क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

Cryptocurrency और Digital Rupee में क्‍या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्‍तेमाल तो आपको क्‍या होगा फायदा?

अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी को टक्‍कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्‍ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्‍वस्‍त होने के बाद इसके इस्‍तेमाल को शुरू किया जाएगा.

RBI ने अभी इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्‍तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्‍टोकरेंसी में क्‍या फर्क है और इससे आम लोगों को क्‍या फायदा होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर

क्रिप्‍टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्‍लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्‍टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्‍टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्‍य संस्‍था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्‍टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.


डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्‍टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्‍यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्‍त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्‍कत आने पर वित्‍तीय संस्‍थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

Crypto Currency में निवेश कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर है कन्फ्यूजन तो जानिए.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल करेंसी से होनेवाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. तो Crypto Currency में निवेश करना आपके लिए कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर अगर आपके मन में है किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन, तो पढ़ें ये रिपोर्ट.

Updated: February 3, 2022 10:31 AM IST

cryptocurrency bitcoin

Crypto Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं इस साल का बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने भारत में भी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही और कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का TAX लगेगा. यह म्युचुअल फंड या यहां तक ​​कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे कहीं अधिक है.अब क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं.

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राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार डिजिटल करेंसी को स्पेकुलेटिव असेट मानती है. यही कारण है कि अन्य स्पेकुलेटिव असेट जैसे हॉर्स रेसिंग की तरह ही क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही टोटल अमाउंट पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है.

इसके साथ ही राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बड़ी बात कही है कि अगर क्रिप्टो करेंसी से किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अगर किसी वित्त वर्ष में आपको क्रिप्टो में निवेश से घाटा होता है तो आप इसे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते.

वहीं, टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू कोई नहीं जानता. इनके रेट्स में बदलाव होते रहता है. सरकार की नई नीति है कि क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर अब 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा.

Crypto Currency से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा. आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और बेचते हैं तो 5,500 रुपये में केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर.

मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के खिलाफ अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं. यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है. हालाँकि, क्रिप्टो आय के मामले में यह संभव नहीं होगा.

वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि केवल Crypto Currency प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा. इसलिए, अगर आप अपने दोस्त को 1 Bitcoin गिफ्ट कर रहे हैं, तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा. हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह विरासत में मिली क्रिप्टो पर लागू होता है या नहीं.

भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो कानून नहीं है. नया कराधान बस क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार को सभी लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देता है. इसे सरल शब्दों में समझें तो, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी बनाता है. हालांकि, वे अभी भी अनियंत्रित हैं.

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है.

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Cryptocurrency में निवेश का बना लिया है मन तो Crypto 101 के बारे में जान लें सबकुछ, वरना हो सकती है दिक्कत!

बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

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क्रिप्टोकरेंसी के लिए फिलहाल भारत में कोई कानून नहीं है।

महब कुरैशी. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह है कि, इसमें शेयर बाजार के विपरीत तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ऐसे में बहुत से लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके बड़ा लाभ कमाया है। वहीं जिन लोगों ने अभी तक इसमें कभी निवेश नहीं किया है। अब वह भी बिटकॉइन, डॉगकोइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते हैं। आपको बता दें क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुए अभी केवल 10 साल ही पूरे हुए है। लेकिन इसके बावजूद इसमें लोगों की रूचि दिन दूनी रात चौगनी बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो आपको इस खबर को पूरा पढ़ना चाहिए। क्योंकि इसके बिना आपको तकड़ा नुकसान हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल संपत्ति हैं- जिनका उपयोग आप निवेश के रूप में और यहां तक ​​कि ऑनलाइन खरीदारी के लिए भी कर सकते हैं। यह क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है, जिससे नकली या दोहरा खर्च करना लगभग असंभव हो जाता है। लेकिन यहां पर ये ध्यान देने वाली बात है कि, क्रिप्टोकरेंसी भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, जिसका अर्थ है क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं कि आप एक बिटकॉइन नहीं उठा सकते हैं और इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। और भारतीय रुपये के विपरीत, कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी के लाभ या सुविधाएं के मूल्य को बनाए रखता है।

इसके अलावा, क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्रत्येक सिक्के में प्रोग्राम या कोड की एक अनूठी लाइन होती है। इसका मतलब है कि इसे कॉपी नहीं किया जा सकता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना और पहचानना आसान हो जाता है।

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यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार जैसे केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा समर्थित नहीं किया जाता है। इसके बजाय, ये कंप्यूटर की एक श्रृंखला में चलते हैं। यह बिना किसी बिचौलिए के वेब पर पीयर-टू-पीयर से एक्सचेंज किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी का विकेंद्रीकरण किया जाता है – जिसका मतलब है कि कोई भी सरकार या बैंक यह प्रबंधित नहीं करता है कि वे कैसे बने हैं, उनका मूल्य क्या है, या उनका आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा। सभी क्रिप्टो लेनदेन क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित हैं – जिसका अर्थ है कि यह केवल बेचने वाले और खरीदने वाले को इसकी सामग्री देखने की अनुमति होती है।

आप क्रिप्टोकरेंसी को कैसे स्टोर कर सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन ‘वॉलेट’ में स्टोर किया जा सकता है, जिसे आपकी ‘private key’ के यूज से एक्सेस किया जा सकता है। अगर इसे समझा जाए तो एक सुपर-सुरक्षित पासवर्ड के बिना क्रिप्टो को एक्सचेंज नहीं किया जा सकता।

किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है?
बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार वाली क्रिप्टोकरेंसी है जिसके बारे में हर कोई जानता है और बात करता है, लेकिन यह एकमात्र तरह की क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। लिटकोइन, पोलकाडॉट, चेनलिंक, मूनकॉइन, शिबा इनु, डॉगकॉइन आदि भी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। कॉइनमार्केट कैप के अनुसार, वर्तमान में 6,000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें?
इस सवाल का जवाब भी अब आसान हो गया है। बढ़ती लोकप्रियता के चलते अब बाजार में ढेरो क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स हैं। ऐसे में देश में Bitcoin और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स में WazirX, Zebpay, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO के नाम शामिल हैं। इन्वेस्टर्स Coinbase और Binance जैसे इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म्स से Bitcoin, Dogecoin और Ethereum जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी भी खरीद सकते हैं।

सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। आपको केवल इन प्लेटफॉर्म्स पर साइन अप करना होगा। इसके बाद अपना KYC प्रोसेस पूरा कर वॉलेट में मनी ट्रांसफर करना होगा। इसके बाद आप खरीदारी कर पाएंगे।

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का रूख क्या है?

फिलहाल, भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली कोई कानून नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होना अवैध है। इस बीच, भारत को अभी तक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन को प्रस्तुत करना बाकी है, जो “आधिकारिक डिजिटल मुद्रा” के शुभारंभ के लिए नियामक ढांचा तैयार करेगा, इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन हितधारकों के साथ चर्चा के चलते इसे टाल दिया गया। आपको बता दें अब तक, केवल कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी तौर पर स्वीकार किया है और यह सूची काफी छोटी है।

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