अग्निवीरों को साल में कितनी छुट्टी दी जाएगी और उन्हें कितना इंश्योरेंस कवर मिलेगा जैसी तमाम जानकारियां यहां दी गई है.

13 Best Trading App in india 2022| भारत का सबसे अच्छा ट्रेडिंग ऐप

लेकिन अगर आप trading start करने या Trading app पर switch करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको apps के बारे में basic बातों की जांच करनी चाहिए और best app for stock market तथा Best Trading App in India (भारत का सबसे अच्छा ट्रेडिंग ऐप) के साथ निवेश करना चाहिए।

Table of Contents

What is Share market in hindi | what is Stock Market in hindi

Share Market तथा Stock Market एक ऐसा market है जहाँ काफी सारे companies के stocks या shares खरीदते और बेचते हैं. ये एक ऐसा स्थान है जहाँ कई लोग या तो बहुत पैसे कमा लिया करते हैं या तो अपने सारे पैसे गवा दिया करते हैं, किसी भी कंपनी का shares या stocks खरीदने का अर्थ है आप उस company में हिस्सेदार या partner बन जाना।

आप जितना भी पैसे लगाते हैं, तो आप लगाए हुए पैसे के हिसाब से कुछ percent के मालिक उस कंपनी के बन जाते हैं। जिसका अर्थ ये है की अगर उस कंपनी को future में मुनाफा हुआ तो आपके लगाए हुए पैसे से दुगना पैसा आपको मिलता है और यदि घाटा होता है तो आपका भी नुकसान होगा।

जिस तरह Share market in Hindi में पैसे कमाना या बनाना easy है ठीक उसी तरह यहाँ पैसे गवाना भी उतना ही easy है क्यूंकि stock market में उतार चढ़ाव होते रहते हैं.

What is a trading app?| ट्रेडिंग ऐप क्या है? आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए

Trading app एक mobile app है जो Share Market में Trading की सुविधा प्रदान करता है। अलावा, यह आपको Market news, research reports, विभिन्न Shares prices आदि प्रदान करता है ताकि आप Share Market में trade करते समय एक Inform decision ले सकें। इसके अतिरिक्त, Trading apps आमतौर पर आपको IPO, Mutual Fund, Commodity, Gold आदि में Investment करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

Trading app आपके Trading की Real-time processing offer करते हैं और आपके Shares के performance monitor करने में आपकी मदद करते हैं। आप किसी भी समय, कहीं भी एक Trusted app के साथ shares buy और sell आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए कर सकते हैं।

List of best trading apps in India to earn money में जाने से पहले, आइए उन Factors पर एक नज़र डालें, जिन पर आपको शुरुआती लोगों के लिए Best trading app in india 2022 चुनते समय विचार करना चाहिए।

Points to keep in mind while choosing the best trading app

आप Broker को app से बदल रहे हैं और जानना चाहते हैं कि Which app is the best for trading in India? इसलिए, आपको Best trading app चुनते समय बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह आपके सभी Investments को संभालेगा। निम्नलिखित parameters के साथ उनका assessment करके Best Trading App in India चुनें।

1. Reliability

App की Reliability और credibility की जांच करना आवश्यक है। आपको app की Security के बारे में अच्छी तरह से research करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, आप अन्य Users के Experience को जानने के लिए Online reviews देख सकते हैं।

2. User-friendly Interface

एक Complex interfaces के साथ Trading app आपके लिए Trading को एक difficult task बना सकता है। Trading को easy बनाने के लिए हमेशा simple लेकिन Clear interface वाले Trading apps की तलाश करें।

3. Fees and charges

Trading app आपके investment Manage करने के लिए अलग-अलग fee लेता है। इसलिए, app का उपयोग करने से पहले fee and charges की जांच करना महत्वपूर्ण है ताकि आपके Benefit app fees कि वजह से दूर न हों।

4. Features

आपको app features पर करीब से नज़र डालनी चाहिए। अपने Investment option की सहायता के लिए आवश्यक सुविधाओं के अनुसार app की list को brief करें।

स्टैंड-अप इंडिया स्‍कीम क्‍या है, इसमें कैसे लोन ले सकते हैं?

स्‍कीम के तहत लिए गए कर्ज को 7 साल में लौटाना पड़ता है. इसमें 18 महीने की मोरेटोरियम की अवधि रहती है.

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किन दस्‍तावेजों की पड़ेगी जरूरत?
इसके लिए आवेदक को नीचे बताए गए दस्‍तावेजों की जरूरत पड़ेगी
1. पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड इत्‍यादि)
2. जाति प्रमाण पत्र (महिलाओं को जरूरत नहीं)
3. बिजनेस का पता प्रमाण पत्र
4. पैन कार्ड
5. पासपोर्ट साइज की फोटो
6. बैंक खाते का विवरण
7. आईटीआर की प्रति
8. रेंट एग्रीमेंट (अगर किराये पर व्यावसायिक परिसर है)
9. प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट

कितना लिया जाता है ब्‍याज?
इसमें काफी रियायती दर पर लोन दिया जाता है. यह बेस रेट (एमसीएलआर) + 3 फीसदी + टेन्‍योर प्रीमियम से अधिक नहीं हो सकता है.

कितने साल में कर्ज अदा करना पड़ता है?
स्‍कीम के तहत लिए गए कर्ज को 7 साल में लौटाना पड़ता है. इसमें 18 महीने की मोरेटोरियम की अवधि रहती है.

स्टैंड-अप इंडिया लोन के लिए कैसे अप्लाई करें?
स्‍कीम के तहत सभी बैंक की ब्रांच से लोन मिलता है. लोन अप्लाई करने के लिए अपने नजदीकी बैंक ब्रांच से संपर्क कर सकते हैं. अगर ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो स्टैंड- अप इंडिया की साइट https://www.standupmitra.in/पर जाएं.

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इसमें बाईं ओर नीचे की तरफ आपको 'यू मे एक्‍सेस लोन' सेगमेंट में तीन विकल्‍प दिखेंगे. इनमें 'अप्‍लाई हेयर', 'डायरेक्‍टली एट बैंक ब्रांच' और 'थ्रू योर लीड डिस्ट्रिक्‍ट मैनेजर' शामिल हैं.

'अप्लाई हेयर' पर क्लिक करने पर आपके सामने एक नई विंडो खुलेगी. इसमें आवेदक को नाम, ईमेल आईड और मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा. इसके बाद उसे ओटीपी जेनरेट करना होगा.

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इसके बाद बताए गए निर्देशों के अनुसार, उसे लोन के आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी.

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साइट पर लीड डिस्ट्रिक्‍ट मैनेजर की सूची भी देखी जा सकती है. इसमें राज्‍य और जिले के अनुसार, एजेंसी का नाम, ईमेल आईडी और पता दिया गया है. इनके जरिये भी लोन के लिए आवेदन किया जा सकता है.

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Agnipath आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए Scheme: क्या है अग्निपथ स्कीम? कौन कर सकता है अप्लाई? छुट्टी और कैंटीन सुविधा से लेकर इंश्योरेंस कवर तक तमाम डिटेल

भारतीय वायु सेना ने डिटेल जारी करते हुए बताया है कि अग्निपथ स्कीम में अप्लाई करने के लिए उम्मीदवार की आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

Agnipath Scheme: क्या है अग्निपथ स्कीम? कौन कर सकता है अप्लाई? छुट्टी और कैंटीन सुविधा से लेकर इंश्योरेंस कवर तक तमाम डिटेल

अग्निवीरों को साल में कितनी छुट्टी दी जाएगी और उन्हें कितना इंश्योरेंस कवर मिलेगा जैसी तमाम जानकारियां यहां दी गई है.

Agnipath Scheme: देश भर में भारतीय सेना में भर्ती के लिए नई योजना अग्निपथ स्कीम का जमकर विरोध हो रहा है. इस बीच, भारतीय वायु सेना ने अपनी वेबसाइट पर केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ स्कीम से जुड़ी डिटेल साझा की है. वायु सेना की ओर से इसकी चयन प्रक्रिया 24 जून से शुरू हो रही है. इसमें एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया, आयु सीमा, एजुकेशनल क्वालिफिकेशन समेत अन्य जानकारियां दी गई है. इसमें कहा गया है कि सभी भारतीय इस स्कीम के लिए पात्र हैं, हालांकि इसमें अप्लाई करने के लिए उम्मीदवार की आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इसमें यह भी बताया गया है कि अग्निवीरों को साल में कितनी छुट्टी दी जाएगी और उन्हें कितना इंश्योरेंस कवर मिलेगा. आइए जानते हैं इस स्कीम से जुड़ी पूरी डिटेल.

Agnipath Recruitment 2022: क्या है अग्निपथ स्कीम 2022

इस स्कीम में अधिकारियों से नीचे रैंक वाले व्यक्तियों के लिए रिक्रुटमेंट प्रोसेस शामिल है. इस स्कीम के तहत 75% जवानों की भर्ती महज 4 साल के लिए की जाएगी. योजना के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को अग्निवीर कहा जाएगा. वहीं, केवल 25 फीसदी को ही अगले 15 वर्षों के लिए दोबारा सेवा में रखा जाएगा.

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Agnipath Recruitment 2022: कौन कर सकता है अप्लाई

इस स्कीम के तहत सभी भारतीय अप्लाई कर सकते हैं. हालांकि, इसमें 17.5 से 21 वर्ष की आयु के पुरुषों और महिलाओं की भर्ती की जाएगी. चार साल बाद, अग्निवीर रेगुलर कैडर के लिए अपनी मर्जी से आवेदन कर सकेंगे. योग्यता, संगठन की आवश्यकता के आधार पर, उस बैच से 25 प्रतिशत तक का चयन किया जाएगा. अन्य शैक्षणिक योग्यता और फिजिकल स्टैंडर्ड भारतीय वायु सेना द्वारा जारी किए जाएंगे. अग्निवीरों को भारतीय वायुसेना में अप्लाई करने के लिए मेडिकल एलिजिबिलिटी से जुड़ी शर्तों को पूरा करना होगा.

अग्निवीरों को मिलेंगी ये सुविधाएं

  • अग्निवीरों को मासिक वेतन के साथ हार्डशिप अलाउंस, यूनिफॉर्म अलाउंस, कैंटीन और मेडिकल सुविधा दी जाएगी. अग्निवीरों को ट्रैवल अलाउंस भी मिलेगा. बेवसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, उन्हें वही सुविधाएं मिलेंगी जो कि एयरफोर्स के एक नियमित सैनिक को मिलती है.
  • साल में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी. उन्हें मेडिकल लीव अलग से दिया जाएगा. हालांकि, यह मेडिकल चेकअप पर निर्भर करेगा.
  • अग्निपथ योजना के तहत चयन प्रक्रिया 24 जून से शुरू हो जाएगी. 2022 के लिए अग्निपथ योजना के तहत इंडियन एयरफोर्स में भर्ती किए जाने वालों की उम्र सीमा बढ़ा कर 23 वर्ष कर दी गई है.
  • नई योजना के तहत 4 साल के सर्विस के दौरान करीब 2.5 महीने से 6 महीने तक के प्रशिक्षण की अवधि होगी.
  • चार साल की सर्विस के दौरान अगर अग्निवीर की मृत्यु होती है तो बीमा कवर मिलेगा, जिसके तहत उसके परिवार को करीब 1 करोड़ की आर्थिक सहायता ​दी जाएगी.
  • अग्निवीरों को 30-40 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा.
  • ड्यूटी के दौरान विकलांग होने पर एक्स-ग्रेशिया 44 लाख रुपये मिलेंगे. साथ ही जितनी नौकरी बची है, उसकी पूरी सैलरी मिलेगी और सेवा निधि पैकेज भी मिलेगा.
  • अग्निवीरों का कुल 48 लाख का इंश्योरेंस होगा. ड्यूटी में रहते शहीद होने पर एकमुश्त सरकार की तरफ से 44 लाख दिए जाएंगे और सेवा निधि पैकेज अलग रहेगा. इसके अलावा जितनी नौकरी बची है उसकी पूरी सैलरी मिलेगी.
  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में 10 फीसदी सीटें ‘अग्निवीरों’ के लिए रिज़र्व होंगी. इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने CAPF और असम राइफल्स में भर्ती के लिए ‘अग्निवीरों’ को ऊपरी आयु सीमा में छूट दिए जाने की भी घोषणा की है.
  • अग्निपथ योजना के माध्यम से भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के लिए लगभग 46,000 सैनिकों की भर्ती की जानी है. अग्निपथ योजना के तहत महिलाओं की भर्ती संबंधित सेवाओं की जरूरतों पर निर्भर करेगी.

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जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.

  • nupur praveen
  • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्‍या हैं इसके नफा-नुकसान

Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्‍युचुअल फंडों के एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)

अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश

Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानते हैं.

अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’

आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:

  • अप्रोच (तरीका)
  • आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए
  • बेनिफिट्स (फायदे)
  • कंडीशन्स (परिस्थितियां)

भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्‍यक्ष निवेश और अप्रत्‍यक्ष निवेश.

प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्‍स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.

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ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्‍होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.

म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने लॉन्‍च किया एक्सिस NASDAQ 100 FoF

एक्सिस म्‍यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्‍च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्‍कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के इस फंड के नए फंड ऑफर के दौरान न्‍यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.

क्‍यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?

  • मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
  • रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
  • डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
  • पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
  • संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
  • ये यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.

प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.

इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग आपको अपनी ट्रेडिंग योजना में क्या शामिल करना चाहिए पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.

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Published at : 06 Oct 2022 04:06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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