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यूक्रेन पर हमले का 16वां दिन: बाइडेन की पुतिन को वॉर्निंग- यूक्रेन के खिलाफ कैमिकल वेपन्स इस्तेमाल किए तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी; नए प्रतिबंध भी लगाए

रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 16वां दिन है। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है। इस बीच अमेरिका ने रूसी शराब, सी फूड और हीरे के इंपोर्ट पर बैन लगाने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका रूस के ट्रेड स्टेटस को कम करेगा और मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा हटाएगा।

रूस की आर्थिक स्थिति और कमजोर करने के लिए बाइडेन ने शुक्रवार को अमेरिकी संसद में रूस के साथ नॉर्मल ट्रे़ड सस्पेंड करने की भी मांग की। बाइ़डेन ने कहा- पुतिन हमलावर हैं और अगर उन्होंने कैमिकल वेपन्स इस्तेमाल किए तो इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।

इस बीच खार्किव के ​​​​​गवर्नर ओले सिनेहुबोव ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना ने खार्किव में एक शेल्टर होम पर हमला किया है। शेल्टर होम से 73 लोगों को निकाल लिया गया है। जबकि 330 लोग अब भी फंसे हुए हैं।

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यूक्रेन युद्ध के ताजा अपडेट्स.

  • रूसी सरकार ने मार्क ज़ुकेरबर्ग की कंपनी मेटा को कट्टरपंथी बताते हुए इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर बैन लगा दिया। इससे पहले क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग फेसबुक और ट्विटर को भी रूस में बैन कर दिया गया था। रूसी मीडिया ने फेसबुक पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
  • वोल्दोमिर जेलेंस्की ने रूसी संपत्ति को जब्त करने के लिए कानून पर साइन कर दिए हैं। वहीं, यूक्रेन के शिक्षा मंत्री का दावा है कि रूस ने उनके देश में 280 स्कूल-कॉलेज तबाह कर दिए हैं।
  • UNHCR के अध्यक्ष फिलीपीनो ग्रैंड ने बताया कि यूक्रेन शरणार्थियों की मदद के लिए 2297 करोड़ रुपए का इमरजेंसी फंड जुटाया गया हैं।
  • यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आरोप लगा है कि मारियुपोल से नागरिकों को निकालने के लिए बनाए गए गलियारे पर रूसी सेना ने हमला किया।
  • अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने यूक्रेन युद्ध से प्रभावित हुए नागरिकों की मदद के लिए 5.3 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की है।
  • रूस के डिप्टी PM ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से ईंधन-ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में सहयोग और रूस की यूनिवर्सिटीज में भारतीय छात्रों की स्टडी पर बात की।

रूस का यूक्रेन पर बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियार तैयार करने का आरोप
रूस का यूक्रेन पर आरोप है कि वो अमेरिका के साथ मिलकर बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियार तैयार कर रहा है। इसे लेकर आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बैठक भी होगी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के इन आरोपों खारिज करते हुए क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग कहा, 'मैं एक योग्य देश का राष्ट्रपति और दो बच्चों का पिता हूं। मेरी जमीन पर कोई बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियार नहीं है।

रूस ने की ह्यूमन कॉरिडोर बनाने की पेशकश
जंगी माहौल में रूस ने हर दिन सुबह 10 बजे ह्यूमन कॉरिडोर बनाने की पेशकश की है, ताकि युद्ध में फंसे लोगों को निकाला जा सके और उन तक मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके। मैप से समझिए रूस अब तक यूक्रेन के किन इलाकों पर कब्जा कर चुका है और किस रूट से ह्यूमन कॉरिडोर बनाया गया है।

कीव के और करीब पहुंची रूसी सेना
उधर, रूस ने यूक्रेन के चार बड़े शहरों को घेर लिया है और राजधानी कीव की सीमा के करीब तक पहुंच चुकी है। ताबड़तोड़ रूसी हमलों के बावजूद पूरब में खार्किव अभी यूक्रेन के पास है। वहीं उत्तर पूर्व में सुमी रूसी सैनिकों के घेरे में है, लेकिन ह्यूमन कॉरिडोर के जरिए यहां से हजारों लोग सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे। इसके अलावा राजधानी कीव भी अभी यूक्रेन के पास है। कीव पर रूस की पैनी नजर है और शहर की क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग सीमा पर चारों ओर से रूसी सैनिकों के वाहन देखे जा सकते हैं। पिछले दो दिनों में यूक्रेन के सुमी और कीव से 80 हजार लोगों को निकाल गया।

कमला हैरिस की हंसी पर विवाद

अमेरिका की उप राष्ट्रपति हंगरी में यूक्रेन के शरणार्थी संकट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसी बात पर हंस पड़ी। इस पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की पूर्व प्रेस सचिव यूलिया मेंडेल ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति बनती हैं तो यह एक त्रासदी होगी। हालांकि, विवाद बढ़ता देख उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।

परमाणु सुरक्षा पर यूक्रेन-रूस में बना संपर्क
यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को सूचित किया है कि उसका चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट से संपर्क पूरी तरह खत्म हो गया है। मालूम हो कि इस प्लांट पर रूसी सेना कब्जा कर चुकी है। एजेंसी के डायरेक्टर जनरल राफेल मारियानो ग्रोसी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि एजेंसी परमाणु सुरक्षा को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच उच्च स्तर पर संपर्क स्थापित कर दिया है।यूक्रेन के सुमी से निकाले गए भारतीयों को लेकर पोलैंड के रेजेत्जो से रवाना हुआ एअर इंडिया का विमान शुक्रवार सुबह 5.45 बजे दिल्ली में उतर गया।

आइए सैटेलाइट की तस्वीरों से समझते हैं कि यूक्रेन के मारियुपोल शहर में रूसी हमले से कितनी तबाही हुई.

रूस में उठ रही पुतिन विरोधी आवाजें.
यूक्रेन युद्ध को लेकर अब पुतिन के खिलाफ रूस में विरोधी स्वर सुनाई देने लगे हैं। सरकार समर्थित टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान एक्सपर्ट्स ने यूक्रेन के हालातों को अफगानिस्तान से भी बदतर बताया। साथ ही उन दावों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि रूस यूक्रेन को 'डी-नाजिफाई' करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चला रहा है।

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स्लीपर सेल से जुड़ी हैं ‘घातक’ महिलाएं

कोलकाता:पश्चिम बंगाल में सक्रिय आतंकवादी साजिशों को अंजाम देने के लिए गांव की सीधी-सादी महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं. बहला-फुसला कर इन्हें स्लीपर सेल में शामिल करते हैं. फिर इनसे विस्फोटक की तस्करी करवाते हैं. आतंकी गतिविधियों में शामिल करने से पहले मदरसों में इनका ब्रेनवॉश किया जाता है.

पुलिस को जांच में पता चला है कि विस्फोटक बनाने, नये सदस्यों को संगठन से जोड़ने और वीडियो क्लीपिंग की मदद से उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल होता है. इतना ही नहीं, बांग्लादेश में इन्हें गुरिल्ला युद्ध का भी प्रशिक्षण दिया गया था. खारिजी मदरसा से जिहादी शिक्षा लेकर निकलनेवाली महिलाएं औरों को यही शिक्षा देती हैं. बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमाएत-इसलाम-उल-मुजाहिद्दीन के संदेश पर अमल करती हैं और अन्य सदस्यों को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करती हैं.

बर्दवान के विस्फोट स्थल से मिले मोबाइल फोन, मेमोरी चिप, इंटरनेट से डाउनलोड किये गये जिहादी संदेश, अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर 9/11 तथा मुंबई पर आतंकी हमले (26/11) के वीडियो फुटेज से इन तथ्यों का खुलासा हुआ है. पुलिस ने क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग घटना का जो विवरण दिया है, उसके मुताबिक, घायल अवस्था में शकील फर्श पर तड़प रहा था और उसकी पत्नी रूमी बेटे को फल खिला रही थी. घटनास्थल के खून साफ कर रही थी और उन कागजातों को जला रही थी, जो इनकी साजिशों का खुलासा कर सकते थे.

यह बताता है कि शकील के स्लीपर सेल में शामिल महिलाएं खूंखार आतंकवादियों से ज्यादा क्रूर हैं. यह पहला मौका है, जब किसी आतंकवादी संगठन में इतने बड़े पैमाने पर स्लीपर सेल में महिलाओं के शामिल होने का मामला सामने आया है. यह और बात है कि लिट्टे ने भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या महिला आत्मघाती क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग के जरिये करवायी थी. (समाप्त)

अंतकी षड्यंत्र का वह हिस्सा, जिसमें आतंकवादी संगठन के सदस्य समाज में घुल मिल जाते हैं. लोगों के बीच रह कर अपने आका के निर्देश पर आतंकवादी साजिशों को अंजाम देते हैं.

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Explained: क्या बलूच विद्रोही पाकिस्तान में China का काम तमाम कर देंगे?

चीन कर्ज देकर घुसपैठ का अपना पुराना नुस्खा अपनाते हुए पाकिस्तान में बड़ी पैठ बना चुका है. (Photo- news18 English via Reuters)

पाकिस्तान से अलगाव की मांग कर रहे बलूच ( Baloch nationalists in Pakistan) अब अपनी बात मनवाने के लिए चीन पर हमला कर रहे . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 13, 2021, 07:39 IST

चीन कर्ज देकर घुसपैठ का अपना पुराना नुस्खा अपनाते हुए पाकिस्तान में बड़ी पैठ बना चुका है. ये भारत के लिए दोहरा झटका है क्योंकि दोनों ही देश भारत से खराब संबंध रखते हैं. इधर पाक में निवेश के नाम पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहे चीन को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ा रहा है, वो है बलूच विद्रोहियों की हिंसा.

क्या हो रहा पाकिस्तान में
पाकिस्तान को आएदिन अपने ही हिस्से के लोगों का विद्रोह झेलना पड़ रहा है. यहां तक कि अब चीन का पाकिस्तान में खरबों डॉलर का निवेश खतरे में आ चुका है. इसका आखिरकार खामियाजा पाकिस्तान को ही भुगतना पड़ सकता है. दरअसल हो ये रहा है कि दशकों से पाकिस्तान से अलग खुद को आजाद देश के तौर पर बनाए जाने की मांग कर रहे बलूच विद्रोहियों की मांग अब हिंसक हो चुकी है.

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बलूच विद्रोहियों की मांग अब हिंसक हो चुकी है (Photo- news18 English via Reuters)

अपना रहे अलग रणनीति
हिंसा के लिए भी बलूच सीधे पाकिस्तानी सेना पर ही हमला नहीं कर रहे, बल्कि छांट-छांटकर उन हिस्सों पर हमला कर रहे हैं, जहां चीन का कोई बड़ा निवेश हुआ है और कोई सड़क या पुल तैयार हो रहा है. बलूच निर्माण स्थल पर सामान पहुंचने में भी रुकावट डाल रहे हैं. साल 2020 में ऐसी कई घटनाएं हुईं और दिसंबर में पाकिस्‍तानी सेना को एक भीषण हमले में अपने 7 जवान गंवाने पड़े थे. कहना न होगा कि ये जवान चीन के इकनॉमिक कॉरिडोर की सुरक्षा में लगे थे.

चीन के पैसे खतरे में
इस घटना के बाद चीन और पाकिस्तान की आंतरिक बातचीत भले ही सामने नहीं आई लेकिन पैसों को दांत से पकड़ते चीन के गुस्से के बारे में अनुमान लगाना खास मुश्किल नहीं. हमले के बाद एक बार फिर से चीन का बलूचिस्‍तान के ग्‍वादर पोर्ट और फ्री ट्रेड जोन में अरबों डॉलर का निवेश संकट में आ चुका है. बता दें कि पाक में चीन 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुका है और जो गुप्त ढंग से उसने पाक को भारी भरकम कर्ज दिए हैं, वो क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग अलग हैं.

पाकिस्तान इस समय भारी दबाव में है. इधर दुनिया के सामने पाक से गलबहियां करता चीन चाहकर भी कुछ कर नहीं पा रहा. वजह, बलूच विद्रोह पाकिस्तान का एकदम आंतरिक मुद्दा है.

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बलूच शिक्षा, रोजगार और हेल्थ तक में काफी पीछे रहे

बलूचिस्तान क्यों अलग होना चाहता है?
बलूच लोगों का मानना है कि भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान ने सिंध और पंजाब प्रातों का तो विकास किया लेकिन बलूचिस्तान पर कभी ध्यान नहीं दिया. नतीजा ये रहा कि बलूच शिक्षा, रोजगार और हेल्थ तक में काफी पीछे रहे. यही देखते हुए सत्तर के दशक में बलूच आजादी की मांग काफी तेज हो गई.

बलूचों के साथ हुई थी हिंसा
इसे दबाने के लिए पाकिस्तान की तत्कालीन भुट्टो सरकार ने आक्रामक तरीका अपनाया. पाक सेना वहां आम बलूच नागरिकों को भी मारने लगी. अनुमान है कि सेना और बलूच लड़ाकों के बीच हुए संघर्ष में साल 1973 में लगभग 8 हजार बलूच नागरिक-लड़ाकों की मौत हो गई थी. वहीं पाकिस्तान के करीब 500 सैनिक मारे गए. इसके बाद मामला खुले तौर पर तो ठंडा पड़ गया लेकिन बलूच लोगों के भीतर गुस्सा भड़कता गया.

बलूच लड़ाके अब क्या कर रहे हैं
अब आजादी के लिए वहां गुरिल्ला हमले का रास्ता अपनाया जा रहा है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) बलोच अलगाववादियों का सबसे बड़ा संगठन है. ये लगातार पाक पर बलूचिस्तान को अलग करने की मांग करता आया है. इसके अलावा कई और भी अलगाववादी संगठन हैं जो बलूच आजादी के लिए लोगों को एकजुट कर रहे हैं. वे पाकिस्तान से आजादी के लिए चीन को टारगेट कर रहे हैं.

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साल 2019 में ग्वादर के एकमात्र पांच-सितारा होटल पर्ल कॉन्टिनेंट पर बलूच विद्रोहियों ने हमला किया- सांकेतिक फोटो

चीनियों के क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग ठहरने की जगह तक बनी टारगेट
साल 2019 में ग्वादर के एकमात्र पांच-सितारा होटल पर्ल कॉन्टिनेंट पर बलूच विद्रोहियों ने हमला किया. बता दें कि इस होटल में चीन से इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम के लिए आए अधिकारी ही ठहरते आए हैं. साथ ही उन्होंने धमकी दी कि वे CPEC प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने देंगे. इससे ये समझ आता है कि पाकिस्तान में चीनी सुरक्षित नहीं. यही यकीन दिलाना दशकों से आजादी मांग रहे विद्रोहियों का मकसद है ताकि वे किसी भी तरह से पाक सरकार पर अपनी आजादी के लिए दबाव बना सकें.

मानवाधिकारों को लेकर कशमकश
इमरान सरकार पहले से ही भारी कर्ज में दबी हुई है. ऐसे में वो किसी हाल में चीन का साथ नहीं छोड़ना चाहती. जिनपिंग को खुश करने के लिए वो अपने ही लोगों यानी बलूच विद्रोहियों और साथ ही बलूचिस्तान प्रांत के आम लोगों पर भी हिंसा कर रही है. मानवाधिकारों के मामले में पहले ही उइगरों पर हिंसा को लेकर चीन घेरे में है. ऐसे में वो हरगिज नहीं चाहेगा कि किसी दूसरे मामले में वो वजह बने. यही कारण है कि वो बलूचिस्तान के लोगों पर सीधी कोई कार्रवाई नहीं करेगा, बल्कि कूटनीति के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा कि वो समस्या का हल निकाले, वरना कर्ज वापस मांगने का रास्ता तो चीन के पास है ही.

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