एक ही समय में विभिन्न एसेट क्लास अलग-अलग दिशाओं में चलते हैं. इसका किस एसेट क्लास में निवेश? अनुमान लगा पाना मुश्किल है कि कोई एसेट क्लास कब किस दिशा में जाएगा. उदाहरण के लिए जब शेयर चढ़ते हैं तो अमूमन सोना नीचे जाता है. जब आपका पैसा कई एसेट क्लास में लगा होगा तो आपको नुकसान का खतरा घट जाएगा. वेल्थ मैनेजर मानते हैं कि लंबी अवधि में उचित एसेट एलोकेशन से 90 फीसदी रिटर्न आता है.
Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो
Investment Strategy: मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्ट्रटेजी बेहतर तरीका है.
Make Your Portfolio Strong: साल 2022 निवेशकों के लिहाज से एक कठिन समय रहा है. हम साल 2022 के अंत में आ गए हैं, लेकिन बाजार में अनिश्चितताएं अभी कायम हैं. रूस और यूक्रेन जंग के चलते किस एसेट क्लास में निवेश? जियो पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई, रेट हाइक और आगे मंदी की आशंका जैसे फैक्टर अभी भी बाजार में मौजूद हैं, जिनके चलते बाजार पर दबाव मौजूद है. एक्सपर्ट भी मान रहे हैं कि भले ही बाजार का लंबी अवधि का आउटलुक मजबूत है, नियर टर्म में करेक्शन दिख सकत है. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल है कि मौजूदा समय में एक मजबूत पोर्टफोलियो कैसे तैयार करें.
अलग अलग एसेट क्लास के जरिए पोर्टफोलियो
BPN फिनकैप के सीईओ और डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बाजार में अनिश्चितताएं अभी मौजूद हैं. शॉर्ट टर्म की बात करें तो ग्लोबल सेंटीमेंट बहुत अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में किसी एसेट क्लास पर फोकस करने की बजाए अलग अलग एसेट क्लास पर ध्यान देना चाहिए. मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्ट्रटेजी बेहतर तरीका है. हालांकि निवेश के पहले यह जरूर दखें कि आपके फाइनेंशियल लक्ष्य क्या हैं, आपमें रिस्क लेने की कितनी क्षमता किस एसेट क्लास में निवेश? है, बाजार में आप कितना लंबा टिक सकते हैं. इन बातों को ध्यान में रखकर ही निवेश की प्लानिंग करें. उन्होंने अभी पोर्टफोलियो में 3 एसेट क्लास इक्विटी, डेट और गोल्ड शामिल करने का सुझाव दिया है.
निगम का कहना है कि आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्लास का कितना रेश्यो होना चाहिए, यह आपके रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर है. अगर आप एग्रेसिव इन्वेस्टर्स हैं यानी रिस्क लेने का तैयार हैं और लंबी अवधि तक बाजार में टिकना चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्ड का रेश्यो 70:25:5 होना चाहिए. लेकिन आप माडरेट इन्वेस्टर हैं यानी ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्यो 45:किस एसेट क्लास में निवेश? 45:10 को होना चाहिए. अगर आप कंजर्वेटिव इन्वेस्टर हैं यानी रिस्क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्यो 20:70:10 को होना चाहिए.
इक्विटी में कहां करें निवेश
उनका कहना है कि इक्विटी में अभी लार्ज एंड मिड कैप और मल्टीकैप कटेगिरी बेहतर है. जबकि डेट में शॉर्ट मैच्योरिटी वाले फंड और डायनमिक बॉन्ड फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
स्टैंडर्ड एसेट अलोकेशन के रूप में, पोर्टफोलियो का 10 फीसदी आमतौर पर जोखिम वाले निवेश से हेज के लिए गोल्ड में रखा जाता है. इसके लिए सॉवरेन गोल्ड बांड भी बेहतर विकल्प है, जिसमें 2.5 फीसदी सालाना रिटर्न अतिरिक्त बेनेफिट मिलता है. वहीं मैच्येारिटी पर लांग टर्म गेंस टैक्स से छूट मिलती है. गोल्ड हेजिंग का काम भी करता है. इसमें बाजार की वोलेटिलिटी या मंदी जैसी स्थिति में सुरक्षा मिलती है, लिक्विडिटी भी बेहतर है.
(Disclaimer: कैपिटल मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी किस एसेट क्लास में निवेश? भी एसेट क्लास में निवेश की सलाह नहीं देता है.)
एसेट एलोकेशन क्यों जरूरी है, कब कैसा होना चाहिए आपका पोर्टफोलियो
- Paurav Joshi
- Publish Date - October 11, 2021 / 04:58 PM IST
धारणा यह है कि किसी परिसंपत्ति की कोई भी किस एसेट क्लास में निवेश? अत्यधिक कीमत अंततः लंबी अवधि में सामान्य हो जाएगी. इसलिए यह कमजोर इच्छा शक्ति वाले निवेशकों के लिए सही विकल्प नहीं है
अगर आप निवेशक हैं तो एसेट अलोकेशन का महत्व समझना जरूरी है. किस दौर में आपको कितना पैसा इक्विटी, गोल्ड, बांड या ऐसे दूसरे एसेट एसेट क्लास में होना चाहिए, इसका अपना खास महत्व है. बहुत से लोग होते हैं तो बाजार में आई तेजी देखकर अपना पूरा पैसा वहीं झोंक देते हैं, जहां दूसरे निवेश कर रहे होते हैं. वे मंदी के दौरान भी यही करते हैं. यह गलत रणनीति है. बेहतर है कि आप एसेट अलोकेशन का महत्व समझों और उसी अनुशासन में अपना हर दौर के लिए पोर्टफोलियो तैयार करें.
Mutual Fund: मल्टी असेट फंड में निवेश से मिलते हैं कई तरह के लाभ, जानिए इसकी क्या है विशेषता
मल्टी असेट क्लास में इक्विटी, बॉण्ड, कैश किस एसेट क्लास में निवेश? सभी का होता है समावेश
- लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के वक्त इस बात को समझना भूल जाते हैं कि उनके फंड में किस तरह का असेट किस एसेट क्लास में निवेश? है
- विशेषज्ञ कहते हैं कि आपके फंड में कई तरह के असेट क्लास हो
- इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को कई असेट क्लास में फैलाने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह होता है कि इससे रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है
मुंबई
बात जब म्यूचुअल किस एसेट क्लास में निवेश? फंड (Mutual Fund) में इंवेस्टमेंट (Investment in Mutual Fund) की आती है तो एक अहम सवाल सामने आता है। यह सवाल है पोर्टफोलियो (Portfolio) में किस तरह का असेट क्लास (Asset Class) हो? इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो (Investment Portfolio) को कई असेट क्लास में फैलाने का एक महत्वपूर्ण लाभ यह होता है कि इससे रिस्क (Risk) काफी हद तक कम हो जाता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी असेट क्लास एक निश्चित समय में समान तरीके से प्रदर्शन नहीं करते हैं। आज हम बात करेंगे मल्टी असेट फंड (Multi Asset Fund) की। इसमें निवेश से आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं जो कि अन्य फंड में नहीं मिलते।
What is Asset Allocation in Hindi : निवेश में एसेट एलोकेशन का मतलब क्या है? जानिए
Asset Allocation किस एसेट क्लास में निवेश? in Hindi: अगर आपने कभी खाना बनाया है, तो आप यह अच्छे से जानते होंगे कि व्यंजन में डालने के लिए आप जो सामग्री का इस्तेमाल करते है किस एसेट क्लास में निवेश? अगर उसकी मात्रा कम या ज्यादा हो जाएं तो खाने का स्वाद बिगड़ सकता है। आपका निवेश पोर्टफोलियो भी कुछ ऐसा ही होता। आप अपने पोर्टफोलियो में किस एसेट क्लास (इक्विटी, डेट, कैश या गोल्ड) को जोड़ना चाहते हैं और कितने रेश्यो में जोड़ना चाहते है यही एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) कहा जाता है। यह आपके पोर्टफोलियो को बना या बिगाड़ सकता है। Asset Allocation Kya Hai? (What is Asset Allocation in Hindi) यह और विस्तार से जानने आगे पढें।
Asset Class क्या हैं?
एक Asset class securities का एक संग्रह है, तुलनीय लक्षण प्रकट करता है और समान बाजार में उतार-चढ़ाव से गुजरता है। इसी तरह की वैधता लगभग हमेशा एक परिसंपत्ति वर्ग में प्रतिभूतियों को बांधती है। विशेषज्ञों ने निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में तेजी से विविधता लाने में मदद करने के लिए विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में अलग-अलग निवेश उपकरण रखे हैं।
परिसंपत्ति वर्गों के अनुसार जोखिम कारक, कराधान, वापसी दर, तरलता, कार्यकाल और बाजार में उतार-चढ़ाव अलग-अलग होते हैं। इसलिए, निवेशक अक्सर न्यूनतम लागत के साथ अधिकतम रिटर्न अर्जित करने के लिए परिसंपत्ति श्रेणी के विविधीकरण पर भरोसा करते हैं।
एसेट क्लास का प्रकार [Type of Asset Class ]
संपत्ति वर्गों को वर्गीकृत करने के लिए कई मानदंड हो सकते हैं। आप उन्हें उद्देश्य के आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं, जैसे कि यह तेल और प्राकृतिक गैस जैसी उपभोग संपत्ति है या यह स्टॉक और बॉन्ड जैसी निवेश संपत्ति है। आप उन्हें स्थान या बाजारों जैसे घरेलू प्रतिभूतियों, विदेशी या अंतर्राष्ट्रीय निवेश, या उभरते बाजारों और विकसित बाजारों के आधार पर भी वर्गीकृत कर सकते हैं।
- Real estate
- Fixed-income Security
- Equity
- Marketable Commodity
- Cash
एसेट क्लास उपयोगी क्यों हैं? [Why Are Asset Classes Useful?] [In Hindi]
वित्तीय सलाहकार निवेशकों को रिटर्न बढ़ाने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद करने के तरीके के रूप में परिसंपत्ति वर्ग पर ध्यान केंद्रित करते हैं। कई अलग-अलग परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करना निवेश चयनों में एक निश्चित मात्रा में विविधता सुनिश्चित करता है। प्रत्येक परिसंपत्ति वर्ग से अपेक्षा की जाती है कि वह अलग-अलग जोखिम को प्रतिबिंबित करे और निवेश की विशेषताओं को लौटाए और किसी भी बाजार के माहौल में अलग-अलग प्रदर्शन करे। Asset-Based Lending क्या है?
आपको वास्तव में यह जानने की ज़रूरत नहीं है कि कोई विशिष्ट निवेश किस परिसंपत्ति वर्ग में आता है। आपको बस बुनियादी अवधारणा को समझने की जरूरत है कि निवेश की व्यापक, सामान्य श्रेणियां हैं। विविधीकरण की अवधारणा के कारण यह तथ्य महत्वपूर्ण है। विविधीकरण आपके निवेश किस एसेट क्लास में निवेश? को विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में फैलाकर आपके समग्र जोखिम को कम करने का अभ्यास है।
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