Gold Price May 4: फिर गिरी सोने की कीमतें, वायदा बाजार में ये है आज का भाव

Gold Price May 4: फिर गिरी सोने की कीमतें, वायदा बाजार में ये है आज का भाव

नई दिल्ली । Gold Price today । सोने की कीमतों में मंगलवार को फिर गिरावट दर्ज की गई। सुबह कारोबार के दौरान Multi commodity Exchange पर 10 ग्राम सोने का भाव 70 रुपए घटकर 47248 रुपए चल रहा था। साथ ही चांदी के भाव में 27 रुपए की बढ़त देखी गई, जिसके बाद चांदी 69,898 रुपए प्रति किलो के लेवल पर पहुंच गई है।

MCX पर सोने चांदी के भाव का ये रहा ट्रेंड

एक दिन पहले सोमवार को मजबूत हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे स्थानीय वायदा बाजार में Gold rate 424 रुपए की तेजी के साथ 47,161 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया था। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में जून महीने की डिलिवरी के लिए सोने का भाव 424 रुपए यानि 0.91 प्रतिशत की तेजी के साथ 47,161 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। इसमें 10,558 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

ग्लोबल मार्केट में सोने का भाव

सोने व चांदी के कारोबार से जुड़े बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली वायदा अनुबंध करने से सोने की कीमत में तेजी आई है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूयार्क में सोने की कीमत 0.70 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,780 डॉलर प्रति औंस हो गया।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमत

कारोबारियों ने सोमवार को अपने सौदों को बढ़ाया, जिससे वायदा कारोबार में चांदी की कीमत 762 रुपए की तेजी के साथ 69,128 रुपए प्रति किलो हो गई। MCX में चांदी के जुलाई डिलीवरी वाले वायदा अनुबंध का भाव 762 रुपए यानि 1.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 69,128 रुपए प्रति किलो हो गया। इस वायदा अनुबंध में 8,778 लॉट के लिए सौदे किए गए।

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चांदी के कारोबार में तेजी

सराफा बाजार से जुड़े विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू मांग में तेजी के बीच कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करने से चांदी वायदा कीमतों में तेजी आई। वैश्विक स्तर पर न्यूयार्क में चांदी का भाव 1.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 26.16 डालर प्रति औंस हो गया।

दिल्‍ली में सोना चमका

वैश्विक बाजार में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में सुधार और रुपये के मूल्य में गिरावट से स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने का दाम 310 रुपये की तेजी के साथ 46,580 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। एचडीएफसी सिक्युरिटीज के मुताबिक पिछले दिन के कारोबार में सोना 46,270 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर बंद हुआ था। चांदी भी 580 रुपए की तेजी के साथ 67,वायदा अनुबंध 429 रुपए प्रति किलो ग्राम हो गई। बीते कारोबारी सत्र में यह 66,849 रुपए पर बंद हुई थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत लाभ के साथ 1,777 डालर प्रति औंस हो गया, वहीं चांदी मामूली वायदा अनुबंध वायदा अनुबंध फायदे के साथ 26.06 डालर प्रति औंस पर बोली गई थी।

सेबी का आदेश : पांच जिंसों में एक साल तक वायदा कारोबार पर रोक, महंगाई थामने के लिए पहली बार उठाया कदम

साल की शुरुआत में भी सरकार ने चना और सरसों के बीच में वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। फैसले के बाद नेशनल कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज ने कहा कि अगले आदेश तक इन जिंसों में कोई भी नया अनुबंध जारी नहीं किया जाएगा।

सेबी

खाद्य महंगाई के बढ़ते दबाव से निपटने के लिए सरकार ने वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को बताया कि पाम, मूंग, गेहू सहित पांच कमोडिटी के वायदा कारोबार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 2003 में इन खाद्य उत्पादों में वायदा कारोबार शुरू किए जाने के बाद पहली बार इस पर रोक लगाई है।

इसका मकसद खुदरा बाजार में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाना है। आदेश के तहत धान (गैर बासमती), गेहूं, सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव, कच्चे पाम तेल व मूंग का वायदा कारोबार एक साल तक प्रतिबंधित रहेगा। नए फैसले के बाद वायदा कारोबार से बाहर रहने वाले कुल नौ उत्पाद हो जाएंगे।

साल की शुरुआत में भी सरकार ने चना और सरसों के बीच में वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। फैसले के बाद नेशनल कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज ने कहा कि अगले आदेश तक इन जिंसों में कोई भी नया अनुबंध जारी नहीं किया जाएगा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर भी कारोबार प्रतिबंधित रहेगा।

फैसले के तीन बड़े असर

  • 20 दिसंबर से नई पोजीशन लेने पर रोक।
  • मौजूदा सौदे को ही खत्म करने की इजाजत।
  • अगले आदेश तक नए अनुबंध नहीं होंगे।

कम हो सकती है खाद्य महंगाई दर
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, घरेलू जिंसों के व्यापार में कमी और आयात बढ़ने के बाद आने वाले समय में खाद्य महंगाई नीचे आ सकती है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4.91% व थोक महंगाई 14.23% पहुंच गई थी।

इसलिए प्रतिबंध की जरूरत
खाद्य तेल व्यापार महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि बड़े सटोरिए वायदा कारोबार के जरिये जरूरी कमोडिटीज पर नियंत्रण बनाते हैं। बढ़ती खाद्य महंगाई से इनके वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग की थी।

कारोबारियों की राय
प्रतिबंध लगाना सरकार का पिछड़ा हुआ कदम है। इससे एग्री कमोडिटी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा और बाजार भागीदारों का भरोसा भी कम होगा। -केवी सिंह उपाध्यक्ष, ओरिगो कमोडिटीज

सेबी की रोक के बाद कमोडिटी एक्सचेंज पर सोयाबीन, पाम, सरसों में कारोबार नहीं होगा और ये जिंस बाजार में आएंगी। इससे तिलहन सस्ता होगा। -अतुल चतुर्वेदी, अध्यक्ष भारतीय खाद्य तेल संगठन

विस्तार

खाद्य महंगाई के बढ़ते दबाव से निपटने के लिए सरकार ने वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को बताया कि पाम, मूंग, गेहू सहित पांच कमोडिटी के वायदा कारोबार को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 2003 में इन खाद्य उत्पादों में वायदा कारोबार शुरू किए जाने के बाद पहली बार इस पर रोक लगाई है।

इसका मकसद खुदरा बाजार में खाद्य तेलों की बढ़ती वायदा अनुबंध कीमतों पर काबू पाना है। आदेश के तहत धान (गैर बासमती), गेहूं, सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव, कच्चे पाम तेल व मूंग का वायदा कारोबार एक साल तक प्रतिबंधित रहेगा। नए फैसले के बाद वायदा कारोबार से बाहर रहने वाले कुल नौ उत्पाद हो जाएंगे।

साल की शुरुआत में भी सरकार ने चना और सरसों के बीच में वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। फैसले के बाद नेशनल कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज ने कहा कि अगले आदेश तक इन जिंसों में कोई भी नया अनुबंध जारी नहीं किया जाएगा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर भी कारोबार प्रतिबंधित रहेगा।

फैसले के तीन बड़े असर

  • 20 दिसंबर से नई पोजीशन लेने पर रोक।
  • मौजूदा सौदे को ही खत्म करने की इजाजत।
  • अगले आदेश तक नए अनुबंध नहीं होंगे।

कम हो सकती है खाद्य महंगाई दर
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, घरेलू जिंसों के व्यापार में कमी और आयात बढ़ने के बाद आने वाले समय में खाद्य महंगाई नीचे आ सकती है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4.91% व थोक महंगाई 14.23% पहुंच गई थी।

इसलिए प्रतिबंध की जरूरत
खाद्य तेल व्यापार महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि बड़े सटोरिए वायदा अनुबंध वायदा कारोबार के जरिये जरूरी कमोडिटीज पर नियंत्रण बनाते हैं। बढ़ती खाद्य महंगाई से इनके वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग की थी।

कारोबारियों की राय
प्रतिबंध लगाना सरकार का पिछड़ा हुआ कदम है। इससे एग्री कमोडिटी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा और बाजार भागीदारों का भरोसा भी कम होगा। -केवी सिंह उपाध्यक्ष, ओरिगो कमोडिटीज


सेबी की रोक के बाद कमोडिटी एक्सचेंज पर सोयाबीन, पाम, सरसों में कारोबार नहीं होगा और ये जिंस बाजार में आएंगी। इससे तिलहन सस्ता होगा। -अतुल चतुर्वेदी, अध्यक्ष भारतीय खाद्य तेल संगठन

सीपीएआई ने सेबी से कपास वायदा अनुबंधों में निर्बाध कारोबार उपलब्ध कराने को कहा

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) कमोडिटी पार्टिसिपेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से बाजार सहभागियों को कपास वायदा अनुबंधों में निर्बाध हेजिंग और कारोबार (ट्रेडिंग) की सुविधा देने का आग्रह किया है।
अगस्त में सेबी ने अनुबंध विनिर्देशों को बाजार के अनुरूप बनाने के लिए जिंस एक्सचेंज एमसीएक्स पर सभी कपास वायदा अनुबंधों में कारोबार को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
बाद में, एमसीएक्स ने सूचित किया कि यह कपास अनुबंध विनिर्देश को संशोधित करने की प्रक्रिया में है और कपास जनवरी, 2023 अनुबंध में किसी भी नये सौदे की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सोमवार को सेबी को लिखे पत्र में सीपीएआई ने कहा कि मौजूदा अनुबंध 30 दिसंबर, 2022 को समाप्त होगा और समापन से पांच दिन पहले डिलिवरी अवधि में चला जाएगा।
बाजार सहभागियों और हेजिंग करने वालों को जनवरी, 2023 के अनुबंध में अपने सौदे को आगे ले जाने की आवश्यकता है।
बाजार सहभागी, संशोधित अनुबंध विनिर्देश के लिए अधिसूचना की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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मंदी की चिंताओं के बीच 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा ब्रेंट क्रूड ऑयल

Crude oil price : मंदी की चिंताओं के बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. अमेरिका और चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने वैश्विक मंदी की चिंताओं को जन्म दिया.

Published: August 17, 2022 4:12 PM IST

Brent crude oil price

Brent Crude Oil Price : वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताओं के बीच ब्रेंट वायदा ताजा निचले स्तर को छूने के साथ कच्चे तेल की कीमतों में बुधवार को गिरावट जारी रही. इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट का अक्टूबर अनुबंध सत्र के दौरान छह महीने के निचले स्तर 91.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

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दोपहर 2.10 बजे के आसपास, वायदा अनुबंध 91.85 डॉलर प्रति बैरल पर था, जो पिछले बंद से 0.53% कम है.

Nymex पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का सितंबर अनुबंध 86.25% वायदा अनुबंध पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से 0.32% कम है.

ईरान परमाणु समझौते के लिए अमेरिका-ईरान वार्ता में फिर से आगे बढ़ने की उम्मीद से भी तेल की कीमतों में और कमी आई है.

लाइव मिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी रिसर्च के प्रमुख रवींद्र राव ने कहा, क्रूड कमजोर धारणा का संकेत दे रहा है, हालांकि हमें कुछ रिकवरी देखने को मिल सकती है. मांग की चिंता, चीन का वायरस फैल गया और ईरान की परमाणु वार्ता में प्रगति के बीच ईरान से उच्च आपूर्ति की संभावना कच्चे तेल की कीमत पर पड़ी.

अमेरिका और चीन के कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने वैश्विक मंदी की चिंताओं को जन्म दिया. हाल ही में एक अमेरिकी सर्वेक्षण से पता चलता है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में होमबिल्डर भावना (एचएमआई) कमजोर हो गई है और डेवलपर्स को लगता है कि देश “आवास मंदी” से गुजर रहा है.

चीन से उम्मीद से कमजोर आर्थिक आंकड़ों का भी निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा. विश्लेषकों ने कहा कि चीन की खुदरा बिक्री और कारखाने के आंकड़ों में वृद्धि देखी गई, लेकिन बाजार की उम्मीदों से काफी कम थी. जुलाई में खुदरा बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 2.7% की वृद्धि हुई और साल-दर-साल आधार पर औद्योगिक उत्पादन में 3.8% की वृद्धि हुई.

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