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क्रिप्टो व्यापार करना सीखें

Learn to Trade Crypto

निवेशक क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को पसंद हैं क्योंकि वे बहुत अस्थिर हैं और यदि बाजार में सही ढंग से समय बद्ध हैं, तो ट्रेडिंग क्रिप्टो मुद्राएं पारंपरिक निवेशों की तुलना में बहुत अधिक रिटर्न ला सकती हैं। यह मत भूलो कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अपनी अस्थिर प्रकृति के कारण जोखिम भरा और लाभदायक दोनों है। वैसे हेजिंग या डाइवर्सिंग से रिस्क कम किया जा सकता है.

क्रिप्टो मुद्रा व्यापार एक सीएफडी ट्रेडिंग खाते के माध्यम से किया जा सकता है या एक्सचेंज के माध्यम से आधार सिक्के खरीदने और बेचने के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टो मुद्रा सीएफडी ट्रेडिंग व्यापारियों को अंतर्निहित सिक्कों के मालिक बनने के बिना क्रिप्टो मुद्राओं के मूल्य आंदोलनों पर अनुमान लगाने की अनुमति देता है.

क्रिप्टो मुद्रा व्यापार के बारे में जानें

क्रिप्टो करेंसी के साथ व्यापार करना सीखना भ्रमित हो सकता है। आइए देखें कि क्या हम आपको क्रिप्टो के साथ अधिक आरामदायक व्यापार महसूस करने में मदद करने के लिए मूल बातें तोड़ सकते हैं.

जैसा कि हमने पहले कहा था कि क्रिप्टो मुद्रा के साथ कोई भी व्यापार जोखिम का एक बड़ा सौदा के साथ आता है, क्योंकि यहां तक कि अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो मुद्राओं की अस्थिरता काफी अप्रत्याशित हो सकती है, जो एक जोखिम है जिसे प्रबंधित किया जा सकता है, लेकिन हम इसके बारे में एक और लेख में बात करेंगे.

नोट: हमेशा उतना ही निवेश करें जितना आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं, और अधिक नहीं

क्या आप क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) में नए हैं? कहां से करें शुरुआत और क्या हर कोई कर सकता है ट्रेडिंग? आइए जान लेते हैं

Are you new to Crypto Trading Where to start and can everyone do trading let's find out | क्या आप क्रिप्टो ट्रेडिंग (Crypto Trading) में नए हैं? कहां से करें शुरुआत और क्या हर कोई कर सकता है ट्रेडिंग? आइए जान लेते हैं

Highlights क्रिप्टो करेंसी ने पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से ग्रो की है। ऐसे में जिन लोगों ने धैर्य से काम लिया है आज वे करोड़पति बन गए है। आज की तारीख में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करना बहुत ही आसान बन गया है।

Crypto: वर्ष 2010 में 10000 रूपए की मूल्य के Crypto currency आज की तारीख में लगभग 66 करोड़ रूपए के हो गए हैं उस समय जिन्होंने धैर्य के साथ विश्वास करके invest बनाए रखा वो सभी आज करोड़पति बन गए।

Step 2. Choose the platform

Choose whether you want to use the MetaTrader 4 or MetaTrader 5 platform to trade. MetaTrader 4 is the long-established and arguably the best standard for pure Forex trading, while MetaTrader क्रिप्टो ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं 5 allows you to better set up your trading preferences. Research both and see which suits you best.

Step 3. Make your first deposit

Once your email and identity are verified, you can add funds to your trading account. Don’t forget that adding funds allows you to get a 50% deposit bonus and maximise your potential profit.

Step 4. Download the crypto trading system

Download the appropriate desktop or mobile MetaTrader app, and sign in with your trading account number, which you have received after the account registration in steps 1 and 2.

In order to start trading cryptocurrencies within the MetaTrader systems, you need to add them into the asset list:

Desktop: right-click on Market Watch and select Show All

Mobile: press +, select Crypto, and then choose the currencies you want to trade.

What you need to know about trading cryptocurrency

Trading cryptocurrency pairs don't require any specific knowledge. It's not that different from trading Forex, commodity, or other markets. Despite the asset's unusual nature, the crypto price rises and falls just like any other currency, stock, or commodity. As the crypto market is also affected by predictable external factors, you have the opportunity to make a substantial profit.

You can trade bitcoin, Ethereum, Litecoin, Bitcoin Cash, Ripple, and 25 other pairs with us 24/7. However, there is server maintenance when trading is unavailable from 12:00 a.m to 2:00 a.m. on Saturday and 3:30 a.m. to 4:00 a.m. on Sunday. In addition, you'll be able to get our free trading signals plugin that offers detailed technical analysis and some of the best crypto price predictions in the market.

Cryptocurrency : क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो वॉलेट में क्या फर्क होता है, यहां समझें

Cryptocurrency : क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो वॉलेट में क्या फर्क होता है, यहां समझें

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टो के सफर में क्रिप्टो एक्सचेंज और क्रिप्टो वॉलेट अहम फैक्टर हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टो वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज (Crytptocurrency exchange and crypto wallet) में क्या फर्क होता है? ये दोनों ही टूल्स क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग के लिए अहम हैं. लेकिन इन दोनों का ही काम एक दूसरे से काफी अलग-अलग होता है. ये दोनों ही क्रिप्टो इकोसिस्टम के अहम लेकिन अलग-अलग हिस्सा है. हम इस आर्टिकल में आपको बता रहे हैं कि ये दोनों चीजें क्या हैं और इनमें क्या फर्क है. और आप यह भी सीखेंगे कि क्यों आपको क्रिप्टो एक्सचेंज की जरूरत पड़ती है और क्यों क्रिप्टो के सफर में आपको क्रिप्टो वॉलेट की जरूरत पड़ेगी.

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बिटकॉइन और ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है. माइनिंग का मतलब नई डिजिटल कॉइन्स जेनरेट करने यानी पैदा करने से होता है. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इक्वेशन सॉल्व करने के बाद रिवॉर्ड के तौर पर यूजर को कॉइन्स मिलते हैं, यहां से इसे या तो किसी बायर को सीधे बेच दिया जाता है या फिर एक्स्चेंज पर इसकी ट्रेडिंग होती है. लेकिन एक निवेशक पहले से मौजूद कॉइन्स और टोकन्स को ही बस खरीदता और बेचता है.

क्रिप्टो एक्सचेंज पर ही क्रिप्टो ट्रे़डिंग होती है. एक्सचेंज पर आप अपनी क्रिप्टोकरेंसी स्टोर भी कर सकते हैं. वहीं, वॉलेट ऐसा माध्यम होता है जहां आप अपना ऐसा निवेश, जिसे आप ज्यादा सक्रियता के साथ इस्तेमाल नहीं करेंगे, उसे ज्यादा सुरक्षित तरीके से रख सकते हैं. यह भी बता दें कि अधिकतर बड़े एक्सचेंज अपना खुद का वॉलेट चलाते हैं.

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या होता है?

क्रिप्टो एक्सचेंज ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां आप बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो टोकन्स को ज्यादा स्थिर कीमतों और ज्यादा सिक्योरिटी के साथ खरीद और बेच सकते हैं. एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह काम करता है, यानी यह बायर और सेलर के बीच का माध्यम होता है. किसी एक्सचेंज के हिसाब से निवेशक पेमेंट के किसी भी माध्यम जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कार्ड ट्रांजैक्शन, यूपीआई वगैरह से इसपर अपना पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जिसे वहां से क्रिप्टो कॉइन या टोकन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

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एक्सचेंज पर में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, एक्सचेंज पर आप अपने क्रिप्टो कॉइन्स या टोकन्स को फ्लैट करेंसी में भी कन्वर्ट करा सकते हैं.

क्रिप्टो वॉलेट क्या होता है?

क्रिप्टो वॉलेट बेसिकली एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है, जिसमें आप क्रिप्टो कॉइन्स स्टोर करते हैं. मान लीजिए कि आपने बिटकॉइन खरीदे, चूंकि ये ऑनलाइन करेंसी है, आप इसे हाथ में लेकर नहीं छू सकते हैं, तो इसे स्टोर करने के लिए भी आपको एक ऑनलाइन माध्यम चाहिए. क्रिप्टो वॉलेट का काम यही होता है. क्रिप्टो वॉलेट में प्राइवेट keys होती हैं, जो ट्रांजैक्शन करने के लिए इस्तेमाल होती हैं. ये कीज़ एक तरीके से सीक्रेट कोड होती हैं, जो आपको अपनी कॉइन्स खर्च करने के लिए डालनी पड़ती हैं.

ये प्राइवेट कीज़ बहुत ही ज्यादा अहम होती हैं, क्योंकि अगर किसी हैकर ने आपके फोन में मालवेयर के जरिए आपकी कीज़ हैक कर लीं तो वो आपके सारे कॉइन्स चुरा सकता है. वहीं, अगर आपने अपनी कीज़ क्रिप्टो ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं खो दीं तो आप अपने वॉलेट का एक्सेस हमेशा के लिए खो देंगे. वॉलेट्स तीन तरह के होते हैं- हॉट, कोल्ड और पेपर वॉलेट. हमारे पास क्रिप्टो वॉलेट पर पूरा एक आर्टिकल है, जिसमें आपको क्रिप्टो वॉलेट के प्रकार, इनके काम और इनकी सुरक्षा वगैरह को लेकर पूरी डिटेल मिलेंगी. आप यहां क्लिक करके यह आर्टिकल पढ़ सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टो ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी क्रिप्टो ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो क्रिप्टो ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है क्रिप्टो ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

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