अध्ययन से दीक्षित होकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए शिक्षा में या अपने शैक्षिक विषय में कुछ जोड़ने की क्रिया अनुसन्धान कहलाती है। पी-एच.डी./ डी.फिल या डी.लिट्/डी.एस-सी. जैसी शोध उपाधियाँ इसी उपलब्धि के लिए दी जाती हैं। इनमें अध्येता से अपने शोध से ज्ञान के कुछ नए तथ्य या आयाम उद्घाटित करने की अपेक्षा की जाती है।
प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है?
व्यवसाय एक निरंतर चरने वाली प्रक्रिया है। इसलिए किसी एक विशिष्ट वर्ष के वित्तीय विवरणों का अध्ययन करके व्यवसाय की प्रगति एवं दिशा के संबंध मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त नही की जा सकती। व्यवसाय मे स्थितियां निरन्तर परिवर्तनशील होती है तथा कभी व्यवसाय का रूख उन्नति की ओर होता है तो कभी अवनति की ओर। व्यवसाय के इस रूख या प्रवृत्ति का अध्ययन करने के लिए विभिन्न वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन किया जाता है। प्रवृत्ति के प्रकार इसे ही प्रवृत्ति विश्लेषण कहते है।
इसके लिए किसी वर्ष को आधार बनाया जाता है तथा उस वर्ष की सभी मदों को 100 मानकर अन्य वर्षों की संबंधित मदों का प्रतिशत ज्ञात किया जाता है। इसके बाद उच्चावचन (कमी या वृद्धि) को मापा जाता है। इस प्रकार की विधि सांख्यिकीय मे निर्देशांक बनाते समय भी प्रयुक्त की जाती है।
प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है?
व्यवसाय एक निरंतर चरने वाली प्रक्रिया है। इसलिए किसी एक विशिष्ट वर्ष के वित्तीय विवरणों का अध्ययन करके व्यवसाय की प्रगति एवं दिशा के संबंध मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त नही की जा सकती। व्यवसाय मे स्थितियां निरन्तर परिवर्तनशील होती है तथा कभी व्यवसाय का रूख उन्नति की ओर होता है तो कभी अवनति की ओर। व्यवसाय के इस रूख या प्रवृत्ति का अध्ययन करने के लिए विभिन्न वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन किया जाता है। इसे ही प्रवृत्ति विश्लेषण कहते है।
इसके लिए किसी वर्ष को आधार बनाया जाता है तथा उस वर्ष की सभी मदों को 100 मानकर अन्य वर्षों की संबंधित मदों का प्रतिशत ज्ञात किया जाता है। इसके बाद उच्चावचन (कमी या वृद्धि) को मापा जाता है। इस प्रकार की विधि सांख्यिकीय मे निर्देशांक बनाते समय भी प्रयुक्त की जाती है।
शोध : प्रविधि और प्रक्रिया/शोध क्या है?
व्यापक अर्थ में शोध या अनुसन्धान (Research) किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या 'विधिवत गवेषणा' करना होता है। वैज्ञानिक अनुसन्धान में वैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी वस्तुओं एवं सिद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं। शोध के अंतर्गत बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक प्रवृत्ति के प्रकार बुद्धि से उसका अवलोकन-विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। शोध का परिचय देते हुए डॉ. नगेन्द्र लिखते हैं कि-"अनुसंधान का अर्थ है परिपृच्छा, परीक्षण, समीक्षण आदि। संधान का अर्थ है दिशा विशेष में प्रवृत्त करना या होना और अनु का अर्थ है पीछे, इस प्रकार अनुसंधान का अर्थ हुआ—किसी लक्ष्य को सामने रखकर दिशा विशेष में बढ़ना—पश्चाद्गमन अर्थात् किसी तथ्य की प्राप्ति के लिए परिपृच्छा, परीक्षण आदि करना।" [१]
केन्द्रीय प्रवृत्ति का अर्थ | केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप का अर्थ एवं परिभाषाएँ
केन्द्रीय प्रवृत्ति
संख्यात्मक तथ्यों के मूल्यों में किसी एक विशेष मूल्य के चारों और केन्द्रित होने की प्रवृत्ति को केन्द्रीय प्रवृत्ति या सांख्यिकीय माध्य कहते हैं। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि केन्द्रीय प्रवृत्ति उसे कहते हैं जो एक विशेष मूल्य के आस-पास अन्य मूल्यों का जमाव रखता है।
केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप का अर्थ एवं परिभाषाएँ (Meaning and Definitions Measures of Central Tendency)
केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप से आशय ऐसे मूल्य से है जो श्रेणियों के मध्य में स्थित होता है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप एक ऐसी संख्या होती है जो विभिन्न पदों की व्यक्तिगत विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए पूरे समूह का प्रतिनिधित्व करती है। इस संबंध में विभिन्न विद्वानों ने परिभाषाएँ निम्नलिखित दी हैं
“माध्य समंकों के विस्तार के अन्तर्गत स्थित एक ऐसा मान है जिसका प्रयोग श्रेणी के सभी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता प्रवृत्ति के प्रकार है।’– क्रॉक्सटन एवं काउडेन
“एक माध्य मूल्यों के एक समूह में से चुना गया वह मूल्य है, जो उसका किसी रूप में प्रतिनिधित्व करता है।” – ए. ई. वाघ
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