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इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

अफोर्डेबल रिल्क

अगर सब कुछ आपकी रणनीति के कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.

‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग

ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.

तकनीकी का करें इस्तेमाल

ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.

अपना रिसर्च करें

शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.

स्ट्रेटजी के साथ करें ट्रेडिंग

अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)

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ऑनलाइन Demat Account खुलवाने के क्या हैं फायदे और यह कैसे ट्रेडिंग अकाउंट से है अलग

डीमैट अकाउंट को अच्छी तरह से समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) क्या है। बता दें कि ट्रेडिंग अकाउंट एक इन्वेस्टमेंट अकाउंट है जहां निवेशक अपने शेयरों या दूसरे सिक्योरिटीज की खरीद कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? और बिक्री करता है।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। मार्केट की जब भी हम चर्चा करते हैं, तो हम Demat Account (डीमैट अकाउंट) के बारे में जरूर सुनते हैं। इसका मतलब क्या है और क्या निवेशकों को इसके बारे में जानना जरूरी है, इसके अलावा यह बैंक अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट से कैसे अलग है, आइए इसको आसान भाषा में समझते हैं।

यह तो हम सभी जानते हैं कि पैसे जमा करना हो या फिर पैसे की लेनेदेन करनी हो तो हमारे पास बैंक अकाउंट होना चाहिए। लेकिन जब आप शेयर मार्केट में कदम रखते हैं और शेयर की ट्रेड करते हैं तो वहां दो अकाउंट्स को खुलवाना आपके लिए अहम हो जाता है। पहला है ट्रेडिंग अकाउंट और दूसरा है डीमैट अकाउंट (Demat and Trading Account Online)।

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डीमैट अकाउंट से पहले ट्रेडिंग अकाउंट को समझें

डीमैट अकाउंट को अच्छी तरह से समझने के लिए सबसे पहले जानते हैं कि ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) क्या है। बता दें कि ट्रेडिंग अकाउंट एक इन्वेस्टमेंट अकाउंट है, जहां निवेशक अपने शेयरों या दूसरे सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री करता है। यह बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट के बीच एक लिंक प्रदान करता है। अगर आप शेयर मार्केट (Share Market) में ट्रेड करना चाहते हैं तो इस अकाउंट को ओपन करना अनिवार्य है।

क्या है डीमैट अकाउंट

डीमैट "डीमैटरियलाइजेशन" का संक्षिप्त नाम है, जिसका अर्थ है फिजिकल शेयर्स और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करना। इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपने शेयर को एक जगह रखने या होल्ड करने के लिए डीमैट अकाउंट आवश्यक है। यह ठीक वैसे ही है जैसे आप अपने बैंक में पैसे को जमा करते हैं। डीमैट अकाउंट शेयरों और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने के लिए त्वरित और सुरक्षित तरीके से सुविधा प्रदान करता है। इसे NSDL (National Security Depository Ltd) और CDSL (Central Depository of Securities India Ltd) मैनेज करते हैं।

डीमैट अकाउंट खुलवाने के फायदे

1. जब हमारे पास फिजिकल शेयर्स या बॉड्स होते हैं, तो उसके खोने डर ज्यादा होता है। इसके अलावा फ्रॉड भी होने की संभावना होती है। जब पेपरलेस ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (Demat Account Online) की बात आती है, तो यह पूरी तरह से सुरक्षित है।

2. आप अपने डीमैट अकाउंट में रखे शेयर या सिक्योरिटीज पर बैंक लोन सकते हैं। इसके अलावा आप इस पर ब्याज भी कमा सकते हैं।

3. इसके जरिए आप अपने शेयर को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। आपको मैन्युअल रूप से रिकॉर्ड बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है। आपके सभी डॉक्यूमेंट्स प्रत्येक निवेश के रिकॉर्ड के साथ सुरक्षित रहते हैं।

4. डीमैट अकाउंट खुलवाना एक कॉस्ट इफेक्टिव भी है और शेयर खरीदने या बेचने पर आपको इसके लिए ज्यादा चार्ज नहीं देना पड़ेगा। जैसे आप ट्रेडिंग ऐप 5 paisa पर बिना किसी समस्या के आसानी से अपना Free Demat Account खुलवा सकते हैं। यहां आप फिजिकल बांड्स के लिए जरूरी स्टैंप ड्यूटी और अन्य हैंडलिंग चार्ज जैसे खर्चों से बच सकते हैं। यहां आपको केवल ब्रोकरेज चार्ज देना पड़ेगा। इसके अलावा अगर आप 5paisa पर डिस्काउंट ब्रोकर चुनते हैं तो आप ज्यादा पैसे बचा सकते हैं।

5.डीमैट अकाउंट के होने पर आप जल्दी से अपने शेयर को बेच और खरीद सकते हैं। इसमें रखे शेयर आपके लिए शॉर्ट-टर्म लिक्विडिटी की तरह है, जिसे आप जल्दी से बेचकर पैसे में कनवर्ट कर सकते हैं। 5paisa पर ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खुलवाकर आप इस तरह और भी कई फायदे ले सकते हैं।

एल्गो ट्रेडिंग क्या है और ये कैसे काम करता है? | अल्गो ट्रेडिंग कैसे करे?

algo trading kya hai

दोस्तों आप में से बहुत से लोग ट्रेडिंग करते होंगे और ट्रेडिंग कई तरह की होती है उन्ही में से एक एल्गो ट्रेडिंग होती है पहले शेयर मार्केट में पेपर पे ट्रेडिंग होती थी डायरेक्ट शेयर को खरीदने के लिए हमें पेपर की जरुरत होती थी लेकिन फिर बाद में साल 2000 से भारत में ऑनलाइन सिस्टिम आ गयी और अब हम घर बैठे अपने मोबाइल या लैपटॉप से ट्रेडिंग करते है, लेकिन क्या आपको इसके बारे में पूरी जानकारी है कि एल्गो ट्रेडिंग क्या होती है और एल्गो ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है अगर नही, तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको एल्गो ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन देते हैं.

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Table of Contents

एल्गो ट्रेडिंग क्या होती है (What is algo Trading in Hindi)

हमारे भारत देश में शेयर मार्केट का एक लिमिटेड समय है और हर कोई शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए इतना समय नहीं दे सकता है और जब ऐसे कंडीशन मे अगर आपको शेयर बाजार को बिना समय दिए ट्रेडिंग करना हो और ऐसे मे अगर कोई ऐसा प्लेटफार्म मिल जाये जिसमे बिना आपकी ट्रेडिंग के शेयर्स को आटोमेटिक (स्वचालित) रूप से ख़रीदे और बेचे तो ये कैसा रहेगा, तो ऐसी कंडीशन के लिए ही आटोमेटिक ट्रेडिंग लाई गयी है तो रोबोटिक रूप से आपके शेयर को ख़रीदे और बेचने को ही Algo Trading कहा जाता है और एल्गो ट्रेडिंग को ही आटोमेटिक ट्रेडिंग कहते है.

ये ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो रूल्स बेस पर होता है जिसमे पहले से ही कोडिंग की मदद से सारी चीज़े सेट की जाती है और फिर उसके माध्यम से ही एल्गो ट्रेडिंग काम करता है इसमें हमें पहले से ही हमारे रूल्स, इंस्ट्रक्शन्स या फिर लॉजिक को सेट करना होता है और फिर इसी लॉजिक पर हमारा लैपटॉप एल्गो ट्रेडिंग में काम करता है. ये रूल्स, और इंस्ट्रक्शन्स आप अपने हिसाब से सेट कर सकते है.

Example- माना आपने एल्गो ट्रेडिंग को इंस्ट्रक्शन्स दिया कि 20 days moving एवरेज को क्रॉस करने पर हमारे 100 शेयर buy हो जाये या फिर rsi 30 के नीचे जाने से 100 शेयर को सेल किया जाये और 5 % का प्रॉफिट होने पर हमारा ट्रेड exit हो जाये.

अगर आप कुछ इस तरह से अपना इंस्ट्रक्शन्स एल्गो ट्रेडिंग को देते है तो वो आपके इस इंस्ट्रक्शन्स पर काम करता है और इससे आपका समय भी बचता है और आपको अच्छा मुनाफा भी होता है, एल्गो ट्रेडिंग की ग्रोथ में भारत में ज्यादातर ट्रेडर एल्गो ट्रेडिंग का ही यूज करके ही ट्रेडिंग करते है एल्गो ट्रेडिंग बहुत ही सुरक्षित और मुनाफा देने वाली ट्रेडिंग है.

एल्गो ट्रेडिंग कैसे करे?

एल्गो ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपके पास किसी भी ब्रोकर का एल्गो ट्रेडिंग API होना चाहिए और उसी ब्रोकर के साथ आपका डिमैट अकाउंट होना भी जरूरी होता है. ये कुछ ब्रोकर्स है जो एल्गो ट्रेडिंग API के कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? लिए कुछ न कुछ चार्जेज भी लेते है भारत के ये बड़े ब्रोकर्स आपको एल्गो ट्रेडिंग API प्रोवाइड करते है.

जैसे- angel broking, zerodha, upstox इत्यादि, ये ब्रोकर्स आपको एल्गो ट्रेडिंग API प्रोवाइड करते है लेकिन इनके कुछ चार्जेज भी होते है जैसे कि

zerodha – 2000 महीना

upstox – 1000 महीना

और कुछ ऐसे ब्रोकर भी होते है जो आपको एल्गो ट्रेडिंग API फ्री में प्रोवाइड करते है जिसमे angel broking है जो आपको फ्री में अल्गो ट्रेडिंग API प्रोवाइड करता है और ये ब्रोकर भारत का सबसे पुराना और अच्छा ब्रोकर है.

एल्गो ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?

एल्गो ट्रेडिंग करने के कुछ फायदे निम्नलिखित है-

  • एल्गो ट्रेडिंग को आप अपना काम करके भी शेयर बाजार में आटोमेटिक ट्रेडिंग कर सकते है जिसमे आपके समय की बचत होती है.
  • इसमें आप एक साथ अनलिमिटेड शेयर्स को खरीद और बेच सकते है।
  • इसमें आप एक साथ शेयर मार्केट के जितने भी स्टॉक्स को चाहे ट्रैक कर सकते है.
  • इसमें हमे ट्रेडिंग करने के लिए एनालिसिस करने की कोई जरुरत नहीं होती है क्युकी एल्गो ट्रेडिंग खुद से ही 50 दिनों का डेटा एनालिसिस करके ट्रडिंग करता है.
  • नार्मल कंडीशन में लोग शेयर मार्केट के उतरते-चढ़ते भाव को देखकर इमोशनल होकर घबरा जाते है लेकिन एल्गो ट्रेडिंग हमेशा बिना इमोशन के ट्रेडिंग करता है.

एल्गो ट्रेडिंग करने के नुकसान क्या है?

एल्गो ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-

  • एल्गो कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? ट्रेडिंग एक नयी और बड़ी चीज है क्योंकि आज भी ज्यादातर ट्रेडर समय कम होने के कारण सही ढंग से ट्रेड नहीं कर पाते हैं यहां पर सिर्फ 100 में से केवल 10% ट्रेडर्स ही सक्सेस हो पाते हैं और अच्छा पैसा कमा पाते हैं.
  • एल्गो ट्रेडिंग एक कम्प्यूटर आधारित ट्रेडिंग है इसमें गलतियों को इग्नोर नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें ज्यादातर गलतियां गणतीय आंकलन से लेकर कैलकुलेशन तक कही भी हो सकती हैं इसलिए यह शुरुआत में सभी के लिए allow नहीं है.
  • इसके allow करने के साथ ही इसे इस्तेमाल करने की पूरी जानकारी भी कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? आपके पास होनी चाहिए जिससे ट्रेडर्स इसमें अच्छे से ट्रेड कर सकें. अभी तक इसमें केवल एक्सपर्ट ट्रेडर ही ट्रेड कर सकते थे लेकिन रिटेल ट्रेडर को इसकी अनुमति नहीं दी थी लेकिन अब इसे सभी के लिए ओपन कर दिया गया है आप भी एल्गो ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

इसे भी पढ़े?

आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (algo trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको एल्गो ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (algo trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

Stock Market Trading: बेस्ट करियर ऑप्शन में से एक है स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग, जानें कैसे करें कोर्स

Stock Market Trading Courses: यहां जानें स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में करियर विकल्प क्या हैं और आप इसमें किन योग्यताओं के साथ जॉब कर सकते हैं।

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हाइलाइट्स

  • स्टॉक मार्केट क्यों है कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? बेस्ट करियर ऑप्शन?
  • जानें कोर्स के लिए कौन-सी योग्ताएं हैं जरूरी
  • इस फील्ड में जॉब करने से मिलते हैं कई फायदे
  • आप अपने खुद के मालिक हो सकते हैं।
  • करेक्ट नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ, आप मार्केट से अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
  • आप कैश मार्केट (cash market) से डेरिवेटिव मार्केट (derivative market) तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को अपना फ्रेंड बना सकते हैं
  • आप रिसर्चर या ट्रेनर भी बन सकते हैं
  • आप सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार (SEBI registered Investment Advisor) या सेबी पंजीकृत अनुसंधान विश्लेषक (SEBI registered Research Analyst) बन सकता है और कंसल्टिंग कर सकते हैं।
  1. स्टॉकब्रोकर (Stockbroker)
  2. फाइनांशियल एडवाइजर (Financial Advisor)
  3. इनवेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Advisor)
  4. पोर्टफोलिया मैनेजमेंट सर्विस (Portfolio Management Services) (PMS)
  5. रिसर्च एनालिस्ट (Research Analyst)
  6. ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग (Online Stock Trading)
  7. फाइनांशियल एनालिस्ट (कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? Financial Analyst)
  8. इक्वीटी इनालिस्ट (Equity Analyst (Fundamental/ Technical)
  9. मार्केट रिसर्चर (Market Researcher)
  10. एमएफ डिस्ट्रिब्यूटर / एडवाइजर (MF Distributor/Advisor)
  11. इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूटर / एडवाइजर (Insurance distributor/advisor)
  • एक क्लीयर ट्रेडिंग प्लान तैयार कैसे करते हैं यहां ट्रेडिंग? करना। ट्रेडिंग प्लान का लक्ष्य श्ूजर के लिए क्लीयर और मीनिंगफुल होना चाहिए।
  • स्ट्रैटजी को लागू करने के लिए ट्रेडर को टेक्नोलॉजी और मेथ्ड से फैमिलियर होना चाहिए।
  • आउटकम को प्राप्त करने की प्लानिंग के लिए, ट्रेडर को प्लानिंग पर भरोसा करना चाहिए।
  • लगातार सफलता प्राप्त करने में सक्षम होने के लिए रेवेंज ट्रेडिंग (revenge trading), रीसेंसी बायस (recency bias), स्टीरियोटाइपिंग इत्यादि जैसे बिहेवेरियल बायसेज (behavioral biases) के बारे में हमेशा अवेयर रहना चाहिए।
  • हमेशा कुछ नियम रखें और हमेशा उनका पालन करें।
  • ट्रेडिंग को फुलटाइम प्रोफेशन/बिजनेस के रूप में मानें जिसमें बिजनेस करने की लागत में आपको होने वाली हानि होती है। नुकसान से कभी भी न हिचकिचाएं और हमेशा स्ट्रिक्ट स्टॉप-लॉस का पालन करें।
  1. ट्रेडर ज्यादातर सेल्फ थॉट ब्रीड (self-taught breed) होते हैं। हालांकि, एक प्रोफेशनल ट्रेडर को शुरू करने के लिए फाइनांस की मूल बातें समझने की जरूरत है। कॉलेज की डिग्री आजकल एक प्रीकंडीशन है - कम से कम यदि आप ट्रेडिंग को सिरियसली लेना चाहते हैं या किसी सम्मानजनक फाइनांशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग से रिलेटेड करियर बनाना चाहते हैं।
  2. अधिकांश ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनांस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स या इंडस्ट्री में डिग्री होती है। डिफाइंड क्राइटेरिया के रूप में, शुरुआत करने के लिए आयु 18 वर्ष हो ऐसा जरूरी नहीं है। शेयर बाजार में निवेश करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है। नाबालिग और वयस्क दोनों शेयरों में निवेश कर सकते हैं।
  3. माता-पिता या गार्जियन द्वारा संबंधित दस्तावेज जमा करने के बाद नाबालिग के नाम पर अकाउंट खोला जा सकता है। नाबालिग के वयस्क होने तक माता-पिता या गार्जियन अकाउंट की देखरेख करते हैं। नाबालिग के 18 साल के होने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट व्यक्ति को कुछ केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) दस्तावेज प्राप्त करने के लिए एक एडवाइजरी भेजता है ताकि वह नया अकाउंट खोल सके और उसमें डिटेल ट्रांसफर कर सके।
  4. डीमैट अकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड जरूरी है। इसे खोलते समय आपको केवाईसी दस्तावेजों के साथ अपने पैन कार्ड की एक प्रति जमा करनी होगी। दूसरी ओर, किसी के लिए इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के रूप में काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना चाहिए और इकोनॉमिक्स / बिजनेस मैनेजमेंट / फाइनांस या इसी तरह के कोर्स में मास्टर या ग्रेजुएट होना जरूरी है।

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