Stock Market में कैसे करें निवेश और किस तरह की बरतें सावधानियां ? जानिए एक्सपर्ट से हर सवालों के जवाब
क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं लेकिन नहीं जानते कि इसकी शुरुआत कैसे हो ? क्या आपको शेयर बाजार की दुनिया जटिल और उलझन भरी लगी लगती है ? क्या किसी और को हुए फायदे और नुकसान का सुनकर आप फैसला नहीं कर पाए हैं कि आपके लिए शेयर बाजार सही रहेगा या नहीं ? तो आज हम आपको बताएंगे शेयर बाजार से जुड़ी हर वो बात साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे की शेयर बाजार में निवेश कैसे करें और क्या सावधानियां बरतें.
Do you want to invest in the stock market but don't know how to start? Do you find the world of स्टॉक्स में निवेश करें stock market complicated and confusing?
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?
महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?
कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
1. शेयर क्या है?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.
2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह स्टॉक्स में निवेश करें स्टॉक्स में निवेश करें से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
3. डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?
जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो स्टॉक्स में निवेश करें सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.
6. ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, स्टॉक्स में निवेश करें 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
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Multibagger Stocks में निवेश के जरिए कमाना चाहते हैं खूब सारा पैसा, तो इस तरह ढूंढिए ऐसे शेयर
स्नीकर्स, फॉर्मल वियर शूज, स्पोर्ट्स और कैजुअल शूज की ओर वैल्यू माइग्रेशन हो रहा है. आने वाले समय में भारत में भी बड़ी मात्रा में चीन के स्टॉक्स में निवेश करें शू मार्केट वाला ग्रोथ दिखाई दे सकता है.
पहले पैरामीटर के तौर पर स्टॉक मार्केट की उस कंपनी की पहचान करें जिसके बिजनेस करने का मौका बाजार में बहुत अधिक हो. साथ ही जिस इंडस्ट्री में यह कंपनी बिजनेस कर रही हो उसका ग्रोथ हाई हो. साथ ही यह कंपनी अपने सेगमेंट में लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही हो. जिसका फायदा कंपनी को मिलेगा.
दूसरा पैरामीटर यह है कि कंपनी को संभालने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो. साथ ही कंपनी अपने गवर्नेंस और एक्जीक्यूशन में अच्छी हो.
तीसरे पैरामीटर के तौर पर शाह बताते हैं कि कंपनी की उस योग्यता को देखते हैं जिसमें वह अपने फ्री कैश फ्लोर को व्यापार में वापस लाने में कितनी सक्षम है साथ ही उसको कितना बढ़ा सकती है.
ट्यूब इन्वेस्टमेंट व फीनिक्स मिल्स स्टॉक पर शाह का व्यू
एक्सपर्ट शाह के अनुसार ट्यूब इन्वेस्टमेंट (Tube Investments) कंपनी ऑटो एंसिलरी स्पेस से आगे बढ़कर ऑटो ओईएम (ईवी स्पेस) में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि ईवी स्पेस के अंदर कंपनी अपना ध्यान तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन पर, सीवी और ट्रैक्टर सेगमेंट पर कर रही है जो कि बहुत अच्छा है. बात अगर कागज पर मौजूद आंकड़ों की बात की जाए तो की की जाएं तो उस पर एक्सपर्ट कहते हैं कि कंपनी अपने मार्जिन पर सुधार कर रही है. इसके अलावा कंपनी के पास बड़े पैमाने पर फ्री कैश फ्लो है. इसके अलावा कंपनी भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रही है.
वही एक्सपर्ट शाह फीनिक्स मिल्स (Phoenix Mills) पर कहते है कि देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है साथ ही कोविड-19 जैसे रिटेल व्यापार में परिवर्तन हुआ है जिसका फायदा उठाने के लिए कई सारी इंटरनेशनल ब्रांड भारत में अपने आप को स्थापित करने के लिए आ रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि देश में जो मॉल ठीक से अपने आप को संचालित नहीं कर पा रहे थे वह स्मॉल बिजनेस से बाहर हो गए हैं. साथ ही जो लोग नया पैसा इस स्पेस में डालना चाह रहे थे वह लोग कोविड-19 की वजह से रुक गए है.
एक्सपर्ट शाह के अनुसार फीनिक्स मिल्स आने वाले 2 से 3 सालों में अपने वर्ग फुट को 7 मिलियन से 14 मिलियन कर रही है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह कंपनी उनको इसलिए उत्साहित करती है क्योंकि कंपनी के पास से एक मजबूत बैलेंस शीट, बड़े स्तर पर विकास का मौका, विश्वसनीय मैनेजमेंट मौजूद है.
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पहले पैरामीटर के तौर पर स्टॉक मार्केट की उस कंपनी की पहचान करें जिसके बिजनेस करने का मौका बाजार में बहुत अधिक हो. साथ ही जिस इंडस्ट्री में यह कंपनी बिजनेस कर रही हो उसका ग्रोथ हाई हो. साथ ही यह कंपनी अपने सेगमेंट में लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ा रही हो. जिसका फायदा कंपनी को मिलेगा.
दूसरा पैरामीटर यह है कि कंपनी को संभालने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो. साथ ही कंपनी अपने गवर्नेंस और एक्जीक्यूशन में अच्छी हो.
तीसरे पैरामीटर के तौर पर शाह बताते हैं कि कंपनी की उस योग्यता को देखते हैं जिसमें वह अपने फ्री कैश फ्लोर को व्यापार में वापस लाने में कितनी सक्षम है साथ ही उसको कितना बढ़ा सकती है.
ट्यूब इन्वेस्टमेंट व फीनिक्स मिल्स स्टॉक पर शाह का व्यू
एक्सपर्ट शाह के अनुसार ट्यूब इन्वेस्टमेंट (Tube Investments) कंपनी ऑटो एंसिलरी स्पेस से आगे बढ़कर ऑटो ओईएम (ईवी स्पेस) में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि ईवी स्पेस के अंदर कंपनी अपना ध्यान तीन पहिया इलेक्ट्रिक वाहन पर, सीवी और ट्रैक्टर सेगमेंट पर कर रही है जो कि बहुत अच्छा है. बात अगर कागज पर मौजूद आंकड़ों की बात की जाए तो की की जाएं तो उस पर एक्सपर्ट कहते हैं कि कंपनी अपने मार्जिन पर सुधार कर रही है. इसके अलावा कंपनी के पास बड़े पैमाने पर फ्री कैश फ्लो है. इसके अलावा कंपनी भविष्य को ध्यान में रखकर निवेश कर रही है.
वही एक्सपर्ट शाह फीनिक्स मिल्स (Phoenix Mills) पर कहते है कि देश में प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है साथ ही कोविड-19 जैसे रिटेल व्यापार में परिवर्तन हुआ है जिसका फायदा उठाने के लिए कई सारी इंटरनेशनल ब्रांड भारत में अपने आप को स्थापित करने के लिए आ रही है. एक्सपर्ट आगे कहते हैं कि देश में जो मॉल ठीक से अपने आप को संचालित नहीं कर पा रहे थे वह स्मॉल बिजनेस से बाहर हो गए हैं. साथ ही जो लोग नया पैसा इस स्पेस में डालना स्टॉक्स में निवेश करें चाह रहे थे वह लोग कोविड-19 की वजह से रुक गए है.
एक्सपर्ट शाह के अनुसार फीनिक्स मिल्स आने वाले 2 से 3 सालों में अपने वर्ग फुट को 7 मिलियन से 14 मिलियन कर रही है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह कंपनी उनको इसलिए उत्साहित करती है क्योंकि कंपनी के पास से एक मजबूत बैलेंस शीट, बड़े स्तर पर विकास का मौका, विश्वसनीय मैनेजमेंट मौजूद है.
Stock Market Tips: बाजार की मौजूदा परिस्थितियों में कहां, कितना निवेश करें, बता रहे हैं एक्सपर्ट विनोद नायर
Vinod Nair Stock Tips: निवेशकों की रणनीतिए ऐसे क्षेत्रों पर दांव लगाने की होनी चाहिए जो महंगाई दर और ब्याज दर से प्रभावित नहीं हैं या फिर कम प्रभावित हैं. ऐसे क्षेत्रों में निवेश कीजिए जिन पर मजबूत ऑपरेशनल स्किल और बहुत अधिक मांग की वजह से मुद्दे का असर नहीं पड़ता है.
साल 2022 में आईटी और सर्विस सेक्टर की कंपनियों में करेक्शन देखा गया है. इसके अलावा इन दोनों सेक्टर पर इन्फ्लेशन और इंटरेस्ट रेट का भी प्रभाव कुछ खास दिखा नहीं है. भले ही इस वक्त हाई वैल्यूएशन, हाई रिस्क और अस्थिरता का माहौल चारों तरफ है. इसके बावजूद इस सेक्टर के स्टॉक में दांव खेला जा सकता है. अगर बात आईटी सेक्टर की उन कंपनियों की बात की जाए जिनका बैलेंस शीट काफी मजबूत और उनका मूल्यांकन मध्यम दर्जे का है तो उनमें इंफोसिस, टीसीएस टेक महिंद्रा के नाम सबसे आगे हैं.
जिस तरह से अर्थव्यवस्था में केंद्रीय बैंक द्वारा लगातार इंटरेस्ट रेट बढ़ाए जाने की वजह से एक साइकिल बन गया है. उनमें उन्हें कंपनियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है जो इन ब्याज दरों से अपने आप को कम प्रभावित होने देंगी. इसके अतिरिक्त मार्केट में वह कंपनियां भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है जो डेट फ्री, नगदी से मजबूत और कैशफ्लो के मामले में अच्छी है. सरकार के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम अर्थात पीएलआई (PLI) से जुड़े सभी सेक्टर विशेषकर डिफेंस, इथेनॉल, ग्रीन एनर्जी और 5G अच्छे विकल्प हो सकते है. इसके अलावा उन कंपनियों से सावधान रहने की जरूरत है जिनका प्राइस बहुत ऊंचा है उनके ऑपरेशन और वैल्यूएशन के हिसाब से. इसके अलावा निवेशकों को उन जैसी कंपनियों से बच कर रहना चाहिए जिनका बिजनेस साइकलिक मॉडल जैसे माइनिंग, आयल, इंफ्रा और मेटल्स वाले व्यवसाय पर आधारित है. हो सके तो उन कंपनियों पर ध्यान दें जिनका बिजनेस घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ मेल खाता हो.
साल 2022 के बुरे माहौल के बीच इस वक्त छोटी मार्केट पूंजीकरण रखने वाली कंपनियों में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना एक अच्छा विकल्प है. वहीं मिड कैप वाले स्टाफ की बात की जाए तो साल भर की उठा-पटक के बाद अब स्टॉक अपने औसत वैल्यूएशन के पास आ पहुंचा है. वही लार्जकैप से जुड़े कंपनियों के स्टॉक अभी भी अपने एवरेज के ऊपर मार्केट में चल रहे है. अगर बात की जाए देश के इंडेक्स की तो निफ़्टी फिफ्टी 20% प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है एसएंडपी500 के मुकाबले.
यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले अभी सबसे मूल्यवान देश में से एक है. हालांकि इसके बावजूद हो सकता है कि शॉर्ट टर्म से लेकर मिड टर्म के लिए विकसित देश और उभरते हुए दूसरे बाजार की वजह से भारत की कुछ चमक हल्की पड़ सकती है. अर्थव्यवस्था को धीरे होते हुए देखा जा सकता है. जिसके कारण इंटरेस्ट यील्ड लगातार आकर्षक बनते जा रहे हैं इस कारण से एक निवेशक को 60% और 40% के बैलेंस इन्वेस्टमेंट सिद्धांत का प्रयोग करना चाहिए. अर्थात इक्विटी में 60 परसेंट और डेट में 40 परसेंट का मिक्स इन्वेस्टमेंट करना चाहिए.
(लेखक जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (शोध) हैं. ये लेखक के निजी विचार हैं.)
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