जब हम अपने स्टॉक ब्रोकर के जरिए किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, या बेचते हैं। तो यह सारा लेखा जोखा हमारे ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये ही होता है। इसके अलावा हमारे खरीदे हुए शेयर भी तब तक हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में रहते हैं। कुछ इसी प्रकार जब हम अपने पास रखी शेयर को बेचते हैं। तो वह जाते तो डीमेट एकाउंट से हैं, लेकिन उसका भुगतान भी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में ही आता है।

आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर

Difference between trading account and demat account in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट – ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) वह है जिसमें आप एक निश्चित धनराशि को जमा करते हैं और उसके माध्यम से शेयर मार्केट के शेयरों की खरीद और बिक्री को कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग

डीमैट अकाउंट – शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री डीमैट अकाउंट (Demat Account) के माध्यम से होती है। ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदे गए शेयरों को डीमैट अकाउंट में ही रखा जाता है। डीमैट अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइए जानते हैं क्या होता है डीमैट अकाउंट, इसे कैसे खोलते हैं

आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट में अंतर

Difference between trading account and demat account in Hindi

ट्रेडिंग अकाउंट – ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) वह है जिसमें आप एक निश्चित धनराशि को जमा करते हैं और उसके माध्यम से शेयर मार्केट के शेयरों की खरीद और बिक्री को कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग

डीमैट अकाउंट – शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री डीमैट अकाउंट (Demat Account) के माध्यम से होती है। ट्रेडिंग अकाउंट से खरीदे गए शेयरों को डीमैट अकाउंट में ही रखा जाता है। डीमैट अकाउंट के बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें : आइए जानते हैं क्या होता है डीमैट अकाउंट, इसे कैसे खोलते हैं

बैंक भी देते हैं डीमैट अकाउंट की सुविधा

आपका जिस बैंक में खाता (Bank Account) है, सबसे पहले वहीं चेक कर सकते हैं। आज की तारीख में अधिकतर बैंक की सहायक कंपनी डीमैट अकाउंट (Demat Account) की सुविधा दे रहे हैं। यदि बैंक के पास ब्रोकरेज फर्म नहीं है तो वह किसी ब्रोकरेज फर्म से टाईअप करके अपने ग्राहकों को डीमैट अकाउंट की सुविधा दे देते हैं। बैंक के अलावा कुछ वॉलेट कंपनी भी इस तरह की सुविधा दे रही हैं।

पूरी करें कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया

सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया (Online Customer Onboarding Process) है। डिजिटल खाता खोलने का फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें। इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट इत्यादि शामिल हैं। ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं।

सत्यापन प्रक्रिया पूरी करें

आपके द्वारा प्रस्तुत क्रेडेंशियल्स को सत्यापित करने का काम एक एक्जीक्यूटिव को सौंपा जाएगा। यह डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? एक सरल लेकिन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो फोन कॉल या ब्रोकरेज फर्म के प्रतिनिधि से फिजिकल विजिट के माध्यम से किया जा सकता है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए टेली-वेरिफिकेशन की अत्यधिक संभावना है। कुछ ब्रोकरेज फर्म शुरुआती एप्लिकेशन से एक घंटे से भी कम समय में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं।

अकाउंट डिटेल्स डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? प्राप्त करें

एक बार सत्यापित (After Varification) हो जाने के बाद आपके खाते को आधिकारिक रूप से शेयर ट्रेडिंग (Share Trading) के लिए मंजूरी मिल जाएगी। आपको एक वेलकम किट प्राप्त होगी जिसमें अकाउंट डिटेल्स जैसे कि एक यूनिक आईडी और आपके खाते तक पहुंचने के लिए पासवर्ड होगा। आप शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading) करने के लिए तैयार हैं।

शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा

अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है? कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।

ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।

ट्रेडिंग एकाउंट और डीमेट एकाउंट में क्या अंतर है

डीमैट अकाउंट आपके द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखने का एक लॉकर है। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे या बेच सकते हैं। कुछ इसी प्रकार पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है। यानी जब आप कोई भी शेयर बेचते हैं। और उसके बदले में आपको उसका भुगतान होता है। तो वह भी ट्रेडिंग अकाउंट में आता है।

जिसके बाद आप चाहे तो उस पैसे को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा शेयर खरीदने के लिए भी आपको अपने बैंक से सबसे पहले ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे चाहिए होते हैं। यदि आसान भाषा में कहें। किसी भी कंपनी के शेयर की खरीदारी और बिक्री की प्रक्रिया के साथ-साथ पैसों का लेन-देन भी ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही होता है।

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