निवेश करते समय अफवाहों से कैसे निपटें?

आप कितनी बार ऐसे परिचित लोगों से मिलते हैं जिन्होंने शेयर बाजार में अपना पैसा गंवा दिया होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि बाजार में अगले पल क्या होगा या फिर जिन्होंने पैसा कमाया निवेश क्या होता है? क्योंकि उन्हें पता था कि बाजार कहाँ जा रहा था? यहाँ तक कि बेहतरीन मार्केट विश्लेषक भी सही भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं कि अगले पल बाजार कैसे आगे बढ़ेगा क्योंकि फ़ाइनेंशियल मार्केट मनोभाव से चलते हैं और बाजार के मनोभाव बाजार की खबरों पर निर्भर करते हैं।

एक निवेशक आजकल बाजार की खबरों को आसानी से जान सकता है जो असल में सही हो सकती हैं या अफवाह या महज अटकलें हो सकती हैं। जहाँ सही खबरों पर आधारित निवेश के फैसले अच्छे परिणाम दे सकते हैं, वहीं अफवाहों या अटकलों पर आधारित निवेश के फैसलों से निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

बिहेवियरल फाइनेंस थ्योरी के अनुसार, निवेशक स्वभाव से तर्कहीन होते हैं यानी शोध और जांच करके निवेश नहीं करते हैं, बल्कि झुंड मानसिकता की मानसिकता के साथ अलग-अलग मानसिक और भावनात्मक पूर्वाग्रहों से प्रभावित होते हैं। इसलिए, बाजार की कोई भी गलत जानकारी निवेशकों में घबराहट पैदा कर सकती है जिससे निवेशकों की संपत्ति को भारी नुकसान हो सकता है।

फिर एक निवेशक खुद को स्थिर कैसे रख सकता है जब बाजार में सही से लेकर गलत सभी तरह की खबरों की बौछार हो रही हो? ऐसे में म्यूचुअल फंड निवेश उन लाखों छोटे निवेशकों के बचाव के काम आ सकता निवेश क्या होता है? है जिनके पास व्यापक शोध और जांच करने की क्षमता और संसाधनों की कमी है। म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से ऊपर दी गई सारी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है क्योंकि प्रोफेशनल फंड मैनेजर्स आपकी ओर से निवेश के फैसलों का ध्यान रखते हैं।

फंड मैनेजर्स के पास रिसर्च एनालिस्ट्स की एक टीम होती है, जो हर सिक्योरिटी को खरीदने, रखने या बेचने का फैसला लेने निवेश क्या होता है? से निवेश क्या होता है? पहले उसे आँकने के लिए सारी सार्वजनिक सूचनाओं के आधार पर व्यापक जांच करती है। यदि आपको फंड के पोर्टफोलियो में किसी भी सिक्योरिटी के संबंध में या फंड के बारे में बाज़ार की ऐसी कोई ख़बर मिलती है जो चिंताजनक लगती है, तो निवेश क्या होता है? आप मार्गदर्शन के लिए अपने SEBI (सेबी) रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार या म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर से संपर्क कर सकते हैं।

क्या होता है निवेश और आपके लिए क्यों है ये इतना जरूरी?

अपनी कमाई से हुई आय को किसी ऐसे एसेट या विकल्प में लगाने की प्रक्रिया जिसमें उस खास एसेट या विकल्प की अपनी खुद की विशेषताओं की मदद से समय के साथ आपके पैसों में बढ़त दर्ज होने की उम्मीद हो निवेश कहलाती है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। लगभग हर दिन आपके पास ऐसे फोन कॉल्स आते होंगे जिसमें कोई आपको ऐसी योजनाओं में पैसा लगाने की सलाह देता है जहां आने वाले समय में आपको अच्छा फायदा हो सकता है। वहीं स्टॉक मार्केट में कमाई और नुकसान की बहस का कई बार आप भी हिस्सा बन चुके होंगे। इन सभी मौकों पर आप एक शब्द से बार बार गुजरते होंगे वो है निवेश या investment। खास बात है कि लोगों की जिंदगी में इतना आम होने के निवेश क्या होता है? बाद भी इस जादुई शब्द की वास्तविक समझ बहुत कम लोगों के पास ही होती है। आप ही नहीं हर दिन दुनिया भर की सरकारें, बैंक और अरबपति इस शब्द से उलझते हैं, क्योंकि ये सभी जानते हैं कि किसी का भी भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वर्तमान में उसने निवेश को लेकर कितनी गंभीरता दिखाई है।

Stock Market Investment: what is stop loss order

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क्या होता है निवेश?

मान लीजिये कि आप नौकरी करते हैं और आपका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है और साथ ही आपने सोने के कुछ गहने खरीदे हैं। अब आप बताएं कि क्या ऐसा होता है कि आप अपनी शिफ्ट पूरी कर कुछ देर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जाकर काम करते हैं क्योंकि आपको उम्मीद है कि इससे आपके खाते में रखी रकम कुछ और बढ़ जाएगी और क्या आप इसके बाद किसी ज्वैलर के साथ काम करने चले जाते हैं जिससे आपका सोना थोड़ा और कीमती हो जाए। नहीं ऐसा नहीं होता.. आप अपना काम खत्म कर घर जाते हैं और आराम करते हैं, और जिस समय आप घर में आराम कर रहे होते हैं उस समय भी आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा आपने पैसों पर थोड़ा या बहुत ब्याज कमा रहे होते हैं और साथ ही आपके लॉकर में रखे सोने की कीमतों में भी बदलाव हो रहा होता है। और ये सब तब होता है जब शायद आप कुछ नहीं कर रहे होते। यही होता है निवेश। यानि अपनी कमाई से हुई आय को किसी ऐसे एसेट या विकल्प में लगाने की प्रक्रिया, जिसमें उस खास एसेट या विकल्प की अपनी खुद की विशेषताओं की मदद से समय के साथ आपके पैसों में बढ़त दर्ज होने की उम्मीद हो निवेश कहलाती है। आसान शब्दों में निवेश वो तरीका होता है जिसमें आप अपनी रकम पर सही समय पर किए गए फैसले के आधार पर बिना श्रम के अतिरिक्त पैसा पाने के हकदार बनते हैं।

निवेश क्यों जरूरी होता है?

चलिए आपसे हम दो सवाल पूछते हैं. पहला क्या भविष्य में आपके खर्चे बढेंगे. यकीनन लगभग सभी इसका जवाब हां में देंगे. अगर महंगाई बढ़ेगी या फिर परिवार बढ़ेगा तो खर्च भी बढ़ेगा। अब दूसरा सवाल क्या भविष्य में आपके खर्चों के हिसाब से आपकी कमाई या आय भी बढेगी. इसका जवाब शायद ही किसी के पास होगा। महामारी, आर्थिक मंदी, महंगाई में तेज उछाल, बढ़ती उम्र कई फैक्टर हैं जिसकी वजह से आय को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। यही वजह है कि आने वाले समय में अपने खर्च को पूरा करने, अपने लक्ष्य को पाने यहां तक कि अपने सपनों के लिए भी आपको आय के ऐसे स्रोत की आवश्यकता होती है, जो अपने बल पर आपको आर्थिक रूप से मजबूत बना सकें। सही समय पर पैसों को ऐसे ऐसेट्स या विकल्पों में लगाना जो अपने बल पर खुद ही आपको पैसों को बढ़ाते रहें,बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। सबसे बड़ी बात, ये उस समय भी काम करते रहते हैं जब आप अपना काम छोड़ने की स्थिति में आ जाते हैं जैसे रिटायरमेंट आदि।

क्या हर निवेश में पैसा बनता है?निवेश क्या होता है?

ध्यान देने की बात ये है कि निवेश अतिरिक्त आय की उम्मीद में किया जाता है. लेकिन वास्तविकता में आपको नुकसान भी हो सकता है। दरअसल निवेश बेहद सोच समझ कर की जाने वाली प्रक्रिया है। जिसे बेहद गंभीरता से लिया जाना चाहिए. सही समय पर सही जगह लगाई गई मामूली रकम आपको बेहद ऊंचा रिटर्न दे सकती है। हालांकि गलत फैसले आपकी पूरी पूंजी भी डुबा सकते हैं। 5paisa निवेशकों को वो सभी जरूरी जानकारियां उपलब्ध कराता है जिससे वो निवेश से जुड़ा सही फैसला ले सकें और अपनी कमाई को समय के साथ और आगे बढ़ता हुआ देख सकें।

क्या छोटे निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड एक आदर्श निवेश है?

क्या छोटे निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड एक आदर्श निवेश है?

लगभग सभी छोटे या बड़े निवेशक के पास एक बचत बैंक (SB) खाता होता है और कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसके पास ऐसा खाता हो म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश शुरु कर सकता है। न्यूनतम रु. 500 प्रति माह के छोटे से निवेश से म्यूचुअल फंड नियमित निवेश की स्वस्थ आदत को बढ़ावा देता है।

छोटे निवेशक के लिए म्यूचुअल फंड के अन्य लाभ निम्नलिखित हैं-

  • लेनदेन की आसानी- म्यूचुअल फंड में निवेश, समीक्षा, प्रबंधन और रिडीम करना(बेचना) सभी सरल प्रक्रियाएं हैं।
  • आसान तरलता, अधिकतम पारदर्शिता और प्रकटीकरण, खातों निवेश क्या होता है? के समय पर विवरण, और कर लाभ वे सारे तत्व हैं जिनकी अपेक्षा छोटा और पहली बार निवेश करने वाला व्यक्ति रखता है।
  • म्यूचुअल फंड में लाभांश, निवेशक के लिए कर मुक्त होते हैं|
  • एक म्यूचुअल फंड रु.500 से लेकर रु.5 करोड़ तक के निवेशक को समान निवेश प्रदर्शन प्रदान करता है। इस प्रकार से यह छोटे या बड़े सभी निवेशकों के हितों को ध्यान में रखता है।
  • रु.500 प्रति माह का निवेश करने वाले के लिए भी पेशेवर तरीके से प्रबंधित, डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो उपलब्ध हैं|

शुरुआती राशि चाहे कितनी भी छोटी हो या उद्देश्य चाहे कैसा भी हो, म्यूचुअल फंड सही माध्यम है।

कारक निवेश

की सरल परिभाषाफ़ैक्टर निवेश विभिन्न परिसंपत्ति मूल्यों के लिए निवेश रणनीति को चैनलाइज़ करने के लिए विभिन्न विशेषताओं का उपयोग है। निवेशकों द्वारा कारक निवेश के लिए निर्धारित कुछ विशेषताओं में स्टॉक की अस्थिरता, वृद्धि और . शामिल हैंमंडी पूंजीकरण।

Factor Investing

व्यापक समझ के लिए, हम यह भी कह सकते हैं कि कारक निवेश एक ऐसी रणनीति है जो किसी परिसंपत्ति के रिटर्न मूल्य को पहले से ही परिसंपत्ति से जुड़े जोखिमों और बाजार रिटर्न का विश्लेषण करके निर्धारित करती है।

कारक निवेश की उत्पत्ति

फैक्टर इन्वेस्टमेंट ने पहली बार 70 के दशक में गति प्राप्त करना शुरू किया जब निवेशकों ने बाजार में चक्कर लगाने वाली मौजूदा रणनीतियों में खामियां ढूंढनी शुरू कर दीं। कारक निवेश के सामने आने से पहले, इसके लिए निवेश क्या होता है? अन्य उपाय भी थेइक्विटीज पसंदराजधानी परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण मॉडल और कुशल बाजार परिकल्पना।

लेकिन कारक निवेश के जन्म के बाद, प्रमुख निवेशकों ने धन के निर्माण के सुव्यवस्थित तरीके के कारण इसे अपनाना शुरू कर दिया। कई तरह से निवेश करने वाले कारकों को निवेश के तीसरे तरीके के रूप में पूरा किया जा सकता है, जिसमें सक्रिय और निष्क्रिय दोनों रणनीतियां शामिल हैं, लेकिन इसमें पारदर्शिता भी शामिल है और इसका उद्देश्य कम लागत वाले मूल्य के साथ रिटर्न में सुधार करना है।

इन दिनों फैक्टर इन्वेस्टमेंट इतना लोकप्रिय होने का निवेश क्या होता है? एक और मुख्य कारण यह है कि यह विभिन्न कारकों पर रणनीतियों को मिलाकर अच्छी तरह से काम करता है और लंबे समय में रिटर्न सुनिश्चित करता है। सिद्ध कारकों को लक्षित करने से विविधीकरण को बढ़ावा मिलता है; हालांकि, जब आप दृष्टिकोण के लिए जाने के बारे में सोचते हैं, तो ध्यान रखें कि कई अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। इसलिए, परिणाम हमेशा रैखिक नहीं हो सकते हैं।

कारक निवेश की मूल बातें क्या हैं?

कारक निवेश द्वारा केंद्रित पांच मौलिक सिद्धांत हैं:

1) स्टॉक का मूल्य

इस कारक का उद्देश्य अपने मौजूदा मौलिक मूल्यों की तुलना में कम कीमतों वाले शेयरों से अधिकतम मूल्य निकालना है।

मोमेंटम स्ट्रैटेजी मुख्य रूप से उन शेयरों पर केंद्रित है जो आने वाले समय में सबसे मजबूत रिटर्न देने वाले हैं।

3) अस्थिरता

यह कारक मुख्य रूप से उन शेयरों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनमें कम अस्थिरता होती है क्योंकि वे भविष्य में अधिक जोखिम-समायोजित रिटर्न अर्जित करते हैं।

4) आकार

छोटे आकार के शेयरों में बड़े शेयरों की तुलना में अधिक रिटर्न मिलता है। निवेशक बाजार पूंजीकरण को देखकर स्टॉक के आकार पर कब्जा कर सकते हैं।

5) स्टॉक की गुणवत्ता

निवेशक कुछ मापदंडों का उपयोग करके, परिवर्तनशीलता अर्जित करके और इक्विटी में वापसी करके गुणवत्ता वाले शेयरों की पहचान कर सकते हैं।

निष्कर्ष

इनके अलावा, जो कारक निवेश को कुशलता से बनाता है, वह यह है कि निवेशकों के पास विभिन्न कारकों और रणनीतियों में से चुनने का मौका होता है, जो बदले में विविध निवेश का कारण बन सकता है। कारक निवेश सक्रिय और निष्क्रिय निवेश के लिए एक प्रतिस्थापन नहीं है, और यह सिर्फ एक मात्रात्मक वैकल्पिक दृष्टिकोण है।

निवेश के स्रोत के रूप में कारक निवेश को एकीकृत करके, व्यक्ति दीर्घकालिक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और जोखिम को एक साथ कम कर सकते हैं। अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर, लोग निवेश के लिए विभिन्न कारकों या विभिन्न कारकों के संयोजन को ध्यान में रख सकते हैं।

संक्षेप में, जब निवेश की बात आती है तो कारक निवेश ने बाजार के परिदृश्य को संरचनात्मक रूप से बदल दिया है क्योंकि आम आदमी इस दृष्टिकोण के माध्यम से आसान रिटर्न और उच्च लाभ की ओर बढ़ सकता है।

निवेश की शुरुआत करने जा रहे हैं? जानिए कैसे उठाएं एक-एक कदम

ईटीएफ नए निवेशकों के लिए अच्‍छा विकल्‍प है. इसके लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी.

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निवेश की शुरुआत करने से पहले आकांक्षा के मन में सवाल उठ सकता है कि वह अपने पोर्टफोलियो को मैनेज कैसे करेंगी. उनके पास न तो मार्केट के बारे में अध्ययन करने का समय है, न ही चार्ट पैटर्न और कंपनियों के बिजनेस मॉडल समझने का. लिहाजा, शायद उन्‍हें कोई निर्णय लेने में दिक्‍कत हो. इसका समाधान है. उन्‍हें इंडेक्‍स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए और बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में भूल जाना चाहिए.

निवेश की रणनीति पर फैसला उनके विवेक पर निर्भर करता है. निवेश से पहले उन्‍हें अपनी जोखिम लेने की क्षमता का पता लगा लेना चाहिए. व‍ह निवेश पर कैसे नजर रखेंगी, इसे भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए.

यह उन्‍हें फैसला लेने में मदद करेगा कि आकांक्षा एक्टिव मैनेजमेंट रूट का इस्‍तेमाल करना चाहती हैं या उनका भरोसा बेंचमार्क इंडेक्‍स या ईटीएफ पर है. सक्रिय रूप से प्रबंधित की जाने वाली म्‍यूचुअल फंड स्‍कीमों के उलट ईटीएफ बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश नहीं करते हैं. बजाय इसके इन्‍हें मार्केट ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है. इन्‍हें आमतौर पर अपेक्षाकृत सुरक्षित और लागत प्रभावी माना जाता है. ईटीएफ नए निवेशकों के लिए अच्‍छा विकल्‍प है. इसके लिए आकांक्षा को सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत होगी.

आकांक्षा निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी कर देंगी, उतना अच्‍छा होगा. उन्‍हें अपनी निवेश रणनीति के साथ बने रहना चाहिए. किसी भी हालत में भावनाओं को हावी नहीं होने देना चाहिए. बाजार की दैनिक उठापटक से उनका लक्ष्‍य प्रभावित नहीं होना चाहिए. कुल मिलाकर लब्बोलुआब यह है कि छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करें. पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें. धैर्य रखें. स्मार्ट फैसले लें.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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