बाउंस ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को खास स्वैपिंग बैटरी के विकल्प के साथ लॉन्च किया है। (सांकेतिक फोटो)

SWAP RAM How to Increase RAM in Any Android Phone-किसी भी एंड्राइड फ़ोन में RAM को कैसे बढाये 100% Working

SWAP RAM एक ऐसा एप्लिकेशन है जो आपकी मांगों के अनुसार आपके डिवाइस की मेमोरी को ऑप्टिमाइज़ और बूस्ट करता है। आप चुन सकते हैं कि क्या आप अधिक मुफ्त मेमोरी उपलब्ध या अधिक चलने वाले ऐप्स चाहते हैं और इस प्रकार मल्टीटास्किंग पसंद करते हैं या पर्याप्त मुफ्त मेमोरी और पृष्ठभूमि में चल रहे ऐप्स को रखने के बीच सबसे अच्छा संतुलन रखते हैं। रैम मैनेजर गति बढ़ाने केउद्देश्य से अंतराल को कम करता है, मल्टीटास्किंग के साथ समस्या को हल करता है, चल रहे अनुप्रयोगों के बीच धीमी गति से स्वैपिंग और नया खोलने और कम प्रदर्शन के साथ।

सीधे शब्दों में कहें तो यह आपके डिवाइस को सुचारू रूप से चालू रखता है और सभी दिशाओं में प्रदर्शन को बढ़ाता है। कई प्रीसेट प्रोफाइल हैं जो आपके रैम के आकार के अनुसार पूरी तरह से सेट हैं और आप विशिष्ट प्रोफ़ाइल का चयन करके अपने डिवाइस की गति को बढ़ा सकते हैं, जिसकी आपको वास्तव में आवश्यकता है। इस सुविधा के कारण, आप अपने RAM आकार की परवाह किए बिना सभी उपकरणों पर इस एप्लिकेशन का उपयोग कर सकते हैं।

SWAP RAM क्या है

आप यहाँ कुछ अन्य उपयोगी सुविधाएँ भी पा सकते हैं। खंड “डैशबोर्ड” में आपकी स्मृति जानकारी शामिल है, जिससे आप अपनी निःशुल्क और उपयोग की गई स्मृति की निगरानी कर सकते हैं। जिनउपयोगकर्ताओं को अपने लॉन्चर को पुनरारंभ करने में समस्या है, वे “मेमोरी में लॉन्चर लॉक करें” सुविधा का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लॉन्चर को नष्ट होने से रोकता है।

आप इस एप्लिकेशन काउपयोग अपने RAM आकार को वस्तुतः बढ़ाने के लिए स्वैप फ़ाइलों को प्रबंधित करने और बनाने के लिए भी कर सकते हैं। और अंतिम लेकिन कम से कम आप इस एप्लिकेशन का उपयोग VM हीप आकार को सेट करने और अधिकतम आकार को नियंत्रित करने के लिए कर सकते हैं जो प्रत्येक एक ही App अपने पुरे डाटा को संभाल कर रखता है

विशेषताएँ:- SWAP RAM

1-डैशबोर्ड

  • फ्री / यूज्ड मेमोरी
  • स्मृति जानकारी

2-RAM

  1. रैम ट्यूनर – बैलेंस फ्री मेमोरी कर देता है, 1-ज्यादा मल्टीटास्किंग, 2- हार्ड गेमिंग
  2. हार्ड मल्टीटास्किंग
  3. कस्टम सेटिंग्स
  4. न्यूनता समायोजन

3- अतिरिक्त- SWAP RAM

  • मेमोरी में लॉक लॉन्चर- आपके लॉन्चर को मारे जाने से रोकता है
  • स्वच्छ स्मृति
  • ड्रॉप कैश – पेज कैशे, डेंट्री और इनोड्स को साफ करता है
  • वीएम हीप साइज
  • फ़ाइल की अदला – बदली करें

4- विजेट

रैम मेमोरी बढ़ाने और अपने मोबाइल को बूस्ट करने का एक आसान टूल।ऑपरेटिंग सिस्टम में राम मेमोरी एक महत्वपूर्ण घटक है।एंड्रॉइड रैम को अच्छी तरह से प्रबंधित करता है लेकिन कभी-कभी यह कुछ प्रक्रिया को समाप्त कर सकता है जब यह कम रैम वाले परिदृश्यों में होता है, दूसरी बार डिवाइस धीमा हो जाता है।एक पार्टीशन या स्वैप फ़ाइल जोड़ने से आपके डिवाइस की रैम मेमोरी बढ़ जाएगी, और आप विशेष रूप से सारे गेम में अधिक स्मूथनेस देखेंगे।पृष्ठभूमि प्रक्रियाओं को समाप्त करके आप अपने मोबाइल को ग्राफिकल इंटरफ़ेस में तेज़ी से प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

अन्य विशेषताएं- SWAP RAM

  1. समर्थित एंड्रॉइड एपीआई 15+ (आईसीएस) नवीनतम संस्करण एपीआई 29+ (क्यू) के लिए
  2. डीएनएस रूट / वीपीएन सेवाओं का उपयोग करके ऑटो का पता लगाएं
  3. DNS सेवा प्रदाता और निहित डिवाइस द्वारा समर्थित अनौपचारिक DNS पोर्ट
  4. Iptables/ip6tables नेट टेबल सपोर्ट चेकर में सुधार करें
  5. उपलब्ध नेटवर्क के बिना सेवा शुरू करें
  6. डायलॉग के बारे में इन-ऐप ऑर्डर आईडी दिखाएं
  7. – समर्थित उपकरणों के लिए जोड़ा गया DNS लुकअप

सामान्य प्रसनुतोर- SWAP RAM

मैं बाहरी एसडी कार्ड के लिए स्वैप मेमोरी का स्थान क्यों नहीं बदल सकता?कुछ डिवाइस SWAP मेमोरी लोकेशन को बदलने का समर्थन नहीं करते हैं, जब इसकी पहचान हो जाती है, तो एप्लिकेशन स्वयं ही फ़ंक्शन को सूचित और अक्षम कर देता है।मैंने स्वैप मेमोरी बनाई है, लेकिन उपयोग/प्रयुक्त बार 0 एमबी पर रहता है। क्या हुआ?इसका मतलब है कि आपके डिवाइस को अभी तक SWAP मेमोरी का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। उपयोग की प्राथमिकता बढ़ाएँ, इससे Android SWAP मेमोरी को अधिक प्राथमिकता देगा। मेरी डिवाइस सेटिंग्स में मेरी रैम सेटिंग्स क्यों नहीं बढ़ीं?आपके डिवाइस की सेटिंग में प्रदर्शित होने वाली मेमोरी भौतिक RAM है। क्योंकि SWAP एक एमुलेटेड RAM मेमोरी है, यह वहां दिखाई नहीं देगी।

क्या मैं मेमोरी बनाने के बाद एप्लिकेशन को अनइंस्टॉल कर सकता हूं?नहीं! मेमोरी सक्रिय होने वाले एप्लिकेशन पर निर्भर करती है।मैंने SWAP मेमोरी बनाई है लेकिन मैं इसे हटा नहीं सकता, मैं क्या करूँ?आपका Android डिवाइस संभवतः निष्कासन को रोक रहा है। Android प्रारंभ करते समय SWAP सक्षम करें को अनचेक करें, डिवाइस को पुनरारंभ करें, एप्लिकेशन खोलें, और SWAP मेमोरी को फिर से हटाने का प्रयास करें।क्या एप्लिकेशन को अनइंस्टॉल करने से पहले मुझे SWAP मेमोरी को हटाना होगा?यदि आप अपने मेमोरी को हटा कर app को अनइंस्टॉल करते हैं तो यह आपके डिवाइस पर जगह ले लेगा और आपके फ़ोन की RAM बढ़ जायेगा I

इंदौर में सिम स्वैपिंग से 20 लाख का फ्रॉड: आपका सिम दूसरा कैसे इस्तेमाल करता है; एक्सपर्ट से जानिए-क्या है नया साइबर फ्रॉड, कैसे बचें?

इंदौर में सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए साइबर क्रिमिनल्स ने गोकुलदास हॉस्पिटल के मालिक को 20 लाख की चपत लगा दी। क्रिमिनल्स ने उनके मोबाइल सिम कार्ड को दो बार बंद करवाया। OTP (वन टाइम पासवर्ड) शेयर करवाकर दो दिन में यह रकम निकाली। शहर में सिम कार्ड स्वैपिंग कर इतनी बड़ी रकम निकालने का यह पहला मामला है। साइबर सेल SP जितेंद्र सिंह के मुताबिक 12 से 14 दिसंबर के बीच हॉस्पिटल मालिक के बैंक के करंट अकाउंट से 10 आप स्वैप की गणना कैसे करते हैं? बार ट्रांजेक्शन कर 20 लाख रुपए निकाले गए हैं। अकाउंट उनके भतीजे तन्नू अग्रवाल के नाम पर है।

मौजूदा दौर में हर किसी के पास स्मार्टफोन्स हैं। होटल बुकिंग, टिकट बुकिंग और बैंकिंग तक स्मार्टफोन के जरिए ही हो रही हैं। स्मार्टफोन के जरिए ही सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग को भी अंजाम दिया जा रहा है। USA की जांच एजेंसी FBI के अनुसार कोरोना के बाद से विश्व में साइबर फ्रॉड के 630% मामले बढ़ चुके हैं। इंडिया में रोजाना 5.5% साइबर फ्रॉड की शिकायत आ रही हैं। ये तब है, जब 3% लोग ही थाने जाकर शिकायत दर्ज करो हैं। सिम स्वैपिंग क्या है? कैसे साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है, जानते हैं साइबर एक्सपर्ट गौरव रावल से .

क्या है सिम स्वैपिंग?
सिम स्वैप का सीधा मतलब सिम कार्ड को बदल देना या उसी नंबर से दूसरा सिम निकलवा लेना है। सिम स्वैपिंग में आपके मोबाइल नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। इसके बाद आपका सिम कार्ड बंद हो जाता है और आपके मोबाइल से नेटवर्क गायब हो जाता है। ऐसे में ठग के पास आपके मोबाइल नंबर से सिम चालू हो जाता है और इसी का फायदा उठाकर वह आपके नंबर पर OTP मंगाता है और फिर आपके खाते से पैसे उड़ा लेता है।

  • इस तरह के फ्रॉड में साइबर क्रिमिनल्स लोगों के पास फोन करते हैं और दावा करते हैं कि वे आपके सिम कार्ड की कंपनी जैसे एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया या जियो के ऑफिस से बोल रहे हैं। ये ठग लोगों से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और कॉल ड्रॉप को ठीक करने का दावा करते हैं। यह भी कहते हैं कि आपकी सिम खराब हो चुकी है। ऐसे फोन कॉल्स करने के लिए सैटरडे या फिर उन दिनों को चुनते हैं, जब 2 से 3 दिन लगातार छुट्‌टी हो।
  • फ्रॉड करने वाला लोगों को झांसे में लेकर एक मेल एड्रेस देता है। एक लिंक प्रोवाइड कराता है। कहता है कि दिए गए लिंक पर फॉर्म फिल कर दीजिए, जिससे कि आपकी सिम एक्टिवेट करने का क्यूआर कोड आपके मोबाइल में आ जाएगा।
  • अब होता यह है कि कस्टमर इस फॉर्म को फिल कर जैसे ही भेजता है, तो कंपनी जो क्यूआर कोड प्रोवाइड कराती है, वो सीधे हैकर के पास पहुंच जाता है। अब हैकर इस कोड को स्कैन कर कस्टमर के नंबर की सिम अपने मोबाइल में एक्टिवेट (इसे ई-सिम कहते हैं) कर लेता है। इस प्रोसेस में 4 से 12 घंटे लगते हैं। इधर, कस्टमर के मोबाइल की सिम बंद हो जाती है। इसके बाद हैकर कस्टमर के इस मोबाइल नंबर (जो बैंक में भी रजिस्टर है) के जरिए खाता खाली कर देता है।
  • एक बार में ही साइबर अपराधी आपकी सिम का एक्सेस ले लेते हैं। इसके बाद आपकी सिम के जरिए ही आपकी बैंक डिटेल्स का पता लगा लिया जाता है। इससे जितने भी वेरिफिकेशन होते हैं, वो आपके सिम के द्वारा कर दिए जाते हैं। इसके बाद जब भी कोई ट्रांजेक्शन होता है तो आपको पता नहीं चलता है।

कई इंटरनेशनल साइट्स सिर्फ OTP मांगती हैं, पूरी डिटेल नहीं

साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, सिम स्वैपिंग से फ्रॉड करने का तरीका कोरोना की पहली लहर के बाद ज्यादा बढ़ गया है। दुकान और शॉपिंग मॉल्स घर बैठे लोगों को फैसिलिटीस प्रोवाइड करा रही हैं, ऐसे में फ्रॉड भी इसका फायदा उठा रहे हैं। ऐसी कई इंटरनेशनल साइट्स हैं, जिनके जरिए हैकर्स ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा देते हैं या फिर ऑनलाइन मार्केटिंग कर लेते हैं। दरअसल, ऐसी साइट्स सिर्फ ओटीपी मांगती हैं। कस्टमर्स की डिटेल नहीं। डार्क वेब में यह सब होता है।

इंटरनेट का अंडरवर्ल्ड डार्क वेब
गूगल, याहू या कोई दूसरा सर्च इंजन सिर्फ इंटरनेट को 4% तक ही कवर करते हैं। बाकी 96% डीप वेब या डार्क वेब कहलाता है। साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, इंटरनेट का केवल 4% हिस्सा ही जनरल पब्लिक के लिए विजिबल होता है। इसे सरफेस वेब कहा जाता है। इंटरनेट पर 96% वेबसाइट्स को जनरल पब्लिक से हिडन रखा जाता है। इनके आईपी एड्रेस डिटेल को जानबूझकर छिपाया जाता है। इसके लिए यूजर्स Tor जैसे सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं। डार्क वेब को इंटरनेट का अंडरवर्ल्ड भी कहा जा सकता है। दरअसल, यहां सारी इल्लिगल एक्टिविटीज होती हैं। पोर्न, चाइल्ड ट्रैफिकिंग और ऐसे वो काम होते हैं, जो क्राइम में आते हैं। यहां आप किसी का भी क्रेडिट कार्ड नंबर और उसकी बैंकिंग डिटेल्स तक खरीद सकते हैं। हैकर, इसलिए ट्रैस नहीं हो पाते क्योंकि डार्क वेब में यूज होने वाला सर्च इंजन हर बार अलग आईपी एड्रेस और सरवर जेनरेट करता है।

कैसे बनती है ई-सिम
इस फैसिलिटी में आपको प्लास्टिक की सिम अपने मोबाइल में इंसर्ट नहीं करना पड़ती है। क्यूआर कोड के जरिए कंपनी सीधे मोबाइल हैंडसेट में इसे इंस्टॉल कर देती है। इससे आप बिना सिम कार्ड इंसर्ट किए मोबाइल यूज कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए मोबाइल हैंडसेट का सपोर्टिव होना आप स्वैप की गणना कैसे करते हैं? भी जरूरी है। यह फैसिलिटी महंगे हैंडसेट में ही अवेलेबल है।

कैसे बचें
जब भी आपके पास किसी अनजान नंबर से फोन आते है, तो आप उसे किसी तरह की पर्सनल जानकारी न दें। दिक्कत है तो कंपनी के ऑफिस जाकर ही बात करें। किसी भी व्यक्ति द्वारा बताए गए ई-मेल एड्रेस का उपयोग ना करें। अपने खुद के पर्सनल ईमेल आईडी का इस्तेमाल करें। अपनी निजी जानकारी किसी भी व्यक्ति को ना दें। कोई भी कस्टमर केयर, जो कि कंपनी का हो, वह आपसे आपकी निजी जानकारियां नहीं मांगता है।

. खबर को लेकर आपकी क्यूरीज है या कुछ और जानकारी चाहते हैं या साझा करना चाहते हैं तो इस आईडी [email protected] पर मेल कर सकते हैं।

सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना देगी! समझिए 'सिम स्वैप' फ्रॉड आखिर है क्या?

हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.

मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है.

मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. फेक नंबर से कॉल आना, SMS से लिंक भेजना, फ्रॉड के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. 'सिम स्वैप' के जरिए चंद मिनटों में आपके खाते का पैसा चुरा लिया जाता है. आप इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पाते लेकिन, खाता साफ हो चुका होता है. आपकी सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना सकती है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.

क्या है 'सिम स्वैप'?
सिम स्वैप के जरिए फ्रॉड करने के कई तरीके हैं. जैसा नाम से ही समझा जा सकता है कि सिम स्वैप का मतलब आपके फोन के सिम का इस्तेमाल करना. सिम कार्ड में यूजर का डाटा स्टोर होता है. सिम यूजर की ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो, आपके पास जो भी सिम है, वह अचानक बंद हो जाता है. आपके नाम से जो भी सिम है, उस सिम को हैकर स्वैप कर लेते हैं. फिर स्वैप किए गए सिम को क्लोन करके उसका नकली (डुप्लीकेट सिम) बनाया जाता है. अब वही नंबर को हैकर अपने नाम से शुरू करता है. फिर हैकर आपके सभी बैंकों के OTP को जेनरेट करके उसका गलत फायदा उठता है. OTP की मदद से अकाउंट से चंद मिनटों में पैसे निकाले जाते हैं.

कैसे शुरू होती है धोखाधड़ी?
सिम स्वैप फ्रॉड का सबसे आसान तरीका है. यह एक कॉल के जरिए शुरू होता है. आपके नंबर पर एक कॉल आएगी, जिसमें टेलीकॉम कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर हैकर आपको कॉल करेगा. इस कॉल पर आपको नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए फोन नंबर ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा जाएगा. साथ ही कुछ प्लान और ऑफर बताए जाएंगे. कॉलर आपसे नेटवर्क सुधारने के लिए आपसे सिम के पीछे प्रिंट 20 डिजिट वाला नंबर पूछता है. हैंकर्स को जैसे ही आप 20 डिजिट वाला नंबर बताएंगे तो आपसे 1 दबाने को कहेगा. यह सिम स्वैप करने की सहमति के लिए होता है. टेलीकॉम कंपनी आपकी इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेगी. इस तरह आपका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएगा और दूसरा यानी स्वैप किया गया सिम एक्टिवेट हो जाएगा.

OTP के लिए होता है सिम स्वैप
सिम स्वैप करने वाले हैकर के पास आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स होती हैं या फिर आपका डेबिट कार्ड का नंबर होता है. बस जरूरत होती है तो ओटीपी की, सिम स्वैपिंग की मदद से उसे ओटीपी भी मिल जाएगा. इसके बाद चंद मिनटों में आपके अकाउंट से सारे पैसे ट्रांसफर कर लिए जाएंगे.

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सिम स्वैप फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?
सिम स्वैप फ्राड से बचने के लिए 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए.
1. अगर आपका नंबर कुछ घंटों के लिए अचानक काम करना बंद कर दे, तो तुरंत अपने ऑपरेटर से इसका कारण पता कीजिए.
2. सिम के पीछे लिखा हुआ 20 अंकों वाला सिम नंबर किसी के भी साथ शेयर न कीजिए. ध्यान रखें आपकी कंपनी कभी सिम नंबर नहीं पूछेगी.
3. जिस मोबाइल नंबर से आपके बैंक और दूसरे खाते लिंक हैं, उसे कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिस्प्ले न करें.
4. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.
5. अगर किसी अनजाने ई-मेल या फोन कॉल में आपके अकाउंट या मोबाइल नंबर की डीटेल्स मांगी जाएं तो कभी शेयर न करें.

e-Scooter बनाने वाली ‘Bounce’ ने बनाए Battery Swapping Station, चार्जिंग को न करना होगा इंतजार; जानें- कैसे करते हैं ये काम

बाउंस ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को खास स्वैपिंग बैटरी के विकल्प के साथ लॉन्च किया है। इससे ग्राहकों के पास बैटरी के साथ या बिना बैटरी के बाउंस स्कूटर खरीदने का विकल्प उपलब्ध है। साथ ही ग्राहक कंपनी द्वारा स्थापित स्वैपिंग पॉइंट्स से बैटरी किराए पर भी ले सकते हैं।

e-Scooter बनाने वाली ‘Bounce’ ने बनाए Battery Swapping Station, चार्जिंग को न करना होगा इंतजार; जानें- कैसे करते हैं ये काम

बाउंस ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को खास स्वैपिंग बैटरी के विकल्प के साथ लॉन्च किया है। (सांकेतिक फोटो)

इंफिनिटी ने अपना E1 इलेक्ट्रिक स्कूटर इसी महीने की शुरुआत में लॉन्च किया था। जिसकी बैटरी और चार्जर सहित कीमत 68,999 रुपये रखी गई थी। वहीं बिना बैटरी के E1 इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत 36,000 रुपये रखी गई थी। वहीं अब इंफिनिटी की पेरेंट कंपनी बाउंस देशभर में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन तैयार करने जा रही है। जहां आप अपने इंफिनिटी E1 इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को खत्म होने पर चेज कर सकते हैं और आपको इसके लिए इंतजार भी नहीं करना होगा। आपको बता दें बाउंस कंपनी मेट्रो शहरों में हर एक किलोमीटर पर अपना बैटरी स्वैपिंग स्टेशन शुरू करना चाहती है। आइए जानते हैं कि, बाउंस का स्वैपिंग स्टेशन कैसे काम करेगा।

बाउंस ने बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिए इनसे की पार्टनरशिप – बाउंस देशभर में 8 हजार बैटरी स्वैपिंग स्टेशन लगाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कंपनी ने पार्क प्लस, रेडीसिस्ट, किचंस, हैलोवर्ल्ड और गुडबॉक्स जैसी कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है। वहीं कंपनी का प्लान है कि, एक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन से दूसरे बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के बीच की दूरी एक किमी से ज्यादा नहीं होगी।

बाउंस के सह-संस्थापक और CEO विवेकानंद हलकेरे ने कहा, “हम भारत में 10 लाख से अधिक स्कूटरों के लिए स्वैपिंग स्टेशन बनाने के अपने मिशन को पूरा करने के लिए नोब्रोकर के साथ हुई साझेदारी के लिए उत्साहित हैं। यह उपभोक्ताओं के लिए आसान स्वैपिंग अनुभव प्रदान करेगा और हमें अपने लक्ष्यों तक तेजी से पहुंचाने में मदद आप स्वैप की गणना कैसे करते हैं? करेगा।”

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बाउंस क्यों लगा रही बैटरी स्वैपिंग स्टेशन? बाउंस ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को खास स्वैपिंग बैटरी के विकल्प के साथ लॉन्च किया है। इससे ग्राहकों के पास बैटरी के साथ या बिना बैटरी के बाउंस स्कूटर खरीदने का विकल्प उपलब्ध है। साथ ही ग्राहक कंपनी द्वारा स्थापित स्वैपिंग पॉइंट्स से बैटरी किराए पर भी ले सकते हैं। शुरुआत में यह विकल्प केवल छह शहरों- बैंगलोर, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, दिल्ली और विजयवाड़ा में उपलब्ध होगी।

ऐसे बुक कर सकते हैं इंफिनिटी स्कूटर – कंपनी की वेबसाइट (bounceinfinity.com) पर इसे मात्र 499 रुपए में बुक किया जा सकता है, जबकि मार्च 2022 में इसकी डिलीवरी शुरू कर दी जाएगी। बाउंस का कहना है कि यह स्कूटर 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भाग सकता है। स्वैपेबल बैट्री वाला यह स्कूटर काले, ग्रे, लाल, सफेद और सिल्वर कलर में उपलब्ध है।

फर्जी सिम के जरिए अपराधी खाली कर सकते हैं आपका बैंक अकाउंट, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

पिछले कुछ समय में बैंक धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं. अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है.

फर्जी सिम के जरिए अपराधी खाली कर सकते हैं आपका बैंक अकाउंट, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है.

कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के दौर में लोग अपना ज्यादातर समय स्मार्टफोन (Smartphone) या लैपटॉप पर बिताते हैं. ऐसे में लोग अपना बैंक (Bank) से जुड़ा कामकाज भी ऑनलाइन करते हैं. साइबर अपराधी भी अब इसका फायदा उठा रहे हैं. वे लोगों को झांसे में फंसाकर कुछ मिनटों में उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. पिछले कुछ समय में बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले तेजी से बढ़े हैं. अपराधी लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से एक तरीका सिम स्वैप (SIM Swap) भी है. आइए जानते हैं कि सिम स्वैप क्या है और इससे कैसे बचा सकता है.

सिम स्वैप क्या है?

मोबाइल फोन बैकिंग के लिए एक आसान माध्यम है. व्यक्ति को मोबाइल के जरिए अकाउंट से संबंधित अलर्ट, वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP), यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN), 3 डी सिक्योर कोड आदि मिलते हैं.

सिम स्वैप या एक्सचेंज के तहत, अपराधी आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के लिए मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के जरिए नया सिम कार्ड जारी करा लेता है. नए सिम कार्ड की मदद से, अपराधी को आपके बैंक अकाउंट के जरिए वित्तीय ट्रांजैक्शन करने के लिए जरूरी URN/OTP और अलर्ट मिल जाते हैं.

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