शेयर बाजार का फायदा यहां मिलेगा

Best Stock for Long Term: कोरोना की वजह से शेयर बाजार में भारी गिरावट, सस्ते में खरीद सकते हैं ये 3 शेयर!

पहली बार कोरोना की शुरुआत भी चीन से हुई थी. इसलिए इस बार जब चीन से डरावनी तस्वीरें आ रही हैं, तो भारत अलर्ट हो गया है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अगुवाई में बड़ी बैठक हुई, वहीं गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी हालात का जायजा लेने वाले हैं.

कोरोना की वजह से शेयर बाजार में गिरावट

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 दिसंबर 2022,
  • (अपडेटेड 22 दिसंबर 2022, 1:36 शेयर बाजार में नए हैं? PM IST)

एक बार फिर कोरोना (Corona) तेजी से फैल रहा है. सबसे ज्यादा कोविड (Covid) का कहर चीन (China) में देखने को मिल शेयर बाजार में नए हैं? रहा है. हिला देने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया (Social Media) से सामने आ रही हैं. कहीं अस्पतालों में दवाईयां खत्म हो गई हैं, कुछ अस्पतालों में लाइन से लाशें पड़ी हैं. चीन के अलावा ब्राजील और अमेरिका में भी कोरोना के नए वैरिएंट ने दस्तक दे दिया है.

शेयर बाजार में भारी गिरावट

दरअसल, पहली बार कोरोना की शुरुआत भी चीन से हुई थी. इसलिए इस बार जब चीन से डरावनी तस्वीरें आ रही हैं, तो भारत अलर्ट हो गया है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अगुवाई में बड़ी बैठक हुई, वहीं गुरुवार को पीएम नरेंद्र शेयर बाजार में नए हैं? मोदी हालात का जायजा लेने वाले हैं. इस बीच चीन में बढ़ते कोरोना का असर सबसे ज्यादा भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) पर देखने को मिल रहा है. लगातार तीसरे दिन गुरुवार को गिरावट का सिलसिला जारी है. इसकी बड़ी वजह ये है कि विदेशी निवेशक एक बार फिर सेलिंग के मूड में आ गए हैं. हालांकि भारत में अभी कोरोना के बहुत ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं.

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अगर भारतीय शेयर बाजार की बात करें तो एक दिसंबर को बाजार ने ऑलटाइम हाई लगाया था. निफ्टी (Nifty) ने 1 दिसंबर को 18800 के स्तर शेयर बाजार में नए हैं? को पार किया था. जो अब गिरकर 18000 के आसपास पहुंच गया है. वहीं सेंसेक्स (Sensex) इस दरम्यान करीब 3000 अंक टूटकर 60500 के करीब कारोबार कर रहा है.

हालांकि बाजार में गिरावट के बीच अधिकतर रिटेल निवेशक (Retail Investor) घबराकर शेयर बेच देते हैं, जबकि कुछ लोग इस मौके की तलाश में रहते हैं, गिरावट में वो खरीदारी करते हैं. इस गिरावट के बीच एक्सपर्ट्स ने कई स्टॉक्स खरीदने की सलाह दी है.

Mphasis
Target- Rs2,500

ब्रोकरेज emkay global के मुताबिक Mphasis Share में आगे तेजी की संभावना है. फिलहाल ये शेयर 1970 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है, और ये शेयर 2500 रुपये तक जा सकता है. यानी स्टॉक में 20 फीसदी से ज्यादा की तेजी आ सकती है. क्योंकि कंपनी का कारोबार तीसरी तिमाही के मुकाबले चौथी तिमाही में बेहतर रहने की उम्मीद है.

Venus Pipes
Target- Rs905

Nuvama के रिसर्च में Venus Pipes के शेयर को 905 रुपये का टारगेट दिया गया है. जो फिलहाल 730 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है. पिछले एक साल में इस शेयर में 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है.

Apollo Hospitals
Target- Rs5,470

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच Kotak Institutional Equities ने अपोलो अस्पताल (Apollo Hospital) पर दांव लगाने की सलाह दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि अपोलो हॉस्पिटल फंडामेंटली मजबूत है. कंपनी के मुनाफे में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है. फिलहाल Apollo Hospital के शेयर 4,792 रुपये पर कारोबार कर रहा है. जबकि शेयर का टारगेट 5,470 रुपये दिया गया है.

Investment Tips: नए साल में शेयर बाजार में संभलकर लगाएं पैसा, कहीं लेने के देने न पड़ जाए

Welcome 2023: नए साल में शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करनी है तो थोड़ा ध्यान देना होगा. अगर नए साल में शेयर शेयर बाजार में नए हैं? मार्केट में पैसा संभलकर नहीं लगाया तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं. ऐसे में नए साले के मौके पर शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए कुछ इंवेस्टमेंट टिप्स का ध्यान रखें.

Stock Market: भारतीय शेयर मार्केट ने हाल में अपना ऑल टाइम हाई लगाया है. सेंसेक्स और निफ्टी ऑल टाइम हाई लगाकर थोड़ा नीचे आ चुके हैं तो वहीं नए साल का आगाज भी कुछ दिनों में होने जा रहा है. ऐसे में अगर नए साल में शेयर बाजार में इंवेस्टमेंट करनी है तो थोड़ा ध्यान देना होगा. अगर नए साल में शेयर मार्केट में पैसा संभलकर नहीं लगाया तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं. ऐसे में नए साले के मौके पर शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए कुछ इंवेस्टमेंट टिप्स का ध्यान रखें.

ध्यान से चुनें कंपनी- शेयर बाजार में आप जिस भी कंपनी में निवेश करें, उस कंपनी को ध्यान से चुनें. शेयर बाजार फिलहाल ऑल टाइम हाई पर हैं और कई शेयर ऐसे भी हैं, जो अपने 52 वीक हाई के आसपास कारोबार कर रहे हैं. ऐसे में वो कंपनी चुनें, जिनमें पैसा लगाकार अच्छा रिटर्न मिलने की संभावनाएं दिख रही हों.

लंबे वक्त के लिए होल्ड- शेयर बाजार में अगर अच्छा रिटर्न कमाना है तो जिस कंपनी में पैसा लगा रहे हैं, उसमें लंबे समय के लिए निवेशित रहे. बढ़िया कंपनी के शेयर लॉन्ग टर्म में हमेशा बढ़िया रिटर्न देकर जाएंगे. ऐसे में कम वक्त के लिए शेयरों को न खरीदकर लंबे समय के लिए खरीदें.

कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक से सहमा शेयर बाजार, फिर लौटेगा बिकवाली का दौर?

सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 635 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 61,067 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स 764 अंक या 1.23 प्रतिशत गिरकर 60,938 अंक पर आ गया था।

कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक से सहमा शेयर बाजार, फिर लौटेगा बिकवाली का दौर?

चीन में कोरोना के नए वेरिएंट की तबाही ने भारतीय शेयर शेयर बाजार में नए हैं? बाजार के निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है। बीते दो कारोबारी दिन से शेयर बाजार में गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है। वहीं, अब भारत में भी कोरोना के नए वेरिएंट के मामले मिलने लगे हैं तो ऐसे में एक बार फिर निवेशकों को आशंका है कि शेयर बाजार भारी बिकवाली के दौर से गुजर सकता है।

बुधवार को बाजार का हाल: सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन यानी बुधवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 635 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 61,067 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार में सेंसेक्स 764 अंक या 1.23 प्रतिशत गिरकर 60,938 अंक पर आ गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 186 अंक या 1.01 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,199 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले मंगलवार को सेंसेक्स 103 अंक टूटकर बंद हुआ था। इस हिसाब से देखें तो दो दिन में सेंसेक्स 730 अंक से ज्यादा लुढ़क चुका है।

किस शेयर का क्या हाल: सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक नुकसान में रहे। दूसरी ओर सन फार्मा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, नेस्ले, विप्रो और इन्फोसिस के शेयर लाभ में रहे।

कोरोना ने मचाई है तबाही: चीन के अलग-अलग शहर में कोविड के नए वेरिएंट ने तबाही मचाई है। वहीं, भारत में भी इस वेरिएंट के मामले मिलने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई कोविड समीक्षा बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि मौजूदा और उभरते स्वरूपों पर नज़र रखने के लिए निरंतर निगरानी की जरूरत है।

छोटे निवेशकों के दम से सेंसेक्स नए शिखर पर, ये हैं शेयर बाजार में तेजी के पांच प्रमुख कारण

सेंसेक्स अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छूआ। 2020 में बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। उस समय रिटेल निवेशकों की संख्या चार करोड़ के करीब थी। इसके बाद इस आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई।

छोटे निवेशकों के दम से सेंसेक्स नए शिखर पर, ये हैं शेयर बाजार में तेजी के पांच प्रमुख कारण

शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में तेजी का सिलसिला जारी रहा। छोटे निवेशकों की ताबड़तोड़ लिवाली से सेंसेक्स ने अपने अब तक के उच्चतम स्तर को छू लिया। वहीं, कारोबार में दौरान निफ्टी भी अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर 18,529.70 तक ´पहुंच गया था।

रिटेल निवेशकों की 52 फीसदी भागीदारी

मार्च 2020 में बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। उस समय रिटेल निवेशकों की संख्या चार करोड़ के करीब थी। इसके बाद इस आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई। अगस्त 2022 तक डिमैट अकाउंट की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 10 करोड़ तक पहुंच गई। इसी तरह रोजाना के बाजार कारोबार में छोटे निवेशकों की भागीदारी 52 फीसदी हो गई है। वहीं घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी क्रमश : 29 और 19 फीसदी है।

मझौली और छोटी कंपनियों में रही खरीदारी

बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी खरीदारी रही। इससे मिडकैप 0.52 प्रतिशत उछलकर 25,398.89 अंक और स्मॉलकैप 0.42 प्रतिशत की छलांग लगाकर 29,000.60 अंक पर पहुंच गया। इस दौरान बीएसई में कुल 3635 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1935 में तेजी जबकि 1570 में गिरावट रही वहीं 130 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 44 कंपनियां हरे जबकि पांच लाल निशान पर रही वहीं एक के भाव स्थिर रहे।

इसका भी रहा असर

वैश्विक रुझान के साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के उस बयान से भी निवेशकों में उत्साह रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि देश के औपचारिक क्षेत्र में हर महीने रोजगार के औसतन 15-16 लाख नए पद सृजित हो रहे हैं। इससे भी बाजार में तेजी को बल मिला।

  • आईटी 2.30%
  • टेक 2.12%
  • वित्तीय सेवाएं 1.03%
  • तेज एवं गैस 1.25%
  • कैपिटल गुड्स 0.98%

तेजी के पांच प्रमुख कारण

1. विदेशी संस्थागत निवेशकों का भरोसा और पूंजी प्रवाह बढ़ा
2. अमेरिकी फेडरल बैंक द्वारा ब्याज दर वृद्धि में नरमी के संकेत

3. त्योहारी सीजन में उपभोक्ता मांग और खपत में तेजी
4. रुपये की गिरावट पर अंकुश लगा

5. कच्चे तेल में नरमी का भी दिखा वैश्विक बाजारों पर असर

कब-कब उच्चतम स्तर पर पहुंचा सेंसेक्स

25000 पर 16 मई 2014

30000 पर 4 मार्च 2015
35000 पर 17 जनवरी 2018

40000 पर 23 मई 2019
50000 पर 21 जनवरी शेयर बाजार में नए हैं? 2021

60000 पर 24 सितंबर 2021
61000 पर 1 नवंबर 2022

62000 पर 24 नवंबर 2022


10 वर्ष में कितना रिटर्न दिया

2013 में 08%
2014 में 19%

2015 में 25%
2016 में -9%

2017 में 17%
2018 में 11%

2019 में 17%
2020 में -24%

2021 में 68%
2022 में 18%

(2022 का आंकड़ा नवंबर तक का है)

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी दिखी तेजी

अमेरिकी केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के जारी मिनट्स में कहा गया है कि अमेरिका में अगले महीने से ब्याज दर में बढ़ोतरी किये जाने की गति धीमी रह सकती है। इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी का रुख रहा। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों से सहमे निवेशकों की बिकवाली से चीन के बाजार में गिरावट रही। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 0.20, जर्मनी का डैक्स 0.71, जापान का निक्केई 0.95 और हांगकांग का हैंगसेंग 0.78 प्रतिशत चढ़ गया जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 0.25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

Investment Tips: शेयर बाजार में नए हैं तो यह हो सकता है निवेश के लिए एक बेहतर तरीका

आम निवेशक (Investor) भी इक्विटी (Equity) की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि शेयर बाजार में नए हैं? इसमें लंबी अवधि में इंफ्लेशन (Inflation) को पछाड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा, हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर (Equity Exposure) के तत्व की आवश्यकता होती है।

The benefit of the stock market will be available here

शेयर बाजार का फायदा यहां मिलेगा

हाइलाइट्स

  • आप शेयर बाजार में नए हैं
  • आपको समझ में नहीं आ रहा है कि कहां से शुरूआत करें
  • तो हम आपको बता रहे हैं निवेश का बेहतर तरीका

शेयरों में निवेश से पहले जरूरी होती है कुछ जानकारी
शेयरों में निवेश से पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ (Exchange Traded Fund) सामने आता है। ईटीएफ, जो एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ के यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में, निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक स्टार्टिंग पॉइंट में से एक है।

निफ्टी 50 ईटीएफ हो सकता है मददगार
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। इस प्रकार आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की इकाइयां खरीद सकते हैं। आप हर महीने व्यवस्थित निवेश भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करेंगे और आपके निवेश की लागत औसत होगी। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर, जो किसी अंतर्निहित इंडेक्स से फंड रिटर्न के विचलन (deviation) का एक पैमाना है - 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है। सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितना कम है, उतना बेहतर।

निफ्टी 50 में कौन कंपनी
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (market capitalization) के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा डाइवर्सिफिकेशन (excellent diversification) प्रदान करता है क्योंकि यह सूचकांक की राह पर चलता है।

डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो क्यों है जरूरी
एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो (diversified portfolio) किसी निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है। यह किसी स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है, क्योंकि यहां बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव कंपनियों के एक बास्केट की तुलना में किसी एक स्टॉक की कीमत को अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश से मिलने वाला रिटर्न अंतर्निहित सूचकांक (underlying index) में उतार-चढ़ाव की नकल करेगा। केवल ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।

निवेश सस्ता
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है। साथ ही इंडेक्स घटकों (constituents) में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है। इसलिए, इसकी लागत कम होती है।

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