बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना साल्वाडोर, क्या भारत में भी मिलेगी मंजूरी?

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना है. पूरे देश में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे.

By: एबीपी न्यूज़ वेब डेस्क | Updated at : 10 Sep 2021 09:32 AM (IST)

Edited By: Abhishekkum

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में ये बहस चल रही है कि क्या बिटकॉइन को मंजूरी देनी चाहिए? क्या बिटक्वॉइन का इस्तेमाल आपकी किसी करेंसी की तरह हो सकता है? यानी अभी किसी भी सामान को खरीदने के लिए आप रुपये में पेमेंट करते हैं तो क्या आने वाले भविष्य में ये पेमेंट बिटकॉइन में हो सकती है? भारत में तो पता नहीं, लेकिन सेंट्रल अमेरिका के देश अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपना लिया है.

बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश है अल साल्वाडोर

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना है. पूरे देश में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे. जून Bitcoin का उपयोग क्यों करें? में अल साल्वाडोर ने एक कानून पारित किया था, जिसमें बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकारने की बात कही थी.

करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब क्या है?Bitcoin का उपयोग क्यों करें?

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किसी भी करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब ये है कि वो देश उस करेंसी को मान्यता देता है. यानी उस करेंसी के माध्यम से कोई भी सामान खरीद सकते हैं. साल 2016 में 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तो तब उन्होंने भी लीगल टेंडर शब्द का इस्तेमाल किया था और कहा था कि 500 और हजार के नोट अब लीगल टेंडर नहीं रहेंगे. इसी तरह से अल साल्वाडोर में बिटकॉइन लीगल टेंडर हो गया है.

अल साल्वाडोर के बारे में जानकारियां

अल साल्वाडोर की अपनी कोई करेंसी नहीं है. वहां के लोग अमेरिकी डॉलर में ही लेन देन करते हैं. यहां की 25 प्रतिशत जनसंख्या अमेरिका में गुजर बसर करती है. ये लोग हर साल अपने देश में करीब 6 अरब डॉलर भेजते हैं. जिस पर कई तरह के टैक्स लगते हैं.

अब बिटकॉइन अपनाने के बाद अल साल्वाडोर को उम्मीद है कि वो हर साल इस टैक्स के 400 मिलियन डॉलर की फीस बचा पाएंगे. लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है. पूरे देश में जनमत सर्वेक्षण हो रहे हैं और इसमें 70 प्रतिशत लोग बिटकॉइन को लीगल टेंडर देने को गलत बता रहे हैं. बिटकॉइन के उपयोग के साथ जुड़े जोखिमों को लेकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ भी लगातार अल साल्वाडोर को चेतावनी दे रहा है.

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UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- हमें तालिबान से 'बातचीत' करनी चाहिए और 'लाखों मौतों' को रोकना चाहिए- एएफपी

Published at : 10 Sep 2021 09:32 AM (IST) Tags: India Cryptocurrency Bitcoin currency el salvador हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना साल्वाडोर, क्या भारत में भी मिलेगी मंजूरी?

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना है. पूरे देश में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे.

By: एबीपी न्यूज़ वेब डेस्क | Updated at : 10 Sep 2021 09:32 AM (IST)

Edited By: Abhishekkum

नई दिल्ली: पूरी दुनिया में ये बहस चल रही है कि क्या बिटकॉइन को मंजूरी देनी चाहिए? क्या बिटक्वॉइन का इस्तेमाल आपकी किसी करेंसी की तरह हो सकता है? यानी अभी किसी भी सामान को खरीदने के लिए आप रुपये में पेमेंट करते हैं तो क्या आने वाले भविष्य में ये पेमेंट बिटकॉइन में हो सकती है? भारत में तो पता नहीं, लेकिन सेंट्रल अमेरिका के देश अल साल्वाडोर ने बिटकॉइन को अपना लिया है.

बिटकॉइन को मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश है अल साल्वाडोर

अल साल्वाडोर बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश बना है. पूरे देश में 200 बिटकॉइन एटीएम स्थापित किये गए हैं, जिनसे लोग अमेरिकी डॉलर के बदले बिटकॉइन ले पाएंगे. जून में अल साल्वाडोर ने एक कानून पारित किया था, जिसमें बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में स्वीकारने की बात कही थी.

करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब क्या है?

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किसी भी करेंसी को लीगल टेंडर देने का मतलब ये है कि वो देश उस करेंसी को मान्यता देता है. यानी उस करेंसी के माध्यम से कोई भी सामान खरीद सकते हैं. साल 2016 में 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब नोटबंदी का ऐलान किया था तो तब उन्होंने भी लीगल टेंडर शब्द का इस्तेमाल किया था और कहा था कि 500 और हजार के नोट अब लीगल टेंडर नहीं रहेंगे. इसी तरह से अल साल्वाडोर में बिटकॉइन लीगल टेंडर हो गया है.

अल साल्वाडोर के बारे में जानकारियां

अल साल्वाडोर की अपनी कोई करेंसी नहीं है. वहां के लोग अमेरिकी डॉलर में ही लेन देन करते हैं. यहां की 25 प्रतिशत जनसंख्या अमेरिका में गुजर बसर करती है. ये लोग हर साल अपने देश में करीब 6 अरब डॉलर भेजते हैं. जिस पर कई तरह के टैक्स लगते हैं.

अब बिटकॉइन अपनाने के बाद अल साल्वाडोर को उम्मीद है कि वो हर साल इस टैक्स के 400 मिलियन डॉलर की फीस बचा पाएंगे. लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है. पूरे देश में जनमत सर्वेक्षण हो रहे हैं और इसमें 70 प्रतिशत लोग बिटकॉइन को लीगल टेंडर देने को गलत बता रहे हैं. बिटकॉइन के उपयोग के साथ जुड़े जोखिमों को लेकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ भी लगातार अल साल्वाडोर को चेतावनी दे रहा है.

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Published at : 10 Sep 2021 09:32 AM (IST) Tags: India Cryptocurrency Bitcoin currency el salvador हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

Bitcoin का उपयोग क्यों करें?

If you have any interest in trading and investment, it would be hard not to look into cryptocurrency trading. Cryptocurrencies such as bitcoin, Ethereum, Litecoin, and over 25 other digital assets have excited investors with the possibility of substantial profits and an entirely new way of thinking about what a currency is and how it works.

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Step 2. Choose the platform

Choose whether you want to use the MetaTrader 4 or MetaTrader 5 platform to trade. MetaTrader 4 is the long-established and arguably the best standard for pure Forex trading, while MetaTrader 5 allows you to better set up your trading preferences. Research both and see which suits you best.

Step 3. Make your first deposit

Once your email and identity are verified, you can add funds to your trading account. Don’t forget that adding funds allows you to get a 50% deposit bonus and maximise your potential profit.

Step 4. Download the crypto trading system

Download the appropriate desktop or mobile MetaTrader app, and sign in with your trading account number, which you have received after the account registration in steps 1 and 2.

Step 5. Add cryptocurrencies to the asset lists

In order to start trading cryptocurrencies within the MetaTrader systems, you need to add them into the asset list:

Desktop: right-click on Market Watch and select Show All

Mobile: press +, select Crypto, and then choose the currencies you want to trade.

What you need to know about trading cryptocurrency

Trading cryptocurrency pairs don't require any specific knowledge. It's not that different from trading Forex, commodity, or other markets. Despite the asset's unusual nature, the crypto price rises and falls just like any other currency, stock, or commodity. As the crypto market is also affected by Bitcoin का उपयोग क्यों करें? predictable external factors, you have the opportunity to make a substantial profit.

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How to predict the biggest cryptocurrencies’ price

So now that you’re fully briefed on trading cryptocurrencies, it’s time to learn more about the currencies we offer.

Bitcoin

Bitcoin is the first digital currency, created back in 2009. Bitcoin is one of the most volatile and popular instruments among cryptocurrencies.

Bitcoin Cash

Bitcoin Cash, a fork of Bitcoin, is an altcoin that was issued in 2017. Intraday traders usually focus on Bitcoin Cash during the Tokyo and London trade sessions, when it’s most volatile.

Ethereum

Ethereum is a system that supports smart contract technologies to invest in the ICOs of new start-up companies. The more start-ups are interested in Ethereum, the more expensive it becomes. Technical analysis figures work well with Ethereum.

Litecoin

Litecoin was first issued in 2011 and is quite similar to Bitcoin. The Litecoin price greatly depends on Bitcoin. That makes it possible to use the pairs with Bitcoin as the main currency to successfully forecast Litecoin changes.

Ripple

Ripple, often referred to as XRP, was released in 2012 and since then it became one of the largest cryptocurrencies. It demonstrates decent volatility, which attracts many day traders.

Cryptocurrency से पर्यावरण पर क्या पड़ते हैं प्रभाव? क्यों क्रिप्टो माइनिंग पर उठते हैं सवाल? जानें

क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ ही इसके रेगुलेशन और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंताएं भी बढ़ी हैं. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है, जिसके लिए बहुत ज्यादा एनर्जी का इस्तेमाल होता है और यह पर्यावरण में कार्बन फुटप्रिंट छोड़ती हैं.

Cryptocurrency से पर्यावरण पर क्या पड़ते हैं प्रभाव? क्यों क्रिप्टो माइनिंग पर उठते हैं सवाल? जानें

Cryptocurrency Mining : क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग से पड़ता है पर्यावरण पर असर.

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मांग तेजी से बढ़ रही है, लेकिन वित्तीय लेनदेन के एक तरीके के रूप में इसे व्यापक रूप से अपनाने को लेकर कई चिंताएं हैं. क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन को लेकर सवाल उठाए जाते हैं. यह पर्यावरण पर भी प्रभाव डालती है. क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, लेकिन बीते दिनों जब Tesla के फाउंडर इलॉन मस्क ने इसके पर्यावरणीय प्रभावों पर चिंता जताते हुए दूसरी क्रिप्टोकरेंसी Dogecoin को समर्थन दिया था, तो बिटकॉइन में काफी गिरावट देखी गई थी.

क्रिप्टोकरेंसी से पर्यावरण को नुकसान कैसे पहुंचता है?

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इलॉन मस्क ने इसके पर्यावरणीय नुकसान के बारे में बात करते हुए कहा था कि एनर्जी यूसेज ट्रेंड (पिछले कुछ महीनों में) काफी ज्यादा है. मस्क का मतलब बिटकॉइन के माइनिंग पर खर्च होने वाली एनर्जी को लेकर था. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में हाई पावर्ड कंप्यूटरों का उपयोग होता है और इस प्रोसेस में काफी एनर्जी लगती है. ज्यादातर मामलों में यह प्रोसेस जीवाश्म ईंधन (fossil fuel), विशेष रूप से कोयले पर निर्भर करती है. डॉएच बैंक (Deutsche Bank) के विश्लेषकों का अनुमान है कि बिटकॉइन एक साल में लगभग उतनी ही बिजली का उपयोग करता है जितना यूक्रेन जैसा देश करता है. Digiconomist के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी Ethereum एक साल में स्विट्जरलैंड जैसे देश के बराबर एनर्जी का उपयोग करती है.

इन क्रिप्टोकरेंसी से जनरेट इलेक्ट्रिकल वेस्ट और कार्बन फुटप्रिंट भी एक अच्छी तस्वीर पेश नहीं करते हैं. Digiconomist की एक और रिपोर्ट के मुताबिक लक्ज़मबर्ग एक साल में जितना ई-वेस्ट जनरेट करता है उतना ही ई-वेस्ट बिटकॉइन भी करता है. कार्बन फुटप्रिंट की तुलना करें तो ये ग्रीस के बराबर है. Ethereum का फुटप्रिंट म्यांमार की एनुअल वैल्यू के बराबर है.

पिछले छह महीनों में बदली माइनिंग की जॉग्रफी

हालांकि, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के नए आंकड़ों से पता चला है कि पिछले छह महीनों में माइनिंग की जॉग्रफी काफी बदल गई है. क्रिप्टोकरेंसी पर चीन की कार्रवाई इसकी एक वजह है. दुनिया के आधे से ज्यादा बिटकॉइन माइनर्स इस कार्रवाई के कारण कुछ ही दिनों में ऑफ़लाइन हो गए. डिजिटल करेंसी कंपनी Foundry के CEO माइक कोलियर ने CNBC से कहा था कि, 'यह माइनर्स को ऐसे विकल्प तलाश करने के लिए मजबूर करेगा जो रिनिवेबल हो.' यानी जिनका नवीनीकरण किया जा सके.

कई एनर्जी एफिशिएंट विकल्प मौजूद

विकल्पों की बात करें तो बाजार में ऐसी कई क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है जो बिटकॉइन, डॉजकॉइन और इथेरियम जैसी लोकप्रिय नहीं है लेकिन एनर्जी एफिशिएंट है. inquirer.net की एक रिपोर्ट के मुताबिक Nano एक ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका काफी कम एनर्जी फुटप्रिंट है. यह इसलिए है क्योंकि बिटकॉइन की तरह इसकी माइनिंग नहीं की जाती है. यही वजह है कि इसका कार्बन फुटप्रिंट भी कम होता है जो ट्रांजैक्शन फीस को कम कर देता है.

इसी तरह, हेडेरा हैशग्राफ (Hedera Hashgraph) एक और नो-माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी नेटवर्क है जो कम कार्बन फुटप्रिंट और साथ ही कम ट्रांजैक्शन फी प्रोवाइड करता है. एक अन्य क्रिप्टोकरेंसी Cardano (ADA) है जो भी एनवायरमेंट फ्रेंडली मॉडल पर काम करती है.

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5 क्रिप्टोकरंसी का मुनाफा देखकर उड़ जाएंगे होश, 520000 % तक चढ़ी कीमतें

अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं?

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: January 06, 2022 Bitcoin का उपयोग क्यों करें? 17:25 IST

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5. - India TV Hindi

Top 5 Crypto: दुनिया की इन टॉप 5 क्रिप्टोकरंसी का मुनाफा देखकर उड़ जाएंगे होश, 5 लाख प्रतिशत तक चढ़ी कीमतें

Highlights

  • भारत में फिलहाल दुनिया के सबसे ज्यादा 10 करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है।
  • बिटकॉइन और एथेरियम से लेकर डॉगकोइन तक, हजारों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं
  • बिनांस जैसी क्रिप्टो करेंसी ने 5.2 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिया है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का Bitcoin का उपयोग क्यों करें? भविष्य फिलहाल अधर में है। आरबीआई क्रिप्टो के खिलाफ है और सरकार इसे बैन करने की धमकी कई बार दे चुकी है। संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो पर कानून लाने की बात भी हुई, लेकिन यह फिलहाल टल गया। इस उहापोह की स्थिति के बाद भी देश में क्रिप्टो करेंसी में निवेश लगातार बढ़ रहा है। भारत में फिलहाल दुनिया के सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक है। इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है। क्रिप्टो निवेशकों की औसतन उम्र 24 साल है। यह देश की करीब 7 प्रतिशत जनसंख्या के बराबर है। इन 10 करोड़ निवेशकों ने 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है।

अब सवाल उठता है कि इतनी कानूनी अड़चनों के बाद भी लोग बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में पैसा क्यों झोंक रहे हैं, तो इसका एक लाइन का सीधा जवाब है, क्रिप्टोकरेंसी पर मिलने वाला मुनाफा। जहां शेयर और म्युचुअल फंड जैसे जोखिम वाले निवेश निवेशकों को 20 से 30 प्रतिशत का रिटर्न देते हैं, वहीं बिनांस जैसी क्रिप्टो करेंसी ने 5.2 लाख प्रतिशत का रिटर्न दिया है। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि आप कैल्कुलेटर पर इसकी गणना भी नहीं कर सकते। दुनिया में बिटकॉइन और एथेरियम से लेकर डॉगकोइन और टीथर तक, हजारों अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी हैं। आज हम इन क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैप के आधार पर टॉप 5 किप्टो करेंसी के बारे में बता रहे हैं:

बिटकॉइन (BTC)

मार्केट कैप: $882 बिलियन से अधिक

बिटकॉइन क्रिप्टो की दुनिया की पहली डिजिटल करेंसी है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी। दरअसल बिटकॉइन (BTC) ही मूल क्रिप्टोकरेंसी है। दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही, बीटीसी एक ब्लॉकचेन पर चलता है, दूसरे शब्दों में कहें तो हजारों कंप्यूटरों के नेटवर्क में वितरित एक लेज़र लॉगिंग लेनदेन पर बिटकॉइन काम करता है। इसकी कीमतें बीते 5 साल में आसमान छू चुकी हैं। मई 2016 में, आप लगभग 500 डॉलर में एक बिटकॉइन खरीद सकते थे। 3 जनवरी, 2022 तक, एक बिटकॉइन की कीमत $46,000 से अधिक पहुंच गई थीं। ग्रोथ की बात करें तो बीते 6 साल में यह करीब 9,200% की ग्रोथ दे चुका है।

एथेरियम (ETH)

मार्केट कैप: $447 बिलियन से अधिक

बिटकॉइन के बाद क्रिप्टो कारोबार में एथेरियम सबसे चर्चित नाम है। क्रिप्टोक्यूरेंसी और ब्लॉकचैन प्लेटफॉर्म दोनों पर एथेरियम प्रोग्राम डेवलपर्स का पसंदीदा बना हुआ है। इथेरियम ने भी जबरदस्त ग्रोथ देखी है। अप्रैल 2016 से जनवरी 2022 तक, इसकी कीमत लगभग 11 डॉलर से बढ़कर 3,700 डॉलर से अधिक हो गई। ग्रोथ के पैमाने पर देखें तो यह 33,500% चढ़ चुका है।

बिनेंस कॉइन(बीएनबी)

मार्केट कैप: $86 बिलियन से अधिक

बिनेंस कॉइन, क्रिप्टोकरेंसी का एक रूप है जिसका उपयोग आप Binance पर व्यापार करने और शुल्क का भुगतान करने के लिए कर सकते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक है। 2017 में इसे लॉन्च किया गया था। अब, इसका उपयोग व्यापार, पेमेंट प्रोसेसिंग या यहां तक ​​कि यात्रा बुकिंग के लिए भी किया जा सकता है। 2017 में इसकी कीमत सिर्फ $0.10 थी; वहीं 3 जनवरी, 2022 तक, यह लगभग 520,000% की ग्रोथ के साथ 520 डॉलर का हो गया है।

कार्डानो (ADA)

मार्केट कैप: $44 बिलियन से अधिक

कार्डानो क्रिप्टो करेंसी ने भी बीते कुछ वर्षों में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। अन्य प्रमुख क्रिप्टो कॉइन की तुलना में कार्डानो के एडीए टोकन में अपेक्षाकृत मामूली वृद्धि हुई है। 2017 में, ADA की कीमत $0.02 थी। वहीं 3 जनवरी 2022 तक इसकी कीमत $1.34 थी। इस तरह अपनी शुरुआत के बाद से यह 6,600% की ग्रोथ दे चुका है।

एक्सआरपी (XRP)

मार्केट कैप: $39 बिलियन से अधिक

इसे डिजिटल टेक्नोलॉजी और पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी, रिपल जैसे फाउंडर्स ने तैयार किया था। 2017 की शुरुआत में, XRP की कीमत $0.006 थी। 3 जनवरी, 2022 तक, इसकी कीमत $0.83 तक पहुंच गई। इस प्रकार यह क्रिप्टो 5 साल में 13,700% से अधिक की ग्रोथ दे चुका है।

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