कंपनी के अन्य प्रतिस्पर्धी।

Fundamental Analysis

fundamental anaylsis क्या होता हे ?

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शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उस कंपनी का फंडामेंटल होता हे.fundamental analysis करना मतलब किसीभी कंपनी की पूरी हिस्ट्री निकलने जैसा हे. तो चलिए आज फंडामेंटल का पूरा पाठ पड़ते हे.

दोस्तों आज हम fundamental anaylsis kya hota he के बारे में जानेंगे , कई लोगो को फंडामेंटल नाम सुनते ही डर लगता हे. की क्या होता होगा ये ,और इसको जानने के लिए तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ती होती। या किसी चार्टेन अकाउंटेंट की जरुरत पड़ती होती। लेकिन दरसल ऐसा नहीं हे हम लोगो में ये ब्रह्म पैदा कर दिया हे। की फंडामेंटल एनालिसिस के लिए किसी वक्सपर्ट की जरुरत हे.

fundamental analysis

fundamental analysis का मतलब होता हे की किसी भी कंपनी का पिछले रिकॉर्ड निकलना मतलब कंपनी की पूरी जानकारी निकलना जैसे की कंपनी की बैलेंस शीट ,कंपनी का प्रॉफिट एंड लोस ,कंपनी का प्रोडक्शन क्या हे ,या फिर कंपनी की पूरी हिस्ट्री। किसीभी कंपनी में निवेश करने के लिए एक्सपर्ट उस कंपनी के फंडामेंटल को समझते हे।

कंपनी का फंडामेंटल देखने से हमें कंपनी की ग्रोथ पता चलती हे। लॉन्ग टर्म निवेशक जो होते हे वह कंपनी के फंडामेंटल देखके ही कंपनी में इन्वेस्ट करते हे। फंडामेंटल एनालिसिस के भी दो प्रकार पड़ते हे जैसे की एक होता हे qualitative analysis और दूसरा होता हे quantitative analysis .तो चलिए हम इन दोनों के बारे सविस्तर देखते हे.

qualitative analysis;

qualitative analysis में किसीभी कंपनी की एनालिसिस नंबर की फॉर्म्स में नहीं जाना जा सकता। जैसे की इसमें हम कंपनी की ब्रैंड वैल्यू देखते हे.कंपनी का प्रोडक्ट्स देखते हे,कंपनी के प्रमोटर देखते हे। कंपनी के कॉम्पिटिटर के साथ उसकी तुलना करते हे इससे हमें कंपनी की जानकारी मिलती तो हे लेकिन वो नंबर के फॉर्म में नहीं रहती।

इसका मतलब किसीभी कंपनी का qualitative analysis हर एक व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता वो उसी व्यक्ति पे निर्भर हे की वह व्यक्ति उस कंपनी के qualitative analysis को कैसे देखता हे। किसी के लिए कंपनी की ब्रैंड वैल्यू मायने नहीं रखती होगी तो किसी के लिए ब्रैंड वैल्यू बहुत इम्पोर्टैंट होगी। इसीलिए qualitative analysis हेर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकता हे।

quantitative analysis;

quantitative analysis में हम कंपनी को नंबर्स की फॉर्म में जान सकते हे। जैसे की किसीभी कंपनी का ग्रोथ देखना हे तो उसका फायदा और नुकसान देखा जा सकता हे। उसकी बैलेंस शीट देखि जा सकती हे. या फिर कंपनी के रेश्यो होते हे. जैसे की PE ratio ,cash erning ratio,eps ratio,divident ratio ऐसे कई सार रेश्यो हम quantitative analysis में देखते हे।

कंपनी के पास कितने कॅश फ्लो हे ,कंपनी के पास असेट्स (मालमत्ता ) कितने हे। कंपनी की इन्वेंटरी इन सब के बारे में quantitative analysis में पता चलता हे या देखा जाता हे। अगर किसी भी कंपनी का फंडामेंटल ठीक नहीं हे. या फिर वीक हे तो उससे हम कंपनी की वर्तमान स्तिति को समज सकते हे।

किसीभी कंपनी का fundamental analysis कैसे करते हे.

किसी भी कंपनी का अगर हमें फंडामेंटल एनालिसिस करना हे। तो हम सबसे पहले कंपनी की बैलेंस शीट देखेंगे। इससे हमें कंपनी की पूरी जनम कुंडली पता चलती हे. किसी भी कंपनी का फंडामेंटल देखने के लिए हम गूगल में www.nseindia.com जाके चेक कर सकते हे। ये एक सेबी रेजिस्टेड गवर्नमेंट वेबसाइट हे इसमें हमें कंपनी की पूरी जानकारी मिल जाती हे। इससे आपको न तो किसी एक्सपर्ट की जरुरत पड़ेगी। नहीं किसी चार्टेन अकॉउंटट की।

मौलिक विश्लेषण (एफए) क्या है?

सफल ट्रेडर आमतौर पर मूल रूप से मजबूत कंपनियों को मूल रूप से कमजोर कंपनियों से अलग करके मुनाफे का रास्ता बनाते हैं। यह किसी कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य का फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? विश्लेषण करने की एक विधि है जिसे देखकरआय बयान,नकदी प्रवाह,बैलेंस शीट और अन्य दस्तावेज।

FA का लक्ष्य उन कंपनियों को खोजना है जो a . पर कारोबार कर रही हैंछूट उनके आंतरिक मूल्य से। आंतरिक मूल्य स्टॉक का सही मूल्य है। यह स्टॉक की कीमत है, जो पूरी तरह से कंपनी के अंदर के कारकों पर आधारित है। इसका मतलब यह भी है कि इसमें शामिल बाहरी शोर को खत्म करनामंडी कीमतें।

इसलिए व्यापारी ऐसे शेयरों में व्यापार करते हैं, इस उम्मीद में कि जब बाजार उनकी गुणवत्ता को पहचानता है, तो कीमत अधिक हो जाती है, जिससे उच्च लाभ होता है।

मौलिक विश्लेषण की मूल बातें

मौलिक विश्लेषण करते समय विचार करने वाले कारक हैं:

  • कंपनी की वित्तीय स्थिरता
  • साल-दर-साल प्रदर्शन
  • विकास दर और बिक्री दर
  • पिछला ट्रैक रिकॉर्ड
  • बाजार में हिस्सेदारी
  • प्रतिस्पर्धी विश्लेषण
  • कंपनी का कर्ज रिकॉर्ड
  • कर्मचारी दर
  • कारपोरेट छवि
  • प्रबंध

इन निम्नलिखित मापदंडों के साथ-साथ वर्तमान आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

मौलिक विश्लेषण के प्रकार

मौलिक विश्लेषण दो प्रकार का होता है-गुणात्मक और मात्रात्मक। इन दो अवधारणाओं पर एक नज़र डालें:

गुणात्मक विश्लेषण

यह विश्लेषण कंपनी के प्रबंधन, नैतिकता, ब्रांड मूल्य, बाजार पर प्रतिष्ठा, कॉर्पोरेट प्रशासन प्रथाओं, व्यावसायिक रणनीतियों आदि जैसे व्यवसाय के गुणात्मक पहलू को पकड़ता है।

खैर, गुणात्मक विश्लेषण अत्यधिक व्यक्तिपरक है। निवेशकों द्वारा निवेश का निर्णय लेना एक गैर-गणितीय अध्ययन भी है। कुछ व्यापारियों का मानना है फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? कि किसी कंपनी की अखंडता और कौशल को जानना और निवेश पर निर्णय लेने और निर्णय लेने का सबसे अच्छा तरीका है। हालाँकि, गुणात्मक विश्लेषण में महारत हासिल करने में वर्षों लग सकते हैं।

मात्रात्मक विश्लेषण

यह आपको समझने की अनुमति देता हैवित्तीय प्रदर्शन एक कंपनी फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? का। वित्तीय अनुपातों का उपयोग करके विश्लेषक आचरण विधि जैसे-

मौलिक विश्लेषण का उद्देश्य

स्टॉक के मूल्य का निर्धारण

एफए यह निर्धारित करने में मदद करता है कि बाजार में स्टॉक का सही मूल्यांकन किया गया है या नहीं। एक बारइन्वेस्टर संपत्ति के संख्यात्मक मूल्य को निर्धारित करता है, फिर वे इसकी तुलना वर्तमान बाजार मूल्य से कर सकते हैं ताकि यह आकलन किया जा सके कि संपत्ति अधिक या कम मूल्यांकित है या नहीं।

तर्कसंगत निर्णय

यह विश्लेषण व्यापारियों को स्थिति लेने में तर्कसंगत निर्णय लेने के लिए सही जानकारी इकट्ठा करने में मदद करता है। व्यापारियों की स्थिति देखते हैंअर्थव्यवस्था, राजनीति, वर्तमान बाजार और कंपनी के सूक्ष्म कारकों का भी अध्ययन करें।

शेयरों का मौलिक विश्लेषण भविष्य के विकास, राजस्व का उपयोग फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? करता है,आय, कंपनी के प्रदर्शन और मूल्य को देखने के लिए इक्विटी पर वापसी, और कई अन्य डेटा और वित्तीय अनुपात। इसमें मुख्य रूप से कंपनी की वित्तीय स्थिति को देखना शामिल हैबयान महीनों या वर्षों के लिए।

फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए क्या जरूरी हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस सिखने के लिए जरूरी नहीं हैं की आप CA हो या बोहोत पढे लिखे हो ।

इंटरनेट की दुनिया मे आज हर कोई फंडामेंटल एनालिसिस सिख सकता हैं, चाहे वह पढ़ा लिखा हो या नहीं ।

सिर्फ आप को शेयर बाजार सीखने मे रुचि होनी चाहिए ।

मौलिक विषलेशन मे आप क्या देखते हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस को हिंदी मे मौलिक विषलेशन कहते हैं ।

मौलिक विषलेशन हम देखते हैं –

  • कंपनी की वर्षीक रिपोर्ट (Annual Report)
  • लाभ और हानि खाता (Profit & Loss Statement)
  • तुलन पत्र (Balance Sheet)
  • नकद प्रवाह विवरण (Cash Flow Statement)
  • Financial Ratio analysis
  • Equity Research
  • DCF (Discounted Cash flow)
  • Industry Analysis
  • कंपनी का मैनेजमेंट

इत्यादि चीजे हम मौलिक विषलेशन करते समय देखते हैं ।

(स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे इसकी विस्तार मे जानकारी आने वाले आर्टिकल मे दी जाएगी । )

निष्कर्ष

इस आर्टिकल के जरिये आप जान पाए होंगे की फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ? और उसके फायदे क्या हैं ?

फंडामेंटल एनालिसिस एक जरिया हैं जो की हम किसी कंपनी को जान पते हैं ।

इससे हमें निवेश करने में आसानी होती हैं और हम बड़ी आसानी से निवेश कर पाते हैं ।

इसे हर कोई सिख सकता हैं ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल –

1 . फंडामेंटल एनालिसिस क्या हैं ?

Ans:- फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्केट मे स्टॉक को एनालिसिस करने का एक तरीका हैं ।

2 . फंडामेंटल एनालिसिस का क्या फायदा हैं ?

Ans:- फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए शेयर की intrinsic Value यानि की शेयर की वर्तमान कीमत को देखकर भविष्य मे शेयर कैसे प्रदर्शन कर सकता हैं उसकी जानकारी मिलती हैं ।

Fundamental Analysis in Hindi – Step by Step

Fundamental Analysis in Hindi

दोस्तो आपमे से कई लोगो ने हमे बोला था की आपको Fundamental Analysis के step by step के Articles चाहिए ताकि आप बहुत आसानी से सीख सके। तो हमने आपके लिए इस Page मे Step by Step सीखने के लिए Articles के Number और उसकी Link दे दी है। आप इसका उपयोग कर के Free मे Fundamental Analysis सीख सकते है।

अगर आपको इन Articles से सीखने को मिले तो इसे दूसरों के साथ शेयर करना ना भूले। धन्यवाद।

Share ka fundamental analysis kaise karen

कभी भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से पूर्व फंडामेंटल एनालिसिस को समझना अति महत्वपूर्ण होता है। फंडामेंटल एनालिसिस शेयर मार्केट का आधार है। इसके अंतर्गत किसी भी कंपनी के वित्तीय डाटा की जांच करके शेयर की इन्ट्रिसिक वैल्यू को मापना होता है।

इसके अंतर्गत निवेशक कंपनी के वित्तीय डाटा की जांच कर कंपनी के शेयर का उचित मूल्य निकालता है तथा इसकी तुलना शेयर के वर्तमान मूल्य के साथ करता है।

इसमें निवेशक देखता है कि अगर शेयर का उचित मूल्य, शेयर के मार्केट मूल्य से ज्यादा है तो शेयर अंडरवैल्यूड होता है इसमें खरीददारी का मौका होता है।

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