What is Stock Split in Hindi – स्टॉक स्प्लिट क्या होता है
What is Stock Split in Hindi – स्टॉक स्टॉक स्पलीट क्या है? स्प्लिट क्या होता है : दोस्तों अक्सर आपने शेयर बाज़ार में स्टॉक स्प्लिट नाम सुना होगा। अगर आप शेयर बाज़ार में नये हैं और स्टॉक स्प्लिट के बारे में नहीं जानते। तो आपके लिए यह आर्टिकल बहुत ही उपयोगी साबित होने वाला है। क्योंकि आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेगे कि आखिर स्टॉक स्प्लिट (What is Stock Split in Hindi) क्या होता है और इससे निवेशकों को क्या लाभ प्राप्त होता है जानते हैं इसके बारे में सब कुछ विस्तार से आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
स्टॉक स्प्लिट क्या होता है (What is Stock Split in Hindi)
अगर आप शेयर बाज़ार में पैसा लगाकर कोई शेयर खरीदते हैं, तो आपको यह भी पता होगा कि बहुत-सी कंपनियाँ समय-समय पर अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) करती रहती हैं।
स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) से तात्पर्य यह है, की आपने अगर किसी कंपनी का शेयर ख़रीदा है स्टॉक स्पलीट क्या है? और अचानक से उस शेयर के दाम बढ़ गये। तो ऐसे में वह कंपनी छोटे निवेशकों को लुभाने के लिए अपने शेयर को स्प्लिट कर देती है, जिससे निवेशक उस शेयर पर निवेश कर सके। इससे कंपनी को यह लाभ होता है, की कंपनी को एक बार में अधिक फंड मिल जाता है।
शेयर होल्डर्स को स्टॉक स्प्लिट से क्या लाभ होता है (What are the Benefits of Stock Split in Hindi
अगर कोई कंपनी अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट करती है, तो इससे शेयर धारको (Share Holders) को काफी फायदा होता है। क्योंकि इससे छोटे निवेशकों को उस कंपनी के शेयर में पैसा लगाना आसान हो जाता है। ज्यादातर मामलो में कंपनी द्वारा अपने शेयरों का स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) करने के कुछ समय बाद शेयरों के दाम में वृद्धि देखी जाती है।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिये जैसे एस के कंपनी के शेयर की कीमत आज के समय 55 हज़ार से लेकर 58 हज़ार के बिच है। तो अब हर कोई एस के कंपनी के शेयर नहीं खरीद सकता। लेकिन एस के कंपनी अपने शेयर को स्प्लिट (Split) कर देती है, तो उसकी कीमत कुछ भागों में बंट जायेगी। जिससे छोटे निवेशकों के लिए एस के कंपनी के शेयर खरीदने में काफी आसानी होंगी।
कंपनी जब अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट करती है, तो क्या इससे कंपनी को कोई फर्क पड़ता है
बिल्कुल नहीं! जब कंपनी अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट करती है, तो कंपनी को उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि उस कंपनी के शेयर की वैल्यू उतनी ही रहती है। बस वह कुछ हिस्सों में बंट जाती है, जिससे छोटे शेयर धारको को उस कंपनी के शेयर खरीदने में आसानी हो जाती है।
कंपनियाँ अपने शेयर का स्टॉक स्प्लिट क्यों करती है – Why do Companies do Stock Splits of their Shares?
कंपनीयाँ अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट (Stocks Split) इसलिए करती है, क्योंकि कभी-कभी कंपनीयों के शेयर के दाम इतने बढ़ जाते है, कि बहुत से लोगों को उसे खरीदना काफी मुश्किल हो जाता है और शेयर धारक उसमें निवेश नहीं कर पाते। ऐसे में कंपनीयाँ अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट कर देती है। ताकि छोटे-बड़े सभी शेयर धारक उसमें निवेश करके उस शेयर को आसानी से खरीद सके।
कैसे पता चलता की कंपनी ने अपने शेयर को स्टॉक स्प्लिट किया है – How to Know if the Company has Done a Stock Split of its Shares
दोस्तों अगर आप एक शेयर धारक है, तो आपने जिस कंपनी के शेयर में निवेश किया है। आपको उस कंपनी का ई-मेल आ जायेगा। जिससे आपको पता चल जाएगा की उस कंपनी ने अपने शेयर को कितने टुकड़ो में स्टॉक स्प्लिट (stock split) किया है।
इसके विपरीत अगर आप किसी दूसरी कंपनी के स्टॉक स्प्लीट के बारे में जानना चाहते है, तो आप Moneycontrol के वेबसाइट पर जाकर दूसरी कंपनीयों के शेयर की स्टॉक स्प्लीट (Stock Split) के बारे में जानकारी हासिल कर सकते है।
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अंतिम शब्द
तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताया कि शेयर स्टॉक स्प्लिट क्या होता है (What is Stock Split in Hindi) और इसमें शेयर धारकों को क्या फायदा (What are the Benefits of Stock Split in Hindi) होता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आपके मन में शेयर बाज़ार को लेकर कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।
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क्या होता है Stock Split? यह कंपनी और शेयरहोल्डर्स के लिए कैसे है फायदेमंद? क्यों किया जाता है स्टॉक स्प्लिट?
Stock Market Investment स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने शेयरों को विभाजन करती है। आमतौर पर जब किसी कंपनी के शेयर बहुत महंगे हो जाते हैं तब छोटे इन्वेस्टर उन शेयरों में इन्वेस्ट नहीं कर पाते हैं। आप भी इनके बारे में जान लें।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। स्टॉक मार्केट (Stock Market) में कई तरह के टर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रेडिंग के दौरान इन्वेस्टर का सामना अक्सर कुछ शब्दों से होता है। डिविडेंड, शेयर बायबैक, स्टॉक स्प्लिट जैसे शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं। स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) के बारे में आपने जरूर सुना होगा। आखिर ये स्टॉक स्प्लिट क्या है? इन्वेस्टर के लिए क्यों है ये इतना महत्वपूर्ण? कंपनियां क्यों और किसलिए करती हैं इसका इस्तेमाल? ऐसे कई सवाल आपके मन में भी आते होंगे।
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क्या होता है स्टॉक स्प्लिट?
स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) का मतलब होता है शेयर विभाजन। स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने शेयरों को विभाजन करती है। आमतौर पर जब किसी कंपनी के शेयर बहुत महंगे हो जाते हैं, तब छोटे इन्वेस्टर उन शेयरों में इन्वेस्ट नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कंपनी अपने शेयरों की ओर छोटे इन्वेस्टर को आकर्षित करने और मार्केट में मांग बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट का भी सहारा लेती है।
क्या होता है शेयरहोल्डर को फायदा?
जब कोई कंपनी अपने शेयरों को दो हिस्से में विभाजन करती है, तो शेयरहोल्डर को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है। इससे स्टॉक होल्डर के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाती है। इन्वेस्ट के वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होता है, क्योंकि दो हर एक शेयरों को दो शेयरों में स्प्लिट करने से हर एक शेयर का वैल्यू आधा हो जाता है।
कंपनी पर क्या असर होता है
बता दें कि शेयर स्प्लिट से कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। लेकिन इससे कंपनी स्टॉक स्पलीट क्या है? के मार्केट कैपिटलाइजेशन पर कोई असर नहीं पड़ता है। वहीं, स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयर अधिक लिक्विडेट हो जाते हैं। कई बार लोग स्टॉक स्प्लिट को बोनस शेयर को एक ही समझ बैठते हैं। हालांकि, ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं।
छोटे निवेशकों के लिए निवेश करने से फायदा
स्टॉक स्प्लिट से शेयरों की प्राइस कम हो जाती है। इससे छोटे इन्वेस्टर के लिए उस कंपनी के शेयरों में इन्वेस्ट करना आसान हो जाता है। प्राइस कम होने से उन शेयरों की मांग अचानक बढ़ जाती है। इसलिए स्प्लिट के बाद कुछ समय के लिए उन शेयरों में उछाल भी देखा जाता है।
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क्या है Stock Split और Bonus Share जो शेयर मार्केट के इन्वेस्टर को करता है प्रभावित
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है शेयरों का विभाजन। आसान भाषा में कहें तो किसी भी शेयर को दो या दो से अधिक हिस्सों में तोड़ देना होता है। बता दें कि बोनस इश्यू तब होता है जब मौजूदा शेयरहोल्डर (Shareholders) को निश्चित अनुपात में अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कंपनियां अपने फायदे को शेयरहोल्डर्स के साथ समय-समय पर साझा करती रहती हैं। इसके लिए कंपनियां कई बार अपने शेयरहोल्डर को डिविडेंड देती हैं। तो वहीं कई बार शेयरधारकों अतिरिक्त शेयर भी दिया जाता है। शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टर अक्सर स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) और बोनस शेयर (Bonus Share) के बारे में सुनते ही होंगे, लेकिन इन्वेस्टर को इसका मतलब नहीं पता होता है। इसका मतलब क्या होता है और कंपनियां इन शब्दों का इस्तेमाल क्यों करती हैं?
स्टॉक स्प्लिट क्या है
स्टॉक स्प्लिट का मतलब होता है शेयरों का विभाजन। आसान भाषा में कहें तो किसी भी शेयर को दो या दो से अधिक हिस्सों में तोड़ देना होता है। बता दें कि कंपनी इसमें नया शेयर जारी नहीं करती है। लेकिन इसमें मौजूदा शेयरों को ही डिवाइड या स्प्लिट कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी 1:2 रेश्यो में स्टॉक स्प्लिट का एलान करती है तो इसका मतलब होता है कि अगर आपके पास उस कंपनी का एक शेयर है तो यह 2 गुणा शेयर बन जाएगा। वहीं, 100 शेयरों की संख्या स्प्लिट या डिवाइड के बाद 200 हो जाएगी।
बोनस शेयर क्या होता है मतलब
बता दें कि बोनस इश्यू तब होता है जब मौजूदा शेयरहोल्डर (Shareholders) को निश्चित अनुपात में अतिरिक्त शेयर दिए जाते हैं। उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी 4:1 के रेश्यो में बोनस इश्यू का एलान करती है तो इसका मतलब है कि अगर किसी शेयरधारकों के पास 1 शेयर हो तो उसे इसके बदले 4 शेयर मिलेगा। यानी कि अगर किसी इन्वेस्टर के पास 10 शेयर हैं तो उसे बोनस शेयर के रूप में कुल 40 शेयर मिल जाएंगे।
क्या है इसके अंतर और इन्वेस्टर के लिए क्या है इसके फायदे
स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) और बोनस शेयर (Bonus Share)दोनों में ही शेयरों की संख्या में बढ़ोतरी होती है। साथ ही, मार्केट वैल्यू भी कम हो जाती है। वहीं सिर्फ स्टॉक स्प्लिट में ही फेस वैल्यू कम हो जाती है, लेकिन बोनस इश्यू में ऐसा नहीं होता हैं। बता दें कि स्टॉक स्प्लिट और बोनस इश्यू में यही मुख्य अंतर होता है।इससे कंपनियां इन दोनों तरीकों से अपने शेयरधारकों को इनाम देती है। बोनस इश्यू और स्टॉक स्प्लिट दोनों में ही शेयरहोल्डर्स को अतिरिक्त राशि देने की जरूरत नहीं होती है। स्टॉक स्प्लिट में पहले से उपलब्ध शेयर स्प्लिट हो जाती है। यानी कि आपके पास उपलब्ध शेयरों की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है। शेयरों की प्राइस घट जाती है। आपके द्वारा इन्वेस्टमेंट किए गए पैसे पर स्टॉक स्प्लिट की वजह से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
Stock Split- स्टॉक स्प्ल्टि
क्या होता है स्टॉक स्प्ल्टि?
स्टॉक स्प्ल्टि (Stock Split) तब होता है जब कोई कंपनी अपने स्टॉक की तरलता बढ़ाने के लिए स्टॉक के वर्तमान शेयरों को विविध नए शेयरों में विभाजित कर देती है। हालांकि बकाया शेयरों की संख्या विशिष्ट मल्टीपल के द्वारा बढ़ जाती है, शेयरों का कुल डॉलर मूल्य स्प्ल्टि से पहले की मात्रा की तुलना में समान बना रहता है क्योंकि स्प्ल्टि कोई वास्तविक वैल्यू नहीं जोड़ता। स्प्ल्टि रेशिओ स्टॉक स्पलीट क्या है? का सबसे समान रूप 1 के लिए 2 या 1 के लिए 3 है (कभी कभार इसे 2:1 या 3:1 के रूप में वर्णित किया जाता है) जिसका अर्थ यह है कि स्टॉकहोल्डर के पास स्प्ल्टि होने के बाद क्रमशः स्प्ल्टि से पहले ओन्ड प्रत्येक शेयर के लिए दो या तीन शेयर होंगे।
मुख्य बातें
- स्टॉक स्प्ल्टि तब होता है जब कंपनी स्टॉक की तरलता बढ़ाने के लिए स्टॉक के वर्तमान शेयरों को विविध नए शेयरों में विभाजित कर देती है।
- हालांकि स्टॉक स्पलीट क्या है? बकाया शेयरों की संख्या विशिष्ट मल्टीपल के द्वारा बढ़ जाती है, शेयरों का कुल डॉलर मूल्य स्प्ल्टि से पहले की मात्रा की तुलना में समान बना रहता है क्योंकि स्प्ल्टि से कोई वास्तविक वैल्यू नहीं पैदा होती।
- स्प्ल्टि रेशिओ का सबसे समान रूप 1 के लिए 2 या 1 के लिए 3 है जिसका अर्थ यह है कि स्टॉकहोल्डर के पास स्प्ल्टि होने के बाद क्रमशः स्प्ल्टि से पहले ओन्ड प्रत्येक शेयर के लिए दो या तीन शेयर होंगे।
- रिवर्स स्टॉक स्प्ल्टि प्रभावी रूप से अपोजिट ट्रांजेक्शन होते हैं, जहां कंपनी मल्टीप्लाई करने की जगह इसके अनुरूप मार्केट प्राइस को बढ़ाते हुए स्टॉकहोल्डर के स्वामित्व वाले शेयरों को विभाजित करती है।
स्टॉक स्प्ल्टि किस प्रकार काम करता है?
स्टॉक स्प्ल्टि कारपोरेट एक्शन होता है जिसमें कंपनी वर्तमान शेयरों को विविध शेयरों में विभाजित करती है। कंपनियां अपने शेयरों को स्प्ल्टि करना पसंद करती हैं, जिससे कि वे स्टॉक की ट्रेडिंग कीमत को अधिकांश निवेशकों द्वारा आरामदायक समझे जाने वाले रेंज तक नीचे ले आएं और शेयरों की तरलता बढ़ाएं। जब किसी स्टॉक को स्प्ल्टि किया जाता है तो शेयरों की कीमतें मार्केट में स्वाभाविक रूप से समायोजित हो जाती हैं।
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