Olymp trade, Binomo जैसे बाइनरी ट्रेडिंग एप से रहिए सावधान, कमाने के बजाय डूब जाएगा पैसा

beware of binary trading, you will loose all your hard earned money in seconds

आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।

करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा

कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।

क्यों है खतरनाक

बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ इनको भारत में व्यापार करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।

इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।

ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में

बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।

शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।

कम से कम 3000 डॉलर का निवेश

अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।

हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।

केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता

लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।

फिलहाल भारत में यह एप हो रहे हैं पॉपुलर

आजकल सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर बाइनरी ट्रेडिंग कराने वाले एप का प्रचार जोर शोर से हो रहा है। यह मोबाइल एप लोगों को जल्द से जल्द पैसा कमाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में इनमें अगर आप निवेश करते हैं, तो फिर पैसा बढ़ने के बजाए डूबेगा।

करते हैं लाखों रुपये कमाने का वादा

कम निवेश में यह बाइनरी ट्रेडिंग एप लोगों को ज्यादा पैसा कमाने का वादा करते हैं। इन कंपनियों का कहना होता है कि लोग 10 डॉलर (700 रुपये) के छोटे से निवेश से एक माह बाद 10000 हजार डॉलर (7 लाख रुपये) तक कमा सकते हैं। हालांकि ऐसा हकीकत में कुछ भी नहीं होता है। यह एक तरह का छलावा है, जैसा हाल ही में क्लिक एंड लाइक, बाइक बोट, स्पीक एशिया ने लोगों के साथ किया था और लाखों लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए थे।

क्यों है स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ खतरनाक

बाइनरी ट्रेडिंग एप इसलिए भी खतरनाक हैं, क्योंकि इनको भारत में व्यापार स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ करने के लिए किसी भी तरह की मान्यता सेबी, आरबीआई या सरकार से नहीं मिली है। वहीं अगर कोई व्यक्ति थोड़े बहुत पैसे भी इन बाइनरी एप से कमा लेता है, तो वो फेमा कानून के तहत फंस सकता है। दूसरी तरफ इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन टैक्स हैवेन देशों में हैं, जहां से आप किसी तरह की कोई मदद नहीं पा सकते हैं।

इन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी अपने एक्सचेंज पर मान्यता नहीं दी हुई है। विदेश में इनका बिजनेस ठप सा पड़ गया है, इसलिए अब इन्होंने अपना रूख भारत की तरफ मोड़ लिया है। यह एक तरह का जुआ है, जिसमें 98 फीसदी लोग अपनी रकम को डूबा देते हैं। केवल दो फीसदी लोग ही कुछ पैसा कमा पाते हैं।

ऐसे काम होता है बाइनरी ट्रेडिंग में

बाइनरी ट्रेडिंग में विदेशी मुद्रा, क्रिप्टोकरेंसी और सोने-चांदी जैसी कमोडिटी में ट्रेडिंग करने का ऑप्शन दिया जाता है। यहां पर लोगों को अनुमान लगाना होता है कि फलां कमोडिटी कितना आगे या फिर नीचे जाएगी। मान लीजिए आपने डॉलर पर अनुमान लगाया कि वो अगले एक से पांच मिनट में नीचे जाएगा, और आपने 10 डॉलर के साथ स्ट्राइक लगाई। अब एक मिनट में जो डॉलर नीचे जा रहा था, वो एकदम से ऊपर चला जाएगा। इससे आपके वो 10 डॉलर भी डूब जाएंगे। आप जितना भी पैसा लगाएंगे वो डूबता ही चला जाएगा।

शुरुआत में यह कंपनियां रजिस्ट्रेशन करने के बाद 10 हजार डॉलर का वर्चुअल पैसा डालती हैं, जिससे लोग इसके बारे में पूरी तरह से ज्ञान ले लें। लोग वर्चुअल में जब खेलकर थोड़ा भी ज्ञान ले लेते हैं, तब इसमें पैसा निवेश करते हैं।

कम से कम 3000 डॉलर का निवेश

अगर आपने यहां से थोड़ा सा भी पैसा कमा लिया तो वो आप निकाल नहीं पाएंगे। इन ट्रेडिंग एप पर आपको कम से कम तीन हजार स्केलिंग ट्रेडिंग के लाभ डॉलर (करीब 2,10,000 रुपये) का निवेश करना होगा, तभी वो व्यक्ति इन खातों से जीता हुआ पैसा निकाल सकेगा। अगर उसने इतना पैसा नहीं निवेश किया तो उसको खाते से पैसा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलेगी।

हालांकि लोगों को निवेश करने के लिए अपने डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड (वीजा या मास्टरकार्ड) से पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार जहां आपने अपने कार्ड की डिटेल्स दे दी, तो समझ लीजिए कि आपका खाता हैक होने में देर नहीं लगेगी।

केवल नाम और ईमेल आईडी से सेकंडों में बनेगा खाता

लोगों को इन ट्रेडिंग एप पर केवल अपना नाम और ईमेल आईडी देनी होती है, जिसके तुरंत बाद ही खाता बन जाता है। यह कंपनियां किसी भी तरह का पासवर्ड या एप को इंस्टॉल करने के बाद लॉगआउट का ऑप्शन भी नहीं देती हैं।

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