मानव की आंतरिक शारीरिक संरचना दर्शाती है ‘आयुर्वेदिक मैन’ की पेंटिंग, 1800 ई. के आस-पास हुई थी निर्मित
प्राचीन भारत में आयुर्वेदिक प्रथाओं का दुर्लभ और बेजोड़ रिकॉर्ड है ‘आयुर्वेदिक मैन’ की पेंटिंग। यह इसलिए भी अद्भुत है क्योंकि इसमें चित्र और पठित सामग्री को एक साथ प्रस्तुत किया गया है। यह पेटिंग वर्तमान में लंदन की वेलकम लाइब्रेरी में मौजूद है।
शिवानी कसूमरा, मैप अकादमी। मानव की आंतरिक शारीरिक संरचना दर्शाने वाली पेंटिंग ‘आयुर्वेदिक मैन’ को 1800 ई. के आस-पास बनाया गया था। इस पेंटिंग में प्राथमिक जीव विज्ञान के पाठ्यक्रम में दर्शाए जाने वाले क्रॉस-सेक्शनल एनाटॉमिकल चार्ट की तरह मानव शरीर के धड़ के अंदरूनी हिस्सों को चित्रित किया गया है। पेटिंग में मानव अंगों को गोलाकार और द्रवित नलियों के रूप में सुसज्जित किया गया है।
साथ ही इन्हें आयुर्वेदिक परंपराओं के आधार पर संस्कृत में उचित रूप से चिन्हित किया गया है। चित्र के बगल में लिखी हुई लंबी टिप्पणियों को सोलहवीं शताब्दी में भव मिश्रा द्वारा लिखे गए ‘भवप्रकाश’ नामक आयुर्वेदिक संग्रह से लिया गया था। पढ़ने में सुलभ पेंटिंग ‘आयुर्वेदिक मैन’ की उल्लेखनीयता इसकी दृश्य कला में निहित है। आम तौर पर चित्रित पांडुलिपियों में मौखिक और पाठ्य परंपराओं के आधार पर दृश्य बनाए जाते थे।
इन पाठ्य परंपराओं में मिथकों और किंवदंतियों से लेकर राजनीतिक ग्रंथों और नियमावलियों तक कुछ भी हो सकता था। इस ग्राफिक भाषा से हमारे लिए पेंटिंग को पढ़ना और समझना आसान हो जाता है, जो सिर्फ आयुर्वेद के चित्र ही नहीं दर्शाती बल्कि चिकित्सक परंपरा में निर्धारित पाठ्यक्रम का भी उल्लेख करती है।
आयुर्वेदिक परंपरा के मूल पाठ का इस्तेमाल आमतौर पर उसके लंबे इतिहास को इंगित करने और उसकी वैधता सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। इस पेंटिंग में मौजूद पाठ्य सामग्री पाठक के लिए संदर्भ बिंदु के रूप प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर में कार्य करती है। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि वे क्या देख रहे हैं।
तमाम चित्र शैलियां मौजूद
लिखित सामग्री से चित्र को पढ़ने से हमें पेंटिंग में दर्शाए गए आयुर्वेद के इतिहास का आंशिक हिस्सा ही समझ आता है। पेंटिंग में औपचारिक चित्र रचना, हाथों और पैरों की शैली और प्रस्तुति, उनका बाहर की प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर ओर घुमाव, घुटने और कोहनी के जोड़ और संपूर्ण मुद्रायोजन तिब्बती चिकित्सा चित्रकला का प्रत्यक्ष प्रभाव प्रकट करते हैं।
इनमें विशेष रूप से वे प्रभाव भी प्रमुख हैं, जो शरीर में रक्तप्रवाह और एक्यूपंक्चर बिंदुओं को दर्शाते हैं। पेंटिंग का संयोजन रेखाचित्र या आकृति के रूप में होने के बावजूद इसमें पूरी तरह से खुली हुई ‘जाग्रत आंखें’ शामिल की गई हैं। इन्हें पारंपरिक रूप से देवताओं के चित्रण के लिए उपयोग किया जाता था, जिसमें देवता प्रत्यक्ष तौर पर जीवन और दिव्यता की उपमाएं रखते थे।
अत: इस तरह तैयार किया गया चित्रण अलग-अलग प्रकार की चित्र शैलियों के बीच होने वाले जटिल संवाद व सामंजस्य को भी दर्शाता है, जिसमें आध्यात्मिकता को औषधीय और निदानात्मक पहलुओं के साथ जोड़ा गया है। असंगत रंगों से बना कौतूहल चित्र में शामिल पाठ्य सामग्री में शरीर विज्ञान और शरीर रचना विज्ञान के विवरण शामिल हैं। वे प्रत्यक्ष रूप से चिन्हांकित होने के साथ-साथ शरीर रचना विज्ञान के मुद्दों पर विचार-विमर्श के रूप में भी कार्य करते हैं।
उदाहरण के लिए चेहरे के आस-पास लिखे गए वाक्य इसके अलग-अलग हिस्सों जैसे बरौनी, कनपटी, गाल, मसूड़े, दांत और जबड़ा आदि को चिन्हित करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार स्वास्थ्य के लिए अहम कफ संतुलन को इंगित करने के लिए धड़ प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर में पित्त, वायु व कफ को भी अलग से रेखांकित किया गया है। आंतरिक ऊर्जा के स्थानों को अलग प्रकार से चित्रित किया है।
पित्त के अंग को पीला बनाया गया है, जैसा कि पाठ में भी लिखा है। जबकि कफ के अंग को उसके घोषित रंग सफेद के विपरीत लाल रंग से दर्शाया गया है। इस तरह से असंगत रंगों का इस्तेमाल भी कौतूहल प्रकट करता है, क्योंकि यह अक्सर पाठ्य सामग्री के सुझाव से कुछ हटकर होते हैं। यह कलाकार द्वारा ली गई शैलीगत स्वतंत्रता की ओर इशारा करता है।
आयुर्वेदिक परंपरा का इतिहास
इस बात की अधिक संभावना है कि इस पेंटिंग का निर्माण आयुर्वेदिक चिकित्सक, तिब्बती कलाकारों और अज्ञात सुलेखक की सहकार्यता से किया गया था। इस पेटिंग को वर्तमान में लंदन की वेलकम लाइब्रेरी में रखा गया है। 1986 में फ्लैट पेंटिंग के रूप में यह उनके संग्रह में ऐसी अवस्था में पहुंची थी, मानो कि उसे कभी रोल ही न किया गया हो।
इसके रंगों की ताजगी से पता चलता है कि पेंटिंग पर बाहर की हवा-रोशनी बहुत कम लगी है। संभवत: इसे रॉयल एग्जामिनेशन रूम में प्रदर्शित किया जाता था और शायद इसका शिक्षण सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता था। समृद्ध, अद्वितीय और दुर्लभ ‘आयुर्वेदिक मैन’ की यह पेंटिंग आयुर्वेदिक परंपरा के इतिहास की शानदार झलक पेश करती है। हालांकि इस परंपरा में साहित्य तो बहुत लिखा गया है, लेकिन उसके इस तरह के चित्रण बहुत प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर ही कम हैं।
रीरा के लिए प्रदर्शन: माध्यमिक अचल संपत्ति बाजार के लिए एक वरदान
माध्यमिक या पुनर्विक्रय अचल संपत्ति लेनदेन में पारदर्शिता का मुद्दा वास्तव में प्राथमिक या प्रथम बिक्री-द्वारा-डेवलपर को बचाने के लिए, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (आरईआरए) में कदम उठाने के बाद से हर किसी के दिमाग में रहा है। बाजार। सवाल यह है कि प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर बड़े पैमाने पर सवाल यह है कि क्या इस क्षेत्र को साफ करने के लिए सरकार की चाल है, फिर भी पुनर्विक्रय (या माध्यमिक बिक्री) बाजार को लाभान्वित किया है? कुल मिलाकर, केंद्र सरकार ने एक स्वस्थ और पुनः बनाने की दिशा में जबरदस्त प्रयास किए हैंनकली अचल संपत्ति बाजार पर्यावरण। दानव, आरईआरए, माल और सेवा कर (जीएसटी), रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी), बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम, 2016 और प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएई) जैसी नीतियों का कार्यान्वयन, दूसरों के बीच लाया गया है ताजा आशा।
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IPO: कोविड के कहर की वापसी से वित्तवर्ष 2022 का आईपीओ सीजन होगा प्रभावित
IPO: कोविड के कहर की वापसी से वित्तवर्ष 2022 का आईपीओ सीजन बुरा असर होगा.
Published: April 23, 2021 10:23 AM IST
IPO: कोविड महामारी की वापसी से न केवल भारत के द्वितीयक बाजारों पर, बल्कि वित्तवर्ष 2022 के आईपीओ सीजन पर भी असर पड़ने की आशंका है.
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कई कंपनियों की योजना अपेक्षित व्यापार को अगले 6 से 8 महीनों में सार्वजनिक रूप से पटरी पर लाने की है.
वित्तीय समानता में एक यूनिकॉर्न एक स्टार्टअप का प्रतिनिधित्व करता है जिसके पास अपने पिछले फंडिंग राउंड में उत्पन्न प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर पूंजी के आधार पर एक अरब डॉलर से अधिक का बाजार मूल्यांकन है.
इस तरह, कोविड की वापसी के संबंध में द्वितीयक बाजार में धन प्रवाह की स्थिति प्रारंभिक चरण के निवेशकों को बाहर निकलने के लिए यूनिकॉर्न की क्षमता को प्रभावित करेगी.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च हेड दीपक जसानी ने आईएएनएस को बताया, “कोविड की वापसी का माध्यमिक बाजार के सूचकांकों पर प्रभाव पड़ेगा, और यह आईपीओ सदस्यता स्तरों को प्रभावित करेगा.”
उन्होंने कहा, “आईपीओ मूल्य निर्धारण भी महत्वपूर्ण है. यदि निवेशकों के लिए टेबल पर पर्याप्त पैसा बचा है, तो आईपीओ आसानी से चल सकता है.”
हाल तक, कई यूनिकॉर्न ने आईपीओ बाजार में टैप करने की योजना की घोषणा की है.
इस समय एक दर्जन से अधिक कंपनियों को बाजार नियामक की मंजूरी मिल गई है, और अन्य एक दर्जन से अधिक को जनता के बीच जाने के मौके का इंतजार है.
कैपिटल वाया में अनुसंधान प्रमुख गौरव गर्ग ने कहा, “एसबीआई कार्ड जैसी कंपनियां, जो महामारी के शुरुआती चरण के दौरान सार्वजनिक हुईं, उन्हें रियायती मूल्य पर सूचीबद्ध किया गया.”
गर्ग ने कहा, “इस वर्ष भी, हमने देखा है कि कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या ने मैक्रोटेक की डेवलपर सूची को कैसे प्रभावित किया है. इसलिए, यदि यह प्रवृत्ति बनी रहती है, तो हम आईपीओ में गिरावट देख सकते हैं.”
इसके अलावा, निवेशकों को बाहर निकलने के लिए पैसा जुटाने के साधन के रूप में आईपीओ ने हाल ही में महत्व प्राप्त किया है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च के सिद्धार्थ खेमका ने कहा, “वित्तवर्ष 21 में मजबूत आईपीओ शो के बाद, हम वित्तवर्ष 22 में इसी तरह के रुझान की उम्मीद करते हैं.”
उन्होंने कहा, “एक बार जब बाजार में लाभ होने लगता है तो हम उम्मीद करते हैं कि सभी प्रकार की कंपनियां सार्वजनिक हो जाएंगी, चाहे वे यूनिकॉर्न हों या अन्य. कई लोग प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने के लिए पहले ही नियामक मंजूरी प्राप्त कर चुके हैं.”
पिछले वित्तवर्ष में इंडिया इंक ने 30,000 करोड़ रुपये से अधिक धन जुटाए थे.
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चुनाव: 1 नगर परिषद व 4 नगर पंचायत में चुनाव संपन्न 67% महिलाओं ने प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर किया वोट, मतदान 63 प्रतिशत हुआ
नगर निकाय आम निर्वाचन 2022 के पहले चरण में जिले के एक नगर परिषद और चार नगर पंचायत का चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार को शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। नगर पंचायत से नगर परिषद बने सिमरी बख्तियारपुर के अलावा बनाए गए चार नगर पंचायत अर्थात बनगांव, नवहट्टा, सोनबर्षाराज और सौर बाजार क्षेत्र प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर में संपन्न मतदान का औसत 63.16 प्रतिशत रहा । इनमें 58.93 प्रतिशत पुरूष और 67.85 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। ठंड के बावजूद मतदाताओं में चरम पर दिखा। खासकर सभी बूथों पर महिला वोटरों की संख्या पुरूषों के मुकाबले अधिक दिखी। सभी चार नगर पंचायत सहित सिमरी नगर परिषद क्षेत्र में संपन्न मतदान में 60 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े। जिलाधिकारी आनंद शर्मा, एसपी लिपि सिंह ने सिमरी के अलावा सोनबर्षा, बनगांव, सौर बाजार क्षेत्र के बूथों का निरीक्षण किए। डीएम मतदाताओं को किसी प्रकार की होने वाली दिक्कत के संबंध में पूछताछ करते दिखे। सदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा, सदर एसडीपी संतोष कुमार, सिमरी अनुमंडल की एसडीओ अनिषा सिंह, एसडीपीओ इम्तियाज अहमद सहित तमाम अधिकारी लगातार बूथों की मॉनिटरिंग करते रहे। नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर व चार नगर पंचायत क्रमशः वनगांव,सौर बाजार,सोनवर्षा राज और नवहट्टा के कुल 97 वार्ड के लिए 158 मतदान केंद्र व 5 चलंत मतदान केंद्र बनाए गए थे जहां मतदाता ने अपने मतों का प्रयोग किया।
बनगांव में कतार में वोट देने के दौरान मतदाता बेहोश
बनगांव नगर पंचायत क्षेत्र के बरियाही स्थित मदरसा नुरुल इस्लाम स्कूल बूथ संख्या 12/2 पर मतदान करने पहुंचे वार्ड - 12 निवासी अख्तर हुसैन कतार में ही बेहाेश हाेकर गिर गए। तत्काल उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हृदयआघात से हुई मौत के कारण इस मतदान केन्द्र पर थोड़ी देर के लिए अफरा तफरी मच गयी। वहीं सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर स्थित बूथ पर दो प्रत्याशी समर्थको के बीच झड़प हो गयी। आरोप था कि एक पक्ष के प्रत्याशी बूथ के अंदर प्रवेश कर कमजोर वर्ग के वोटर को मदद के बहाने अपने पक्ष में ईवीएम का बटन दबवा रहे थे। बूथ पर मौजूद मजिस्ट्रेट मूक दर्शक बने थे।
मतदान का कुल प्रतिशत
नप सिमरी बख्तियारपुर कुल वोटिंग-60.30% पुरूष-56.84% महिला-64.5%
नपं सोनबर्षाराज कुल वोटिंग-65.60% पुरूष-61.04% महिला-70.53%
नपं सौर बाजार कुल वोटिंग-76.56% पुरूष-73.87% महिला-79.42%
नपं नवहट्टा कुल वोटिंग-61.36% पुरूष-53.72% महिला-69.42%
नपं बनगांव कुल वोटिंग-61.99% पुरूष-58.69% महिला-65.47%
सबसे अधिक आंगनबाड़ी केंद्र बूथ सं-3/1 पर 78.55% हुआ वोटिंग
सौर बाजार क्षेत्र में सुबह 7. बजे से 11. बजे तक 33.64 प्रतिशत मतदान हुआ और 11. से 1.बजे तक 49.88 मतदान प्रतिशत वोट डाले गए। वहीं दोपहर 1. बजे से 3. बजे तक डाले गए मतों का प्रतिशत 65.39 रहा जिसमें महिला 72 प्रतिशत तो पुरुष 58 प्रतिशत रहा। सौर नगर पंचायत क्षेत्र में सबसे अधिक आंगनबाड़ी केंद्र बूथ सं-3/1 पर 78.55 प्रतिशत वोट डाले गए। नवहट्टा क्षेत्र में भी वोटिंग में महिलाएं पुरूषों के मुकाबले आगे रहीं। सभी बूथों पर महिलाओं की संख्या अधिक थी। समाचार प्रेषण तक नवहट्टा नगर पंचायत क्षेत्र में पुरुष के अपेक्षा महिलाओं ने 16% अधिक मतदान किया जहां पुरुष ने 54% तो महिला 70% अपने मताधिकार का प्रयोग किया 18548 मतदाताओं में 5111 पुरुष एवं 6261 महिला ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुनाव मैदान में चेयरमैन के 12 उप चेयरमैन के बाद एवं वार्ड पार्षद के 114 प्रत्याशियों का भविष्य में कैद कर दिया।
निकाय चुनाव में 67% महिलाओं ने किया वोटिंग
सहरसा | जिले में रविवार को हुए एक नगर परिषद व चार नगर पंचायत निकाय चुनाव में महिलाओं ने प्रत्येक निकाय में पुरुषों के मुकाबले अधिक मतदान किया। जिले में नगर निकाय का पहला चरण चुनाव सिमरी नगर परिषद के अलावा सोनबर्षा, सौर बाजार, नवहट्टा और बनगांव नगर पंचायत क्षेत्र में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। रविवार को संपन्न हुए चुनाव में मतदान का कुल प्रतिशत 63.16% रहा जिसमे पुरुष 58.93%,जबकि इस चुनाव में महिला की भागीदारी 67.85% रहा।अलग अलग निकाय के मतदान आंकड़ों पर गौर करें तो सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर में कुल मत का 60.30% मत पड़े जिसमें पुरुष 56.84% तो महिला 64.5% थी।सोनवर्षा राज नगरपंचायत में कुल 65.60% वोटिंग हुए, जिसमें पुरुषों मत प्रतिशत 61.04%,तो महिला का मत प्रतिशत 70.53% रहा। सौर बाजार में सर्वाधिक कुल 76.56% मत पड़े जिसमें पुरुष 73.87%,जबकि महिला की भागीदारी 79.42% रही।नवहट्टा नगर पंचायत में कुल 61.36% मत पड़े जिसमे पुरुष मत 53.72%,जबकि महिला की भागीदारी 69.42% रही।वहीं वनगांव में कुल मत 61.90% पड़े जिसमे पुरुष 58.64 % है जबकि महिला मत 65.47% रही।
नए साल में मिथिलांचल को मिलेगा CNG बसों का तोहफा, दरभंगा से मुजफ्फरपुर-सहरसा-समस्तीपुर के बीच यात्रा होगी सुखद
CNG Bus in Darbhanga दरभंगा से कुशेश्वरस्थाव मुजफ्फरपुर मधुबनी सहरसा समस्तीपुर और जयनगर के लिए सीएनजी बस सेवा शुरू करने की कवायद तेज हो गई हैl सीएनजी फ्यूल पंप भी दरभंगा डिपो में लगाने की बात चल रही है।
दरभंगा, संवाद सहयोगी। मिथिलांचल के लोगों को नए साल में यात्रा के दौरान ध्वनि व वायु प्रदूषण से मुक्ति मिलनेवाली है। मिथिला के लोगों को जल्द ही सीएनजी बस की सुविधा मिलेगी। इसकी तैयारी विभागीय स्तर पर शुरू कर दी गई है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रशासक व क्षेत्रीय प्रबंधक शंकरानंद झा ने बताया कि नए साल में पथ परिवहन निगम की ओर से एक दर्जन सीएनजी बस विभाग के स्तर दरभंगा को दिए जाने का आश्वासन मिला है। बिहार राज्य पथ परिवहन विभाग इन बसों को विभिन्न मार्गों पर चलाने पर विचार कर रहा है।
क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि अबतक की जो योजना है, उसके मुताबिक सीएनजी बस दरभंगा से कुशेशरसथान, दरभंगा-मुजफ्फरपुर के अलावा मधुबनी, सहरसा, समस्तीपुर और जयनगर रूट में तत्काल चलाई जाएगी। सीएनजी बस 45 सीटों की होगी। इसका टिकट काउंटर से लिया जा सकेगा। सफर करने के दौरान सीटों पर अलग-अलग नंबर अंकित किए जाएंगे। इस व्यवस्था से लोगों को सीट के लिए परेशान नहीं होना होगा। बस पर यात्रा करने वाले यात्रीगण के लिए बस के अंदर विशेष रूप से साफ-सफाई की व्यवस्था रहेगी। वही बस के अंदर एक संवाहक रहेंगे। साथ ही प्राथमिक उपचार का भी इंतजाम रहेगा। इसके लिए सीएनजी फ्यूल पंप भी दरभंगा डिपो में लगाने की बात चल रही है।
इलेक्ट्रिक बसों को भी चलाने का प्रस्ताव
क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि यहां इलेक्ट्रिक बसों को भी चलाने के लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव मांगा गया है। इसके लिए दरभंगा निगम प्रशासन की ओर से बैट्री चार्ज करने के लिए स्थान का चयन कर विभाग को रिपोर्ट भेज दिया गया है। राज्य परिवहन निगम फिलहाल दस बसों को चलाने पर विचार कर रहा है। बताया गया है कि सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस आ जाने से शहर में प्रदूषण और पाल्यूशन से आम लोगों को राहत मिलेगी। दोनों बसों के किराए में किसी तरह का अंतर नहीं होगा। कम किराए में यात्रियों प्राथमिक बाजारों और माध्यमिक बाजारों के बीच अंतर को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अंदर यात्रियों के लिए खासकर महिला और बच्चों के लिए अलग से डीलक्स शौचालय निर्माण कराया गया है।
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