Health Tips: क्या आप भी जल्दी-जल्दी खाना खाते हैं? खाना खाने में वैसे कितना टाइम लगना चाहिए?
आज के भाग दौड़ की जिंदगी में हम खाना आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? खाने में जल्दबाजी करते हैं और सेहत से जुड़ी कई समस्या को न्योता दे देते हैं, जानेंगे खाना खाने में औसत कितना समय लेना चाहिए.
By: ABP Live | Updated at : 21 Nov 2022 06:54 PM (IST)
खाना खाने के लिए औसत कितना समय लेना चाहिए
Health Tips: स्वास्थ्य ( Health) ही हमारी पूंजी है और इसी स्वास्थ्य के लिए हम खाना खाते हैं ,लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम आराम से और धीरे-धीरे खाना खाना तो बिल्कुल भूल ही गए हैं. खाना खाने को हम किसी काम की तरह जल्दी बाजी में निपटा देते हैं. यही वजह है कि आज इंसान बीमार है. लोगों को 100 तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.अगर आप भी फास्ट ईटर हैं तो आपको इससे जुड़ी कुछ बातें जरूर जाननी चाहिए
खाना खाने के लिए औसत कितना समय लेना चाहिए?
एक्सपर्ट और विशेषज्ञों के मुताबिक खाना खाने के समय आपको कम से कम 30 से 35 मिनट का समय जरूर लेना चाहिए. इस दौरान आपको बिल्कुल रिलैक्स होकर भोजन को खूब चबाकर खाना चाहिए. एक्सपर्ट कहते हैं कि भोजन को आनंद लेते हुए सेवन करने से ये शरीर में लगता भी है और आपको खाने ने मजा भी आता है. खाना खाते समय आपको दिमाग को शांत रखते हुए थाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. खाने को आराम आराम से धीरे-धीरे खाना चाहिए क्योंकि जल्दी बाजी में खाने से आपके खाने का कण सांस वाली नली में फंस सकता है, जल्दी बाजी में खाना खाने से पाचन क्रिया पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे भोजन को पचने में अधिक समय लगता है.
भोजन की गति को धीमा करने के सुझाव
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1. अपने भोजन को 30 मिनट तक बढ़ाने के लिए टाइमर का उपयोग करें या घड़ी देखें.
2. भोजन के आधार पर प्रत्येक निवाले को 15 से 30 बार चबाने की कोशिश करें.
3. हर कुछ खाने के निवाले के साथ पानी के घूंट लें. यह आपको भरा हुआ महसूस करने में भी मदद कर सकता है.
क्या कहती है स्ट़डी?
एक अलग अध्ययन से यह बात सामने आई, खाने की गति में कमी से वजन बढ़ना कम हो गया और मोटापे को रोका गया. जापान के एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने टाइप 2 मधुमेह वाले 59,717 लोगों के डेटा की जांच की। शोधकर्ताओं ने लोगों से खुद को फास्ट ईटर्स, मीडियम ईटर्स या स्लो ईटर्स के रूप में वर्णित करने के लिए कहा, जो लोग धीरे-धीरे खाने वाले थे उनमें मोटापे का जोखिम सबसे कम था. जो लोग स्वयं को मध्यम-खाने वाले के रूप में वर्णित करते हैं, उनमें थोड़ा अधिक जोखिम था, लेकिन सबसे अधिक जोखिम तेजी से खाने वाले समूह में था,
जल्दी में खाने से हो सकती है ये परेशानियां
1.अगर आप खाना धीरे और चबा कर खाते हैं तो इससे आपका डाइजेशन सही रहता है, लेकिन जल्दी बाजी में खाना खाने से या चबाने के बजाय निगल जाने से डाइजेशन ( Digestion) बिगड़ सकता है. सीने में जलन, अपच और गैस जैसी दिक्कतें होने की संभावना रहती है.
2.जल्दी-जल्दी खाने से आपको डायबिटीज ( Diabetes) का भी खतरा हो सकता है.खाना जल्दी खाने से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम होने और ब्लड ग्लूकोस के बढ़ने की संभावना बनी रहती है, इसके चलते आप डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं.
3.जल्दी में खाना खाने से इंसान मेटाबोलिक सिंड्रोम का शिकार हो जाता है. ऐसे में उसे हाई ब्लड प्रेशर ( Blood Pressur) की समस्या होने लगती है, और हाई ब्लड प्रेशर की वजह से ही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
जल्दी जल्दी खाने की आदत कैसे बदले
1.अपने खाने के लिए समय नियमित करें.
2. दिन में जितनी बार भी खाते हैं उसके हिसाब से अपना समय तय करें.
3. खाते समय किसी अन्य चीजों के बारे में ना सोचे.
4. ट्रैवल के वक्त आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? खाने से बचें
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Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Published at : 21 Nov 2022 06:15 PM (IST) Tags: lifestyle news Health News हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
Mutual Fund: क्या होता है म्युचुअल फंड, कैसे करता हैं काम?
डीएनए हिंदी: म्युचुअल फंड (What Is a Mutual Fund) एक तरह से आपके घर को वित्तीय सुरक्षा देने वाली गाड़ी है. म्युचुअल फंड जो कि शेयरधारकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और अन्य संपत्तियों में निवेश करने के लिए संपत्तियों को पूल करता है. बता दें कि म्युचुअल फंड को प्रोफेशनल मनी मैनेजर ऑपरेट करते हैं. यही फंड की संपत्ति आवंटित करते हैं और फंड के निवेशकों के लिए कैपिटल गेन या इनकम का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं. एक म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो को इस तरह तैयार किया जाता है कि वह दिखाए गए प्रॉफिट को अपने निवेशकों की झोली में डाल सके.
मालूम हो कि म्युचुअल फंड (Mutual Fund) छोटे या व्यक्तिगत निवेशकों को इक्विटी, बॉन्ड और अन्य सिक्योरिटीज के प्रोफेशनली तौर पर मैनेज्ड पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं. इसलिए, प्रत्येक शेयरहोल्डर फंड के प्रॉफिट या लॉस में बराबर रूप से भाग लेता है. बता दें कि म्युचुअल फंड बड़ी संख्या में सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. इस दौरान प्रदर्शन को आमतौर पर फंड के टोटल मार्केट कैप (Total Market Cap) में बदलाव के रूप में ट्रैक किया जाता है.
अधिकांश म्युचुअल फंड फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स (Fidelity Investments), वैनगार्ड (Vanguard), टी. रोवे प्राइस (T. Rowe Price) और ओपेनहाइमर जैसी बड़ी निवेश कंपनियों का हिस्सा हैं. एक म्यूचुअल फंड में एक फंड मैनेजर होता है, जिसे दूसरी भाषा में निवेश सलाहकार कहा जाता है. यह निवेश सलाहकार म्यूचुअल फंड शेयरधारकों को बेहतर प्रॉफिट दिलाने के लिए काम करता है.
म्युचुअल फंड की कीमत कैसे तय होती है?
म्यूचुअल फंड की वैल्यू उन सिक्योरिटीज के प्रदर्शन पर निर्भर करता है जिनमें वह निवेश करता है. इस दौरान यह देखा जाता है कि म्युचुअल फंड की एक यूनिट या शेयर खरीदते समय, एक निवेशक अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को खरीद रहा है या अधिक सटीक रूप से, पोर्टफोलियो के मूल्य का एक हिस्सा खरीद रहा है. कई लोगों को लगता है कि इसमें स्टॉक जैसा ही निवेश करना है. जबकि म्यूचुअल फंड के शेयर में निवेश स्टॉक के शेयरों में निवेश करने से अलग है. स्टॉक के विपरीत, म्यूचुअल फंड शेयर अपने धारकों को कोई वोटिंग अधिकार नहीं देते हैं. म्युचुअल फंड का एक शेयर कई अलग-अलग स्टॉक या अन्य सिक्योरिटीज में निवेश को रिप्रेजेंट करता है.
म्यूचुअल फंड शेयर की कीमत को नेट एसेट वैल्यू (NAV) प्रति शेयर के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसे कभी-कभी एनएवीपीएस (NAVPS) भी कहते हैं. एक फंड का एनएवी पोर्टफोलियो में सिक्योरिटीज के कुल मूल्य को बकाया शेयरों की कुल राशि से विभाजित करके निकाला जाता है. बकाया शेयर वे होते हैं जो सभी शेयरहोल्डर्स, संस्थागत निवेशकों और कंपनी के अधिकारियों या अंदरूनी लोगों के पास होते हैं.
म्युचुअल फंड शेयरों को आम तौर पर फंड के मौजूदा एनएवी पर खरीदा या भुनाया जा सकता है, जो बाजार के समय के दौरान वोलेटाइल नहीं होते हैं. हालांकि कारोबारी दिन के आखिरी दिन में इसकी कीमत तय की जाती है. एनएवीपीएस तय होने पर म्यूचुअल फंड की कीमत भी अपडेट की जाती है.
औसत म्युचुअल फंड में अलग-अलग प्रतिभूतियां होती हैं, जिसका अर्थ है कि म्युचुअल फंड शेयरहोल्डर को डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है.
म्युचुअल फंड के लिए रिटर्न की गणना कैसे की जाती है?
जब कोई निवेशक Apple स्टॉक खरीदता है, तो वह कंपनी का आंशिक स्वामित्व या शेयर खरीद रहा होता है. इसी तरह, एक म्यूचुअल फंड निवेशक म्यूचुअल फंड और उसकी संपत्ति का एक छोटा सा स्वामित्व खरीद रहा है.
निवेशक आमतौर पर म्यूचुअल फंड से तीन तरह से रिटर्न कमाते हैं, आमतौर पर तिमाही या वार्षिक आधार पर:
आय शेयरों पर लाभांश और फंड के पोर्टफोलियो में रखे बांडों पर ब्याज से अर्जित की जाती है और वितरण के रूप में मालिकों को निधि देने के लिए साल भर में प्राप्त होने वाली लगभग सभी आय का भुगतान करती है. फंड अक्सर निवेशकों को वितरण के लिए चेक प्राप्त करने या म्यूचुअल फंड के अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए दोबारा निवेश करने का विकल्प देते हैं.
यदि फंड उन सिक्योरिटीज की बिक्री करता है जिनकी कीमत में वृद्धि हुई है, तो फंड को कैपिटल गेन के बारे में पता चलता है जो कि ज्यादातर फंड एक वितरण में निवेशकों को भी देते हैं.
जब फंड के शेयरों की कीमत में वृद्धि होती है तब आप अपने म्यूचुअल फंड शेयरों को बाजार में लाभ के लिए बेच सकते हैं.
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पाव भाजी रेसिपी (स्टेप के फोटो के साथ)
पाव भाजी एक स्वादिष्ट और बनाने में आसान लोकप्रिय व्यंजन है जिसमे मिश्रित सब्जियों को विविध मसालो के साथ पकाकर मसालेदार सब्जी (भाजी) बनायीं आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? जाती है और भाजी को मक्खन में सेकें हुए नरम पाव के साथ परोसी जाती है। पाव भाजी मसाला एक अनोखी सुगंध और स्वाद देता है जबकि विविध आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? तरह की सब्जिया सेहत के लिए फायदेमंद है। पार्टी में परोसने के लिए यह एक सही नाश्ता है क्युकी इसे पहले से बनाया जा सकता है, सबका पसंदीदा है और बनाने में भी आसान है। अगर आप के बच्चे कोई सब्जी का स्वाद पसंद नहीं करते है तो है तो ये बच्चो को पता न चले इस तरीके से सब्जिया खिलाने का एक बढ़िया तरीका हैं, क्युकी पाव भाजी में वे भी किसी भी एक सब्जी का स्वाद नोटिस नहीं करेंगे और ख़ुशी ख़ुशी खाना खाएंगे। इस रेसिपी की मदद से सिर्फ 40 मिनट में घर पर सबसे अच्छा पावभाजी बनाना सीखिये और मेहमानों या अपने बच्चो को खिलाए और आप भी खाइये।
सामग्री: |
2 मध्यम आलू, कटे हुए (लगभग 1½ कप) |
1/2 कप हरी मटर (ताजा या फ्रोजन) |
3/4 कप कटा हुआ आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? फूलगोभी (लगभग 1/4 फूलगोभी) |
1/2 कप कटा हुआ गाजर (लगभग 1 मध्यम) |
1 बड़ा प्याज, बारीक़ कटा हुआ (लगभग 3/4 कप) |
1 टेबलस्पून अदरक लहसुन का पेस्ट |
2 मध्यम टमाटर, बारीक़ कटे हुए (लगभग 1¼ कप) |
1/2 कप शिमला मिर्च कटा हुआ (लगभग 1 छोटा) |
1½ टीस्पून लाल मिर्च पाउडर (या कम) |
1/4 टीस्पून हल्दी पाउडर |
1 टीस्पून धनिया-जीरा पाउडर, वैकल्पिक |
1 टीस्पून रेडीमेड पाव भाजी मसाला पाउडर |
1 टीस्पून नींबू का रस |
नमक स्वादानुसार |
2 टेबलस्पून तेल + 2 टेबलस्पून मक्खन |
मक्खन, परोसने के लिए |
2 टेबलस्पून बारीक़ कटा हुआ हरा धनिया |
8 पाव बन्स , परोसने के लिए |
विधि (Pav Bhaji Banane Ki Vidhi Hindi Me):
सामग्री में सूचीबद्ध सभी सब्जियों को पानी में धो कर कपडे से पोंछ ले और उन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में काट ले।
कटा हुआ आलू, फूलगोभी, गाजर और हरी मटर को 2-3 लीटर क्षमता वाले प्रेशर कूकर में डाले। 1/2 कप पानी और स्वादानुसार नमक डालें।
प्रेशर कूकर का ढक्कन बंद कर दें और 2-सीटियां के लिये मध्यम आंच पर पकने दे। गैस को बंद कर दें और कूकर को ठंडा होने दे। जब सारा प्रेशर अपने आप निकल जाये उसके बाद ढक्कन खोलें; उसमे लगभग 5-7 मिनट का समय लगेगा।
उबली हुई सब्जियों को कलछी या तो आलू मैशर की मदद से मसल ले। आप अपनी पसंद के मुताबिक सब्जियों को ज्यादा या कम मसल सकते है। भाजी का आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? टेक्सचर (देखाव) सब्जियों के मसलने पर निर्भर करेगा।
एक कड़ाई में 2-टेबलस्पून तेल और 2-टेबलस्पून मक्खन मध्यम आंच पर साथ में गरम करे। कटा हुआ प्याज और अदरक-लहसुन का पेस्ट डाले। प्याज को हल्का गुलाबी होने तक भून ले।
Add 1½ टीस्पून लाल मिर्च पाउडर, 1/4 टीस्पून हल्दी पाउडर, 1-टीस्पून धनिया-जीरा पाउडर और 1-टीस्पून रेडीमेड पाव भाजी मसाला पाउडर डाले।
अच्छी तरह से मिला ले और 4-5 मिनट के लिए पकने दे। अब भाजी को चख ले और यदि जरुरत लगे तो और नमक डालकर आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? अच्छे से मिला ले। गैस को बंद कर दें। बारीक़ कटा हुआ हरा धनिया डालकर सजा लें। भाजी परोसने के लिए तैयार है।
पाव बन्स को चाकू की मदद से बीच में से इस तरह से काटिये के वह दूसरी साइड से जुड़ा रहे। तवे को मध्यम आंच पर गरम करने रखे। 1-टेबलस्पून मक्खन तवे पर डालकर उसकी ऊपर कटा हुआ पाव बन्स रखे और दोनों तरफ से हल्का भूरा होने तक सेंक ले, हर एक तरफ सेकने में लगभग 30 सेकंड लगेंगे। सके हुए पाव को एक थाली में रख दे और बाकि बचे पाव भी इसी तरह से सेंक ले।
भाजी को एक कटोरे में निकालकर मक्खन के टुकड़े से गार्निश करे और सेकें हुए पाव, कटी हुई प्याज और निम्बू के साथ गरमा गरम परोसें।
- स्वाद में बदलाव के लिए आप अपनी पसंद के अनुसार बैंगन, आप चलती औसत की गणना कैसे करते हैं? ब्रोकोली, फ्रेंच बीन्स, मकई, आदि सब्जिया डाल सकते है।
- आपको जैसी भाजी पसंद हो (सब्जियों के टुकडे वाली या बिना टुकड़े वाली) उस हिसाब से आप उबली हुई सब्जियों को अपनी पसंद के अनुसार स्टेप-4 में ज्यादा या काम मसल सकते है।
- भाजी का गहरा लाल रंग पाने के लिए सब्जियों के साथ चुकंदर का एक छोटा सा टुकड़ा डालकर उसे उबाले। इसके अतिरिक्त आप नियमित लाल मिर्च पाउडर के बदले कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर का उपयोग भी कर सकते है।
- चीज़ पावभाजी बनाने के लिये भाजी को मोत्ज़ारेला चीज़ से गार्निश करे।
- भाजी का स्वाद मक्खन पर निर्भर करता है, इसलिए इसकी मात्रा को कम ना करे।
- इस रेसिपी में बादशाह ब्रांड का रेडीमेड पाव भाजी मसाला का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन आप किसी भी अन्य ब्रांड का मसाला भी उपयोग कर सकते हैं।
परोसने के तरीके:
भाजी को सेकें हुए पाव बन्स, कटा हुआ प्याज और कटे हुए टमाटर के साथ रात के खाने में परोसें। इसे पार्टी में नाश्ते के रूप में भी परोसा जा सकता है।
सैलरी में TDS कटने को लेकर जारी हुआ नया सर्कुलर, कहीं आपके मतलब की तो नहीं! FY2022-23 पर है लागू
TDS deduction from salary: सीबीडीटी ने पिछले हफ्ते सर्कुलर जारी किया था. यह वित्तवर्ष 2022-23 के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 192 के तहत वेतन से स्रोत पर टैक्स की कटौती के संबंध में नियोक्ताओं के दायित्व की व्याख्या करता है.
TDS deduction from salary: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सैलरी से टीडीएस (TDS) कटौती से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया है.इसमें कहा है कि वेतन भुगतान के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को राशि का भुगतान करते समय इनकम टैक्स (income tax) कटवाना होगा. न्यूज एजेंसी IANS की खबर के मुताबिक, सर्कुलर में कहा गया है कि उस साल के लिए प्राप्तकर्ता की अनुमानित सैलरी से इनकम (आय) पर चालू वित्तवर्ष के लिए लागू दरों के आधार पर कैलकुलेशन किए गए औसत दर पर टैक्स काटा जाना चाहिए.
नियोक्ताओं के दायित्व की व्याख्या करता है सर्कुलर
खबर के मुताबिक, सीबीडीटी ने पिछले हफ्ते सर्कुलर जारी किया था. यह वित्तवर्ष 2022-23 के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 192 के तहत वेतन से स्रोत पर टैक्स की कटौती के संबंध में नियोक्ताओं के दायित्व की व्याख्या करता है. धारा 192 के मुताबिक, वेतन आय का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को प्राप्तकर्ता को एक बयान देना चाहिए, जिसमें उसे प्रदान किए गए वेतन और उसके मूल्य के बदले अनुलाभ या लाभ (perquisite or benefit) का सही और पूरी डीटेल दी गई हो.
हर महीने कितना जमा करना होगा औसत TDS
उदाहरण के लिए अगर किसी की सैलरी से सलाना इनकम 6,00,000 रुपये है तो सेस सहित कुल सैलरी पर सामान्य दर के हिसाब से टैक्स 33,800 रुपये बनता है. टैक्स की औसत दर 5.63 प्रतिशत के हिसाब से 50,000 रुपये पर टैक्स कैलकुलेशन करने पर 2815 रुपये बनता है. यानी इस राशि पर हर महीने 235 रुपये टीडीएस (TDS) कटवाना होगा.
मौजूदा income tax Slabs
फिलहाल 2.50 लाख रुपये तक के सालाना इनकम पर कोई इनकम टैक्स (income tax) नहीं लगता है. 2.50 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होता है. 5 लाख रुपये से 7.50 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत इनकम टैक्स लागू है. 7,50,001 रुपये से 10 लाख रुपये तक के इनकम पर 15 प्रतिशत, 10,00,001 रुपये से 12.50 लाख रुपये तक के सालाना इनकम पर 20 प्रतिशत, 12,50,001 रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक पर 25 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से ज्यादा के इनकम पर 30 प्रतिशत इनकम टैक्स चुकाना होता है.
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