डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार

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डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती का रुख

-वैश्विक दबाव में 83 रुपये के स्तर तक भी गिर सकती है भारतीय मुद्रा: एक्सपर्ट

नई दिल्ली, 29 सितंबर (हि.स.)। बुधवार को रिकॉर्ड स्तर तक नीचे गिरने के बाद भारतीय मुद्रा रुपया में आज डॉलर के मुकाबले मजबूती का रुझान बना नजर आ रहा है। हालांकि आज मुद्रा बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव की बनी हुई है। डॉलर की तुलना में रुपये की कीमत में कभी तेजी नजर आती है, तो कभी रुपया नीचे लुढ़कता हुआ दिखता है।

भारतीय मुद्रा आज डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर 81.56 रुपये के स्तर तक भी पहुंची। हालांकि बाद में डॉलर की मांग बढ़ जाने के कारण रुपये में गिरावट का रुख भी बनता नजर आया। इसके पहले कल बुधवार को भारतीय मुद्रा ने डॉलर के मुकाबले गिरावट का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 82.03 रुपये के स्तर को टच किया था। इस गिरावट के बाद रुपये ने मामूली सुधार कर 81.94 रुपये के स्तर पर कारोबार का अंत किया था।

इंटर बैंक फॉरेन सिक्योरिटी एक्सचेंज में आज रुपये ने 35 पैसे की मजबूती के साथ डॉलर के मुकाबले 81.59 रुपये के स्तर पर ओपनिंग की। शुरुआती कारोबार में कुछ देर के लिए डॉलर की मांग में तेजी का रुख बना, जिसके कारण भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार लुढ़क कर 81.75 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गई। हालांकि थोड़ी ही देर बाद रुपया एक बार फिर मजबूत होता नजर आया, जिसकी वजह से भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले उछलकर 81.56 रुपये प्रति डॉलर के स्तर डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार पर पहुंच गई। लेकिन ये स्थिति अधिक देर तक नहीं बनी रही। डॉलर की मांग में एक बार फिर तेजी का रुख बनने लगा, जिससे भारतीय मुद्रा में दोबारा गिरावट आने लगी। मुद्रा बाजार में लगातार जारी उतार-चढ़ाव के बीच सुबह 11 बजे भारतीय मुद्रा डॉलर के मुकाबले 81.72 रुपया प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रही थी।

मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के मुताबिक रुपये की चाल में अभी लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है। मौजूदा समय में डॉलर इंडेक्स की मजबूती के कारण दुनिया भर की ज्यादातर मुद्राएं कमजोर हुई है। रुपया भी इस दबाव से अछूता नहीं है। रुपये पर भी डॉलर इंडेक्स की मजबूती का दबाव बना हुआ है। आने वाले दिनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। इसकी वजह से डॉलर इंडेक्स की मजबूती और भी अधिक बढ़ सकती है। ऐसा होने पर रुपये पर दबाव और बढ़ जाएगा, जिसके कारण रुपये की कीमत में आगे भी गिरावट देखी जा सकती है।

मयंक मोहन का मानना है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में भारतीय रिजर्व बैंक भी रुपये की कीमत को संभालने के लिए मुद्रा बाजार में डॉलर के प्रवाह को बढ़ाने का जोखिम लंबे समय तक के लिए नहीं ले सकता है। क्योंकि मुद्रा बाजार में डॉलर का प्रवाह बढ़ाने से कुछ समय के लिए तो रुपये की कीमत नियंत्रित हो सकती है, लेकिन जैसे ही आरबीआई की ओर से मुद्रा बाजार में डॉलर का प्रवाह रोका जाएगा, वैसे ही डॉलर इंडेक्स की मजबूती के कारण रुपये में एक बार फिर तेज गिरावट का रुख बन सकता डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार है।

वैश्विक दबाव की मौजूदा स्थिति में फिलहाल आरबीआई भी वैश्विक परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। मयंक मोहन का मानना है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में यदि जल्दी ही सुधार नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में रुपया डॉलर के मुकाबले लुढ़क कर 82.50 से लेकर 83.10 के स्तर तक भी लुढ़क सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ योगिता

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अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 81.71 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित बंद

मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) डॉलर के कमजोर होने और विदेशीमु्द्रा का प्रवाह बढ़ने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.71 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर रहा। बाजार सूत्रों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती और जोखिम लेने की धारणा में सुधार के कारण भी रुपये को समर्थन मिला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.69 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81.44 के उच्चस्तर और 81.71 के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया मात्र एक पैसे की गिरावट के साथ 81.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। अमेरिकी मुद्रा के

बाजार सूत्रों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती और जोखिम लेने की धारणा में सुधार के कारण भी रुपये को समर्थन मिला।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.69 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81.44 के उच्चस्तर और 81.71 के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया मात्र एक पैसे की गिरावट के साथ 81.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार 23 पैसे की बढ़त के साथ 81.70 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

बीएनपी पारिबा बाई शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि डॉलर की विनियम दर में गिरावट के बीच घरेलू शेयर बाजार में मजबूती से रुपया चढ़ा। विदेशी निवेशकों की लिवाली से भी घरेलू मुद्रा को समर्थन मिला।

रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक, श्रीराम अय्यर ने कहा, ‘‘आयातकों की डॉलर की मांग के बीच शुक्रवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मामूली कमजोर बंद हुआ। सप्ताह के दौरान, कमजोर डॉलर इंडेक्स के कारण आयातकों की मासांत डॉलर मांग से नुकसान की भरपाई होने से रुपये में मामूली गिरावट आई।’’

अय्यर ने कहा कि घरेलू स्तर पर, भारत की सितंबर तिमाही के जीडीपी आंकड़े अगले सप्ताह आने वाले हैं और घरेलू बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण दिशा निर्धारक साबित होंगे।

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.96 पर आ गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.70 प्रतिशत चढ़कर 86.79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 20.96 अंक की तेजी के साथ 62,293.64 अंक पर बंद हुआ।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 369.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर ख़रीदे।

Rupee-Dollar Update: मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार, जानिए कमजोर रुपये से किसे होगा फायदा - किसे नुकसान ?

Rupee-Dollar Update: डॉलर के मुकाबले रुपया 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है. फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है.

By: ABP Live | Updated at : 10 May 2022 05:35 PM (IST)

Edited By: manishkumar

Rupee Dollar Rate: मंगलवार के दिन डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली रिकवरी देखने को मिली है. एक डॉलर के मुकाबले रुपया आज 77.33 पर क्लोज हुआ है. सुबह रुपया 77.29 पर खुला था. सोमवार को रुपया एक डॉलर के मुकाबले 77.47 पर बंद हुआ था.

रुपये में जारी रह सकती है गिरावट
कई जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है. दरअसल अमेरिका में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है. रुपया इस समय वैश्विक कारणों से साथ घरेलू कारणों से भी गिर रहा है. शेयर बाजारों में गिरावट तो इसके पीछे है ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ग्लोबल रुझान के बीच विदेशी फंडों की ओर से बिकवाली जारी रहने से भी रुपये पर दबाव आया है. कच्चा तेल महंगा डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार होने और अन्य करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोरी के दायरे में दिखाई दे रहा है.डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार

महंगे डॉलर का क्या होगा असर
1. भारत दूनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ईंधन खपत करने वाला देश है. जो 80 फीसदी आयात के जरिए पूरा किया जाता है. सरकारी तेल कंपनियां ( Oil Marketing Companies) डॉलर में भुगतान कर कच्चा तेल ( Crude Oil) खरीदती हैं. अगर रुपये के मुकाबले डॉलर महंगा हुआ और रुपया में गिरावट आई तो सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर का भुगतान करना होगा. इससे आयात महंगा होगा और आम उपभोक्ताओं को पेट्रोल डीजल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.

2. भारत से लाखों बच्चे विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं जिनके अभिभावक फीस से लेकर रहने का खर्च अदा कर रहे हैं. उनकी विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी. क्योंकि अभिभावकों को ज्यादा रुपये देकर डॉलर खरीदना होगा जिससे वे फीस चुका सकें. जिससे महंगाई का उन्हें झटका लगेगा. जून महीने के डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार बाद से लेकर अगस्त के दौरान विदेशों में दाखिला शुरू होने के चलते वैसे भी डॉलर की मांग बढ़ जाती है. महंगे डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार डॉलर का खामियाजा अभिभावकों को उठाना होगा.

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3. खाने का तेल पहले से ही महंगा है जो आयात तो पूरा किया जा रहा है. डॉलर के महंगे होने पर खाने का तेल आयात करना और भी महंगा होगा. खाने के तेल आयत करने के लिए ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च करना पड़ेगा. जिससे आम लोगों को पाम आयल से लेकर दूसरे खाने के तेल के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी.

आइए डालते हैं नजर, मजबूत डॉलर का किस प्रकार अर्थव्यवस्था को पहुंचता है फायदा

1. Remittance पर ज्यादा रिटर्न - यूरोप या खाड़ी के देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो डॉलर में कमाते हैं और अपनी कमाई देश में भेजते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा Remittance पाने वाला देश भारत है. साल 2021 में भारत में Remittance के जरिए 87 अरब डॉलर प्राप्त हुआ था. जो 2022 में बढ़कर 90 बिलियन होने का अनुमान है. 20 फीसदी से ज्यादा Remittance भारत में अमेरिका से आता है. ये Remittance जब भारतीय अपने देश डॉलर के रुप में भेजते हैं तो विदेशी मुद्रा भंडार इससे तो बढ़ता ही है साथ ही इन पैसे से सरकार को अपने कल्याणकारी योजनाओं को चलाने के लिए धन प्राप्त होता है. और जो लोग Remittance भेजते हैं उन्हें अपने देश में डॉलर को अपने देश की करेंसी में एक्सचेंज करने पर ज्यादा रिटर्न मिलता है.

2. आईटी इंडस्ट्री - डॉलर में मजबूती का बड़ा फायदा देश के आईटी सर्विसेज इंडस्ट्री को होता है. भारत की दिग्गज आईटी कंपनियां टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल जैसेी कंपनियां की सबसे डॉलर के मुकाबले रुपये में मामूली सुधार ज्यादा कमाई विदेशों में आईटी सर्विसेज देने से प्राप्त होती है. इन कंपनियों को डॉलर में भुगतान किया जाता है. जब ये देसी आईटी कंपनी डॉलर में कमाई अपने देश लेकर आते हैं तो रुपये में कमजोरी और डॉलर में मजबूती से उन्हें जबरदस्त फायदा मिलता है. तो डॉलर की मजबूती से इन कंपनियों की विदेशों में सर्विसेज देने से आय भी बढ़ जाती है.

3. निर्यातकों को फायदा - डॉलर में मजबूती का बड़ा फायदा एक्सपोटर्स को होता है. निर्यातक जब कोई प्रोडक्ट दूसरे देशों में बेचते हैं तो उन्हें भुगतान डॉलर के रुप में किया जाता है. डॉलर की मजबूती का मतलब है कि उन्हें अपने प्रोडक्ट के लिए ज्यादा कीमतें मिलेंगी. और वे डॉलर को देश के एक्सचेंज मार्केट में बेंचेंगे तो रुपये में कमजोरी के चलते उन्हें एक डॉलर के मुकाबले ज्यादा रुपये प्राप्त होंगे.

4. ज्यादा आयेंगे विदेशी सैलानी - महंगे डॉलर के चलते विदेशों में घूमना भले ही महंगा हो जाये. लेकिन जो विदेशी सौलानी भारत आना चाहते हैं उनके लिए राहत है. उन्हें रुपये में कमजोरी के चलते ज्यादा सर्विसेज प्राप्त होगा. रुपये में कमजोरी के चलते टूर पैकेज सस्ते हो जायेंगे. देश में स्ते टूर पैकेज के चलते विदेशी सैलानी ज्यादा आयेंगे.

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Published at : 10 May 2022 05:35 PM (IST) Tags: Rupee - Dollar Rupee Weakens Against Dollar Rupee-Dollar Update Costly Dollar To Push Inflation हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

रुपए में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मामूली सुधार

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