चीन सरकार के ऑर्गेनाइजेशन ने Bitcoin, Ether जैसे क्रिप्टो को मानव इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड बताया
BSN के शान झिगुआंग और हे यिफान ने क्रिप्टोकरेंसीज को मानव इतिहास का सबसे बड़ा पॉन्जी स्कीम बताया है। उन्होंने कहा है कि इसे ऐसे समुदायों का सपोर्ट हासिल है, जो इस फ्रॉड को जारी रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरेंसीज की हालात ठीक नहीं है। बिटकॉइन सहित कई क्रिप्टो की कीमतें बहुत गिर गई हैं।
चीन में BSN के अधिकारियों ने क्रिप्टोकरेंसीज को फ्रॉड बताया है। BSN का मतलब Blockchain-based service Network (BSN) से है। चीन की सरकार ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के कमर्शियल इस्तेमाल के लिए BSN बनाया है। बीएसएन के एग्जिक्यूटिव्स ने क्रिप्टोकरेंसीज और Web3 बिजनेस मॉडल को इनवेस्टमेंट फ्रॉड बताया है।
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरेंसीज की हालात ठीक नहीं है। बिटकॉइन सहित कई क्रिप्टो की कीमतें बहुत गिर गई हैं। इससे इनवेस्टर्स को भारी लॉस हुआ है। हालांकि, इंडिया में RBI और दूसरे देशों में वहां की सरकारी एजेंसियां क्रिप्टो में निवेश को लेकर इनवेस्टर्स को आगाह करती रही हैं। उनका मानना है कि क्रिप्टो में निवेश बहुत ज्यादा रिस्की है।
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BSN के शान झिगुआंग और हे यिफान ने क्रिप्टोकरेंसीज को मानव इतिहास का सबसे बड़ा पॉन्जी स्कीम बताया है। उन्होंने कहा है कि इसे ऐसे समुदायों का सपोर्ट हासिल है, जो इस फ्रॉड को जारी रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चीन सरकार के अखबर पीपल्स डेली में एक लेख में ये बातें कही हैं।
क्रिप्टोकरेंसीज की तुलना पहली बार पॉन्जी स्कीम से नहीं की गई है। इससे पहले कई बार क्रिप्टो के आलोचक इस डिजिटल एसेट की तुलना पॉन्जी स्कीम से कर चुके हैं। पॉन्जी स्कीम ऐसी स्कीम को कहा जाता है, जिसमें स्कैम करने वाले लोग पुराने इनवेस्टर्स को पेमेंट के लिए नए इनवेस्टर्स के पैसे का इस्तेमाल करते हैं।
उधर, क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि व्यापक इस्तेमाल होने पर Bitcoin और Ether जैसे क्रिप्टो भविष्य में बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं। लेकिन, क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के क्रैश करने के बाद इसके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ा है।
ऐसे वक्त क्रिप्टो मार्केट क्रैश कर गया है, जब दुनियाभर में स्टॉक मार्केट्स में बड़ी गिरावट आई है। इससे क्रिप्टो के इनवेस्टर्स निराश हैं। हालांकि, स्टॉक मार्केट्स में गिरावट की वजह दुनियाभर में इंटरेस्ट रेट्स में वृद्धि है। कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंकों ने तेजी से बढ़ती महंगाई को काबू में करने के लिए इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की पॉलिसी अपनाई है।
पिछले साल की आखिरी तिमाही में क्रिप्टोकरेंसीज की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर थीं। तब इसमें पैसे लगाने वाले इनवेस्टर्स को भारी लॉस हुआ है। इस वजह से क्रिप्टो लेंडिंग प्लेटफॉर्म्स, हेज फंड्स और स्टेबलकॉइंस के इश्यूअर्स बड़ी वित्तीय मुश्किल में फंस गए हैं।
क्रिप्टोकरेंसीज के बिटकॉइन का इतिहास सबसे बड़े आलोचकों में Microsoft के को-फाउंडर Bill Gates शामिल हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसीज और नॉन-फंजिबल टोकंस (NFT) 100 फीसदी Food Theory पर आधारित हैं। अरबपति इनवेस्टर्स वॉरेन बफे ने भी क्रिप्टो को बेकार बताया है।
MoneyControl News
First Published: Jun 29, 2022 11:38 AM
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बिटकॉइन का इतिहास | Bitcoin ki history in hindi
संभावना है, आप सभी बिटकॉइन के बारे में सुन रहे होंगे। यह कट्टरपंथी, सभी डिजिटल, पीयर-टू-पीयर मुद्रा संभावित रूप से मौद्रिक बाजारों में क्रांति ला सकती है। तो बिटकॉइन कहां से आया और यह कहां जा रहा है? बिटकॉइन एक कंप्यूटर प्रोग्रामर, या प्रोग्रामर्स के समूह द्वारा बनाया गया था, जो सतोशी नाकामोटो के छद्म नाम के तहत काम कर रहा था। 1 नवंबर , 2008 को नाकामोतो ने एक अस्पष्ट क्रिप्टोलॉजी वेबसाइट पर एक शोध पत्र लिखा और प्रकाशित किया जिसमें बिटकॉइन का वर्णन किया गया था और यह भी बताया गया था कि सभी डिजिटल मुद्रा कैसे काम कर सकती है।
सबसे पहले, नाकामोटो ने जापान के निवासी होने का दावा किया लेकिन आगे के शोध से पता चला कि उसकी असली पहचान, नागरिकता और लिंग पूरी तरह से अज्ञात है। जबकि बिटकॉइन की अवधारणा 2008 में सार्वजनिक हो गई थी, इंटरनेट के मूलभूत चरणों के दौरान 1990 के दशक की शुरुआत से एक सभी-डिजिटल, गैर-सरकारी मुद्रा का विचार आसपास रहा है। कई प्रोग्रामर और व्यापारिक नेताओं ने ऐसी मुद्रा स्थापित करने की कोशिश की थी।
एक उदाहरण, एकैश, को इस समय के दौरान लॉन्च किया गया था, और मौजूदा सरकार और क्रेडिट इन्फ्रास्ट्रक्चर का लाभ उठाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। दूसरों ने ईकैश के नक्शेकदम पर चलते हुए, लेकिन प्रत्येक ने इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा बनाने और उसकी निगरानी करने के लिए एक केंद्रीय समाशोधन गृह या अन्य विधि का उपयोग करने की कोशिश की। नाकामोतो का विचार कहीं अधिक क्रांतिकारी था।
वह सरकार, और केंद्रीय समाशोधन गृह नियंत्रणों को दूर करना चाहता था और एक “पीयर-टू-पीयर” मुद्रा बनाना चाहता था जो एक आम और सार्वजनिक खाता बही के माध्यम से बिटकॉइन की निगरानी के लिए पूरे समुदाय पर निर्भर करेगा। यह लेजर प्रत्येक उपयोगकर्ता की पहचान की रक्षा करते हुए बनाए गए प्रत्येक बिटकॉइन और किए गए प्रत्येक लेनदेन को ट्रैक करेगा।
एक मायने में, प्रत्येक बिटकॉइन उपयोगकर्ता को बिटकॉइन बाजार के “मौद्रिक प्राधिकरण” में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। नाकामोटो के विचार ने अनुयायियों के एक छोटे समूह को जल्दी से आकर्षित किया, जिनमें से अधिकांश कंप्यूटर विशेषज्ञ थे। 3 जनवरी 2009 को पहले 50 बिटकॉइन बनाए गए थे । बिटकॉइन माइनिंग नामक एक प्रक्रिया का उपयोग करते हुए , व्यक्तिगत उपयोगकर्ता और कंपनियां अपने कंप्यूटर और बाद में विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए खनन कंप्यूटरों के साथ बेहद जटिल समीकरणों को हल करके बिटकॉइन बना सकती हैं।
इन समीकरणों को हल करने के लिए बिजली की बढ़ती मात्रा की आवश्यकता होगी, जो बदले में बिटकॉइन का उत्पादन करने के लिए लागत (जो धीरे-धीरे समय के साथ बढ़ती है) रखती है। बिटकॉइन की अवधारणा एकदम सही समय पर आई। 2008 और 2009 में, जब बिटकॉइन अपनी शैशवावस्था से गुजर रहा था, विश्व वित्तीय बाजार महामंदी के बाद से सबसे खराब वैश्विक वित्तीय संकट के बीच चरमरा रहे थे और पतन के कगार पर थे।
जैसे ही संकट विकसित हुआ, केंद्रीय बैंक, ट्रेजरी प्राधिकरण और आर्थिक नेता अभिभूत और प्रत्येक विकास से दो कदम पीछे लग रहे थे। पारंपरिक मुद्राओं में विश्वास घट रहा था और बहुत से लोग राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्य पर सवाल उठाने लगे थे। निवेशक, कंप्यूटर प्रोग्रामर, मोहभंग और कई अन्य लोग बिटकॉइन की ओर आकर्षित होने लगे और खनन कार्यों में वृद्धि होने लगी। शुरुआती दिनों में बिटकॉइन समुदाय एक बड़े पैमाने पर सामुदायिक समूह था जो ओपन-सोर्स सॉफ़्टवेयर के माध्यम से काम कर रहा था और आपस में ट्रेड करता था।
जल्द ही कुछ व्यवसायों, किसानों और व्यापारियों ने बिटकॉइन को भुगतान के रूप में स्वीकार करना शुरू कर दिया। शुरुआती चरणों के माध्यम से नाकामोटो ने शुरुआती बिटकॉइन खनिकों को विभिन्न अंतर्दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान किया, लेकिन 12 दिसंबर , 2010 को उन्होंने दुनिया से गायब होने से पहले, सॉफ्टवेयर के ज्यादातर मिनट के विवरण के बारे में अपना अंतिम संदेश पोस्ट किया।
हालांकि नाकामोटो गायब हो गया है, हालांकि, बिटकॉइन केवल आकार और प्रभाव में बढ़ा है। जैसा कि बिटकॉइन खनन जारी है, यह अपने प्रारंभिक सांप्रदायिक चरणों से बिटकॉइन का इतिहास एक वैश्विक उद्योग में विकसित हुआ है। जैसे-जैसे बिटकॉइन को माइन करने के लिए आवश्यक शक्ति धीरे-धीरे बढ़ी है और सिक्कों का मूल्य बढ़ा है, उन्नत हार्डवेयर का उपयोग करने वाले व्यावसायिक संचालन अधिक सिक्कों को माइन करने के लिए स्थापित किए गए थे। और अधिक व्यवसायों ने बिटकॉइन स्वीकार करना शुरू कर दिया है।
इस लेख को लिखने के समय 1,000 से अधिक व्यवसाय अब बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में स्वीकार करते हैं। जनवरी, 2011 के अंत तक 5 मिलियन से अधिक बिटकॉइन का खनन किया गया और मुद्रा ने वैश्विक ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया। बिटकॉइन एक्सचेंज , जो बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं को राष्ट्रीय मुद्राओं के लिए अपने सिक्कों में व्यापार करने की अनुमति देते हैं, तेजी से बढ़ने लगे। अब बिटकॉइन का डॉलर, ब्राजीलियाई रियल, ब्रिटिश पाउंड और यूरो सहित कई मुद्राओं के लिए कारोबार किया जा सकता है।
2013 ने बिटकॉइन के लिए अस्थिरता की अवधि की शुरुआत की है। कुछ ही दिनों में गिरने से पहले मूल्यों में व्यापक रूप से वृद्धि हुई है। बहुत से लोग मानते हैं कि यह अस्थिरता बिटकॉइन को नष्ट कर देगी, लेकिन वफादार इसके प्रति समर्पित हैं। बिटकॉइन का भविष्य क्या है? अभी कोई भी निश्चित नहीं है, और केवल समय ही बताएगा।
13 साल का हुआ बिटकॉइन, निवेशकों के 1000 रुपये को बना दिया 76.4 करोड़
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए.
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए हैं। हालांकि, बिटकॉइन का श्वेतपत्र सातोशी नाकामोतो द्वारा 28 अक्टूबर, 2008 को जारी किया गया था, लेकिन बिटकॉइन का इतिहास मिंट डेट 3 जनवरी, 2009 है, इसीलिए लोग 3 जनवरी को ही इसका बर्थडे मानते हैं। Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (blockchain) के उदय के पीछे बिटकॉइन की अहम भूमिका रही है।
पहला ट्रांजैक्शन मई 2009 में हुआ था
बता दें कि बिटकॉइन के क्रिएटर नाकामोतो ने 3 जनवरी को बिटकॉइन का ऑरिजिनल ब्लॉक रिलीज किया था, जिसे वर्तमान में जेनेसिस ब्लॉक (Genesis Block) के नाम से जाना जाता है। इसमें पहली 50 बिटकॉइन थीं। इंडिया ब्लॉकचैन एलायंस के संस्थापक राज ए कपूर के मुताबिक, इसका पहला ट्रांजैक्शन मई 2009 में हुआ था।
रोमांचक रहा 13 साल का सफर
बिटकॉइन की 13 साल की यात्रा बेहद उतार-चढ़ाव वाला रहा। बिटकॉइन को लेकर कुछ मजबूत कट्टर आलोचक रहे तो कुछ सपोर्टर। कुल मिलकर बिटकॉइन के लिए यहां तक का सफर बेहद रोमांचक रहा। यह करेंसी आज भी यह अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि, बिटकॉइन के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
निवेशकों को 76.43 करोड़ रुपये का फायदा
शुरुआत से लेकर अब तक बिटकॉइन ने कितना रिटर्न दिया इसे कैलकुलेट करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि उस समय जब इसे पेश किया गया था तब इसकी कीमत शून्य थी। जुलाई 2010 में, इसकी कीमत $0.09 हो गई और नवंबर 2021 बिटकॉइन का इतिहास में यह 68,790 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी। बिटकॉइन ने पिछले 13 साल में अपने निवेशकों को भारी भरकम रिटर्न दिया है। इसने अपने रजिस्टर लो से ऑल टाइम हाई तक 7,64,33,233 का अविश्वसनीय रिटर्न दिया है। यानी शुरुआत में किसी निवेशक ने इसमें 1000 रुपये का निवेश किया होता तो नवंबर 2021 में यह रकम 76.43 करोड़ रुपये बन जाती।
Current Affairs: इस शख्स ने बनाई और पहली बार बेची बिटक्वाइन, जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी ABCD
इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.
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नई दिल्ली: Current Affairs: क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया एक बार फिर चर्चा में है. इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां बनाने वाले उद्योगपति एलन मस्क (Elon musk) ने कुछ दिनों पहले घोषणा की थी कि वो टेस्ला की गाड़ियां खरीदने के लिए बिटक्वाइन (Bitcoin) को मंजूरी देंगे. लेकिन अब वह इस बात से पलट गए और ये योजना रद्द कर दी. उनकी इस एक घोषणा से बिटक्वाइन की कीमत में 10 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई. लेकिन उसके बावजूद इस वक्त एक बिटक्वाइन की कीमत करीब 37 लाख रुपये है. क्या आपने सोचा है कि आखिर पहला बिटक्वाइन किसने खरीदा था.
इस शख्स ने बनाई बिटक्वाइन
जिस बिटक्वाइन को लेकर पूरी दुनिया में इस वक्त हंगामा मचा हुआ है, उसे Satoshi Nakamoto नाम एक डेवलपर ने बनाया था. साल 2007 में उन्होंने बिटक्वाइन की कोडिंग लिखनी शुरू की. इसके करीब 1 साल बाद साल 2008 में बिटक्वाइन नाम से वेबसाइट के लिए डोमेन रजिस्टर्ड कराया. इसके बाद इस आभासी करेंसी के बारे में पूरे नियम-कायदे भी बताए.
लेकिन पहले बिटक्वाइन के लेनेदेन में करीब 2 साल से भी ज्यादा लग गया. पहला बिटक्वाइन Hal Finney नाम के प्रोग्रामर ने खरीदा. यह काम उन्होंने 12 जनवरी 2009 को किया. देखते ही देखते बिटक्वाइन पूरी दुनिया को हिलाने लगा.
क्या है बिटक्वाइन
बिटक्वाइन एक क्रिप्टोकरेंसी है. सीधे शब्दों में एक डिजिटल करेंसी. इसमें लेनदेन की सारी जानकारी को Encrypt करके एक डाटाबेस में सुरक्षित रखा जाती है. इसके लिए ब्लॉक चेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इस तकनीक में जानकारी को डिजिटली ब्लॉक के रुप में सुरक्षित किया जाता है. प्रत्येक ब्लॉक अपना स्पेशल सिग्नेचर होता है.
अब आप सोच रहे हैं कि जब करेंसी है, तो क्रिप्टोकरेंसी का जरूरत क्यों पड़ी? दरअसल, इसका मुख्य उद्देश्य है कि बिना किसी बिचौलिये की मदद से पैसों का लेनदेन करना. या कहें कि बिना किसी बैंकिंग सिस्टम के पैसों को इधर से उधर करना. इस वक्त बिटक्वाइन के अलावा 150 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का इतिहास मौजूद हैं.
भारत में क्या है स्थिति
भारत की बात करें, तो पहले क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया था. लेकिन साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने RBI के आदेश को हटाते हुए प्रतिबंध हटा दिए. वहीं, ये भी माना जा रहा है कि भारत अपनी क्रिप्टोकरेंसी ला सकता है. हालांकि, इसके सामने कई किस्म की चुनौतियां है. इसके अलावा बिटक्वाइंन के सुरक्षित करने के लिए खपत होनी वाली बिजली को लेकर भी इसका विरोध हो रहा है.
ट्रेड NEO to Bitcoin - NEO/BTC चार्ट
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