जीएसटी: 27 वस्तुओं पर टैक्स की दरों में कटौती
आम आदमी, छोटे व्यापारियों और निर्यातकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए, जीएसटी परिषद ने 27 वस्तुओं पर कर की दरें कम कर दी हैं और तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति भी दी है. नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक परिषद ने सूखे आमों, खखरा, सादी चपाती, छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना बिना ब्रांड की नमकीन, बिना ब्राण्ड की आयुर्वेदिक दवाओं और कागज अपशिष्टों पर जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है.
अरुण जेटली ने कहा कि ई-कचरे पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.एकीकत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत स्कूली बच्चों को दिये जाने वाले खाने के पैकेट पर जीएसटी 12 प्रतिशत के बजाए अब 5 प्रतिशत लगेगा. जीएसटी परिषद ने टर्नओवर के कारोबार के लिए त्रैमासिक फाइलिंग रिटर्न दाखिल करने की मंजूरी भी दी है, जिसमें टर्नओवर 1.5 करोड़ रूपए तक का है, साथ ही रचना योजना के लिए 75 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए तक की सीमा बढ़ा दी गई है.
GST काउंसिल के नए फैसले से 80 लाख छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत
शनिवार को GST काउंसिल की नई दिल्ली में 28वीं बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। GST के 1 साल पूरे होने के बाद हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कंज्यूमरों के साथ-साथ कारोबारियों को भी बड़ी राहत मिली है। GST काउंसिल की इस बैठक में डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले करीब 80 लाख व्यापारियों जिनकी तादाद कुल करदाताओं की 93 प्रतिशत है, को बड़ी राहत दी गई है।
ये 80 छोटे व्यापारी अब टैक्स का भुगतान तो हर महीने करेंगे, मगर इन्हें 3 महीने में छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना रिर्टन दाखिल करने की सुविधा होगी। इन छोटे डीलरों से कुल राजस्व का 16 प्रतिशत की प्राप्ति होती है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा रिटर्न सरलीकरण के लिए गठित मंत्री समूह के संयोजक सुशील कुमार मोदी की पहल पर GST काउंसिल ने शनिवार को दिल्ली में हुई 28वीं बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
सुशील मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘इसके अलावा कम्पोजिशन डीलर के टर्नओवर की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ तथा 1.5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए एक सरल रिटर्न की स्वीकृति GST काउंसिल ने दी है, जो अधिकतम दो पेज का होगा। काउंसिल ने दाखिल किए गए रिटर्न में संशोधन के प्रावधान की अनुशंसा भी की है।’ GST काउंसिल की अगली बैठक 4 अगस्त को होगी।
जीएसटी के नए नियम, छोटे व्यापारियों को मिली राहत
केंद्र सरकार ने आज जीएसटी को लेकर एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक को सम्बोधित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था। इस दौरान जीएसटी को लेकर नए नियमों की घोषणा की गयी। इसके अंतर्गत छोटे व्यापारियों को हर महीने टैक्स भरने की जरूरत नहीं है। अबसे वे हर तीन महीने में टैक्स भर सकते हैं।
इसके अलावा सरकार ने रेस्टोरेंट में खाने पर भी जीएसटी को कम कर दिया है। पहले जहाँ बाहर खाने पर 18 फीसदी टैक्स लगता था, वह अब घटकर 12 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही छोटे कर्मचारी जिनका सालाना व्यापार 1.5 करोड़ से कम है, उन्हें अब हर महीने जीएसटी भरने की जरूरत नहीं है। छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना इस योजना के जरिये लगभग 90 फीसदी व्यापारियों को राहत मिलने के आसार हैं।
इसके साथ ही हाथ से बानी हुई चीज़ों पर से जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। इसके अलावा कई चीज़ों को सबसे बड़े टैक्स दर यानी 28 फीसदी से घटाकर कम दर में डाल दिया है।
बाहर खाना खाने वाले लोगों के लिए भी अच्छी खबर है। अबसे किसी भी ऐसी रेस्टोरेंट में खाना खाने पर सिर्फ 12 फीसदी टैक्स देना होगा। इससे पहले 18 फीसदी जीएसटी लगा करता था।
इसके अलावा सरकार ने कई खाद्य पदार्थों से टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इनमे आयुर्वेद दवाईयां, घरेलु निर्मित नमकीन, खाकरा एवं अन्य पदार्थों को पांच फीसदी टैक्स के अंतर्गत कर दिया है। इसके साथ ही हस्त सेवाएं जैसे बुनाई, छपाई और जवाहरात को भी पांच फीसदी टैक्स के अंतर्गत कर दिया है।
By पंकज सिंह चौहान
पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।
GST काउंसिल के नए फैसले से 80 लाख छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत
शनिवार को GST काउंसिल की नई दिल्ली में 28वीं बैठक हुई। इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। GST के 1 साल पूरे होने के बाद हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में कंज्यूमरों के साथ-साथ कारोबारियों को भी बड़ी राहत मिली है। GST काउंसिल की इस बैठक में डेढ़ करोड़ से कम टर्नओवर वाले करीब 80 लाख व्यापारियों जिनकी तादाद कुल करदाताओं की 93 प्रतिशत है, को बड़ी राहत दी गई है।
ये 80 छोटे व्यापारी अब टैक्स का भुगतान तो हर महीने करेंगे, मगर इन्हें 3 महीने में रिर्टन दाखिल करने की सुविधा होगी। इन छोटे डीलरों से कुल राजस्व का 16 प्रतिशत की प्राप्ति होती है। बिहार के उपमुख्यमंत्री तथा रिटर्न सरलीकरण के लिए गठित मंत्री समूह के संयोजक सुशील कुमार मोदी की पहल पर GST काउंसिल ने शनिवार को दिल्ली छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना में हुई 28वीं बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया।
सुशील मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘इसके अलावा कम्पोजिशन डीलर के टर्नओवर की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ तथा 1.5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले करदाताओं के लिए एक सरल रिटर्न की स्वीकृति GST काउंसिल ने दी है, जो अधिकतम छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना दो पेज का होगा। काउंसिल ने दाखिल किए गए रिटर्न में संशोधन के प्रावधान की अनुशंसा भी की है।’ GST काउंसिल की अगली बैठक 4 अगस्त को होगी।
अब कच्चे व्यापारियों को भी मिलेगा सस्ता ब्याज
नई दिल्ली। स्मॉल स्केल बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार तरह-तरह से प्रयास कर रही है। फाइनैंस की सुविधा से वंचित रहने वाले लोगों के लिए शुरू हुई मुद्रा योजना के तहत मार्च तक 1 लाख करोड़ रुपये तक का लोन वितरित करने की योजना है। इसके तहत, 25 सितंबर से एक मुहिम शुरू करने का विचार है।
फाइनैंस की सुविधा से वंचित छोटे व्यवसायिक वर्ग को कर्ज मुहैया कराने के लिए वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कर्ज वितरण का एक महीने का अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। मंत्रालय को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज वितरित किया जाएगा।
वित्तीय सेवा सचिव हसमुख अधिया ने कहा 'हमने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण विकास बैंकों और विदेशी बैंकों के लिए लक्ष्य तय किए हैं और हमें उम्मीद है कि पिछले साल के मुकाबले इस खंड में कर्ज वितरण दोगुना होकर चालू वित्त वर्ष में बढ़कर एक लाख करोड़ हो जाएगा।' मुंबई में सिडबी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी इस बारे में बात कही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल में योजना का उद्घाटन किया था। उसके बाद से योजना के तहत 20 लाख लोगों को 14,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है। उन्होंने कहा 'सितंबर महीने में हम एक अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं और हमें उम्मीद है कि इसी महीने 20-25 लाख नए कर्ज दिए जाएंगे।'
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को 50,000 से 10 लाख रुपये तक के ऋण दिए जाते हैं। लघु इकाई विकास एवं पुनर्वित्त एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) का ध्यान 5.75 करोड़ छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना स्व-रोजगार से जुड़े लोगों पर केंद्रित है, जिनमें 11 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन होता है और 12 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अभियान के तहत सब्जी विक्रेता, नाई, रिक्शा चालक, वाहन मरम्मत, फिटर और इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाली सेवा क्षेत्र की इकाइयों को 50,000 रुपये तक का कर्ज देने की योजना है।
सचिव ने कहा कि करीब 12 प्रतिशत सालाना ब्याज दर के साथ इस ऋण का स्वरूप बेहद आसान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इसलिए छोटे कारोबारियों के लिए ऋण का आकलन दैनिक आधार पर किया जाता है और यह सभी बैंकों की शाखाओं में एक प्रतिशत प्रति माह की ब्याज दर पर उपलब्ध है। अधिया ने कहा कि ऋण का कुछ हिस्सा मुद्रा क्रेडिट कार्ड के रूप में कार्य पूंजी के लिए दिया जाएगा, जिस पर सिर्फ उपयोग की गई राशि पर ही ब्याज लगाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लाभार्थी सूक्ष्म इकाइयों की वृद्धि और कोष की जरूरत के चरण को रेखांकित करता है।
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