सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ की जांच को जरूरी बताते हुए याचिकाकर्ताओं का दावा है कि तत्काल मामला शरारत जालसाजी आपराधिक विश्वास भंग करने, संपत्ति की बेईमानी से पैसा देने, धोखाधड़ी, खातों में मिथीकरण, संपत्ति की आड़, बेईमानी से धांधली, कॉर्पोरेट धोखाधड़ी, बेनामी लेनदेन और काले धन की जमाखोरी का एक संगठित अंतरराष्ट्रीय रैकेट द्वारा प्रतिबद्ध का साधारण मामला नहीं है, लेकिन मनी लॉन्ड्रर्स के एक संगठित अंतरराष्ट्रीय रैकेट द्वारा किया गया भारत का सबसे बड़ा फ्रेंचाइजी घोटाला है ।

एयर एशिया के ग्रुप सीईओ टोनी फर्नांडिस के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया केस, एफआईआर में कुछ सरकारी अफसरों के भी नाम

नई दिल्ली. सीबीआई ने एयर एशिया के ग्रुप सीईओ टोनी फर्नांडिस, डायरेक्टर और अन्य के खिलाफ मंगलवार को केस दर्ज किया। इन पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ान के लिए लाइसेंस लेने में नियमों के उल्लंघन का आरोप है। 5/20 नियम में छूट लेने और फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) के नियम तोड़ने के मामले में एयर एशिया के डायरेक्टर्स पर ये एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें कुछ सरकारी अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। जांच एजेंसी ने आरोपियों की तलाश में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में 6 ठिकानों पर छापे मारे।

एफआईआर में इनके नाम शामिल?

टोनी फर्नांडिस- ग्रुप सीईओ, एयर एशिया मलेशिया
सुनील कपूर- ट्रैवल फूड मालिक
आर वेंकटरमन- डायरेक्टर, एयर एशिया
दीपक तलवार- एविएशन कंसल्टेंट
राजेंद्र दुबे- डायरेक्टर, एसएनआर ट्रेडिंग, सिंगापुर

Crime News : ऑनलाइन क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी

Crime News : ऑनलाइन क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी

Noida : नोएडा। फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा रही है। क्रिप्टो ट्रेडिंग में भारी मुनाफे का लालच देकर हजारों करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। जालसाज जिन खाताधारकों के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करवाते हैं, उन्हें 10 से 15 प्रतिशत तक कमीशन दिया जाता है। साइबर क्राइम पुलिस ने ऐसे ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने कमीशन लेकर 33 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए और बाद में उन्हें यूएसडीटी में कन्वर्ट कर क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया।

साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव के मुताबिक फेज-3 रुड़की रोड मेरठ निवासी योगेंद्र कुमार चौधरी ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2021 के जुलाई माह में उनकी पहचान टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से एनी नामक महिला से हुई। एनी ने अपनी वेबसाइट के बारे में बताते हुए उन्हें क्रिप्टो ट्रेडिंग कर भारी मुनाफे का लालच दिया। शुरुआत में थोड़ा पैसा लगाने पर उन्हें अच्छा मुनाफा दिया गया। योगेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि एनी के झांसे में आकर उन्होंने 1 करोड़ 84 लाख 70 हजार रुपये क्रिप्टो ट्रेडिंग में लगा दिए। उसके बाद एनी से उनका संपर्क नहीं हुआ।

सीबीआई ने किया बड़ा खुलासा

कानपुर: जांच एजेंसी सीबीआई ने कानपुर में एक और बड़े घोटाले का खुलासा किया है. रोटोमैक कंपनी ने चार कंपनियों से 26000 करोड़ का कारोबार किया और खास बात यह थी कि इन चारों कंपनियों का पता एक है और कर्मचारी भी एक ही है. सीबीआई अब इस बात की जांच कर रही है कि कैसे एक कर्मचारी वाली कंपनियों से कारोबार के आधार पर रोटोमैक को 2100 करोड़ का कर्ज दिया गया. इस खुलासे के बाद सीबीआई भी हैरान रह गई है. जांच में पता चला कि रोटोमैक ने सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग सिर्फ चार कंपनियों के साथ 26,143 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. इन कंपनियों का पता भी एक है, जो 1500 वर्ग फुट का हॉल है. हैरानी की बात यह है कि इन चारों कंपनियों में वही कर्मचारी है, जो कंपनी का सीईओ भी है. इन कंपनियों के साथ हो रहे अरबों रुपये के कारोबार के आधार पर बैंकों ने रोटोमैक को 2100 करोड़ रुपये का कर्ज भी दिया था. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि निदेशकों विक्रम कोठारी (मौत हो चुकी है) और राहुल कोठारी ने अन्य लोगों के साथ अपनी बैलेंसशीट के साथ फर्जीवाड़ा करके बैंक को धोखा दिया और इन्होंने बेईमानी से लोन ले लिया. पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशक राहुल कोठारी, साधना कोठारी और अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 93 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का नया मामला दर्ज किया है. सीबीआई के मुताबिक, रोटोमैक ग्रुप के साथ कारोबार करने वाली चार कंपनियां रोटोमैक के सीईओ राजीव कामदार के भाई प्रेमल प्रफुल कामदार के स्वामित्व में हैं. रोटोमैक ने इन चार कंपनियों को कागज में उत्पादों का निर्यात किया, ये सभी कंपनियां बंज ग्रुप से रोटोमैक को सामान बेच रही थीं यानी जिस कंपनी ने सामान बनाया वह उसका माल खरीद रही थी. इन चार कंपनियों के नाम हैं- मैग्नम मल्टी-ट्रेड, ट्रायम्फ इंटरनेशनल, पैसिफिक यूनिवर्सल जनरल ट्रेडिंग और पैसिफिक ग्लोबल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड. खास बात है कि 26000 करोड़ का कारोबार करने वाली कंपनियों का 1500 वर्ग फुट में एक ही और सिंगल ऑफिस था. पीएनबी की शिकायत पर मंगलवार को नई एफआईआर दर्ज की गई, केवल सामान बनाने वाली कंपनी ही अपना सामान खरीदने में लगी हुई थी. सीबीआई जांच में सामने आया कि 26 हजार करोड़ का कारोबार दिखाने वाली चार कंपनियों में एक ही कर्मचारी था, जिसका नाम प्रेमल प्रफुल्ल कामदार था.1500 वर्ग फुट के एक कमरे में बैठा वह पोर्ट से लेकर लोडिंग, अनलोडिंग तक का सारा काम कर रहा था. सीबीआई ने हैरानी सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग जताई कि बैंकों ने ऐसी कंपनी से कारोबार के आधार पर 2100 करोड़ रुपये की कर्ज सीमा कैसे दे दी. यही वजह है कि बैंक अधिकारियों को भी संदेह के घेरे में रखा गया है. अधिकारियों ने कहा कि रोटोमैक समूह की कंपनियां पहले से ही सात बैंकों के एक संघ से 3,695 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ इंडिया से 806.75 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में जांच का सामना कर रही है.

NSE India Update: शेयर बाजार में उछाल और नए निवेशकों के आने से बढ़ी NSE की कमाई, 2021-22 में हुआ 5,198 करोड़ रुपये का मुनाफा

By: ABP Live | Updated at : 13 May 2022 12:43 PM (IST)

प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )

NSE India: बीता दो वर्ष कोरोना महामारी ( Covid19 Pandemic) के साये में गुजरा है. इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy) पर संकट के बादल छा गए. लेकिन भारतीय शेयर बाजार ( Indian Stock Market) इस दौरान जबरदस्त रौनक दिखाई दी. शेयर बाजार में ट्रेडिंग कई गुना बढ़ गया जिसके चलते देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( National Stock Exchange) के मुनाफा ( Net Profit) में 45.4 फीसदी का उछाल आया है. 2021-22 वित्त वर्ष में एनएसई का नेट प्रॉफिट 5,198 करोड़ रुपये रहा है.

शेयर बाजार में तेजी से बढ़ी एनएनई की कमाई
एनएसई (NSE)का 2021-22 में रेवेन्यू में 53 फीसदी का उछाल आया और ये 9,500 करोड़ रुपये रहा है. शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर ट्रांजैक्शन चार्ज ( Transaction Charge) लगाया जाता है. ट्रेंडिंग बढ़ने के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज से एक्सचेंज को ज्यादा कमाई हुई है. ट्रेडिंग चार्ज 64 फीसदी बढ़कर 6,965 करोड़ रुपये रहा है जबकि कोलोकेशन चार्ज ( Colocation Charge) 58 फीसदी बढ़कर 433 करोड़ रुपये रहा है.

क्या सुप्रीम कोर्ट एक साल की हिरासत के बाद हर हत्या के आरोपी को जमानत देने की व्यवस्था देगा? दुष्यंत दवे ने लखीमपुर खीरी मामले.

वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड की ओर से की गई कथित धोखाधड़ी की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, प्रवर्तन निदेशालय और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस एसएफआईओ) और अन्य को नोटिस जारी किया है। इस केस में याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि इस मामले में अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड ने हाइपर सुपरमार्केट जैसी कई फर्जी कंपनियां बनाई हैं और कई तरीकों से लोगों को धोखा दिया है।

चीफ जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना व जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, सीबीआई, ईडी, एसएफआईओ, पुलिस आयुक्त दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा को नोटिस जारी किया है। इसमें वेस्टलैंड ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों और लाभार्थियों पर मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन की जमाखोरी का आरोप है। याचिकाकर्ताओं के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण उपस्थित हुए और प्रस्तुत किया कि शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग है। नोएडा में केवल एक एफआईआर दर्ज की गई। यह मुद्दा राष्ट्रीय प्रकृति का है।

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