इस विकल्‍प का चयन निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता पर भी निर्भर करता है. दीर्घावधि में डेट फंड या सरकारी बचत योजनाएं लगभग आठ प्रतिशत का रिटर्न देती हैं. निवेश के ये विकल्‍प कम जोखिम वाले और अपेक्षाकृत ज्यादा सुरक्षित होते हैं.

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नये म्युचु्अल फंड निवेशकों के लिये कुछ सुझाव

हेमंत रस्तोगी, सीईओ , वाइज इन्वेस्ट एडवाइजर्स प्राईवेट लिमिटेड (CEO, Wiseinvest Advisors Pvt. Ltd)

पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को अधूरी जानकारी होती है और ज्यादातर वे निवेश की परिस्थितियों में आने वाली अनिश्चितताओं से प्रभावित हो जाते हैं। लेकिन म्यूचुअल फंड निवेश में बाजार के समय से भी अधिक महत्वपूर्ण बातें हैं जो ध्यान रखनी चाहिये।

सबसे पहले ध्यान रखे

एक महत्वाकांक्षी यूनिट धारक को सबसे पहले ये तय करना चाहिये कि वो किस तरह के पोर्टफोलियो (निवेश सूची) का निर्माण करना चाहता है। दूसरे शब्दों उच्च जोखिम निवेश चेतावनी में उसे अपनी सम्पत्ति के सही विनियोजन का फैसला करना चाहिये।ये ऐसेट एलोकेशन (asset allocation) कहलाता है। ऐसेट एलोकेशन वो तरीका है जो ये निर्धारित करता है कि आप अपने पैसे को विभिन्न निवेशों में कैसे लगायें जिसमें सम्पत्ति के सभी वर्गों का उचित मिश्रण हो।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्रालय ने दी निवेशकों को चेतावनी

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  • Updated: February 15, 2022 4:55 PM IST

वित्त मंत्रालय ने निवेशकों के लिए चेतावनी जारी की है कि क्रिप्टोकरेंसी की कोई कानूनी मान्यता नहीं है और इस तरह की मुद्रा की कोई सुरक्षा नहीं है।उल्लेखनीय है कि बिटकॉइन समेत हाल के दिनों में वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टोकरेंसी) के मूल्य में तेजी से वृद्धि हुई है। यह वैश्विक स्तर के साथ-साथ भारत में भी हुई है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह उच्च जोखिम निवेश चेतावनी की मुद्रा का कोई वास्तविक मूल्य नहीं है और ना ही इसके पीछे कोई संपत्ति है। Also Read - Crypto Market Today (18 June 2022): Bitcoin में नहीं रूक रही गिरावट, क्रिप्टो में पैसा लगाने से पहले जरूर जानें मार्केट का हाल

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमत पूरी तरह अटकलों पर आधारित परिणाम है और इसलिए उच्च जोखिम निवेश चेतावनी इसकी कीमतों में इतना उतार-चढ़ाव है।’’ बयान के मुताबिक इस तरह के निवेश में वैसा ही उच्च स्तर का जोखिम है जैसा कि पोंजी योजनाओं में होता है। इससे निवेशकों को अचानक से भारी नुकसान हो सकता है विशेषकर खुदरा ग्राहकों को जिनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई को झटका लग सकता है। Also Read - Crypto Market Today (26 May 2022): Terra Classic (LUNA) में एक बार फिर देखने को मिली गिरावट, Pixel Swap (PIXEL) में हुई 303.54% की बढ़ोतरी

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मंत्रालय ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी धारकों, उपयोक्ताओं और उच्च जोखिम निवेश चेतावनी कारोबारियों को पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तीन बार इसके खतरों के प्रति आगाह किया जा चुका है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने यह भी सूचित किया है कि इस तरह की मुद्रा के सौदों या संबंधित योजनाओं को चलाने के लिए उसने किसी को लाइसेंस या प्रमाणन नहीं दिया है।

  • Published Date: December 30, 2017 9:00 AM IST
  • Updated Date: February 15, 2022 4:55 PM IST

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रिस्क-रिटर्न ट्रेडऑफ़

जोखिमों में से एक के बीच संबंध निवेश में चलता है और निवेश के प्रदर्शन को जोखिम-वापसी व्यापार के रूप में जाना जाता है । रिस्क-रिटर्न ट्रेडऑफ उच्च जोखिम को दर्शाता है, उच्च प्रतिफल – और इसके विपरीत। इस सिद्धांत का उपयोग करते हुए, अनिश्चितता के निम्न स्तर (जोखिम) कम संभावित रिटर्न और उच्च स्तर के अनिश्चितता के उच्च स्तर के साथ जुड़े होते हैं। रिस्क-रिटर्न ट्रेडऑफ के अनुसार, निवेशित धन उच्च लाभ प्रदान कर सकता है केवल अगर निवेशक नुकसान की उच्च संभावना को स्वीकार करेगा।

निवेशक जोखिम-वापसी व्यापार को निर्णय लेने के आवश्यक घटकों में से एक मानते हैं। वे इसका उपयोग संपूर्ण रूप में अपने पोर्टफोलियो का आकलन करने के लिए भी करते हैं।

जोखिम सहिष्णुता

संपत्ति के पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय एक निवेशक उच्च जोखिम निवेश चेतावनी को अपनी व्यक्तिगत जोखिम सहिष्णुता को समझने की आवश्यकता होती है । जोखिम सहिष्णुता निवेशकों के बीच भिन्न होती है। जोखिम सहिष्णुता को प्रभावित करने वाले कारकों में शामिल हो सकते हैं:

  • सेवानिवृत्ति तक शेष समय
  • पोर्टफोलियो का आकार
  • भविष्य की कमाई की संभावना
  • खोए हुए फंड को बदलने की क्षमता
  • अन्य प्रकार की परिसंपत्तियों की उपस्थिति: घर में इक्विटी, पेंशन योजना, बीमा पॉलिसी

रिस्क और रिटर्न को मैनेज करना

सूत्र, रणनीतियाँ और एल्गोरिदम लाजिमी हैं जो जोखिम और वापसी के बीच संबंध को निर्धारित करने के लिए विश्लेषण और प्रयास करने के लिए समर्पित हैं।

रॉय की सुरक्षा-पहली कसौटी, जिसे SFRatio के रूप में भी जाना जाता है, निवेश निर्णयों के लिए एक दृष्टिकोण है जो किसी दिए गए स्तर के जोखिम के लिए न्यूनतम आवश्यक रिटर्न निर्धारित करता है। इसका सूत्र एक पोर्टफोलियो पर न्यूनतम-आवश्यक रिटर्न प्राप्त करने की संभावना प्रदान करता है; एक निवेशक का इष्टतम निर्णय उच्चतम SFRatio वाला पोर्टफोलियो चुनना है।

एक और लोकप्रिय उपाय शार्प अनुपात है । यह गणना एक परिसंपत्ति की, फंड की, या एक जोखिम मुक्त निवेश के प्रदर्शन की पोर्टफोलियो की तुलना करती है, जो आमतौर पर तीन महीने के यूएस ट्रेजरी बिल है। शार्प अनुपात जितना अधिक होगा, जोखिम-समायोजित प्रदर्शन उतना ही बेहतर होगा।

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बच्चों की उच्‍च शिक्षा का सपना होगा साकार, कम पैसे लगाकर ज्‍यादा रिटर्न पाने का है यह अचूक फॉर्मूला

शिक्षा दिनों-दिन खर्चीली होती जा रही है और माता-पिता को अनपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए योजना बना कर चलना चाहिए. अच्छा तो यह रहेगा कि माता-पिता बच्चों की शिक्षा के लिए शुरू से ही बचत करते चलें.

कम पैसे लगाकर अपने बच्‍चों की उच्‍च शिक्षा के लिए तैयार करें फंड, ये है फॉर्मूला (फोटो : जी न्‍यूज)

उच्‍च शिक्षा की लागत में दिनोंदिन होती बढ़ोतरी की वजह से यह जरूरी है कि आप अभी से अपने बच्‍चों के हाइयर एजुकेशन की तैयारी शुरू कर दें. वर्तमान उच्च जोखिम निवेश चेतावनी में इंजीनियरिंग, मेडिकल या मैनेजमेंट की पढ़ाई सस्‍ती नहीं रह गई है. वह जमाना कब का चला गया जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई में 5-10 लाख रुपये लगते थे. वर्तमान में अगर मान लिया जाए कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च 25 लाख रुपये है तो 10 साल बाद यह कितना होगा? शिक्षा की लागत में महंगाई दर से कहीं ज्‍यादा तेजी से इजाफा हो रहा है. मतलब, 10 साल बाद बिजनेस एजुकेशन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का औसत खर्च क्रमश: 70 लाख रुपये और 50 लाख रुपये के करीब आएगा. हम फीस में प्रति वर्ष 8 फीसदी की बढ़ोतरी मानकर चल रहे हैं. इसके अलावा अच्‍छे संस्‍थान में दाखिला लेने के लिए बच्‍चों को कोचिंग भी लेनी पड़ती है जिसका खर्च अभी इसमें जोड़ा ही नहीं गया है.

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