सुविधओ की लिस्ट का एक नमूना आपको HINT के तौर पे दे देते कौन सा ब्रोकर चुनना है है-
Regular Broker vs Discount Broker – हम कौनसा चुने ?
यदि कोई Broker सभी सुविधाए उपलब्ध करवाएगा तो उसे उसके किए गए खर्च के अनुसार उसको आम्दनी भी तो मिलनी चाहिए ना ?
इसी वजह से Full Service broker ज़्यादा कमीशन लेते है।
Discount Broker क्या होते है ?
Discount Broker (जैसे Upstox) वो ब्रोकर होता है जो कि अपने निवेशक को सिर्फ जरुरी सुविधाए ही उपलब्ध कराते है जिसमे की
फ्री सुविधाए :
- चार्टिंग टूल उपलब्ध करवाना। (Charting Tool)
- खरीद बिक्री की रसीद उपलब्ध करवाना ( ईमेल से )
- मोबाइल ट्रेडिंग की सुविधा।
- खाते का विवरण उपलब्ध करवाना।
- संपर्क करके ट्रेडिंग करना।
- खरीद बिक्री की रिसीप्ट उपलब्ध करवाना (पोस्ट से)
Discount Broker सिर्फ सामान्य सुविधाए उपलब्ध कराता है जिसके कारण वो फुल सर्विस Broker से बहुत कौन सा ब्रोकर चुनना है ही कम खर्च करता है।
इसी वजह से वो full service broker से बहुत ही कम कमीशन लेता है।
हमें कौनसा Broker चुनना चाहिए ?
इस सवाल का सीधा जवाब है आप को अपने लिए जरुरी सुविधाओं के अनुसार निश्चित करना चाहिए।
दोनों तरह के Brokers की अपनी अपनी सुविधाए है और अपने अपने खर्च है।
इस वजह से दोनों Broker अपनी सुविधाओ के अनुसार ज़्यादा या फिर कम कमीशन लेते है।
- अगर आप लम्बे समय के निवेशक है और खुद रिसर्च नहीं कर सकते या फिर आपके पास रिसर्च करने का समय नहीं है, तो आप अपना खाता फुल सर्विस या फिर Regular Broker के पास खुलवा सकते है।
- यदि आप ऐसे निवेशक है जो की खुद से रिसर्च कर सकते है तो आपको सभी सुविधाओं की ज़रूरत नहीं तो फिर आपको ज़्यादा कमीशन नहीं देना चाहिए।
तो फिर आपको Discount Broker के पास खाता खुलवाना चाहिए।
- यदि आप एक ट्रेडर है जो की हर रोज ट्रेडिंग करते रहते है और खुद से रिसर्च कर के ट्रेडिंग कर सकते है, तो भी आपको ज़्यादा Brokerage नहीं देना चाहिए इस लिए आपके लिए DiscountBroker ही बेहतर है।
- अगर आप ऐसे ट्रेडर है जो की खुदसे रिसर्च नही कर सकते और आप बहोत ही कम ट्रेडिंग करते है तो आप फुल सर्विस Broker के पास भी अपना खाता खुलवा सकते है।
शेयर ब्रोकर चुनने में इन पांच बातों का रखें ध्यान
1. डिस्काउंट ब्रोकर पर दांव!
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद फरोख्त करते हैं. फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. इसलिए यदि आप बाजार की उथल-पुथल और हलचल को समझते हैं, जो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं. अन्यथा फुल सर्विस ब्रोकर ही बेहतर है.
2. फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. ब्रोकर का चयन करने से पहले कौन सा ब्रोकर चुनना है यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है. हालांकि, हाइब्रिड ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
BEST STOCK BROKER चुनने की प्रक्रिया
ऐसा इसलिए क्योकि हर स्टॉक ब्रोकर, शेयर खरीदने और बेचने के अलावा अपनी तरफ से अपनी बेस्ट सर्विसेज देने की कोशिस करते है, ऐसे में जब हम यह तय कर लेते है कि हमें अपने स्टॉक ब्रोकर से कौन कौन सी सुविधा चाहिए, तो हम अपनी सुविधानुसार BEST STOCK BROKER का चुनाव कर सकते है,
यह सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट है, की आपको किस तरह की सुविधा चाहिए, ये आपको सबसे पहले तय करना होगा,
अगर आप स्टॉक मार्केट में नए है तो आपके मन में बहुत सारे सवाल होंगे, जो आपको फुल सर्विस प्रोवाइडर स्टॉक ब्रोकर के पास जाकर आप उन सवालों के जवाब समझ सकते है, क्योकि FULL SERVICE PROVIDER आपको CONSULATNCY सर्विसेज भी देता है,
दूसरी तरफ अगर आप नए है और अपने डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर की तरफ से या LOW FEES वाला स्टॉक ब्रोकर CONSULTANCY की सुविधा नहीं देता है,
आप जब चाहे अपना स्टॉक ब्रोकर बदल (SWITCH) सकते है,
ऐसी कोई नियम नहीं कि आपने एक स्टॉक ब्रोकर सेलेक्ट कर लिया, तो अब हमेशा के लिए उसी स्टॉक ब्रोकर के साथ काम करना है, आप जब चाहे अपना स्टॉक ब्रोकर अपनी सुविधानुसार बदल सकते है,
जब भी हमें लगता है कि जिस स्टॉक ब्रोकर के पास मेरा अकाउंट है, वो हमें उस कौन सा ब्रोकर चुनना है तरीके से सर्विस नहीं दे रहा, जैसा कि हमें चाहिए तो हम दुसरे स्टॉक ब्रोकर के पास जा सकते है, हम चाहे तो पहला अकाउंट बंद कर सकते है, और अपनी सुविधानुसार दुसरे स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट ओपन कर सकते है,
आप अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास MULTIPLE DEMAT और TRADING अकाउंट खोल सकते है ,
आप अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अलग अलग ACCOUNT खोल सकते है, जिस तरह आज हम सभी के पास अलग अलग बैंक में अकाउंट खुले हुए है, ठीक वैसे ही हम अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अपनी जरुरत के मुताबिक अकाउंट खोल सकते है,
एक ही स्टॉक ब्रोकर के पास एक ही पैन कार्ड से दो अकाउंट नहीं ओपन कर सकते, लेकिन आप एक पैन कार्ड से अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोल सकते है,
दो अलग अलग स्टॉक ब्रोकर के पास अकाउंट खोलने से आपको उन दोनों स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली दो अलग अलग तरह की सेवाओ का लाभ मिलता है, खास तौर से जब आपके पास एक FULL SERVICE STOCK BROKER और एक DISCOUNT STOCK BROKER के पास अकाउंट हो,
आशा है, आप समझ पाए होंगे की कैसे आप BEST STOCK BROKER का चुनाव कर सकते है, और अपनी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट यात्रा को सुनहरा बना सकते है, अगर आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट द्वारा पूछ सकते है,
आवश्यकताओं को जांच लें
सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है
बुनियादी जानकारी दें
शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म से कॉलबैक (Call back) का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Job or Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आप और आपका ब्रोकर (Broker) दोनों एक-सा सोच रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन फी और अकाउंट एक्टिवेशन
अंत में, आपको रजिस्ट्रेशन फी जमा करनी होगी। भुगतान करने के बाद आपको अपने खाते का बिजनेस टैग प्राप्त होगा। आपके ब्रोकर के आधार पर, आप और आपके कर्मचारी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कस्टमर सपोर्ट और मार्केटिंग मैकेनिज्म पर ट्रेनिंग और जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। जब काम शुरू हो जाएगा तो जाहिर है कि भी कमाई भी शुरू हो जाएगी।
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जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के कौन सा ब्रोकर चुनना है लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर कौन सा ब्रोकर चुनना है आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम कौन सा ब्रोकर चुनना है बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.
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