Stock Operator क्या होता है ?

Stock Operator जब भी हम यह नाम सुनते है तो Retail Investor के कान खड़े हो जाते है, जब भी किसी को शेयर मार्किट में नुकसान होता है, तो वह इन सब का जिम्मेदार Stock Operator के ऊपर लगा देता है, वह कहता है Stock Operator ने उसका Stop Loss हिट करा दिया, Share Operator की वजह से आज उसको नुकसान हुआ ! तो क्या सच में ऐसा होता है !

What is Stock Operator : स्टॉक ऑपरेटर क्या होता है

जब किसी से शेयर को किसी व्यक्ति के द्वारा उसकी प्राइस में कम या ज्यादा किया जाता है तब उसे हम Stock Operator कहते हैं! Stock Operator किसी शेयर को अपने फायदे के लिए गलत न्यूज़ या अंदर की किसी न्यूज़ को जानकर उसके प्राइस में कमी या वृद्धि करता है और बाद में उस शेयर में मुनाफावसूली करता है उसे शेयर ऑपरेटर कहते हैं ! बहुत से Retail Investor शेयर ऑपरेटर की जाल में आकर अपना बहुत सा पैसा खो देते हैं हमें शेयर ऑपरेटर से बच कर रहना चाहिए !

stock market operatorस्टॉक मार्केट में ऑपरेटर कौन होते हैं?लोग ऑपरेटर के जाल में कैसे फंस जाते हैं?

दोस्तों आज हम जानेंगे स्टॉक मार्केट में ऑपरेटर के बारे में , कैसे किसी शेयर को मेनुकुलेट करते हैं किसी भी शेयर को ऊपर नीचे कर सकते हैं, और शेयर होल्डर कैसे इनकी जाल में फस जाते हैं.

हमारे मन में तरह-तरह की सवाल भी उठते हैं, ऑपरेटर कौन होते हैं? कहां से आते हैं? ऑपरेटर रिटेल इन्वेस्टर को कैसे फंसाते हैं? इनके काम करने का तरीका क्या होता है? ऑपरेटर कि पसंदीदा स्टॉक्स कौन-कौन से होते हैं? और इनसे कैसे बचा जाए?

ऑपरेटर से रिलेटेड सभी सवालों के जवाब आज हम जानेंगे?

विवरण –

ऑपरेटर के पास बहुत ज्यादा पैसा होता है जिससे किसी भी शेयर को बहुत ज्यादा क्वांटिटी में खरीद कर उस शेयर को मेनुकुलेट कर सकते हैं.

इनके सबसे बड़ा हथियार “डर” होता है और यह डर रिटेल इन्वेस्टर का होता है, रिटेल इन्वेस्टर जितना ज्यादा डरते हैं ऑपरेटर उन्हें उतना ही फसाने की कोशिश करते हैं.

stock market operator कैसे काम करते हैं?

अच्छे शेयर को जोरदार गिराने की कोशिश करते हैं, ताकि रिटेल इन्वेस्टर अच्छे स्टॉक को बेचकर निकल जाए.

और खराब स्टॉक को ऊपर भगाने की कोशिश करते हैं.

ताकि रिटेल इन्वेस्टर ऐसे स्टॉक को खरीदें और बाद में ऑपरेटर लोग एक साथ उस शेयर को बेचकर निकल जाते हैं.

ऑपरेटर का काम ही यही होता है, अच्छे स्टॉक को आपके पोर्टफोलियो से निकलवाना

और बेकार स्टॉक को आपके पोर्टफोलियो में होल्ड करवाना.

ऑपरेटर किसको फंसाते हैं?

यह छोटे इन्वेस्टर / रिटेल इन्वेस्टर / छोटे निवेशकों को फंसाते हैं, क्योंकि छोटे निवेशकों को स्टॉक मार्केट की समस्त बहुत ज्यादा नहीं होती है

ऑपरेटर छोटे इन्वेस्टर को क्यों फंसाते हैं?

क्योंकि इनको पता होता है कि छोटे इन्वेस्टर के पास लालच होता है,

इसके अलावा इनके अंदर बहुत ज्यादा डर होता है और यह जल्दी पैसा बनाने की लालच में होते हैं.

और छोटे इन्वेस्टर पेनी स्टॉक्स में पैसा लगाना पसंद करते हैं क्योंकि, इन कंपनियों में बहुत ज्यादा मुनाफा मिलने की संभावना होती है

छोटी इन्वेस्टर समाचार आधारित स्टॉक news based stocks में पैसा लगाते हैं.

एक शेयर को आप देख सकते हैं जिसका नाम है

  1. Agro Phos India Ltd ,
  2. Mauria Udyog Ltd

ऑपरेटर से कैसे बचें ?

रिटेल इन्वेस्टर स्टॉक मार्केट ऑपरेटर या छोटे निवेशकों को फंडामेंटली स्ट्रांग शेयर fundamentally strong stock में निवेश करना चाहिए.

एक अच्छे शेयर को चुनकर लंबी अवधि तक निवेश long term investment करें.

और एक बार निवेश करने के बाद धैर्य बनाकर रखें.

सारांश –

वास्तव में देखा जाए तो ऑपरेटर वह होते हैं जिनके पास ढेर सारे पैसा होता है , यह एक ब्रोकर भी हो सकता है , म्यूच्यूअल फंड हाउसेस हो सकते हैं , बड़े इंस्टिट्यूशन हो सकते हैं .

लेकिन हम छोटे निवेशकों को इनसे बचना है तो एक अच्छे फंडामेंटल शेयर को सुनकर उस में लंबी अवधि तक टिके रहना होगा .

कुछ सुझाव के लिए या किसी अन्य पोस्ट के बारे में जानने के लिए नीचे बॉक्स में कमेंट करें।

Exclusive: निवेशकों के लिए अच्छी खबर! जल्द मोबाइल ऑपरेटर की तरह बदल सकेंगे ब्रोकर्स, जानें कब से लागू हो सकता है नियम

Demat Account Change Rules: निवेशक जब चाहें ब्रोकर्स बदल सकते हैं. ब्रोकर्स इंटरोऑपरेबिलिटी पर SEBI विचार कर रहा है. SEBI और एक्सचेंज के बीच चर्चा जारी है. दिसंबर के अंत तक सेबी इस संबंध में नियम जारी कर सकता है.

इंटरऑपरेबिलिटी स्कीम (Interoperability Scheme) के तहत निवेशक जल्द ही अपने ब्रोकर को बदल सकेंगे.

Demat Account Change Rules: स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अच्छी खबर है, अब वे मोबाइल फोन ऑपरेटर्स की तरह अपने ब्रोकर्स को बदल सकेंगे. जी हां, इंटरऑपरेबिलिटी स्कीम (Interoperability Scheme) के तहत, निवेशक जल्द ही अपने ब्रोकरों को बदल सकेंगे अगर वे उनकी सेवा से संतुष्ट नहीं हैं. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (Sebi) और स्टॉक एक्सचेंज इस बात पर विचार कर रहे हैं कि इस योजना को कैसे क्रियान्वित किया जा सकता है.

दिसंबर तक जारी हो सकता है नियम

उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक सेबी इस संबंध में नियम जारी कर सकता है. निवेशक जब चाहें ब्रोकर्स बदल सकते हैं. ब्रोकर्स इंटरोऑपरेबिलिटी पर SEBI विचार कर रहा है. SEBI और एक्सचेंज के बीच चर्चा जारी है.

अभी क्या है नियम?

वर्तमान में, अगर निवेशक ब्रोकर्स को बदलना चाहते हैं, तो उन्हें अपने मौजूदा ब्रोकर से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना होगा और अपने फंड को नए ब्रोकर को ट्रांसफर करने से पहले अपनी स्थिति शून्य बनानी होगी. कहा जा रहा है कि मार्केट रेगुलेटर नियमों में इस तरह की कवायद को खत्म कर देगा. नियम लागू होने के बाद अब निवेशक मार्जिन के साथ फंड ट्रांसफर कर सकता है.

🔸निवेशक जब चाहे अपना ब्रोकर बदल सकेंगे

🔸ब्रोकर्स इंटरोऑपरेबिलिटी पर SEBI कर रहा है विचार

🔸SEBI और एक्सचेंज के बीच चर्चा जारी

विचाराधीन इंटरऑपरेबिलिटी स्कीम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मार्केट एक्सपर्ट और सेठी फिनमार्ट प्राइवेट के एमडी विकास सेठी ने कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है और उन निवेशकों के लिए अच्छी खबर है जो एक ब्रोकर के कारण परेशान हैं और किसी अन्य समान फर्म को फंड ट्रांसफर नहीं कर सकते.

उन्होंने कहा कि अब ब्रोकरों को अपनी सेवाओं में सुधार पर और काम करना होगा. यह उन्हें निवेशकों के प्रति अधिक जवाबदेह भी बनाएगा. यह सही दिशा में एक कदम है, जो अच्छी सेवाएं दे रहे हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन जो पिछड़ रहे हैं उन्हें सुधार करना होगा.

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए आई बड़ी खबर, SEBI ने उठाया सख्त कदम

शेयर में कृत्रिम मांग के जरिये छोटे निवेशकों को धोखा देने के मामले में सेबी ने यह कार्रवाई की है. आरोप हैं कि इस तरह धोखाधड़ी के जरिए इन ऑपरेटरों ने एक-एक सौदे में लाखों रुपए बनाए हैं.

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए आई बड़ी खबर, SEBI ने उठाया सख्त कदम

शेयर बाजार के लिये साल 2021 रिकॉर्ड तेजी का साल रहा है, इस दौरान प्रमुख इंडेक्स ने वो स्तर देखे जो आज से पहले कभी दर्ज नहीं किये गये. बाजार की इस रिकॉर्ड तेजी में निवेशकों ने जमकर कमाई की, हालांकि इस ऊंचे रिटर्न की आस में कई छोटे निवेशको ने बाजार में हेराफेरी करने वाले शेयर ऑपरेटरों के हाथों अच्छा खासा नुकसान भी दर्ज किया. सेबी ने ऐसे ही कुछ स्टॉक मार्केट के ऑपरेटरों पर शिंकजा कसा है. खबरों के मुताबिक मार्केट रेग्युलेटर ने गुजरात के कुछ ऑपरेटर्स के खिलाफ छापेमारी भी की

शेयर ब्रोकर्स पर सेबी की कार्रवाई

शेयर में कृत्रिम मांग के जरिये छोटे निवेशकों को धोखा देने के मामले में सेबी ने यह कार्रवाई की है. आरोप हैं कि इस तरह धोखाधड़ी के जरिए इन ऑपरेटरों ने एक-एक सौदे में लाखों रुपए बनाए हैं. सेबी की जांच में इन ऑपरेटरों द्वारा शेयरों की खरीद और बिक्री वाले शेयरों से जुड़े कई मैसज सामने आए हैं. चूंकि शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के लिए ऑपरेटरों की ओर से सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ रहा है इसलिए सेबी भी इस रास्ते से होने वाले गलत कामों पर अपना शिकंजा कस रहा है. ऐसे ऑपरेटर्स ज्यादातर छोटे निवेशकों को निशाना बनाते हैं. नए निवेशकों तक ट्रेडिंग टिप्स पहुंचाने का काम ज्यादातर वॉट्सऐप ग्रुप्स और टेलिग्राम चैनलों के जरिए होता है.

पंप एंड डंप तकनीक से निवेशकों के साथ हेराफेरी

दरअसल शेयर बाजार में मिले उंचे रिटर्न और रिटेल निवेशकों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर ऑपरेटर भी सक्रिय हो गये जो शेयरों में कृत्रिम मांग के जरिये कीमतों को मनमाने तरीके से नियंत्रित कर रहे थे. रणनीति के अनुसार ऐसे ऑपरेटर्स पहले शेयरों को सस्ते दामों पर खरीदते थे, जिसके बाद ट्रेडिंग टिप्स के नाम पर सोशल मीडिया, वॉट्सएप ग्रुप्स और टेलिग्राम चैनलों के जरिये इन शेयरों के लिये सकारात्मक माहौल बनाते थे. छोटे निवेशकों की भागेदारी बढ़ने के साथ स्टॉक में उछाल बढ़ने पर ये ऑपरेटर अपने सभी शेयर बेच कर बाजार से बाहर निकल जाते थे, और नुकसान छोटे निवेशकों को उठाना पड़ता था. इसी को देखते हुए सेबी ने ऐसे ऑपरेटर्स पर अपना शिकंजा कस दिया है.

आपको बता दें कि छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी IPO के नियमों में बदलाव की तैयारी कर रहा है. सेबी को मिली जानकारी के मुताबिक स्टॉक कीमतों में मनमाने तरीके से उछाल के जरिये स्टॉक ऑपरेटर्स ने एक एक सौदे में लाखों स्टॉक मार्केट ऑपरेटर रुपये की कमाई की है.

स्टॉक मार्केट ऑपरेटर

Stop loss hunting in Hindi

आपके मन में यह सवाल तो कभी ना कभी तो आया ही होगा कि किसी भी स्टॉक को बाय करने के बाद मार्केट हमारे स्टॉप लॉस को फिट करने के बाद वापस हमारे टारगेट की दिशा में चले जाता है इसी को हम कहते हैं Stop loss Hunting तो चलिए अच्छे से समझते हैं कि क्या है यह Stop loss Hunting

Table of Contents

Stop loss Hunting In Hindi

Sl Hunting क्या है? जिसके नाम से ही पता चलता है कि हमारे स्टॉपलॉस का शिकार कर लिया जाना को हम कहते हैं स्टॉप लॉस हंटिंग स्टॉप लॉस हंटिंग करता कौन है? तो चलिए पोस्ट में आगे चलते हैं फिर हम जानेंगे कि स्टॉप लॉस हंटिंग करता कौन है और कैसे करता है

Sl Hunting क्या है?

तो आपके साथ भी ऐसा बहुत बार हुआ होगा कि आपने कोई Stock बाय किया और उस स्टॉक में आपने जो भी स्टॉप लॉस लगाया होता है मार्केट आपका Stop Loss को हिट करके उसके बाद Target हिट करवाता है इसी को हम कहते हैं स्टॉप लॉस हंटिंग

Stock मार्केट जब से एग्जिट करता है तब से Sl Hunting बहुत सारे लोग इस पर काम करते हैं आप लोगों को एक ही समझना पड़ेगा कि trading एक ऐसा बिजनेस है जिसमें जब तक किसी का लॉस नहीं होगा तब तक किसी का प्रॉफिट नहीं होगा

अगर आप प्रॉफिट कर रहे इसका मतलब है कि वहां पर किसी ना किसी का लॉस जरूर हो रहा होता है अगर आप लॉस करने इसका मतलब क्यों वह पैसा किसने किसी के पास जा रहे हैं

स्टॉक मार्केट में जो ऑपरेटर होते हैं वह क्या करते हैं जो आप टेक्निकल एनालिसिस यूज़ करते उन चीजों को यूज करते आप SL Hit कराने के लिए टेक्निकल एनालिसिस जो कि आप पढ़ते हैं जो मैं पढ़ता हूं और जो ऑपरेटर्स पढ़ते हैं टेक्निकल एनालिसिस से होता है तो ऑपरेटर जो होते हैं वह इसी टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करके आप का स्टॉपलॉस को हिट करवाने की कोशिश करते हैं

Stock market Operator Kon Hote Hai?

दोस्तों शेयर बाजार में आपने बहुत बार यह सुना होगा कि स्मार्ट इन्वेस्टर मार्केट में आ चुके हैं वह इन स्मार्ट इनवर्टर स्टॉक मार्केट ऑपरेटर को ही कहा जाता है तो चलिए विस्तार से जानते हैं कि यह Stock Operator Kon Hote Hai? Stock Operator को कैसे पहचानें तथा इनसे कैसे बचें?

तो जब भी हम स्टॉक मार्केट में ऑपरेटर की बात करते हैं तो जितने भी छोटे-छोटे ट्रेडर्स होते हैं उनके कान खड़े हो जाते हैं तो क्योंकि जब भी रिटेल ट्रेडर्स को लॉस होता है तो उसके पीछे स्टॉक मार्केट ऑपरेटर का ही हाथ होता है

तो चलिए यह जानते हैं कि यह स्टॉक मार्केट ऑपरेटर कौन होते हैं ,जब भी किसी को stock market में लॉस होता है या फिर उसका Stop loss बार-बार हिट हो जाता है तो यह ऑपरेटर्स के द्वारा करा जाता है तो चलिए आप जानते हैं कि ऑपरेटर कौन होते हैं Stock market operators काम कैसे करते हैं ?

What Is Stock Operator In Hindi

स्टाफ ऑपरेटर व्यक्ति होते हैं जो कि एक स्टॉक के प्राइस को कंट्रोल या फिर मैनु प्लेट करने की कोशिश करते हैं स्टॉक ऑपरेटर ज्यादातर बड़े-बड़े इन्वेस्टर होते हैं जैसे कि FII (Foreign institutional investors) DII (Domestic Institutional Investors) यह वह लोग होते हैं जिनके पास बहुत ज्यादा पैसा होता है और वह एक स्टॉक के प्राइस को बढ़ा या घटा सकते हैं.

तो हमने यह तो जान लिया कि ऑपरेटर क्या होते हैं ऑपरेटर हमारा ऐसा लाइट क्यों करवाते हैं तो अब यह समझते हैं कि इन ऑपरेटर से बचा कैसे जाएं

Stock Operator से बचने के तरीके

  1. किसी भी स्टॉक में इन्वेस्ट करने से पहले आपको उस स्टॉक के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए जैसे कि जिस कंपनी में हम इन्वेस्ट कर रहे हैं वह कंपनी करती क्या है
  1. ऐसे स्टॉक में इन्वेस्ट करें इसमें लिक्विडिटी कम हो
  1. पेनी स्टॉक मैं अक्सर देखा गया है ऑपरेटर प्राइस को काफी ज्यादा मैनिपुलेट करते हैं , तो हो सके तो ऐसे पेनी स्टॉक से दूर ही रह जाए
  1. किसी भी स्टॉक में इन्वेस्ट करने से पहले उसके फंडामेंटल एनालिसिस को अच्छे से जान लेना चाहिए

तो यह थे स्टॉक ऑपरेटर से बचने के कुछ तरीके तो आशा करता हूं कि आप अगले बार से इन स्टॉक ऑपरेटर से बच सकते हैं

Conclusion

आशा करता हूं कि स्टॉक मार्केट ऑपरेटर यह लेख पढ़कर आपको कुछ ना कुछ नया जानने को मिला होगा तो आज की ब्लॉक पोस्ट में मैं आपको बताया कि Stop loss Hunting क्या होती है और साथ ही साथ हमने यह भी जाना कि स्टॉप लॉस हंटिंग के पीछे का कारण क्या होता है और स्टॉपलॉस हंटिंग कौन करता है? इस ब्लॉग पोस्ट में हमने यह भी जानना है कि स्टॉक ऑपरेटर्स कौन होते हैं

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