Bekonta: Buy & Sell Crypto

बिटकॉइन (बीटीसी), एथेरियम (ईटीएच), बीयूएसडी, यूएसडीटी, बिनेंस कॉइन (बीएनबी), ट्रॉन (टीआरएक्स) और इसके विपरीत नायरा का एक्सचेंज ऑनलाइन धोखाधड़ी और अनावश्यक देरी के कारण नाइजीरियाई लोगों के लिए एक चुनौती रही है, लेकिन बेकोंटा अब व्यक्तियों को सेकंड के भीतर अपने नायरा को बिटकॉइन में एक्सचेंज करने में सक्षम बनाता है। प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन (बीटीसी), एथेरियम (ईटीएच), बीयूएसडी, यूएसडीटी, बिनेंस कॉइन (बीएनबी), ट्रॉन (टीआरएक्स) को बेचने और खरीदने की पूरी प्रक्रिया स्वचालित है।

Bekonta उप-सहारा अफ्रीका (नाइजीरिया से शुरू) में प्रेषण चुनौतियों को हल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और व्यापारियों को ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके सीमाओं के पार सुरक्षित और सुरक्षित भुगतान प्राप्त करने और बनाने में भी मदद करता है।

जब आप अपना बिटकॉइन (बीटीसी), एथेरियम (ईटीएच), बीयूएसडी, यूएसडीटी, बिनेंस कॉइन (बीएनबी), ट्रॉन (टीआरएक्स) बेचते हैं, तो आपको नायरा सीधे आपके स्थानीय बैंक खाते में भेज दी जाती है।

Bekonta का उपयोग करना इतना आसान है, इसका तेज़ और बिटकॉइन के मूल्य परिवर्तन के साथ काम करता है। आप केवल 60 सेकंड में अपना खाता तैयार कर सकते हैं।

बेकोंटा एक एक्सचेंज कैलकुलेटर से लैस है जो आपको लेनदेन की विनिमय दरों को देखने में मदद करने के लिए आपके द्वारा इसे पूरा करने से पहले किया जाता है ताकि आपका उचित मार्गदर्शन किया जा सके।

Bekonta ट्रांसफर और रिक्वेस्ट मनी फीचर के रूप में भी। स्थानांतरण सुविधा आपको किसी भी बेकोंटा उपयोगकर्ता को किसी भी नायरा बैंक खाते में पैसे भेजने में सक्षम बनाती है। जबकि अनुरोध धन सुविधा आपको उस भुगतान के बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ लिए अनुरोध भेजने में सक्षम बनाती है जिसे आप प्राप्त करना चाहते हैं, यह एक ग्राहक या व्यक्ति के लिए आपको एक बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एक चालान हो सकता है।

चिंता न करें, हमारी सहायता टीम आपके सामने आने वाली किसी भी पूछताछ या चुनौती में सहायता के लिए हमेशा तैयार है।

Bitcoin और Ether में आई गिरावट, पॉलीगॉन में 14% की तेजी

बिटकॉइन के प्राइसेज शुक्रवार को 20,533 डॉलर पर लगभग फ्लैट हैं। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस में गिरावट की मुख्य वजह फेडरल रिजर्व की तरफ से इंटरेस्ट रेट बढ़ाने से जुड़ी घोषणा को माना जा रहा है।

Bitcoin और Ether में आई गिरावट, पॉलीगॉन में 14% की तेजी

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) इनवेस्टर्स के लिए थोड़ी निराश करने वाली खबर है। दुनिया की सबसे पॉप्युलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों में सुस्ती देखने को मिली है। बिटकॉइन के प्राइसेज शुक्रवार को 20,533 डॉलर पर लगभग फ्लैट हैं। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस में गिरावट की मुख्य वजह फेडरल रिजर्व की तरफ से इंटरेस्ट रेट बढ़ाने से जुड़ी घोषणा को माना जा रहा है। इस साल जून के बाद से ही बिटकॉइन 20,000 डॉलर के आसपास ट्रेड कर रही है। जबकि पिछले साल नवंबर में बिटकॉइन अपने ऑल टाइम हाई 69,000 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी।

Dogecoin में आई 10 पर्सेंट की गिरावट
बिटकॉइन के अलावा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) में भी 1 पर्सेंट की कमी देखी गई। Ether शुक्रवार को 1,542 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। वहीं, Dogecoin में 10 पर्सेंट की गिरावट देखी गई। डॉगकॉइन की मार्केट प्राइस शुक्रवार को 0.11 बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ डॉलर पर ट्रेड कर रही है। जबकि शीबा इनु (shiba inu) की मार्केट प्राइस शुक्रवार को 4 पर्सेंट की गिरावट के साथ 0.000011 पर ट्रेड कर रही है।

पॉलीगॉन में आई 14 पर्सेंट की तेजी
कई दूसरी डिजिटल करेंसीज की मार्केट प्राइस शुक्रवार को मिली-जुली रही। एक ओर जहां पिछले 24 घंटों में सोलोना, टीथर, एक्सआरपी, लिटकॉइन, यूनिस्वैप के मार्केट प्राइस में गिरावट देखी गई है। वहीं दूसरी ओर एपीकॉइन, पोल्काडॉट, चेनलिंक, पॉलीगॉन, कार्डोनो और स्टेलर में तेजी दिखाई दी। हालांकि, ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप शुक्रवार को 1 ट्रिलियन डॉलर के ऊपर रहा। CoinGecko के अनुसार बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ पिछले 24 घंटों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 1.05 ट्रिलियन डॉलर पर लगभग फ्लैट है।

बिटकॉइन काफी उतार-चढ़ाव वाली क्रिप्टोकरेंसी, आईएमएफ ने अल सल्वाडोर से कानूनी दर्ज खत्म करने को कहा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर से जिद छोड़कर बिटकॉइन का कानूनी मुद्रा का दर्जा खत्म करने का आग्रह किया है। आईएमएफ का कहना है कि बिटकॉइन काफी उतार-चढ़ाव वाली.

बिटकॉइन काफी उतार-चढ़ाव वाली क्रिप्टोकरेंसी, आईएमएफ ने अल सल्वाडोर से कानूनी दर्ज खत्म करने को कहा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर से जिद छोड़कर बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ बिटकॉइन का कानूनी मुद्रा का दर्जा खत्म करने का आग्रह किया है।
आईएमएफ का कहना है कि बिटकॉइन काफी उतार-चढ़ाव वाली क्रिप्टोकरेंसी है। अल सल्वाडोर की सरकार इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट को देशभर में अपनाने पर जोर दे रही है।

आईएमएफ ने इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट से जुड़े नियमन में भी सख्ती करने को कहा है। आईएमएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन इससे वित्तीय और बाजार ईमानदारी को लेकर बड़ा जोखिम पैदा होगा। साथ ही वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ता सुरक्षा को खतरा रहेगा। अल सल्वाडोर ने अमेरिकी डॉलर के अलावा बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा के रूप में पिछले साल मंजूरी दी थी।

50% बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ तक लुढ़का बिटकॉइन

पिछले साल नवंबर में बिटकॉइन 68,789.63 डॉलर प्रति यूनिट के साथ पीक पर था। हालांकि, इसके बाद कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। अमेरिकी फेड की ओर से मार्च में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना से बीते सप्ताह यह 50 फीसदी से ज्यादा लुढ़कते हुए 33,184.06 डॉलर प्रति यूनिट के निचले स्तर पर पहुंच गया था।
भारत में क्रिप्टो में लेन-देन 15% बढ़ा

हाल के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत में लेनदेन करीब 15 फीसदी बढ़ा है। क्रिप्टो एक्सचेंज से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, कुछ एक्सचेंज में रिकॉर्ड लेनदेन रहा है, जबकि कुछ में गिरावट रही है। सूत्रों के मुताबिक, रोजाना लेनदेन करने वाले यूजर्स की संख्या में औसतन दोगुना बढ़ोतरी रही है। भारतीय निवेशकों ने बिटकॉइन, कारडेनो, शिबा इनू, लॉपरिंग और डॉगकॉइन में ज्यादा लेनदेन किया है।

डॉगकॉइन से भुगतान स्वीकारे मैकडॉनल्ड: एलन मस्क

इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने एक बार फिर अपनी पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन की पैरवी की है। मस्क ने ट्वीट के जरिए कहा है कि अगर मैकडॉनल्ड डॉगकॉइन में भुगतान स्वीकार कर लेगी तो वे सबके सामने टीवी पर मैकडॉनल्ड का हैप्पी मील खाएंगे।

क्रिप्टोकरेंसी की मौद्रिक और वित्तीय चुनौतियाँ

पूंजी नियंत्रण उपाय : ऐसे उपाय जिनके माध्यम से किसी सरकार, केंद्रीय बैंक या अन्य नियामक निकायों द्वारा देश में या उसके बाहर पूंजी के हस्तांतरण को सीमित या विनियमित किया जाता है । इन नियंत्रणों में कर, शुल्क, कानून, मात्रात्मक प्रतिबंध और बाज़ार-आधारित कारक शामिल हैं।

  • वास्तविकता यह है कि चाहे ‘निजी तौर पर जारी क्रिप्टोकरेंसी’ पर कितनी ही व्यापक बहस क्यों ना हो, पर इसके वृहद् नतीजों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जैसे- यदि भविष्य में क्रिप्टोकरेंसी सट्टा संपत्तियों के विनिमय का व्यवहार्य माध्यम बनता है तो इसका मौद्रिक, वित्तीय और विनिमय दर की नीतियों के संचालन पर क्या प्रभाव होगा।
  • वास्तव में, एक निजी डिजिटल मुद्रा यदि फ़िएट मुद्राओं के साथ प्रतिस्पर्धा करती है तो मौद्रिक नीति के निर्धारण को यह किस प्रकार से प्रभावित कर सकती है, इसे लैटिन अमेरिकी अर्थव्यवस्थाओं के ‘डॉलराइज़ेशन’ से समझा जा सकता है।

लैटिन देशों का डॉलराइजेशन : जैसे-जैसे घरेलू नागरिकों का अपनी मुद्रा से विश्वास उठता गया उन्होंने सुरक्षा और स्थिरता के लिये अमेरिकी डॉलर में लेन-देन करना आरंभ कर दिया। इससे घरेलू मौद्रिक नीति अप्रभावी हो गई क्योंकि केंद्रीय बैंक के लिये नई मुद्रा के प्रचालन के बाद ब्याज दरों का निर्धारण करना और डॉलर में घरेलू मौद्रिक तरलता को नियंत्रित करना संभव नहीं था।

  • अतः बड़े पैमाने पर निजी डिजिटल मुद्राओं को विनिमय के माध्यम के रूप में अपनाने से व्यापार चक्र की आवश्यकताओं और बाह्य आर्थिक चुनौतियों के प्रभावी समाधान के लिये घरेलू मौद्रिक नीति उतनी प्रभावशाली नहीं रह जाएगी।

क्रिप्टोकरेंसी के विनिमय का माध्यम बनने की संभावनाएँ

  • वैश्विक वित्तीय संकट के बाद जी-3 देशों (अमेरिका, जापान और जर्मनी) के केंद्रीय बैंकों की बैलेंस शीट में अभूतपूर्व विस्तार से फ़िएट मुद्राओं के मूल्यह्रास (Debasement) का डर बढ़ा है।
  • परिणामस्वरूप, बिटकॉइन के संस्थापकों ने बिटकॉइन की कुल आपूर्ति को संतुलित कर मूल्यह्रास की आशंकाओं बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ को दूर करने का प्रयास किया है, जिससे भविष्य में बिटकॉइन विनिमय का एक व्यवहारिक विकल्प बन सके।
  • चूँकि, बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ समग्र आपूर्ति बेलोचदार होती है अतः मांग में उतार-चढ़ाव से कीमत में भी उतार-चढ़ाव होगा, जिससे बिटकॉइन को विनिमय बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ के माध्यम के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि बिटकॉइन सट्टा संपत्ति (asset) में परिवर्तित हो गई।
  • इस समस्या के समाधान हेतु, ‘स्टेबलकॉइन्स’ को पेश किया गया है, जिसका मूल्य फ़िएट मुद्रा के बराबर रिज़र्व बनाए रखते हुए अनुमानित किया गया है। इसकी तुलना ‘मुद्रा बोर्ड’ के विनिमय दर व्यवस्था से की जा सकती है।
  • ये ‘स्टेबलकॉइन्स’ तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्य स्थिरता प्रदान करके, विनिमय के व्यवहारिक माध्यम का कार्य कर सकते हैं, इसी कारण हाल के वर्षों में इनका प्रचलन तेज़ी से बढ़ा है। फिर भी यह मुद्रा के प्रतिस्थापन की मात्रा के आधार पर मौद्रिक नीति के लिये चुनौती उत्पन्न कर सकता है।
  • आई.एम.एफ. के अनुसार, यदि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग केवल ‘ज़रूरी उद्देश्यों’, जैसे- धन का अंतर्देशीय हस्तांतरण और प्रेषण (remittance) के लिये किया जाता है तो यह मौद्रिक नीति के लिये चुनौती साबित नहीं होगा।

विनिमय का माध्यम बनने से उत्पन्न चुनौतियाँ

    बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ
  • विशाल नेटवर्क और अन्य सेवाओं से जुड़े होने के कारण डिजिटल मुद्रा तेज़ी से प्रचलन में आ सकती है। परिणामतः डिजिटल मुद्राओं में विनिमय के बढ़ने से फ़िएट मुद्राओं के साथ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे वैश्विक मौद्रिक प्रणाली के अस्तित्व पर संकट उत्पन्न हो सकता है।
  • साथ ही, देशों के सामानांतर वैश्विक आर्थिक गतिविधियों को संचालित कर डिजिटल मुद्राएँ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को अप्रासंगिक बना सकती हैं। इन मुद्राओं की विश्वसनीयता और स्वीकृति यदि बढ़ती है तो इनके जारीकर्ता फ़िएट मुद्राओं के साथ विवेकशील सामंजस्य को प्राथमिकता नही देंगे।
  • ऐसा स्थिति में स्वतंत्र मौद्रिक नीति संचालित करने वालों पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं होगा जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को ‘डॉलरीकरण’ के समान चुनौतियों का सामना करना होगा।

राजकोषीय नीतियों के लिये निहितार्थ

  • डिजिटल मुद्राओं में अधिक प्रतिस्थापन होने से, सरकारों को फ़िएट मुद्रा जारी करने पर राजस्व की हानि होगी। साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी कर चोरी को बढ़ावा दे कर राजस्व प्राप्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
  • क्रिप्टोकरेंसी में प्रतिस्थापन मौद्रिक नीतियों की दक्षता को कम कर सकता है, साथ ही राजकोषीय नीतियों पर भी इसका सामान प्रभाव पड़ेगा। इससे घरेलू और वैश्विक आर्थिक संकटों का जवाब देने में राजकोषीय नीतियाँ उतनी प्रभावशाली नहीं रहेंगी।
  • महामारी से वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक ऋणों में वृद्धि हुई है। परिणामतः डिजिटल मुद्राओं के प्रचालन का उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा।

विनिमय दर पर प्रभाव

  • चूँकि, क्रिप्टोकरेंसी का संचालन विदेशों से होता है, इसलिये इनकी मांग बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ चाहे परिचालन के उद्देश्य से हो या फिर सट्टे के, यह पूंजी के बहिर्गमन को उत्प्रेरित करेगा। वहीं, यदि क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग का कार्य देश में शुरू किया जाता है तो यह पूंजी को आकर्षित करने का कार्य करेगा।
  • इससे पूंजी खाते की अस्थिरता में वृद्धि हो सकती है और यह पूंजी प्रवाह के उपायों को भी दरकिनार कर सकता है, वास्तव में यह पूंजी खाते की परिवर्तनीयता को बढ़ाते हैं, जिससे उभरते बाज़ारों में ‘नीतिगत बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ त्रिकोणीय द्वंद्व’ (Policy Trilemma) को बढ़ावा मिलता है।
  • इसका सीधा असर मुद्रा बाज़ार पर भी पड़ेगा। जैसा कि वर्ष 2021 की वैश्विक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट रेखांकित करती है, स्थानीय रुपया-बिटकॉइन बाज़ार, डॉलर-बिटकॉइन बाज़ार और रुपया-डॉलर बाज़ार के बीच एक त्रिकोणीय सामंजस्य होना चाहिये।
  • नतीजतन, रुपया-बिटकॉइन बाज़ारों में बदलाव अनिवार्य रूप से रुपए-डॉलर के बाज़ारों को भी प्रभावित करेगा।

क्रिप्टोकरेंसी अपनाने के वृहद् प्रभाव जटिल और परस्पर जुड़े हुए हैं। इसलिए, वर्तमान में सट्टा संपत्ति के रूप में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का सामना करने वाली चुनौतियाँ के लिये बढ़ते घरेलू आकर्षण और इससे संबंधित नियामक प्रभावों के बारे चिंता उचित है। लेकिन, वास्तविक चुनौतियाँ तब सामने आएगी, जब गैर-समर्थित निजी डिजिटल मुद्राओं को विनिमय के व्यवहार्य माध्यम के रूप में देखा जाएगा। अतः इसके लिये राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक दिशा-निर्देशों के साथ-साथ उचित नीतियों को तैयार कर उन्हें लागू करने की आवश्यकता है।

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