If it is accidentally eaten by other fish, it can be digested without harm as it is made from polyurethane, which is also biocompatible, Wang said.
पुणे 9वीं के छात्र ने बनाया डॉक्टर व नर्सों की मदद करनेवाला रोबोट
पुणे. कोरोना के संकटकाल में आये दिन नए-नए रिसर्च सामने आ रहे हैं.हर कोई इस जद्दोजहद में जुटा है कि रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें कैसे इस महामारी को रोका जाए और कैसे लोगों का जीवन आरामदायक बनाया जाए? इस कड़ी में पुणे में 9वीं कक्षा के एक छात्र ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो कोविड-19 वार्ड में डॉक्टर और नर्सों की काफी मदद करेगा.यह रोबोट नर्सों के विकल्प के रूप में काम करेगा और मरीजों को दवाइयां पहुंचाएगा.
पुणे के दस्तूर हाई स्कूल में पढ़ने वाले 14 साल के विराज शाह ने नायडू अस्पताल को अपना रोबोट दान किया है.विराज को बहुत कम उम्र में ही रोबोट के निर्माण में मन लगने लगा.उसने लॉकडाउन के समय का भरपूर इस्तेमाल किया और एक नेक काम के लिए रोबोट का आविष्कार किया.रोबोट के लिए बेसिक स्कैलटन तैयार करने के बाद उसने पुणे मनपा के आयुक्त शेखर गायकवाड़ से मुलाकात की.उन्होंने विराज को सलाह दी कि रैंडम प्लान पर संसाधन बर्बाद करने के बजाय उन्हें हेल्थ स्टाफर से मिलकर स्थिति समझनी चाहिए.
जालंधर के इस टीचर ने बनाया पंजाबी बोलने -समझने वाला रोबोट, जाने क्या है खासियत
Update: Monday, March 1, 2021 @ 12:11 PM
आपने इंग्लिश व हिंदी समझने व बोलने वाले रोबोट ( Robot) के बारे में तो सुना होगा। लेकिन पंजाबी बोलने व समझने वाला रोबोट दुनिया में आ चुका है। ये दुनिया का पहला रोबोट है जो पंजाबी समझ व बोल सकता है। पंजाब में जालंधर के सरकारी हाईस्कूल के कंप्यूटर टीचर हरजीत सिंह ( Computer Teacher Harjit Singh) ने पंजाबी बोलने व समझने वाला रोबोट बनाया है और इसका नाम रखा है ‘सरबंस कौर’। जालंधर के गांव रोहजड़ी के सरकारी हाईस्कूल के अध्यापक ने इस रोबोट को करीब 50 हजार रूपये खर्च कर मात्र 7 महीने में तैयार किया है। नाम यानी सरबंस कौर ( Sarbans Kaur) लेने पर यह एक्टिव होता है और शुरुआत में सत श्री अकाल से लेकर अब रोबोट गुरबाणी भी सुनाता है।
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हरजीत सिंह का कहना है कि सरबंस कौर को बनाने का काम उन्होंने लॉकडाउन के दौरान शुरु किया और इसके बाद वे रात के समय इसका काम करते थे। अध्यापक होने के नाते वह चाहते थे कि बच्चों को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग आसानी से समझ आ जाए। इसके लिए उन्होंने पंजाबी में सरबंस नाम की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार की थी।
सबसे पहले कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज तैयार करने के लिए उन्होंने रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें अंग्रेजी के शब्दों को पंजाबी में अनुवाद किया। इसी लैंग्वेज के आधार पर उन्होंने रोबोट तैयार किया। अब बारी थी रोबोट को आवाज देने की तो ये काम उनकी उनकी पत्नी जसप्रीत कौर संभाला। पत्नी की रिकॉडिड आवाज में सुधार कर उसे रोबोट में फीड कर दिया। हरजीत सिंह का कहना है कि सरबंस कौर रोबोट जो भी फीड करना चाहें, कर सकते हैं। इसके बाद जब भी उससे पूछा जाता है तो वह सामने वाले को जवाब देता है। रोबोट तैयार करने में बच्चों के खिलौने, कॉपी के कवर, गत्ता, पेन, प्लग व बिजली की तारों का इस्तेमाल किया गया है।
रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें
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अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक्सनोबॉट नामक जीवित रोबोट बनाया
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया कि उन्होने एक जिंदा रोबोट बनाया है और इस रोबॉट को जिंदा होने के श्रेणी में रखते हुए इसको एक्सनोबॉट नाम दिया है।इस रोबॉट के जरिए रोगी के शरीर के अंदर दवा ले जाने या इस तरह के अन्य किसी काम के प्रयोग के तौर पर इसका उपयोग करने में भी मदद भी मिल सकती है।
जयपुर।वैज्ञानिको ने विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति करते हुए आज मानव के लिए हर वह चीज आसन कर दी है जो कि कभी असंभव दिखाई देती थी।इस के चलते अब अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस बात का दावा किया कि उन्होने एक जिंदा रोबोट बनाया है जो कि पहली बार जीवित रोबॉट बनाया जा सका है।वैज्ञानिको ने इस रोबॉट को जिंदा होने के श्रेणी में रखते हुए इसको एक्सनोबॉट नाम दिया है।विज्ञान रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें के क्षेत्र में इस सफल आविष्कार को करने अमेरिका के वैज्ञानिको के एक ग्रुप ने
Chinese Scientists Develop Robot Fish To “Eat” Microplastics In The Ocean
Beijing: Robot fish that “eat” microplastics may one day help to clean up the world’s polluted oceans, says a team of Chinese scientists from Sichuan University in southwest China. Soft to touch and just 1.3 centimetres (0.5 inch) in size, these robots already suck up microplastics in shallow water. The team aims to enable them to collect microplastics in deeper water and provide information to analyse marine pollution in real time, said Wang Yuyan, one of the researchers who developed the robot.
रोबोट करेगा नेतागिरी
जी हाँ यह बिलकुल सत्य है. न्यूजी लैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जो अब चुनाव भी लडेगा और नेतागिरी भी करेगा, इस रोबोट का नाम सैम है. कहा यह जा रहा है कि 2020 के इलेक्शन में यह रोबोट इलेक्शन में उतरेगा. लिंक
SAM – The New Generation Politician
रोबोट को आप यन्त्र-मानव कह सकते हैं जो मनुष्य की तरह काम करता है लेकिन यह एक मानव नहीं है. इसे आप मनुष्य का सेवक या मनुष्य के आदेशों पर काम करनेवाला यन्त्र कह सकते हैं. रोबोट शब्द चेक शब्द रोबोटा से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ दास या क्रीत दास होता है. कारल काएक नामक चेक नाटककार ने सबसे पहले इस शब्द का अपने नाटक R.U.R में किया था. इस नाटक का मंचन सबसे पहले चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में १९२१ में हुआ था. उसके बाद इसका मंचन १९२३ में लन्दन में हुआ और कुछ ही समय में रोबोट एक बहुत शब्द हो गया. इस नाटक में यह दिखाया गया है कि मनुष्य द्वारा बनाया गया यन्त्र मानव बाद में मनुष्य को ही अपना सेवक बना लेता है और स्वयं उसका मालिक बन जाता है.
Artificial Intelligence का इस्तेमाल
आज का युग कंप्यूटर और मोबाइल का युग है. आज हम नैनोटेक्नोलॉजी की बात करते हैं. इन सबके विकास से रोबोट का निर्माण और उपयोग भी बढ़ता जा रहा है. आज दुनिया के वैज्ञानिक और रिसर्चर इस बात पर जोर दे रहे हैं कि किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम मस्तिष्क का संयोजन कर एडवांस रोबोट का निर्माण किया जाय. आज यन्त्र मानव के निर्माण के लिए लगातार रिसर्च किया जा रहा है. विज्ञान की नई शाखा रोबोटिक्स की पढाई अब कई बड़े- बड़े कॉलेजों में होने लगी है.
यदि रोबोट के विकास की बात की जाय तो पहला रोबोट विलियम ग्रे वाल्टर ने किया था. उन्होंने अपने इस रोबोट का नाम टोस्टीडडो रखा. लैटिन भाषा में इस शब्द का अर्थ कछुआ होता है. उनका यह यन्त्र जीवित प्राणियों की अनेक एक्शन का नक़ल कर सकता था. वाल्टर के इस यन्त्र ने विज्ञान के विकास और उसकी एक नयी शाखा रोबोटिक्स की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया. कंप्यूटर में विकास के साथ ही साथ रोबोट विज्ञान का भी विकास होने लगा. रोबोट का दिमाग एक तरह से एक कंप्यूटर ही होता है. आज विज्ञान के विकास और अनुसंधानों में रोबोट का महत्वपूर्ण योगदान है. नॉरवेर्ट विनर, जॉन वौन, न्यूमेन, एलेन टूरिंग, क्लाड एल्वूड आदि रोबोट वैज्ञानिकों ने इसके विकास में अपना योगदान दिया है और इसे एक नयी उंचाई प्रदान की है.
क्या रोबोट मानव को अपना दास बना लेगा?
आम लोगों में रोबोट के विषय में यह धारणा रहती है कि रोबोट हुबहू मनुष्य की तरह होता है. इसका सबसे बड़ा कारण कुछ हॉलीवुड़ और बॉलीवुड़ का कुछ सिनेमा है जिसमे रोबोट को मानव की तरह बनाया जाता रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें है. यह बिलकुल गलत धारणा है. ह्यूमन रोबोट सिर्फ रोबोट का एक प्रकार है. यदि देखा जाय तो रोबोट का डिजाईन जरुरत के मुताबिक बनाया जाता है. उसकी के अनुसार उसके अंग- प्रत्यंग निर्धारित किया जाता है. एक रोबोट आपको ऐसा दिखेगा जिसका सिर्फ एक ही हाथ है, कोई चार पैरों वाला होता है. लेकिन रोबोट के प्रकार पर बात करें तो मुख्य रूप से इसके तीन टाइप होते हैं – टाइल, आर्म और मोबाइल. आज रोबोट का उपयोग बढ़ता जा रहा है. जहाँ मानव कार्य करने में कठिनाई का अनुभव करता है, आज वहां रोबोट का उपयोग किया जा रहा है.
दिन-ब-दिन रोबोट का प्रयोग बढ़ने का कारण इसके कार्य करने रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें की सटीकता भी है. आज शल्य चिकित्सा में रोबोट का खूब प्रयोग हो रहा है. स्पेस में या मंगल की सतह पर रोबोट को ही भेजा गया ताकि वहां के वातावरण का सही तरह से अध्ययन कर रिसर्च को आगे बढाया जा सके. आज एक से एक उन्नत रोबोट का निर्माण हो रहा है. एक तरफ तो यह मानव का सहयोगी है तो दूसरी तरफ यह भी प्रश्न उठाये जा रहे हैं कि कही मनुष्य इस प्राणहीन मशीन का दास न बन जाए.
तरह- तरह के रोबोट
आज बहुत सारी औध्योगिक ईकाइयों में रोबोट का प्रयोग किया जा रहा है. इससे उत्पादन तो बढ़ता ही है, काम भी सरलता से और एक्यूरेसी के रेडीमेड रोबोट कहां से खरीदें साथ होता है लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि यह बेरोजगारी बढाता है.
कुछ मामले ऐसे भी हुए हैं जिसमें रोबोट ने मनुष्य पर हमला भी किया है और आघात पहुंचाया है. इसपर भी विचार किया जाना चाहिए ताकि रोबोट के प्रयोग को सुरक्षित बनाया जा सके. हालांकि आज कृषि रोबोट, रक्षा रोबोट, घरेलू रोबोट, नेनो रोबोट, स्पेस रोबोट, मेडिकल रोबोट आदि अपने-अपने क्षेत्र में बहुत तेजी से उपयोग में लाये जा रहे हैं. लेकिन आनेवाले समय में रोबोट का प्रयोग बढेगा और मानवता को इससे बहुत लाभ होगा, ऐसी आशा की जा सकती है.
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