5 आवश्यक क्रिप्टो वेबसाइटों
1– बिटकोइन टॉक वास्तव में एक विशाल मंच है जो क्रिप्टो दुनिया में हो रही हर चीज़ को समन्वय करता है। नए सिक्कों के बारे में जानकारी, बिटकॉइन पर चर्चा, आईसीओ, सिक्के की घोषणाएँ इत्यादि| यह जानना बहुत आवश्यक है कि किन लेखकों को सुनना अति आवश्यक हैं और कौन पढ़े जाने लायक भी नहीं है। सबसे आसान तरीका विश्वास का स्तर है, और संदेश की संख्या भी संकेतक हो सकती है यदि लेखक एक नौसिखिया या पढ़ने लायक हो।
2- कॉइनडेस्क: क्रिप्टोस के आसपास हो रही हर छोटी चीज़ के लिए प्रमुख समाचार द्वार है। साईट का अद्यतन दैनिक स्तर पर किया जाता है| इसके अलावा, नौसीखियों के लिए शैक्षणिक संरक्षण, संगठनों के बारे में जानकारी और बिटकॉइन और ब्लॉकचेन उद्योग की अगुवाई करने वाली नए छोटे उद्यम, बिटकॉइन के बारे में घटनाओं और सम्मेलन आदि।
3- कॉइन मार्केट कैप क्रिप्टो मुद्राओं के लिए अग्रणी मुद्रा सूचकांक है। सभी व्यापारिक मंचों से वास्तविक समय जानकारी में 24 घंटे का व्यापारिक आयतन, दैनिक प्रतिशत परिवर्तन, बाजार मूल्य आदि शामिल हैं। यह आपके पास होने ही चाहिए।
4- साइबर फंड नए क्रिप्टो परियोजनाओं के लिए धन जुटाने वाले आईपीओ के बारे में सभी सूचनाओं का समन्वय करता है। इससे आप देख सकते हैं कि पिछली निधि जुटाने बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम वाली परियोजनाओं पर विस्तृत जानकारी के साथ ही, इस पल कौन सी परियोजना में पैसे जुट रहे हैं ।
5- बिटकॉइन विजडम एक वास्तविक समय लेखाचित्र वेबसाइट है जो बिटकॉइन की कीमत पांच प्रमुख एक्सचेंजों (चीन के Houbi सहित) में दिखाती है, इसके अलावा, साइट कुछ प्रमुख बिटकोइंस के लेखाचित्र भी प्रदान करती है। तेज़ और उपयोग में आसान है । अनुभवी और नौसीखियों दोनों के लिए ही अति आवश्यक है|
बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम
नई दिल्ली. अगर भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन से जुड़ी अनिश्चितताओं को खत्म करती है, तो देश की दिग्गज डिजिटल पेमेंट कंपनी Paytm बिटकॉइन में ट्रांजैक्शन की सुविधा देने पर विचार कर सकती है. पेटीएम की ओर से एक रिपोर्ट में यह ऐलान किया गया बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम है. इसमें पेटीएम के बड़े अधिकारी ने यह संकेत दिए हैं.
ट्रेडिंग शुरू करने का दिया संकेत
पेटीएम के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मधुर देवड़ा ने यह बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को केंद्र सरकार मान्यता देती है तो कंपनी भारत में इसकी ट्रेडिंग को शुरू कर सकती है. ऐसा माना जाना रहा है कि जल्द ही आभाषी करेंसी को रेग्युलेशन के लिए सरकार की ओर से कुछ कदम उठाया जा सकता है.
सबसे बड़ा आईपीओ ला रही पेटीएम
गौरतलब है कि कुछ समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ओर इशारा किया था. रिपोर्ट की मानें तो दिग्गज डिजिटल पेंमेंट कंपनी पेटीएम की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर यह बड़ा बयान सामने आया है. पेटीएम का क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम से ट्रेडिंग को लेकर यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जबकि कंपनी देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने जा रहा है. बता दें कि 18,300 करोड़ रुपये आईपीओ 8 नवंबर 2021 को खुलने वाला है.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के प्रति युवा आकर्षित
रिपोर्ट के मुताबिक भारत क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में काफी आगे हैं. मौजूदा समय में युवाओं के बीच क्रिप्टोकरेंसी में निवेश चलन तेजी से बढ़ा है. हालांकि बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम अभी क्रिप्टोकरेंसी को भारत में रेग्युलेट नहीं किया जाता है.
Crypto Investing Tips: क्रिप्टो में निवेश से पहले इन पांच बातों का रखें ध्यान, पोर्टफोलियो में कितना हिस्सा रखें इसका, एक्सपर्ट्स ने दी ये सलाह
Crypto Investing Tips: क्रिप्टो में निवेश से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि घाटे को कुछ कम किया जा सके.
आज से शुरू हुए वित्त वर्ष 2023 में क्रिप्टो में निवेश पर हुई कमाई पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा लेकिन इसे अभी लीगल स्टेटस नहीं मिला है. (Image- Pixabay)
Crypto Investing Tips: भारत में BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के प्रति निवेशकों का रूझान बढ़ता जा रहा है. हालांकि अब स्थिति थोड़ी बदल चुकी है क्योंकि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अलग तरह की अनिश्चितता शुरू हो सकती है. आज से शुरू हुए वित्त वर्ष 2023 में क्रिप्टो में निवेश पर हुई कमाई पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा लेकिन इसे अभी लीगल स्टेटस नहीं मिला है. इसके अलावा क्रिप्टो के लेन-देन पर 1 फीसदी टीडीएस भी निवेशकों का सेंटिमेंट प्रभावित कर सकता है. इस अनिश्चितता के बीच क्रिप्टो में निवेश से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है ताकि घाटे को कुछ कम किया जा सके. एक्सपर्ट्स अपने पोर्टफोलियो में इसे अधिकतम 5 फीसदी तक ही रखने की सलाह दी रहे हैं.
बिना सोचे-समझे निवेश न करें
अगर आप किसी ऐसे एसेट्स में पैसे लगाते हैं जिसके बारे में आपको पर्याप्त जानकारी नहीं है तो भारी नुकसान हो सकता है. अगर आप क्रिप्टो एसेट में पैसे लगाना चाहते हैं तो पहले इसके बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल कर लें. अगर आपको लग रहा है कि किसी खास क्रिप्टोकरेंसी में आगे ग्रोथ की बेहतर संभावना है, तभी उसमें पैसे लगाएं. ब्लॉकचेन डेवलपमेंट कंपनी थिंकचेन के फाउंडर और सीईओ दिलीप सेनबर्ग (Dileep Seinberg) के मुताबिक क्रिप्टो प्रोजेक्ट को समझने के लिए इसकी तकनीक और यह कैसे काम करता है, इसे समझना जरूरी है. अगर इसे समझने में दिक्कत आ रही है तो किसी भरोसेमेंद सलाहकार से संपर्क करें.
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अधिक पैसे न लगाएं
किसी क्रिप्टो टोकन के बारे में अच्छे से समझ लिया बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम है तो भी इसमें अधिक पैसे लगाने से बचें. आईआईएफएल ग्रुप के स्ट्रेटजी हेड यश उपाध्याय 30 फीसदी के क्रिप्टो टैक्स और 1 फीसदी टीडीएस के चलते क्रिप्टो एसेट्स का आकर्षण कम हुआ है. इसके अलावा भविष्य में इसे लेकर सरकारी नीतियों की अनिश्चितता बनी हुई है. इसके चलते यश का मानना है कि अभी इसमें अधिक पूंजी लगाने का सही समय नहीं है. इसके अलावा 7प्रॉस्पर फाइनेंशियल प्लानर्स के फाउंडर अनमोल गुप्त के मुताबिक क्रिप्टो में निवेश स्माल-कैप स्टॉक्स से भी अधिक रिस्की है तो ऐसे में वह मौजूदा परिस्थितियों में लांग टर्म इंवेस्टमेंट्स के रूप में क्रिप्टो को 5 फीसदी से अधिक पोर्टफोलियो में शामिल करने की सलाह नहीं देंगे.
लंबे समय के लिए करें निवेश
क्रिप्टो के लेन-देन पर 1 फीसदी के टीडीएस को एक्सपर्ट्स क्रिप्टो इंवेस्टमेंट ट्रेंड के लिए निगेटिव मान रहे हैं. गुप्त के मुताबिक ऐसे में सबसे बेहतर बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम यह होगा कि अच्छे टोकन में पैसे लगाए जाएं और शॉर्ट टर्म की बजाय लांग टर्म के लिए पैसे लगाए जाएं जैसे कि 5-10 साल के लिए.
क्रिप्टो को सुरक्षित स्थान पर करें होल्ड
अगर आप ट्रेडिंग नहीं कर रहे हैं तो अपने क्रिप्टो को सुरक्षित स्थान पर रखना सही है. जैसे कि लांग टर्म में पैसे लगाने पर क्रिप्टो को हार्डवेयर वॉलेट्स में रखें. ब्लॉकचेन आधारित आइडेंटिटी मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म अर्थआईडी (EarthID) के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) शरत चंद्र के मुताबिक इन्हें रखने के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना सेल्फ-होस्टेड, नॉन-कस्टोडियल वॉलेट्स हैं. चंद्र के मुताबिक डिजिटल एसेट्स की कुंजी अपने पास रखना बेहतर है और इसका बैकअप भी रखें.
टैक्स देनदारी छिपाने की कोशिश न करें
आज नए वित्त वर्ष 2023 में नए टैक्स रूल्स लागू हो गए हैं. क्रिप्टो निवेशकों को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे वे कर अधिकारियों के रडार पर आ जाएं. चंद्र के मुताबिक क्रिप्टो निवेशकों को टैक्स छिपाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाना चाहिए और ऐसे लोगों से भी दूर रहना चाहिए जो इसकी सलाह देते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी को सरकार ने किया स्वीकार! कंपनियों को देना होगा हर लेन-देन का हिसाब
लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता दी जाए या उस पर प्रतिबंध लगाया जाए, की बहस चल रही है. लेकिन इस दिशा में सरकार ने एक सकारात्मक पहल करते हुए कंपनियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में किए जाने वाले उनके हर लेन-देन और निवेश की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. जानें कैसे देखते हैं एक्सपर्ट इस बदलाव को.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 26 मार्च 2021,
- (अपडेटेड 26 मार्च 2021, 5:21 PM IST)
- ‘कंपनी अकाउंटिंग का हिस्सा बनी क्रिप्टोकरेंसी’
- ‘रेग्यूलेशन के दायरे में लाना कालाधन कम करेगा’
लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता दी जाए या उस पर प्रतिबंध लगाया जाए, की बहस चल रही है. लेकिन इस दिशा में सरकार ने एक सकारात्मक पहल करते हुए कंपनियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी में किए जाने वाले उनके हर लेन-देन और निवेश की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. जानें कैसे देखते हैं एक्सपर्ट इस बदलाव को.बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम
‘अकाउंटिंग का हिस्सा बनी क्रिप्टोकरेंसी’
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों के लिए एक वित्त वर्ष में कंपनियों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में किए जाने वाले लेन-देन और निवेश की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. इसे एक तरह से क्रिप्टोकरेंसी के रेग्युलेशन की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अकाउंटिंग का हिस्सा बनने के बाद कर नियमों में भी क्रिप्टोकरेंसी को जगह मिलेगी.’
‘निवेशकों को होगी आसानी’
वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ‘बाइटेक्स’ के संस्थापक और सीईओ मोनार्क मोदी कहना हे कि अकाउंटिंग का हिस्सा बनाए जाने के बाद निश्चित तौर पर इससे निवेशकों को आसानी होगी. यह दिखाता है कि भारत दुनिया के साथ कदमताल करते हुए चल रहा है. क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेशन के दायरे में लाने से निवेशकों के अंदर सुरक्षा का भाव बढ़ेगा.
‘कालेधन को कम करेगा’
शारदुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी में पार्टनर जीवी आनंद भूषण का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को अकाउंटिंग का हिस्सा बनाने से इसके माध्यम से होनी वाली अवैध गतिविधियों पर लगाम लगेगी. कालेधन की जमाखोरी रुकेगी. साथ ही कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने में भी मदद मिलेगी.
‘कर नियम थोड़ा स्पष्ट करने की जरूरत’
इंडसलॉ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रितेश कुमार का कहना है कि देश में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर होने वाला लाभ कर के दायरे में आता है. लेकिन इस लाभ से होने वाली आय पर कर कैसे लगाया जा सकता है. सरकार इसे कैपिटल गेन की तरह देखती है जबकि असल में यह कैपिटल एसेट्स हैं क्योंकि कोई भी क्रिप्टोकरेंसी धारक बहुत जल्दी इनका लेनदेन नहीं करता है. ऐसे में इसे लेकर कर नियमों को थोड़ा स्पष्ट बनाने की जरूरत है.
भारत में बिटकॉइन बैन, जानिए क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और केंद्र सरकार का रुख
हाल ही में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में, केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्रिप्टोकुरेंसी पर एक ही पृष्ठ पर नहीं थे। एक ऐसा क्षेत्र जो पिछले कुछ महीनों में चुपचाप भारत में खिल रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उस दिन एक मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होने के बावजूद भारत में डिजिटल टोकन और इसके क्रेज के बारे में केंद्रीय बैंक की चिंताओं को दोहराया। दूसरी ओर, मोदी सरकार और उसके विभागों ने पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के बजाय, मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग से बचने के लिए क्रिप्टोकरेंसी पर एक मजबूत नियामक नियंत्रण पर विचार किया। सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है यह कड़ी निगरानी रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी। इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरंदेशी होंगे। (bitcoin ban in india )
क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा
बिटकॉइन की कीमतों में अचानक उछाल के बाद भारत में लोकप्रियता हासिल करने के बाद से आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को बार-बार दोहराया है। केंद्रीय बैंक का तर्क है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है। आरबीआई ने उन पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह जताया। दास ने बुधवार को क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचार दोहराते हुए कहा था कि वे किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा अनियंत्रित हैं।
आरबीआई मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंतित
भारतीय रुपये के लिए संभावित खतरे के लिए आरबीआई मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में चिंतित है। यदि बड़ी संख्या में निवेशक भविष्य निधि जैसे रुपये आधारित बचत के बजाय डिजिटल सिक्कों में निवेश करते हैं, तो बाद की मांग गिर जाएगी। इससे बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम बैंकों की अपने ग्राहकों को पैसा उधार देने की क्षमता में बाधा आएगी। इसके अलावा, चूंकि देश में क्रिप्टोकरेंसी अनियंत्रित हैं और उनका पता लगाना मुश्किल है, इसलिए सरकार भी इस राशि पर कर नहीं लगा पाएगी, जिससे रुपये को खतरा हो सकता है। उसके ऊपर, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों में किया जा सकता है। (bitcoin ban in india ) क्रिप्टो निवेशक, इन सभी कारणों से, हैकिंग, घोटाले और नुकसान के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं क्योंकि क्रिप्टो सिक्के प्रकृति में अस्थिर होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के सर्कुलर को रद्द किया
2018 में RBI ने घोषणा की थी कि बैंक भारत में क्रिप्टो उद्योग की प्रगति को रोकते हुए, क्रिप्टोकरेंसी में सौदे नहीं कर पाएंगे। हालांकि मार्च 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाले आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद 5 फरवरी बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए कदम 2021 में केंद्रीय बैंक ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था। फैसलों के बारे में घोषणा अगले महीने होने की उम्मीद है।लेकिन आगे का रास्ता क्या है? हालांकि आरबीआई का रुख सख्त बना हुआ है, लेकिन वह वास्तव में डिजिटल मुद्रा के साथ आने की संभावनाएं तलाश रहा है। पीटीआई के अनुसार, बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के प्रसार के सामने, आरबीआई ने एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के साथ आने की अपनी मंशा की घोषणा की थी।
भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन रुपये का निवेश ( bitcoin ban in india )
निजी डिजिटल मुद्राओं/आभासी मुद्राओं/क्रिप्टो मुद्राओं ने पिछले एक दशक में लोकप्रियता हासिल की है। यहां, नियामकों और सरकारों को इन मुद्राओं के बारे में संदेह है और वे संबंधित जोखिमों के बारे में आशंकित हैं। तमाम सीमाओं और संभावित जोखिमों के बावजूद, अधिक से अधिक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं। अक्टूबर में एक अखबार के विज्ञापन में दावा किया गया था कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन रुपये का निवेश किया गया है। लेकिन लोगों की संख्या को लेकर विरोधाभास है। ब्रोकरचूजर्स ने इस आंकड़े की गणना 100.7 मिलियन की है, जबकि वज़ीरएक्स के सीईओ निशाल शेट्टी ने कहा कि देश में लगभग 15-20 मिलियन क्रिप्टो निवेशक थे। ( bitcoin ban in india )
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