“क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक का सहारा नहीं लिया जा सकता है।”
Cryptocurrency: भारत में लाने की तैयारी, चीन ने किया सभी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को अवैध घोषित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 24, 2021 17:45 IST
Photo:PIXABAY
China क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य declares all cryptocurrency transactions illegal
बीजिंग/नई दिल्ली। एक ओर जहां भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत में डिजिटज करेंसी मॉडल लाने की तैयारियों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बिटकॉइन सहित अन्य वर्चुअल करेंसी में किए गए सभी लेनदेन को अवैध घोषित कर दिया है। चीन ने अनाधिकृत डिजिटल मनी के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए यह कदम उठाया है। 2013 में चीनी बैंकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को संभालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन सरकार ने इस साल फिर रिमाइंडर जारी किया। जो दर्शाता है कि सरकार की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग चोरी-छिपे चल रही है या सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली के लिए परोक्ष रूप से जोखिम हो सकता है।
क्या भारत में खरीद सकते हैं बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसीज? RBI ने दी ये जानकारी
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Bitcoin ने फिर पार किया 50,000 डॉलर का स्तर, मई में आई थी बड़ी गिरावट
शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य डिजिटल मुद्राएं वित्तीय प्रणाली में बाधा खड़ी कर रही हैं और इनका मनी-लॉन्ड्रिंग और अन्य अपराधों में उपयोग किया जा रहा है। पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वर्चुअल करेंसी डेरीवेटिव ट्रांजैक्शन सभी अवैध वित्तीय गतिविधियां हैं और इन पर सख्त प्रतिबंध है। क्रिप्टोकरेंसी के प्रवर्तक कते हैं कि वे गोपनीयता और लचीलेपन की अनुमति देते हैं, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्तीय प्रणाली पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते हैं और आपराधिक गतिविधियों में मदद कर सकते हैं।
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना देश की आधिकारिक मुद्रा युआन के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को विकसित कर रही है, ताकि कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जा सके और इसपर बीजिंग द्वारा निगरानी व नियंत्रण रखा जा सके।
इस साल के क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य अंत तक डिजिटज करेंसी मॉडल ला सकता है आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक डिजिटल करेंसी का मॉडल ला सकता है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पेश करने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है। वह इसके विभिन्न पहलुओं मसलन दायरे, प्रौद्योगिकी, वितरण तंत्र तथा अनुमोदन की व्यवस्था पर गौर कर रहा है। इससे पहले शंकर ने 22 जुलाई को कहा था कि भारत भी चरणबद्ध तरीके से डिजिटल मुद्रा पर विचार कर रहा है। यह इसके लिए सही समय क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य है।
शंकर ने कहा हम निकट भविष्य, संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक निजी डिजिटल मुद्रा को लेकर लगातार चिंतित है और उसने इस बारे में सरकार को अवगत करा दिया है।
क्रिप्टोकरेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विधेयक को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। प्रस्तावित विधेयक उसके सामने है। डिजिटल मुद्राओं से जुड़े मुद्दों का अध्ययन करने और विशिष्ट कार्यों का प्रस्ताव पेश करने के लिए आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता में गठित क्रिप्टोकरेंसी संबंधित अंतर-मंत्रालयी पैनल ने अपनी रिपोर्ट पहले ही जमा कर दी है।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि भारत में सरकार द्वारा जारी किसी भी डिजिटल मुद्रा को छोड़कर, अन्य सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर दिया जाए। वित्त मंत्री ने कहा क्रिप्टोकरेंसी (विधेयक) पर मंत्रिमंडल का नोट तैयार है। मैं मंत्रिमंडल से इसे मंजूरी देने का इंतजार कर रही हूं।
Twitter Cryptocurrency: ट्विटर ला रहा है अपनी खुद की क्रिप्टोकरंसी! ये बड़ी जानकारी आई सामने
Twitter Cryptocurrency: ट्विटर के नए मालिक क्या कुछ और बड़ा लाने की तैयारी में हैं? ऐसी खबरें हैं कि ट्विटर अपनी क्रिप्टो भी लाने जा रहा है। कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि ट्विटर- Twitter Coin विकसित करने पर काम कर रहा है। हालांकि, न तो ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क और न ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा की है। इसके अलावा, यह भी अनिश्चित है कि डॉगकॉइन (Dogecoin) या अन्य सिक्कों का उपयोग ट्विटर कॉइन के लिए किया जाएगा या नहीं और मस्क-समर्थित डॉगकॉइन या बिटकॉइन जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के लिए क्या स्टोर रहेगा।
हाल ही में, एक ब्लॉगर और ट्विटर उपयोगकर्ता जेन मनचुन वोंग ने ट्विटर कॉइन के कथित लोगो का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया था। हालांकि, ब्लॉगर का खाता तब से अज्ञात कारणों से हटा दिया गया है। इसके अलावा, TwitterCoin हैशटैग के तहत पोस्टों की बाढ़ आ रखी है, जिससे कई लोग उत्साहित हो गए हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब नए पेमेंट रोल और सिस्टम की ओर चल पड़ा है।
क्रिप्टो के प्रशंसक और विरोधी
एलन मस्क क्रिप्टोकरंसी के प्रशंसक हैं। डॉगकॉइन के साथ उनका लंबे समय से चला आ रहा जुड़ाव जगजाहिर है। दिलचस्प बात यह है कि हाल के महीनों में, उन्होंने ट्विटर पर क्रिप्टो टोकन और विचारधारा कैसे उपयोगी हो सकती है, इस बारे में बहुत सारे विचार सामने रखे हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिकी अरबपति उद्यमी और टेलीविजन व्यक्तित्व मार्क क्यूबन ने करीब 10 ब्लॉकचैन स्टार्टअप में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य निवेश किया है। हालांकि, निवेश गुरु वॉरेन बफेट का क्रिप्टोकरेंसी के प्रति विरोध विश्व स्तर पर जाना जाता है।
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भारत में क्रिप्टोकरेंसी और NFT विज्ञापनों के लिए ASCI ने जारी की नई सख्त गाइडलाइंस
ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: भारत में मौजूदा वक़्त में क्रिप्टोकरेंसी और NFTs को लेकर स्थिति अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट होती नज़र नहीं आ रह है। लेकिन लगातार सरकार और वैधानिक संगठनों की ओर से जारी बयानों के चलते ये तो साफ़ हो चला है कि देश में क्रिप्टो व NFTs जैसे डिगिताल एसेट्स को जल्द क़ानूनी मान्यता नहीं मिलती नहीं दिखाई दे रही है।
और अब इस दिशा में एक और बड़ा क़दम आया है, जो देश में क्रिप्टो व एनएफ़टी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम है। असल में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
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देश में लगातार क्रिप्टो और एनएफ़टी निवेशकों से पूरी जानकारी ना साझा करते हुए, उन्हें डिजिटल एसेट्स में निवेश की ओर आकर्षित करने जैसी शिकायतों के चलते ये क़दम उठाया गया है।
ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: All Details
सबसे पहले तो आपको बता दें Advertising Standards Council of India (ASCI) के मुताबिक़ अब से वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में कुछ ऐसे Disclaimer को शामिल करना होगा;
“क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक का सहारा नहीं लिया जा सकता है।”
“Crypto products and NFTs are unregulated and can be highly risky. There may be no regulatory recourse for any loss from such transactions.”
नए दिशानिर्देशों क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य में ये साफ़ कहा गया है कि तय किए गए इस Disclaimer को एक औसत उपभोक्ता के लिए प्रमुख रूप से पेश करना होगा।
इसको प्रिंट, वीडियो, ऑडियो प्रारूप के साथ-साथ सोशल मीडिया पोस्ट, कहानियों आदि में निर्देशों के मुताबिक़ शामिल करना होगा।
आइए इस दिशानिर्देश से जुड़े कुछ अहम बिंदुओं को जान लेते हैं;
- नए दिशानिर्देश अभी वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी तमाम विज्ञापन माध्यमों पर लागूँ होंगें। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से लिखना होगा कि क्रिप्टो और एनएफ़टी अनियमित उत्पाद हैं और निवेश में भारी जोखिम निहित हो सकता है।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में “कस्टोडियन”, “करेंसी”, “सिक्योरिटीज” और “डिपॉजिटरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसका कारण ये बताया गया है कि सामान्यतः इन शब्दों का इस्तेमाल नियमित (रेगुलेटेड) उत्पादों के लिए किया जाता है।
- 12 महीने से कम की अवधि के लिए रिटर्न को शामिल नहीं किया जा सकता है।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट की क़ीमत को साफ़ तौर पर बताना होगा और विज्ञापन में शामिल सेलिब्रिटीज को पहले जोखिम के बारे में बताना होगा।
- VDA पर आधारित विज्ञापनों में “भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा या गारंटी” देने संबंधित कोई भी बयान नहीं दिया जाएगा।
- विज्ञापन देने वाले के बारे में सही जानकारी और उनसे संपर्क करने के ज़रिए जैसे फोन नंबर या ईमेल की जानकारी दी जानी आवश्यक होगी।
- विज्ञापनों में वर्चुअल डिजिटल एसेट उत्पादों की तुलना किसी अन्य रेगुलेटेड एसेट से नहीं की जा सकेगी।
- इन डिगिताल उत्पादों की क़ीमत और इससे होने वाले मुनाफ़े की सही और स्पष्ट जानकारी देनी होगी। मान लीजिए ‘ज़ीरो कॉस्ट’ का ज़िक्र किया जाता है तो उसमें उन सभी खर्चो को शामिल करना होगा, जिससे ग्राहक को ऑफर या ट्रांजैक्शन से संबंधित सटीक जानकारी मिल सके।
ASCI Crypto ads Guidelines: 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू हो जाएगी ASCI की नई गाइडलाइन्स
आपको बता दें ASCI द्वारा विज्ञापनों के लिए जारी की गई ये गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू कर दी जाएगी।
ASCI की मानें तो इन दिशानिर्देशों को सरकार और अन्य तमाम स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम स्वरूप दिया गया है। बताया गया कि VDA संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर पिछले काफ़ी समय से चर्चा की जा रही थी।
ध्यान देने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।
ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।
इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।
और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।
ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।
Business News : क्रिप्टोकरेंसी निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी! RBI ने Crypto के गंभीर संकट को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य लेकर निवेशकों को चेताया
Business News : RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है।
December 22, 2022
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आजकल जैसे फैशन बनता जा रहा है।कई आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले लोग मानते हैं कि यह निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी है। अगर इसको बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा जानकारी देते रहे हैं।
कैसे अचानक क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा
RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है।
इसके साथ ही दास ने ये भी कहा, इतना सब होने के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है। निजी क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन 190 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गया है। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ ‘घाटा’ होगा।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी और NFT विज्ञापनों के लिए ASCI ने जारी की नई सख्त गाइडलाइंस
ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: भारत में मौजूदा वक़्त में क्रिप्टोकरेंसी और NFTs को लेकर स्थिति अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट होती नज़र नहीं आ रह है। लेकिन लगातार सरकार और वैधानिक संगठनों की ओर से जारी बयानों के चलते ये तो साफ़ हो चला है कि देश में क्रिप्टो व NFTs जैसे डिगिताल एसेट्स को जल्द क़ानूनी मान्यता नहीं मिलती नहीं दिखाई दे रही है।
और अब इस दिशा में एक और बड़ा क़दम आया है, जो देश में क्रिप्टो व एनएफ़टी इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम है। असल में एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
देश में लगातार क्रिप्टो और एनएफ़टी निवेशकों से पूरी जानकारी ना साझा करते हुए, उन्हें डिजिटल एसेट्स में निवेश की ओर आकर्षित करने जैसी शिकायतों के चलते ये क़दम उठाया गया है।
ASCI Guidelines for Crypto & NFT Ads: All Details
सबसे पहले तो आपको बता दें Advertising Standards Council of India (ASCI) के मुताबिक़ अब से वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में कुछ ऐसे Disclaimer को शामिल करना होगा;
“क्रिप्टो उत्पाद और एनएफटी अनियमित हैं और अत्यधिक जोखिम भरे हो सकते हैं। इस तरह के लेनदेन से किसी भी नुकसान के लिए कोई नियामक का सहारा नहीं लिया जा सकता है।”
“Crypto products and NFTs are unregulated and can be highly risky. There may be no regulatory recourse for any loss from such transactions.”
नए दिशानिर्देशों में ये साफ़ कहा गया है कि तय किए गए इस Disclaimer को एक औसत उपभोक्ता के लिए प्रमुख रूप से पेश करना होगा।
इसको प्रिंट, वीडियो, ऑडियो प्रारूप के साथ-साथ सोशल मीडिया पोस्ट, कहानियों आदि में निर्देशों के मुताबिक़ शामिल करना होगा।
आइए इस दिशानिर्देश से जुड़े कुछ अहम बिंदुओं को जान लेते हैं;
- नए दिशानिर्देश अभी वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी तमाम विज्ञापन माध्यमों पर लागूँ होंगें। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से लिखना होगा कि क्रिप्टो और एनएफ़टी अनियमित उत्पाद हैं और निवेश में भारी जोखिम निहित हो सकता है।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट संबंधी उत्पादों और सेवाओं के विज्ञापनों में “कस्टोडियन”, “करेंसी”, “सिक्योरिटीज” और “डिपॉजिटरी” जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसका कारण ये बताया गया है कि सामान्यतः इन शब्दों का इस्तेमाल नियमित (रेगुलेटेड) उत्पादों के लिए किया जाता है।
- 12 महीने से कम की अवधि के लिए रिटर्न को शामिल नहीं किया जा सकता है।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट की क़ीमत को साफ़ तौर पर बताना होगा और विज्ञापन में शामिल सेलिब्रिटीज को पहले जोखिम के बारे में बताना होगा।
- VDA पर आधारित विज्ञापनों में “भविष्य में मुनाफे में वृद्धि का वादा या गारंटी” देने संबंधित कोई भी बयान नहीं दिया जाएगा।
- विज्ञापन देने वाले के बारे में सही जानकारी और उनसे संपर्क करने के ज़रिए जैसे फोन नंबर या ईमेल की जानकारी दी जानी आवश्यक होगी।
- विज्ञापनों में वर्चुअल डिजिटल एसेट उत्पादों की तुलना किसी अन्य रेगुलेटेड एसेट से नहीं की जा सकेगी।
- इन डिगिताल उत्पादों की क़ीमत और इससे होने वाले मुनाफ़े की सही और स्पष्ट जानकारी देनी होगी। मान लीजिए ‘ज़ीरो कॉस्ट’ का ज़िक्र किया जाता है तो उसमें उन सभी खर्चो को शामिल करना होगा, जिससे ग्राहक को ऑफर या ट्रांजैक्शन से संबंधित सटीक जानकारी मिल सके।
ASCI Crypto ads Guidelines: 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू हो जाएगी ASCI की नई गाइडलाइन्स
आपको बता दें ASCI द्वारा विज्ञापनों के लिए जारी की गई ये गाइडलाइंस 1 अप्रैल 2022 से देशभर में लागू कर दी जाएगी।
ASCI की मानें तो इन दिशानिर्देशों को सरकार और अन्य तमाम स्टेकहोल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम स्वरूप दिया गया है। बताया गया कि VDA संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइंस को लेकर पिछले काफ़ी समय से चर्चा की जा रही थी।
ध्यान देने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।
ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अहम तथ्य आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।
इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।
और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।
ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।
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