5. सीओएफइपीओएसए के तहत प्रायोजक एजेंसी: विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम,1974 (सीओएफइपीओएसए) के तहत,इस निदेशालय को एफइएमए के उल्लंघनों के संबंध में निवारक निरोध के मामलों को प्रायोजित करने का अधिकार है।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक
UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 14 October, 2022 UPSC CNA in Hindi
निम्नलिखित में से किस राष्ट्रीय उद्यान का उल्लेख यहाँ किया जा रहा है?
(a) बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान
(b) देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान
(c) मौलिंग राष्ट्रीय उद्यान
(d) नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान
उत्तर: d
व्याख्या:
- नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1983 में अरुणाचल प्रदेश में स्थापित एक विशाल संरक्षित क्षेत्र है।
- 1,000 से अधिक फूलों और लगभग 1,400 जीव प्रजातियों के साथ, यह पूर्वी हिमालय में एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है।
- यह पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश राज्य में चांगलांग जिले के भीतर भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय एक बहुअनुशासनिक संगठन है जो धन शोधन के अपराध और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए अधिदेशित है। निदेशालय के वैधानिक कार्यों में निम्नलिखित अधिनियमों का प्रवर्तन शामिल है:
1. धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002(पीएमएलए): यह एक आपराधिक कानून है जिसे धन शोधन को रोकने के लिए और धन शोधन से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति की जब्ती का प्रावधान करने के लिए तथा उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए अधिनियमित किया गया है। प्रवर्तन-निदेशालय को अपराध की आय से प्राप्त संपत्ति का पता लगाने हेतु अन्वेषण करने, संपत्ति को अस्थायी रूप से संलग्न करने और अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और विशेष अदालत द्वारा संपत्ति की जब्ती सुनिश्चित करवाते हुए पीएमएलए के प्रावधानों के प्रवर्तन की जिम्मेदारी दी गई है।
RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई
RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.
RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
रिजर्व बैंक की चेतावनी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 8 कंपनियों का मार्केट कैप 1.15 लाख करोड़ बढ़ा, RIL को सबसे ज्यादा मुनाफा
इसका मकसद विदेशी मुद्रा बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को कम करना है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने किसी भी इकाई के क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए बगैर विदेशी मुद्रा में लेन-देन को लेकर बैंकों के लिए अपने कुछ दिशानिर्देशों में बदलाव किया है. इसका मकसद विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान को कम करना है. आरबीआई ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि बैंकों को उन सभी प्रतिपक्षकारों के बिना हेज्ड विदेशी मुद्रा एक्सपोजर का आकलन करने की आवश्यकता होगी, जिनके पास किसी भी मुद्रा का एक्सपोजर है.
एसपीडी को प्रथम श्रेणी अधिकृत डीलरों की तरह उपयोगकर्ताओं को विदेशी मुद्रा बाजार की सभी सुविधाएं प्रदान करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है. यह अनुमति नियमों और अन्य दिशानिर्देशों के अधीन है.
इस साल अब तक डॉलर के मुकाबले रुपया लगभग 11% गिरा है और हाल के हफ्तों में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. आरबीआई ने कहा कि बैंकों को कम से कम सालाना सभी संस्थाओं के विदेशी मुद्रा एक्सपोजर (एफसीई) का पता लगाना होगा. संशोधित नियम 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी होंगे. आरबीआई के अनुसार यदि किसी इकाई के यूएफसीई से संभावित नुकसान 75% से अधिक है, तो बैंकों को उस इकाई के लिए कुल जोखिम भार में 25 क्या भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार करना कानूनी है प्रतिशत अंक की वृद्धि प्रदान करने की आवश्यकता होगी.
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