Stock Market: मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच क्या हो निवेश का सही तरीका? जानिए किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी
डाइवर्सिफिकेशन का फायदा यह है कि यह मोटे तौर पर आपके इनवेस्टमेंट में रिस्क को कम करता है. इसके अलावा, यह लंबी अवधि में आपके रिटर्न को भी बढ़ाता है.
आज के समय में अगर आप निवेश के ज़रिए अच्छा रिटर्न चाहते हैं तो एक बेहतर पोर्टफोलियो का होना काफी अहम है.
Stock Market: आमतौर पर इस बारे में चर्चा होती रहती है कि निवेशकों को पोर्टफोलियो से जुड़े फैसले लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. लेकिन निवेशकों के लिए यह समझना भी उतना ही जरूरी है कि उन्हें क्या नहीं करना चाहिए. यह समझना एक निवेशक के तौर पर आपके इन्वेस्टमेंट जर्नी के लिए बेहद अहम है. आज के समय में अगर आप निवेश के ज़रिए अच्छा रिटर्न चाहते Market रिस्क क्या होता है? हैं तो एक बेहतर पोर्टफोलियो का होना काफी अहम है. कई निवेशक शेयर या म्यूचुअल फंड्स में ही अपना सारा पैसा लगा देते हैं. डाइवर्सिफिकेशन का फायदा यह है कि यह मोटे तौर पर आपके इनवेस्टमेंट में रिस्क को कम करता है. इसके अलावा, यह लंबी अवधि में आपके रिटर्न को भी बढ़ाता है.
हर एसेट क्लास की खासियत अलग-अलग होती है. इसलिए इनमें रिटर्न का पैटर्न भी अलग होता है. एक निवेशक को अपने पोर्टफोलियो में इक्विटी, फिक्स्ड इनकम, रियल एस्टेट, गोल्ड और दूसरी कमोडिटीज का सही संतुलन बनाना चाहिए.
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भविष्य को लेकर अनुमान लगाने से बचें
निवेशक अक्सर बाजार के उतार-चढ़ाव को लेकर अनुमान लगाते रहते हैं. निवेशकों को ऐसा करने से बचना चाहिए. अभी भी लॉन्ग टर्म में बाजार ऊपर की ओर जाएंगे क्योंकि बिजनेस समय के साथ बेहतर प्रदर्शन करते हैं. अक्सर निवेशक बाजार की गिरावट को देखकर घबरा जाते हैं और अपने शेयर बेचने लगते है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि करेक्शन के समय हमें घबराने के बजाए इसे इन्वेस्टमेंट के मौके के तौर पर देखना चाहिए.
सोशल मीडिया पर सलाह लेने से बचें
सोशल मीडिया या ट्विटर या किसी प्लेटफॉर्म पर तैरने वाली किसी भी राय या सलाह को न मानें. इस तरह की सलाह को मानकर आप किसी मुश्किल में फंस सकते हैं. इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि निवेश से जुड़े किसी भी तरह के फैसले लेने से पहले अपने निवेश सलाहकार से चर्चा कर लें.
अटकलें न लगाएं और निवेश करें
अपने पोर्टफोलियो से जुड़े फैसले लेते समय अटकलें लगाने से बचें और निवेश करें. आप किसी स्टॉक को जितना समय देंगे उसके अच्छे प्रदर्शन की संभावना भी उतनी ही बढ़ जाती है. इसलिए निवेश के दौरान धैर्य बनाए रखना भी बेहद जरूरी है.
पोर्टफोलियो की समीक्षा है जरूरी
फाइनेंशियल प्लानर्स और फंड मैनेजरों का मानना है कि आपको अपने पोर्टफोलियो की नियमित तौर पर समीक्षा करते रहना चाहिए. यह इसलिए जरूरी है कि हो सकता है कि पहले आपने जिस एसेट क्लास Market रिस्क क्या होता है? में बेहतर रिटर्न की उम्मीद की थी, समय के साथ रिटर्न के मामले में उसकी अहमियत कम हो जाए. अगर ऐसे एसेट क्लास को लेकर तुरंत रणनीति में बदलाव Market रिस्क क्या होता है? न किया जाए तो आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. जैसे-जैसे बाजार बदलता है, आपको अपने पोर्टफोलियो में भी बदलाव करना चाहिए. निवेशकों को यह समझने की जरूरत Market रिस्क क्या होता है? है कि पोर्टफोलियो को संतुलित करना एक बार का काम नहीं है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमने जिन एसेट्स में निवेश किया है, वह आगे भी बेहतर रिटर्न देंगे, नियमित तौर पर समीक्षा जरूरी है.
अपने गोल्स और रिस्क लेने की क्षमता को समझें
निवेश को लेकर आपके गोल्स और रिस्क लेने की क्षमता काफी हद तक इस बात पर निर्भर है कि आपकी उम्र, इनकम, टेन्योर और निवेश का कारण क्या है. ऐसे निवेशक जो अभी युवा हैं और जिनका परिवार उन पर निर्भर नहीं है वे अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. जीवन में समय के साथ हमारी जरूरतें और गोल्स भी बदलते रहते हैं. ऐसे में आप बाद में हायब्रिड फंड में स्विच कर सकते हैं. इसके ज़रिए न केवल आपका रिटर्न सुनिश्चित होता है बल्कि जोखिम को भी सावधानी से कम किया जाता है. जिन निवेशकों को न्यूनतम जोखिम के साथ आय का एक स्थिर स्रोत चाहिए, वे शॉर्ट टर्म फंड और लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं.
Market रिस्क क्या होता है?
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Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा
Trading Tips: किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.
Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)
Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.
अफोर्डेबल रिल्क
अगर सब कुछ आपकी रणनीति के मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.
‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग
ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर Market रिस्क क्या होता है? भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते Market रिस्क क्या होता है? हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.
तकनीकी का करें इस्तेमाल
ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.
अपना रिसर्च करें
शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.
स्ट्रेटजी के साथ करें ट्रेडिंग
अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह Market रिस्क क्या होता है? स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े Market रिस्क क्या होता है? स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)
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