकल्पों के साथ, सीबीडीसी विभिन्न लेनदेन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जनता को डिजिटल मनी प्रदान कर सकता है। एक विकल्प के रूप में ऑफलाइन कार्यक्षमता सीबीडीसी को इंटरनेट के बिना लेन-देन करने की अनुमति देगी और इस प्रकार, खराब या बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में पहुंच को सक्षम करेगी। साथ ही, उन लोगों तक पहुंच को सरल बनाएगी, जिन्हें ऋण की आवश्यकता है।

आरबीआई नोट में कहा गया है कि सीबीडीसी की यूनिवर्सल एक्सेस विशेषताएं, जिसमें ऑफलाइन कार्यक्षमता, यूनिवर्सल एक्सेस डिवाइस का प्रावधान और कई डिवाइसों में संगतता शामिल है। यह लचीलापन, पहुंच और वित्तीय समावेशन के कारणों के लिए समग्र सीबीडीसी प्रणाली में सुधार करके गेम चेंजर साबित होगी।

सबसे महत्वपूर्ण बात, सीबीडीसी क्रिप्टो एसेट्स के प्रसार की स्थिति में आम आदमी के विश्वास की रक्षा कर सकता है।

बढ़ते क्रिप्टो एसेट्स मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फाइनेसिंग से संबंधित महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकता है। इसके अलावा, क्रिप्टो एसेट्स का उपयोग मौद्रिक नीति के उद्देश्यों के लिए खतरा हो सकता है, इसकी वजह यह है कि इससे समानांतर अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सकता है और मौद्रिक नीति संचरण और घरेलू मुद्रा की स्थिरता को कमजोर कर सकता है। यह विदेशी मुद्रा विनियमों के प्रवर्तन को भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है।

सीबीडीसी जनता को एक खतरे से मुक्त वर्जुअल करेंसी प्रदान कर सकता है जो उन्हें प्राइवेट वर्जुअल करेंसी में लेनदेन के जोखिम के बिना वैध लाभ प्रदान करेगी। इसलिए, यह जनता को असामान्य स्तर की अस्थिरता से बचाने के अलावा सुरक्षित डिजिटल मुद्रा की मांग को पूरा कर सकता है, जो इनमें से कुछ वर्जुअल डिजिटल संपत्ति का अनुभव है।

RBI Digital Currency: इसी वर्ष लॉन्च होगी आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जल्द शुरू हो रहा पॉयलट प्रोेजेक्ट

RBI Digital Currency News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि इस वित्त वर्ष में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) जारी किया जाएगा.

By: ABP Live | Updated at : 02 Sep 2022 05:54 PM (IST)

RBI Digital Currency: आरबीआई (RBI) के डिजिटल करेंसी ( Digital Currency) को लॉन्च करने की तैयारी शुरू हो चुकी है. आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने के लिए अमेरिका की फिनटेक कंपनी एफआईएस (FIS) के सात बातचीत कर रहा है. वहीं आरबीआई ने इस वर्ष अपने डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने से पहले चार सरकारी बैंकों से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ( CBDC) के लिए पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू करने को कहा है.

आरबीआई समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी डिजिटल फॉरमैट में स्टोर होगा. इसे पेपर करेंसी में बदलने का विकल्प मौजूद हो सकता है. आरबीआई के डिजिटल करेंसी को कानूनी मान्यता हासिल होगा. माना जा रहा है पर्याप्त रेग्युलेशन के साथ आरबीआई सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी तैयार करने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल करेगी. जिस बैंकों को आरबीआई पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए एनरोल किया है उसमें देश के सबसे सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अलावा पंजाब नेशनल बैंक (PNB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) शामिल है.

इस वर्ष एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि आने वाले वित्त वर्ष में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) जारी किया जाएगा. निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा पूर्व में कहा है कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा ऋण द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं और ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है. ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया रिपोर्ट जारी करते हुए आरबीआई ने था कि सीबीडीसी के गतिशील प्रभाव को देखते हुए, शुरू में बुनियादी मॉडल को अपनाना और व्यापक रूप से परीक्षण करना आवश्यक है ताकि मौद्रिक नीति और बैंकिंग प्रणाली पर इसका न्यूनतम प्रभाव हो.

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Published at : 02 Sep 2022 05:50 PM (IST) Tags: digital currency Central Bank Digital Currency digital rupee SBI RBI RBI Digital Currency News FIS हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

तकनीक की दुनिया में भारत की धमक है ‘डिजिटल रुपया’

खुदरा डिजिटल रुपया (e₹-R) बैंकिंग लेनदेन के डिजिटलीकरण और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी भूमिका निभा सकता है। यह न केवल डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने वाला साबित होगा, बल्कि एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली का भी नेतृत्व करेगा। e₹-R के आने से ऋण उपलब्धता बढ़ने के साथ-साथ निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिसकी हमें विकास को बढ़ावा देने और नौकरियां उत्पन्न करने के लिए काफी आवश्यकता है। डिजिटल रुपया उपयोगकर्ता को एक अतिरिक्त पेमेंट ऑप्शन देकर पैसे के मौजूदा स्वरूप का पूरक बनने जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि यह पहल किसी भी तरह से डिजिटल पैसे की मौजूदा भुगतान प्रणाली को बदलने वाला नहीं है।

इस पहल का उद्देश्य फिजिकल कैश मैनेजमेंट से जुड़ी लागत को भी कम करना है, जिससे कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सके। इस पहल के चालू हो जाने पर यह भुगतान प्रणालियों में प्रतिस्पर्धा, दक्षता और नवीनता का समर्थन करेगा। हाल के वर्षों में क्रिप्टो करेंसी और मनी लॉन्ड्रिंग के बढ़ते मामलों ने लोगों के मन में काफी आशंकाएं पैदा की हैं। डिजिटल रुपया सीमा पार लेनदेन में सुधार लाने और दुनियाभर में क्रिप्टो के बढ़ते उपयोग की तुलना में राष्ट्रीय मुद्रा में लोगों के विश्वास की रक्षा करने के लिए शुरू की जा रही है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खुदरा डिजिटल रुपए (e₹-R) के लिए पहला पायलट लॉन्च किया जा रहा है। यह भारतीय रुपए का एक डिजिटल संस्करण है और इसे केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल मुद्रा के रूप में जारी किया जाता है। खुदरा डिजिटल रुपया विश्वास, सुरक्षा और निपटान जैसी भौतिक नकदी की सुविधाएं प्रदान करता है। यह 01 दिसंबर, 2022 से डिजिटल रुपया या ई- रुपया के रूप में अस्तित्व में आने वाले खुदरा डिजिटल रुपए के लिए पहला पायलट हो सकता है, लेकिन साथ ही डिजिटल रुपए के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया के संचालन के लिए परीक्षण किया जाएगा। भविष्य में e₹-R के पायलट प्रक्रिया के रूप में टोकन, आर्किटेक्चर एप्लीकेशन और फीचर्स का भी परीक्षण किया जाएगा।

डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा, जो उसी लीगल टेन्डर के मूल्य के तौर पर जारी किया जाएगा, जिसके अंतर्गत वर्तमान में कागजी मुद्रा और सिक्के जारी कर बैंकों के जरिए वितरित किए जाते हैं। हालांकि, डिजिटल रुपए के साथ लेनदेन करने के लिए उपयोगकर्ताओं को इस पहल में शामिल बैंकों द्वारा जारी किए गए डिजिटल वॉलेट की आवश्यकता होगी, जिसे मोबाइल फोन या डिजिटल उपकरणों पर स्टोर किया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि लेन-देन व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति से व्यापारी दोनों हो सकते हैं और व्यापारियों को भुगतान उनके द्वारा दिखाए गए क्यूआर कोड का उपयोग करके किया जा सकता है। हालांकि, इसपर नकदी के मामले की तरह कोई ब्याज नहीं मिलेगा लेकिन इसे बैंकों में जमा राशी या अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है। अधिक उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए इस पहल से अन्य बैंकों को जोड़कर पायलट के दायरे को धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल रुपये और डिजिटल पैसे के बीच के अंतर बताते हुए, आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि डिजिटल रुपये मौजूदा डिजिटल पैसे से अलग है, क्योंकि डिजिटल रुपए आरबीआई की देनदारी होगी, न कि वाणिज्यिक बैंकों की। इससे पहले होलसेल सेगमेंट के लिए डिजिटल रुपये की शुरुआत 1 नवंबर, 2022 से हुई थी।

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