In case you’ve missed it! Apply for 600 Days FD scheme now and get the best-in-class rate of interest @7.85%.#SaveMore #InterestRates #FixedDeposit #Scheme #CatchTheOpportunity pic.twitter.com/NQeKNc6eWd — Punjab National Bank (@pnbindia) December 5, 2022
PNB की जबरदस्त ब्याज वाली FD स्कीम, 600 दिनों के निवेश पर मिलेगा तगड़ा रिटर्न
PNB Special 600 Days FD Scheme: देश के बड़े पब्लिक सेक्टर बैंकों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने 600 दिनों की स्पेशल FD योजना चला रहा है। ये खास धमाकेदार योजना 60 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों और 80 साल और उससे अधिक उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन के लिए चलाई जा रही है। यह योजना 2 करोड़ रुपये तक की FD पर ग्राहकों को ऑफर की जा रही है
PNB Special 600 Days FD Scheme: देश के बड़े पब्लिक सेक्टर बैंकों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने 600 दिनों की स्पेशल FD योजना चला रहा है। ये खास धमाकेदार योजना 60 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों और 80 साल और उससे अधिक उम्र के सुपर सीनियर सिटीजन के लिए चलाई जा रही है। यह योजना 2 करोड़ रुपये तक की FD पर ग्राहकों को ऑफर की जा रही है। 600 दिनों की FD वाला ये प्लान कॉलेबल और नॉन कॉलेबल ऑप्शन के साथ आता है। यानी, कॉलेबल में आप मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाल सकते हो। हालांकि, नॉन कॉलेबल में ऐसा नहीं होता। मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर आपका कुछ पैसा कट जाता इंटरनेट पर पैसा कमाना है। आइए इस खास जबरदस्त योजना के बारे में..
पीएनबी की स्पेशल FD
कॉलेबल ऑप्शन के तहत पीएनबी सीनियर सिटीजन को 7.50 फीसदी और सुपर सीनियर सिटीजन को 7.80 फीसदी का ब्याज दे रही है। नॉन कॉलेबल ऑप्शन के तहत आम लोगों को 7.05 फीसदी का ब्याज FD पर दिया जा रहा है। नॉन कॉलेबल ऑप्शन में सीनियर सिटीजन को 7.55 फीसदी और सुपर सीनियर सिटीजन 7.85 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है। ये नई दरें 11 अक्टूबर से लागू हो चुकी हैं। मौजूदा ग्राहक इस स्कीम का फायदा PNB ONE app और इंटरनेट बैंकिग के माध्यम से उठा सकते हैं।
In case you’ve missed it! Apply for 600 Days FD scheme now and get the best-in-class rate of interest @7.85%.#SaveMore #InterestRates #FixedDeposit #Scheme #CatchTheOpportunity pic.twitter.com/NQeKNc6eWd
— Punjab National Bank (@pnbindia) December 5, 2022
सिर्फ इस पुराने नोट से आप बन सकते हैं लखपति, जानें पैसे कमाने का विस्तृत तरीका
इनकी एक कहानी होती है। वहीं कुछ नोट का एक अपना इतिहास ही होता है। ऐसे नोट और सिक्कों को सजा कर रखना हर किसी के लिए गर्व की बात है। लेकिन आप इन्हें खरीद बिक्री कर एक व्यापार में बदल सकते हैं। भारत में अभी काफी तेजी से फल-फूल रहा है।
और आप इसका हिस्सा बन अपने सपने पूरे कर सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पुराने नोट और सिक्कों की काफी अच्छी कीमत मिलती है। आप ₹1 के मामूली सिक्के से भी 100 – ₹200 कमा सकते हैं। अगर इंटरनेट पर पैसा कमाना आपके पास कोई खास किस्म का सिक्का या नोट रहा तो आपको कितने मिलेंगे।
हम सभी को पता है कि पुराने नोट और सिक्कों का आज के समय बाजार में कोई भी मूल्य नहीं है। हम इससे कुछ भी खरीद नहीं सकते है। लेकिन इनकी कहानी काफी दिलचस्प होती है और आप इस कहानी के जरिए इन्हें बेच कर भारी मुनाफा कमा सकते हैं।
लोगों को पुराने सिक्के और नोटों को इकट्ठा करने का शौक होता है। अगर वह आपसे यह सिक्के और नोट खरीदते हैं तो आपको ज्यादा पैसे मिलते हैं।
हम सभी को पता है कि नोट पर एक सीरियल नंबर लिखा होता है। यह सीरियल नंबर उस नोट की पहचान होती है। सीरियल नंबर में कोई खास नंबर निकल आए तो इसकी कीमत अपने आप बढ़ जाती है।
इन खास नंबरों में 786, 282, 111 जैसे कई नंबर शामिल है। आप चाहे तो इन नोटों को बेचकर लाखों रुपए बड़े आसानी से कमा सकते हैं। ऐसे सीरियल नंबर वाले नोट बहुत ही कम बने हैं इसीलिए इनकी कीमत इतनी ज्यादा है।
इंटरनेट पर पैसा कमाना
अच्छी और सबसे तेज़ होस्टिंग की जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ब्लॉग पर लिखे आर्टिकल को पढ़ें.
अच्छी और सबसे तेज़ होस्टिंग की जानकारी प्राप्त करने के लिए इस ब्लॉग पर लिखे आर्टिकल को पढ़ें.
अपने वेबसाइट को गूगल के पहले पेज पर लाकर अपनी आर्गेनिक ट्रैफिक बढ़ाना सीखें.
भविष्य में क्या करे और कौन सा जॉब आपकी शिक्षा के अनुसार ठीक रहेगा इसकी जानकारी आपको यहाँ मिलेगी.
पढाई से जुडी हर प्रकार की जानकारी यहां से आप पढ़ सकते हैं.
ऑनलाइन पैसे कमाने के अलग अलग तरीके यहाँ जान सकते हैं.
हमारे बारे में
आप सभी का WTeckni ब्लॉग में स्वागत है जो भारत की पॉपुलर वेबसाइट में से एक है. जिसका उद्देश्य इंटरनेट, करियर और तकनीक से जुड़े ज्ञान को लोगों तक पहुंचाना और देश के विकास में योगदान देना है.
गणित में 1 अंक पाकर भी इंटरनेट पर पैसा कमाना इंटरनेट पर पैसा कमाना जैक चीन के सबसे अमीर शख्स बने पर एक मीटिंग ने ‘जमीन’ पर ला दिया
जैक मा ऐसे दौर से भी गुजरे हैं जब उन्हें हर तरफ रिजेक्ट किया जा रहा था. नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे थे. जानिए जैक मा के एक आम इंसान से अरबपति का सफर कैसे तय किया और चीन सरकार से विवाद की पूरी कहानी क्या है.
चीन के सबसे अमीर इंटरनेट पर पैसा कमाना और दिग्गज कारोबारी रहे जैक मा एक बार फिर चर्चा में हैं. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने चीन को छोड़कर जापान को अपना ठिकाना बना दिया है. उन्हें जापान में परिवार के साथ देखा गया है. चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स वेबसाइट अलीबाबा के फाउंडर रहे जैक मा ने करीब 4 साल पहले रिटायरमेंट ले लिया था और बतौर मोटिवेशनल स्पीकर स्पीच दे रहे थे. दो साल पहले चीनी सरकार ने पर उन पर देश से जुड़े नियमों को तोड़ने और कारोबार में अंधाधुंध बढ़ोतरी करने के आरोप लगाए थे. उनके नजरबंद किए जाने की भी खबरें आई थीं. पिछले दाे सालों में उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर कम ही देखा गया है.
जैक मा ऐसे दौर से भी गुजरे हैं जब उन्हें हर तरफ रिजेक्ट किया जा रहा था. नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे थे. जानिए जैक मा के एक आम इंसान से अरबपति का सफर कैसे तय किया और चीन सरकार से विवाद की पूरी कहानी क्या है…
गणित में 120 में से 1 अंक मिला
जैक का जन्म 10 सितम्बर 1964 को चीन के एक छोटे से गांव में हुआ. उनके माता-पिता संगीत से जुड़े कार्यक्रमों से पैसा कमाते थे. बचपन से जैक मा अंग्रेजी सीखना चाहते थे. इसके लिए वो साइकिल से हॉन्गझाउ इंटरनेशनल होटल जाते थे. वहां आने वाले विदेशियों से टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात करते थे. धीरे-धीरे उन्होंने इस पर पकड़ बनाई और विदेशी लोगों के लिए टूरिस्ट गाइड बन गए.
जैक मा को गणित से जितना डर लगता था उतना ही लगाव अंग्रेजी से था. यही कारण था कि कॉलेज के एंट्रेंस एगजाम में 120 में से मात्र 1 नम्बर मिला था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इतना एक्सपर्ट हो गए कि 9 साल तक उन्होंने एक इंस्टीट्यूट में अंग्रेजी शिक्षक के तौर पर काम किया.
अपने दोस्त के साथ जैक मा. (फोटो साभार: The Australion)
30 कंपनियों ने रिजेक्ट किया
जैक मा ने करीब 30 बार अलग-अलग कंपनियों ने नौकरी के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार रिजेक्ट हुए. चीन में जब अमेरिकी ब्रैंड केएफसी की शुरुआत हुई तो 24 लोगों ने आवेदन किया, इसमें से 23 लोगों का चयन हुआ और अकेले जैक मा को रिजेक्शन झेलना पड़ा.
इंटरनेट की ताकत से प्रभावित हुए
जैक मा ने पहली बार 1994 में इंटरनेट के बारे में सुना और 1995 में अपने दोस्तों की मदद से अमेरिका गए. वहां इंटरनेट को सीखा और समझा. जैक मा वापस आए और चीन की जानकारी देने वाली एक वेबसाइट बनाई. इसके बाद उन्हें सैकड़ों ईमेल आने लगे. इस तरह जैक ने इंटरनेट की ताकत को समझा. इसके बाद उन्होंने दोस्तों के साथ मिलकर कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाने का काम शुरू किया.
यही से उन्हें अपनी एक वेबसाइट बनाने का आइडिया मिला, लेकिन वो इसके लिए कुछ अलग नाम की तलाश में थे. एक दिन वो सैनफ्रांसिस्को की कॉफी शॉप में गए और उन्होंने कॉफी सर्व करने वाली वेट्रेस से पूछा कि अलीबाबा नाम सुनकर उनके दिमाग में कौन सी बात आती है. महिला ने कहा, ओपन सीसेम यानी खुल जा सिम-सिम. जैक मा पहले से ही अलीबाबा की कहानी को पसंद करते थे. इस तरह उन्हें अपनी वेबसाइट के लिए नाम मिला.
जैक मा को पिछले साल नीदरलैंड्स की एक फ्लॉवर कंपनी में देखा गया था. (फोटो साभार: Reuters)
ऐसे शुरू हुई अलीबाबा डॉट कॉम
90 के दशक में उन्होंने इंटरनेट क्रांति को देखा और दोस्तों के साथ मिलकर कारोबार शुरू करने की तैयारी की. दोस्तों के जरिए 60 हजार डॉलर की राशि जुटाकर ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया और वेबसाइट को नाम दिया अलीबाबा डॉट कॉम. यह उस दौर की बात है जब चीन में केवल 1 फीसदी लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे.
जैक मा का कहना था कि सामान की कीमतों पर कॉम्पिटीशन मत करो बल्कि इससे जुड़ी सेवाओं और इनोवेशन के जरिए कॉम्पिटीशन को आगे बढ़ाओ. इसी सोच के कारण अलीबाबा डॉट काम दायरा तेजी से बढ़ा और दुनियाभर में फेमस हुई. इसने जैक मा को अमीरों की फेहरिस्त में लाकर खड़ा कर दिया.
उस मीटिंग की कहानी जब सब कुछ बदल गया
तेजी से आगे बढ़ते जैक मा ने कई बार चीन के फाइनेंशियल सिस्टम की खामियों की खुलेआम आलोचना की. इतना ही नहीं, चीनी कारोबारियों के बिजनेस में चीनी सरकार के दखल पर भी सवाल उठाए. चीनी सरकार से तनातनी के बाद भी जैक कारोबार करते रहे, लेकिन 2020 में हुई एक मीटिंग के बाद हाल बिगड़े. 24 अक्टूबर 2020 को चीन में एक मीटिंग हुई. जिसमें राजनीति से लेकर देश की अर्थव्यवस्था तक इंटरनेट पर पैसा कमाना से जुड़े दिग्गज पहुंचे. इस मीटिंग में जैक ने चीनी बैंकों की घोर आलोचना की. उन्होंने चीनी नियमों को इंसान की तरक्की का सबसे बड़ा रोड़ा बताया. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में यह बताया गया कि कैसे जैक मा की बातों से चीनी राष्ट्रपति इंटरनेट पर पैसा कमाना शी जिनपिंग खफा हुए.
कंपनी के IPO पर रोक लगाई गई
चीनी राष्ट्रपति की नाराजगी के बाद जैक मा लम्बे समय गायब रहे. यह खबर दुनिया की सुर्खियां बनी. 2020 में उनकी कंपनी एंट ग्रुप के 2.7 लाख करोड़ के IPO पर रोक लगा दी गई. चीनी सरकार ने एंटी ट्रस्ट कानून बनाकर जैक की कंपनी अलीबाबा के खिलाफ जांच शुरू कर दी. नजीजा कंपनी के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. इसके बाद गिरावट का ग्राफ बढ़ता रहा.
जैक मा को सबक सिखाने के लिए चीनी सरकार ने कई नियमों में बदलाव किए जिसका फायदा उठाकर इनकी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसके बाद से जैक मा एक लो प्रोाफाइल जी रहे हैं. अब चर्चा है कि वो पूरी तरह से चीन को छोड़कर जापान को अपना परमानेंट ठिकाना बना चुके हैं.
सड़क किनारे फल बेचने को मजबूर बुजुर्ग महिला; वीडियो देख पसीज जाएगा आपका दिल
Old Women Viral Video: इन दिनों सड़क किनारे फल (Selling Fruit) बेचने को मजबूर एक बुजुर्ग महिला (Old Women) का वीडियो (Viral Video) छाया हुआ है।
Old Women Viral Video: पेट भरने के लिए इंसान कड़ी मेहनत कर कमाता है। फिर चाहे वो लाचार और बुजुर्ग ही क्यों न हो। कई बार हालात ऐसा समय दिखा देती है कि जिसकी कोई कामना भी नहीं करता। इन दिनों सड़क किनारे फल (Selling Fruit) बेचने को मजबूर एक बुजुर्ग महिला (Old Women) का वीडियो (Viral Video) छाया हुआ है।
जी हां, एक बुजुर्ग महिला जिसे अपनी उम्र के लिहाज से आराम करना चाहिए वो आज पेट पालने के लिए काम करने को मजबूर है। हाथ-पांव भले ही ठीक से काम करने की हालत में नहीं है लेकिन मांगने से अच्छा उन्होंने कमाना सही समझा।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि आराम करने की उम्र में महिला एक हाईवे के किनारे पर कुछ अमरूद बेच रहीं हैं। उनके साथ एक डॉगी भी है। तभी वहां एक पुलिसकर्मी आ जाता है और पूछता है कि फल कितने का बेच रही हो? महिला बताती है कि 20 रूपये किलो है। फिर वो पूछता है कि ये पूरे फल कितने किलो होंगे? महिला कहती है कि 2 किलों होंगे। पुलिसकर्मी कहता है कि तो कितने के हुए? महिला कहती है कि 40 रुपये किलो हो गए। पुलिसकर्मी महिला से कई सारी चीजे पूछता है जिसका जवाब महिला देती नजर आ रही हैं। जिसके बाद वो महिला को पैसे देकर घर जाने को कहता है।
वहीं वीडियो में पुलिसकर्मी के पूछने पर की फल कहां से आए? तो महिला बताती है कि वो इन्हें खुद पेड़ों से तोड़कर लाई हैं। इस वीडियो को एक ट्विटर यूजर ने शेयर किया है, जिसे खबर लिखे जाने तक 200.6K व्यूज मिल चुके हैं। वीडियो पर यूजर्स मिले-जुले कमेंट्स कर रहे हैं।
एक यूजर ने कमेंट कर लिखा, 'अच्छा कार्य किया लेकिन कोई रोज-रोज इन बौआजु की मदद नही करेगा। बुंदेलखंड में गरीबी और बेरोजगारी का परमेनन्ट सॉल्यूशन है इंडस्ट्रियलाइज़ेसन।' दूसरे यूजर ने लिखा, 'सेवा बिना जताए करते तो अच्छा होता।' इसके जवाब में एक यूजर ने लिखा, 'बिना जताए ही की है. अपनी शक्ल और नाम कहां बताया पुलिस ने।' तीसरे यूजर ने महिला को पुलिसकर्मी द्वारा 100 रुपये दिए जाने पर कमेंट कर लिखा, 'सिर्फ सौ रुपये दिए। शायद सब्जी भी न मिले उतने की। घर में आराम करने की उम्र में सब्जी बेच रही।' वहीं अन्य यूजर ने लिखा, 'किसी के लिए सौ रुपया 1 रुपये के बराबर है और किसी के लिए सौ रुपया हजार रुपये के बराबर है।'
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 363