इस ई मार्केट पोर्टल पर व्यापारी से व्यापारी और व्यापारी से उपभोक्ता अपना माल बेच और खरीद सकते हैं। इस पोर्टल पर ई दुकान खोलने के लिए हर व्यक्ति को मोबाइल ऐप के जरिए ही सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। दर्ज जानकारी विदेश नहीं जायेगी। क्योंकि यह पूरी तरह घरेलू ऐप है। इसलिए सारा डेटा देश में ही रहेगा और इसे बेचा नहीं जायेगा। किसी भी विदेशी फंडिंग को इस प्लेटफॉर्म के लिए स्वीकार नहीं किया जायेगा। कोई भी विक्रेता ईजीमार्केटस चीन का सामान इस पोर्टल पर नहीं बेच सकेगा।

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Haryana Dairy Development Cooperative Federation को मिला एनसीडीएफआई ई-मार्केट का सक्रिय भागीदारी पुरस्कार

आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़
हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ (एचडीडीसीएफ) को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए एनसीडीएफआई ई-मार्केट के सक्रिय भागीदारी पुरस्कार से नवाजा गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी डेयरी प्रसंघ (एनसीडीएफआई) के सेवा के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर (गुजरात) में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह और ई-मार्केट पुरस्कार वितरण समारोह में एचडीडीसीएफ को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

हरियाणा की ओर से एचडीडीसीएफ के अध्यक्ष रणधीर सिंह और प्रबंध निदेशक ए. श्रीनिवास ने इस पुरस्कार समारोह में भाग लिया और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए एनसीडीएफआई ई-मार्केट का सक्रिय भागीदारी पुरस्कार प्राप्त किया। प्रवक्ता ने बताया कि एचडीडीसीएफ पिछले चार वर्षों से एनसीडीएफआई के साथ मिल कर कार्य कर रहा है।

सात नई नेशनल एग्रीक्लचर मार्केट (ई-नाम) मंडियों को मंजूरी दे दी

आपको बता दे की शिमला जिला में मेहंदली और खड़ापत्थर उपमंडी, किन्नौर जिला में उपमंडी टापरी, मंडी जिला में धनोटू और चैलचौक उपमंडी और कांगड़ा जिला में धर्मशाला और बैजनाथ उपमंडी को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा जा रहा है।

सरकार ने कहा की :

•इससे पहले केंद्र से मंजूर हुईं 19 मंडियों में ऑनलाइन कारोबार हो रहा है और ये सभी मंडियां केंद्र सरकार के पोर्टल से जुड़ी हुई हैं।

•सात नई ई-नाम मंडियां विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने 2.10 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

•अभी तक कुल 1,24,407 ईजीमार्केटस किसान, 1976 व्यापारी, 66 कृषि उत्पादक समूह ई-नाम मंडियों में पंजीकृत हैं।

ई-नाम पोर्टल से कुल 230.98 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है। 16,518 किसानों के खाते में सीधे ई-पेमेंट के माध्यम से उनकी फसल का भुगतान किया गया।

Dilli Bazaar E-Portal हुआ लॉन्च, अब घर बैठे सरोजिनी और ईजीमार्केटस पालिका मार्केट से कर पाएंगे शॉपिंग

  • Harshit Harsh
  • @HarshitKHarshHarshit Harsh -->
  • Updated: June 22, 2022 11:10 AM IST

Delhi-bazaar

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी बाजार के लिए ‘Dilli Bazaar’ ई-पोर्टल लॉन्च किया है, जो दिसंबर से लाइव हो जाएगा। सरकार ने बताया कि दिसंबर तक इस ई-कॉर्मस प्लेटफॉर्म पर 10,000 से ज्यादा वेंडर्स अपनी सर्विस देने शुरू कर देंगे। दिल्ली बाजार के नाम से लॉन्च हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से यहां के दुकानदारों को ग्लोबली अपने प्रोडक्ट बेचने की सहूलियत मिलेगी। Also Read - Fake Reviews करने वालों की खैर नहीं, सरकार ला रही नया कानून

दिल्ली के बाजार होंगे ग्लोबल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के बाजार आने वाले कुछ सालों में दुनियाभर में अपनी पहचान बनाएंगे। दिसंबर 2022 से दिल्ली बाजार के साथ 10 हजार दुकानें जुड़ जाएंगी। दिल्ली सरकार इस पोर्टल के साथ पहले फेज में 1 लाख दुकानदारों को जोड़ेगी। Also Read - दिल्ली सरकार ने की तैयारी, राजधानी की सड़कों पर जल्द दिखेंगी ज्यादा इलेक्ट्रिक गाड़ियां (EV)

केजरीवाल ने आगे कहा, ‘Dilli Bazaar को ऑपरेट करने के लिए सरकार एक एजेंसी नियुक्त करेगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब दिल्ली के बाजार कई डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों तक पहुंचेगा।’

सरकार के मुताबिक, यह ऑनलाइन पोर्टल ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) प्रोटोकॉल को अपनाएगा ताकि ई-मार्केटप्लेस के लिए एक ओपन नेटवर्क तैयार किया जा सके। ओपन नेटवर्क होने की वजह से विक्रेता और खरीदार के बीच होने वाले ट्रांजैक्शन को डिसेंट्रलाइज्ड किया जा सकेगा।

कहीं से भी खरीद सकेंगे प्रोडक्ट

इसका फायदा यह होगा कि अगर किसी खरीदार को राजौरी गार्डन के किसी दुकानदार से कोई प्रोडक्ट खरीदना होगा तो वे Dilli Bazaar पोर्टल के साथ-साथ उन सभी जगहों से उस प्रोडक्ट को खरीद सकेंगे, जहां-जहां दुकानदार ने अपने प्रोडक्ट को लिस्ट किया है। इसका फायदा यह होगा कि ग्राहक को अपना प्रोडक्ट उसी दुकान से मिलेगा, जहां से वह खरीदना चाहता है।

सरकार ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि इससे ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों को भी अपनी डिजिटल प्रजेंस दिखाने में आसानी होगी। सरकार Dilli Bazaar के जरिए दुकानदार के प्रोडक्ट हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध ईजीमार्केटस कराएगी और पेमेंट के लिए सभी ई-पेमेंट ऑप्शन उपलब्ध होगी।

यही नहीं, दिल्ली बाजार के जरिए ग्राहकों मार्केट की वर्चुअल टूर भी कर सकेंगे। अगर, किसी ग्राहक को कोई प्रोडक्ट खरीदने के लिए लाजपत नगर के दुकान देखने हैं तो वो पूरी मार्केट का वर्चुअली भी विजिट कर सकेंगे। दिल्ली बाजार के दुकानदार अपने स्टोर के साथ-साथ मिलने वाले हर प्रोडक्ट को इसमें लिस्ट कर सकेंगे। यही नहीं, ग्राहक पोर्टल पर हर दुकान को नाम से और एरिया से सर्च कर सकेंगे।

Dilli Bazaar की खास बातें

– दिल्ली के लोकल वेंडर्स और दुकानदारों को मिलेगा डिजिटल प्लेटफॉर्म
– ग्लोबली कर सकेंगे ऑर्डर
– मल्टीपल प्लेटफॉर्म और पेमेंट एक्सेस
– वर्चुअल टूर के जरिए प्रोडक्ट और दुकान कर सकेंगे सेलेक्ट
– नाम और एरिया से सर्च कर सकेंगे शॉप
– पहले फेज में 1 ईजीमार्केटस लाख दुकानें होंगी लिस्ट
– पोर्टल ऑपरेट करने के लिए नई एजेंसी होगी नियुक्त

  • Published Date: June 22, 2022 11:07 AM IST
  • Updated Date: June 22, 2022 11:10 AM IST

दुनियाभर की लेटेस्ट tech news और reviews के साथ best recharge, पॉप्युलर मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव offers के लिए हमें फेसबुक, ट्विटर पर फॉलो करें। Also follow us on Facebook Messenger for latest updates.लॉन्च किया गया भारत ई मार्केट (Bharat E Market) मोबाइल ऐप, विदेशी कंपनियों को देगा कड़ी टक्कर

(Bharat E Market)

नई दिल्ली, 13 मार्चः कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने वेन्डर मोबाइल एप्लीकेशन भारत ई मार्केट को शिवरात्रि के दिन लॉन्च कर दिया था। अब ऑनलाइन शोपिंग करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लीपकार्ड के भरोसे नहीं रहना होगा। करीब 8 करोड़ व्यापारियों के संगठन ने वेन्डर मोबाइल एप्लीकेशन भारत ई मार्केट को दिल्ली में लॉन्च किया है। यह पूरी तरह से देशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है।

इस संगठन का कहना है कि भारत ई मार्केट पूरी तरह से आधुनिक टेक्नोलॉजी, सशक्त डिलीवरी, इनोवेटिव मार्केटिंग, सक्षम डिजिटल पेमेंट सहित पारदर्शी एवं जिम्मेदार व्यापारिक व्यवस्था के आधार पर निर्मित किया गया है। यह भारत ही नहीं बल्कि विश्व के किसी भी ई कॉमर्स पोर्टल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा।

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2020 में रिलायंस ने जियोमार्ट (JioMart) लॉन्च किया. इस ग्रोसरी ऑर्डर करने वाले ऐप ने मात्र 2 वर्षों में ही ऑनलाइन बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है.

जियोमार्ट की मौजूदगी ई-कॉमर्स दिग्गज अमेज़न और फ्लिपकार्ट (वालमार्ट) के लिए खतरे की घंटी है. फिलहाल, बेशक भारत के ई-कॉमर्स मार्केट में इनसे बड़ा कोई प्लेयर नहीं है, लेकिन जियोमार्ट की रणनीति कुछ ऐसी है कि इन दोनों को चिंतित होने की जरूरत है.

रिलायंस के ई-कॉमर्स में उतरने के पीछे वह आंकड़े हैं, जो बताते हैं कि अगले 4 वर्षों में भारत का ई-कॉमर्स सेक्टर 200 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. ग्लोबल फर्म मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि 2026 में भारत की यह महत्वपूर्ण इंडस्ट्री 200 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. मतलब साफ है कि ऑनलाइन बाजार ईजीमार्केटस पर देश के लोगों का भरोसा बढ़ा है और ज्यादा से ज्यादा लोग इसे अपना रहे हैं और अपनाते रहेंगे.

कैसे अलग है JIOMART

जब देश लॉकडाउन में था, उसी दौरान रिलायंस ने जियोमार्ट लॉन्च किया था. धीरे-धीरे अपने ई-कॉमर्स पोर्टल को बढ़ाया. अब यह एक पूरा ई-कॉमर्स पोर्टल बन चुका है, जिस पर घरेलू सामान से लेकर फैशन और इलेक्ट्रॉनिक्स तक सब सामान मौजूद है.

फ्लिपकार्ट और अमेज़न दोनों थर्ड पार्टी वेंडर्स पर निर्भर हैं. मतलब विक्रेता इन प्लेटफॉर्म से बिलकुल अलग हैं. अगर बात करें जियोमार्ट की तो इस पर ज्यादातर उत्पाद रिलायंस के अपने ब्रांड्स के हैं. दावा है कि पूरे भारत में मौजूद 15,000 रिलायंस रिटेल स्टोर्स से माल लोगों के ईजीमार्केटस घरों तक पहुंचाया जाता है.

ऑफलाइन-ऑनलाइन हाइब्रिड ई-कॉमर्स मॉडल

JioMart को अपने ऑफलाइन-ऑनलाइन हाइब्रिड ई-कॉमर्स मॉडल के साथ हाल ही में सफलता पाई है. कंपनी ने पहली बार अपने प्लेटफॉर्म पर 23 सितंबर से दिवाली सेल का आयोजन किया और देखा कि सप्ताह के दौरान बिक्री 2.5 गुना बढ़ गई. हालांकि JioMart की बाजार हिस्सेदारी बहुत कम रही, लेकिन यह शुरुआत कंपनी की जड़ें जमाने में कारगर रही. सितंबर के पहले सप्ताह में फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन के स्थापित प्लेटफार्मों ने 88 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी पाई थी.

रेस्ट ऑफ वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेडसीर के मार्केट रिसर्चर संजय कोठारी ने कहा, “स्वीकार्यता और उपयोग के दृष्टिकोण से, भारतीय ग्राहकों ने JioMart का स्वागत किया.” उन्होंने आगे कहा, “इस साल, JioMart को एक अच्छे आधार वाले मंच के रूप में स्थापित करने और उस संदेश को अपने उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट रूप से पहुंचाने पर ध्यान दिया गया. जब अगला त्योहार (सेल) आएगा, तो वे इस क्षेत्र के बड़े खिलाड़ियों में से एक बनने के लिए अच्छी स्थिति में होंगे.”

Amazon रहा संघर्षरत, JIOMART बढ़ा

2 साल की छोटी-सी अवधि में ही JioMart ने ग्रोसरी कैटेगरी में अपने पीयर्स को पीछे छोड़ दिया है. आज, JioMart भारत के 260 शहरों और कस्बों में प्रति दिन 600,000 डिलीवरी करता है. यह पूर्ति रिलायंस के अपने रिटेल स्टोर्स और पास-पड़ोस के मॉम-एंड-पॉप आउटलेट्स, जिन्हें किराना कहा जाता है, के माध्यम से कराई ईजीमार्केटस गई. किराना स्टोर्स ने 2020 में कुल उपभोक्ता खरीदा का 88 प्रतिशत हिस्सा सप्लाई किया.

रिलायंस किराना स्टोर्स को डिजिटाइज़ करने के लिए पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) मशीनें किराए पर देता रहा है. रिसर्च फर्म बर्नस्टीन (Bernstein) ने 30 अगस्त के एक नोट में JioMart की सफलता को स्वीकार किया. इस फर्म ने अपने नोट में लिखा- जहां Amazon ने अपना प्रभुत्व बनाए रखने के लिए संघर्ष किया, वहीं रिलायंस ने ऑनलाइन किराना श्रेणी में अग्रणी बनने के लिए अपने ई-कॉमर्स ऑपरेशन्स को बढ़ाया.

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