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मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है
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RAISE आकलन AYRH हस्तक्षेप को लागू करने के लिए Abia राज्य, नाइजीरिया में क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है
डॉ Maryann Ekwuribe Abia राज्य प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल विकास एजेंसी के किशोर और युवा प्रजनन स्वास्थ्य (AYRH) इकाई में एक वरिष्ठ स्टाफ सदस्य है। यहां तक कि एक वरिष्ठ स्टाफ सदस्य के रूप में, वह कभी-कभी कम उपयोग किया जाता था और हमेशा निश्चित नहीं होता था कि यूनिट में उससे वास्तव में क्या उम्मीद की गई थी।
कब The Challenge Initiative (TCI) ने अपना परिचय दिया प्रतिबिंब और कार्रवाई आत्मनिर्भरता और प्रभावशीलता में सुधार करने के लिए (RAISE) Abia राज्य के लिए मूल्यांकन उपकरण, डॉ Maryann मूल्यांकन टीम का हिस्सा होने के लिए राज्य द्वारा चुना गया था। हाल ही में, उसने उपकरण के लिए अपना उत्साह साझा किया:
सीपीसी आदेश II नियम 3 वादी को एक ही वाद में दो या अधिक कार्रवाई के कारणों में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं करता : सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा, सिविल प्रक्रिया संहिता वास्तव में एक वादी को कार्रवाई के कारणों में शामिल होने की अनुमति देती है, लेकिन यह वादी को ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं करती है।"
हालांकि, अदालत ने कहा कि कार्रवाई के कारण से उत्पन्न होने वाले सभी दावों में शामिल नहीं होने के परिणाम भविष्य के वाद में वादी के लिए घातक हो सकते हैं।
दरअसल ट्रायल कोर्ट ने आंशिक रूप से विभाजन के लिए वाद का फैसला किया। हाईकोर्ट ने प्रतिवादी की अपील खारिज कर दी। अपील मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है में, प्रतिवादी-अपीलकर्ता द्वारा दिए गए तर्कों में से एक यह था मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है कि वाद इस आधार पर खारिज किए जाने योग्य है कि मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है आवश्यक पक्षों का गैर-संयोजन था। इसके लिए, वादी ने प्रस्तुत मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है किया कि वर्तमान वाद के लिए कार्रवाई का कारण वादी के अधिकारों पर आर एम पाटिल की अलग और स्वयं अर्जित संपत्तियों पर आधारित है।
डाकघर के 1 चैक का 3 बार बाऊंस’ होना क्या वास्तव में ''डिजिटल इंडिया का आगाज''
मालेरकोटला (वरिन्द्र): भारत को विश्व गुरु बनाकर डिजिटल करने के ख्वाबों ने मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है सबको अच्छे दिनों की आस में भ्रमित कर रखा है जबकि केन्द्र के डाकघर से अपनी ही मेहनत की बचत को पाने हेतु आम आदमी को दफ्तरों की ठोकरें व अफसरों की मिन्नतें निकालनी पड़ रही हैं, वहीं कुंभकर्णी नींद के आगोश में बैठे सरकारी बाबुओं की मनमर्जियों व गलतियों के कारण सैकड़ों रुपए ब्याज-बैंक खर्च की आर्थिक-मानसिक परेशानी अलग से झेलनी पड़ रही है, जिससे अब सरकारी खजाने में अपना ही सुरक्षित धन असुरक्षित होने की भावना से भय का माहौल है तथा इंसाफ व अधिकारियों पर कार्रवाई हेतु प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है।
यह विचार मेन डाकघर मालेरकोटला के बचत खाता उपभोक्ता मंजु रानी व सजीव कुमार सिंगला ने ‘डाकघर से जारी 1 चेक’ का 3 बार बाऊंस होने पर ‘डिजिटल इंडिया के आगाज’ को झूठा बताते कहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले पोस्टल लाइफ इशोरैंस पॉलिसी करवाई थी जिसकी मैचियोरिटी पर मेन डाकघर मालेरकोटला ने 25 नवम्बर 2022 को बचत खाते (010021632771) के माध्यम से 1 लाख 85 हजार 600 रुपए का चैक मंजु रानी के नाम से ‘एस.बी.आई. बैंक’ को जारी किया तो 4 दिनों बाद 29 नवम्बर 2022 को ‘कोई कारण लिखकर’ बैंक ने चैक बाऊंस कर दिया, जिसकी शिकायत करने पर चैक को दोबारा बैंक में लगवाने का दिलासा मिला पर 3 दिसम्बर 2022 मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है को बैंक ने फिर से चैक बाऊंस कर दिया तो सब अचंभित रह गए।
क्या कहते हैं अधिकारी
डाकघर मास्टर रणजीत सिंह ने कहा कि चैक के 3 बार बाऊंस होने के पीछे बैंक के किसी अंजान कर्मचारियों की लापरवाही या कोई तकनीकी फाल्ट है तथा बैंक से बातचीत चल रही है पर कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। जबकि केंद्र सरकार के डाकघर खाते में उचित बैलेस मौजूद है। उधर ए.एस.पी.एम. परमिदर सिंह ने कहा कि डाकघर कर्मचारी द्वारा एल.ओ.सी. गलत भरने से ही असुविधा हो रही थी तथा अब वो स्वयं चैक को पास करवाने हेतु बैंक गए हैं। वहीं चैक के 3 बार बाऊंस होने पर उपभोक्ता को बैंक खर्च का जुर्माना अदा करवा देंगे तथा ब्याज को आपसी बातचीत से हल कर दिया जाएगा। फिलहाल चैक की रकम खाते मूल्य कार्रवाई वास्तव में क्या है में जमा करवाने हेतु भागदौड़ करके कार्रवाई करवाई जा रही है।
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