वहीं अर्थव्यवस्था का दूसरा झटका विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट से लगा है. इंपोर्ट घटने के बावजूद देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी फिसल रहा है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के द्वारा दिए गए आंकड़ों के हिसाब विदेशी मुद्रा भंडार 25 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में 4.2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 7.498 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है. नवंबर के इंपोर्ट आंकड़ों के हिसाब से ये भंडार डेढ़ महीने से भी कम के इंपोर्ट बिल के बराबर है. ये स्थिति तब है जब नवंबर में इंपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 33 प्रतिशत घट गया है.

पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को लगा दोहरा झटका, एक्सपोर्ट और फॉरेक्स रिजर्व दोनों में आई गिरावट

पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को लगा दोहरा झटका, एक्सपोर्ट और फॉरेक्स रिजर्व दोनों में आई गिरावट

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नवंबर के माह में एक के बाद एक दो झटके लगे हैं. बिगड़े आर्थिक हालातों से जूझ रहे देश का विदेशी मुद्रा भंडार और गिर गया है. साथ ही एक्सपोर्ट में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज हुई है. पाकिस्तान की सरकार का दावा है कि स्थितियों में सुधार है और इंपोर्ट में लगाम लग रहा है हालांकि जानकार आंकड़ों के आधार पर आशंकाएं जता रहे हैं कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी की जगह दबाव बना हुआ है और अगर अगले साल ग्लोबल मार्केट में मंदी की आशंका सच साबित होती है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर सकती है.

एक्सपोर्ट में लगातार तीसरे महीने गिरावट

सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर के महीने में देश के एक्सपोर्ट में गिरावट देखने को मिली है और ये लगातार तीसरा महीना रहा है जब देश का एक्सपोर्ट घटा है. आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में एक्सपोर्ट पिछले साल के मुकाबले 18.3 प्रतिशत गिरकर 2.37 अरब डॉलर रहा है. पिछले साल नवंबर में ये आंकड़ा 2.9 अरब डॉलर था. हालांकि नवंबर के महीने में पाकिस्तान के इंपोर्ट में पिछले साल के मुकाबले गिरावट देखने को मिली है ये 33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5.25 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है. सरकार ने एक्सपोर्ट में गिरावट को फॉरेक्स मार्केट लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. हालांकि डॉन ने बाजार के जानकारों के हवाले से लिखा है कि एक्सचेंज रेट्स में तेज उतार-चढ़ाव की वजह से एक्सपोर्ट के आंकड़ों पर असर दिखा. इसके अलावा घरेलू आपूर्ति में बाधाओं और विदेशी बाजारों में मांग में कमी को भी एक्सपोर्ट घटने की वजह बताई जा रही है.

Rupee में डॉलर के मुकाबले 40 पैसे का ताबड़तोड़ उछाल, तीन सत्र में दर्ज हुई 95 पैसे की शानदार बढ़त

फॉरेक्‍स मार्केट में आज रुपया डॉलर के मुकाबले बेहतरीन उछाल के साथ बंद हुआ.

फॉरेक्‍स मार्केट में आज रुपया डॉलर के मुकाबले बेहतरीन उछाल के साथ बंद हुआ.

एचडीएफसी सिक्‍योरिटीज (HDFC Securities) ने कहा कि भारतीय रुपया में शुक्रवार को डॉलर (Rupee Vs Dollar) के मुकाबले दर्ज ह . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 31, 2021, 16:28 IST

नई दिल्‍ली. डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये (Rupee against Dollar) में आज यानी 30 अगस्‍त 2021 को ताबड़तोड़ बढ़त दर्ज की गई है. आज रुपया डॉलर के मुकाबले 40 पैसे की जबरदस्‍त मजबूती के साथ बंद हुआ है. भारतीय मुद्रा को घरेलू इक्विटीज के मजबूत रुख और अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी से समर्थन मिला. इंटरबैंक फॉरेन एक्‍सचेंज मार्केट में आज सुबह रुपया डॉलर के मुकाबले 73.46 के मजबूत स्तर पर खुला था. इसके बाद दिन भर 73.54 से लेकर 73.21 के बीच कारोबार करता रहा. अंत में घरेलू मुद्रा (Indian Currency) कल के मुकाबले बेहतरीन बढ़त के साथ 73.29 के स्‍तर पर बंद हुई.

करेंसी ट्रेंडिंग से कमाए पैसा जानिए इसके 10 फायदे

अगर इसी तरह से करेंसी ट्रेंडिंग की जाए तो आप ढेर सारा पैसा कमा सकते हैं लेकिन नए निवेशकों में करेंसी मार्केट को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है यह लेख आपके भरम को मिटाने का प्रयास करेगा क्योंकि यहां करेंसी ट्रेंडिंग के 10 फायदे बताए गए हैं.

दुनिया के सभी हिस्सों से भाग लेने वाले ट्रेडर्स के साथ फॉरेक्स एक्सचेंज मार्केट वास्तव में विस्तृत है फॉरेक्स एक्सचेंज मार्केट का महत्व इस तथ्य से स्पष्ट है कि हर दिन करेंसी मार्केट में औसतन $4 ट्रिलियन से अधिक का आदान-प्रदान होता है फॉरेन एक्सचेंज के कई फायदे में से एक यह है कि ब्रोकर डेमो अकाउंट के प्रावधान की पेशकश करते हैं इनका उपयोग करके धोखेबाज व्यापारी किसी भी ट्रेड को करने से पहले मार्केट सिमुलेशन में अपने स्किल का टेस्ट कर सकते हैं.

फॉरेक्स ट्रेडिंग तब तक हो सकता है जब तक कि दुनिया में कहीं मार्केट फॉरेक्स मार्केट खुला हो या सप्ताह में 5 दिन 24 घंटे प्रत्येक दिन संचालित होता है रविवार को शाम 5:00 बजे ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में पहला बड़ा बाजार खुलता है और शुक्रवार को शाम 5:00 बजे यूएस का न्यूयॉर्क बाजार बंद होने पर ट्रेनिंग खत्म हो जाती है फॉरेन एक्सचेंज ब्रोकर खुदरा व्यापारियों को पूंजी की एक छोटी राशि के खिलाफ उधार लेने की अनुमति देते हैं जिससे एक हाई पोजिशन खोलने का मौका मिलता है लिवरेज से आपके द्वारा जुटाई गई राशि को आमतौर पर अनुपात के रूप में दर्शाया जाता है.

गुड बाय 2022: क्रिप्टोकरंसीज रॉक, डिजिटल रुपया व्यापारियों-कॉर्पोरेट क्षेत्र को राहत देता है

क्रिप्टोक्यूरेंसी खिलाड़ियों के लिए 2022 एक कठिन वर्ष साबित हुआ है। क्रिप्टो मुद्राओं की कीमतों में गिरावट के अलावा, वर्ष में कई क्रिप्टो एक्सचेंजों का परिसमापन भी देखा गया। प्रमुख क्रिप्टो बिटकॉइन की कीमत, जो नवंबर 2021 में $69,000 पर पहुंच गई थी, 2022 के मध्य में 70 प्रतिशत से अधिक गिरकर लगभग 15,725 डॉलर हो गई। बिटकॉइन के पीछे अन्य क्रिप्टो मुद्राओं की कीमतें भी गिर गईं। विख्यात निवेशक मार्क मोबियस ने बिटकॉइन की संपत्ति को एक फॉरेक्स मार्केट जोखिम भरी संपत्ति कहा और यहां तक ​​​​कि यह भी घोषित किया कि उसके पास प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के लिए $ 10,000 का कम लक्ष्य है। क्रिप्टो एक्सचेंज FTX क्रैश के बाद डिजिटल एसेट का मार्केट कैप तेजी से गिर गया, एक ट्रिलियन डॉलर से नीचे फिसल गया। इसके अलावा, एक प्रकार की क्रिप्टोकरंसी टेरा यूएसडी और हेज फंड थ्री एरो कैपिटल भी साल के दौरान कमजोर हुए।

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