Investors Wealth Loss: भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट का असर, निवेशकों को मिनटों में 4 लाख करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
Share Market Update: सोमवार को भारतीय बाजार भारी बिकवाली के साथ खुले थे जिसके चलते निवेशकों को करीब 4 लाख करोड़ रुपये की मिनटों में चपत लग गई. याई बाजारों में ऊारी
By: ABP Live | Updated at : 29 Aug 2022 01:08 PM (IST)
Investors Wealth Loss: अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व (Federal Reserve) के मुखिया Jerome Powell के ब्याज दरों को और बढ़ाने के संकेतों के चलते सोमवार सुबह दुनियाभर के शेयर बाजारों में कोहराम मच गया. एशियाई बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई जिसका खामियाजा भारतीय शेयर बाजार और उसके निवेशकों को भी उठाना पड़ा है. सोमवार को भारतीय बाजार औंधे मुंह जा गिरे. जिसके चलते शेयर बाजार के निवेशकों को करीब 4 लाख करोड़ रुपये की मिनटों में चपत लग गई.
शुक्रवार भारतीय शेयर बाजार जब बंद हुए तब मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Capitalisation) 277 लाख करोड़ रुपये के करीब था. लेकिन सोमवार सुबह बाजार में भारी बिकवाली के चलते बीएसई में लिस्टेड स्टॉक्स का मार्केट कैप 273 लाख करोड़ रुपये के करीब आ गया. दरअसल फेड रिजर्व के प्रमुख Jerome Powell ने कहा है कि महंगाई पर नकेल कसने का खामियाजा आम लोगों से लेकर बिजनेस को महंगे कर्ज के तौर पर उठाना पड़ सकता है. संकेत साफ है अमेरिका में ब्याज दरें और बढ़ने वाले हैं. उनके इस बयान का खामियाजा शेयर बाजार को उठाना पड़ा है. विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं.
सुबह भारतीय बाजार भी गिरावट के साथ खुले थे. सेंसेक्स 1466 तो निफ्टी करीब 400 अंक गिरकर खुला था. हालांकि बाजार ने निचले लेवल से वापसी की है. फिलहाल सेंसेक्स 740 और निफ्टी 250 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. लेकिन भारतीय बाजार की चिंता है कि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ती हैं तो बारत में आरबीआई में ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है.
अमेरिकी फेड रिजर्व के मुखिया के बयान के बाद रुपया डॉलर के मुकाबले फिर से कमजोर होता नजर आ रहा है. ये केवल इसलिए क्योंकि विदेशी निवेशक फिर से निवेश वापस खींच सकते हैं.
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Published at : 29 Aug 2022 01:02 PM (IST) Tags: indian stock market Share Market Update Federal Reserve Investors Wealth Loss BSE Market Capitalisation Jerome Powell हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर बाजार के लिए सबसे मनहूस साबित हुई हैं ये तारीखें
शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार की जमकर पिटाई हुई और प्रमुख सूचकांक औंधे मुंह नीचे गिरे. कोरोना वायरस के सितम ने निवेशकों को बाजार से दूर रखा और शेयर बाजार में जबरदस्त बिकवाली का दबाव देखने को मिला. यह संक्रमण उन सभी छह महाद्वीपों तक पहुंच चुका है, जहां मानव जीवन है.
गुरुवार को अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों को इस संक्रमण के प्रति आगाह किया. अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी कमजोरी दर्ज की और इसका असर भारतीय बाजार पर पड़ा. सेंसेक्स 1,148 अंक फिसला, जो भारतीय बाजार की तीसरी सबसे बड़ी गिरावट है. जानिए किस दिन कितना गिरा है बाजार:
24 अगस्त, 2015 को 1,624 अंक
इस दिन घरेलू शेयर बाजार ने इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की थी. इस दिन चीन के बाजार बेहताशा लुढ़के और कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी आई थी. शंघाई के बाजारों ने 8 फीसदी तक का गोता लगाया. इस दिन बीएसई की कंपनियों की मार्केटकैप 7 लाख करोड़ रुपये साफ हो गई.
Stock Market Update: जीडीपी डाटा और वैश्विक हालात से सहमा बाजार; औंधे मुंह लुढ़का सेंसेक्स, निफ्टी 17,650 के पार
Stock Market Update गुरुवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 898.61 अंक गिरकर 58638.46 और औंधेमुंह गिरे अमेरिकी शेयर बाजार निफ्टी 273.75 अंक गिरकर 17485.55 पर आ गया। लेकिन बाद में इसमें सुधार हुआ। आज दिनभर के कारोबार में स्पाइसजेट और ऑटो के शेयरों पर फोकस रहने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय सूचकांकों (Stock Market) में 1 सितंबर को तेज गिरावट देखी गई। बाजार खुलते ही सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में जबरदस्त गिरावट आई। खबर लिखे जाने तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों का सूचकांक 524 अंक गिरकर 59,012 पर था। निफ्टी 143 अंक नीच जाकर 17,615 पर कारोबार कर रहा था।
आज के दिन लगभग 1101 शेयरों में तेजी आई है, 1052 शेयरों में गिरावट आई है और 186 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। निफ्टी पर इंफोसिस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, टीसीएस, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली। जबकि भारती एयरटेल, बजाज ऑटो, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख गेनर्स में शामिल थे। सेंसेक्स पैक से, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और आईसीआईसीआई बैंक पिछड़ गए। वहीं बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट गेनर्स में शामिल थे।
एशियाई बाजारों का हाल
एशिया में सियोल, टोक्यो और हांगकांग के बाजार निचले स्तर पर कारोबार कर रहे थे, जबकि शंघाई में मध्य सौदों में हरे रंग में कारोबार हो रहा था। बुधवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे। बीएसई का 30 शेयरों वाला बेंचमार्क मंगलवार को 1,564.45 अंक या 2.70 फीसदी की तेजी के साथ 59,537.07 पर बंद हुआ। निफ्टी 446.40 अंक या 2.58 प्रतिशत बढ़कर 17,759.30 पर पहुंच गया। बुधवार को गणेश चतुर्थी के कारण शेयर बाजार बंद रहे।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रशांत तापसे ने कहा कि घरेलू शेयरों में गुरुवार के शुरुआती कारोबार में गिरावट की संभावना है, अमेरिकी बाजारों के कमजोर रहने के बाद एशियन पैक पर दबाव बना रहेगा।
वैश्विक उथल-पुथल से सहमा औंधेमुंह गिरे अमेरिकी शेयर बाजार बाजार
वॉल स्ट्रीट और अन्य एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के चलते गुरुवार को शुरुआती स्तर पर सूचकांकों ने पिछले कारोबारी स्तर की बढ़त। को खो दिया, लेकिन एक घंटे के भीतर इसमें कुछ सुधार हुआ और नुकसान का दायरा सिकुड़ गया। टीसीएस, इंफोसिस, एसबीआई लाइफ ने गुरुवार को सपाट शुरुआत की। Q1 जीडीपी के 13.5 फीसद पर रहने के कारण बाजार में थोड़ी निराशा है। इसमें दोहरे अंकों की बढ़ोतरी जरूर हुई है, लेकिन यह ज्यादातर अनुमानों से कम है। यह तिमाही महामारी से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं थी। लेकिन निजी खपत में बढ़ोतरी के बावजूद उम्मीद से यह कहीं कम है। इसके चलते भी बाजार में निराशा का माहौल बना हुआ है। उधर यूरोपीय देशों में महंगाई के आंकड़े जारी होने के बाद वहां की कई अर्थव्यवस्थाओं में हलचल मची हुई है। इसका असर भी बाजार पर देखने को मिल सकता है। मानसून की सक्रियता बनी रही तो Q2 में विकास दर बढ़ सकती है, लेकिन तेल की कीमतें, रूस-यूक्रेन के बीच भू-राजनीतिक तनाव और पश्चिम के देशों में मंदी का इसमें अहम रोल रहेगा।
रुपया 14 पैसे गिरा
विदेशों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती को देखते हुए गुरुवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले (Rupee vs Dollar) रुपया 14 पैसे की गिरावट के साथ खुला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया ग्रीनबैक के मुकाबले 79.55 पर खुला, फिर 79.66 तक गिर गया। इसमें पिछले बंद के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि मंगलवार को रुपया करीब दो सप्ताह के उच्च स्तर 79.52 पर बंद हुआ था। घरेलू विदेशी मुद्रा बाजार बुधवार को गणेश चतुर्थी के कारण बंद था। इस बीच, डॉलर इंडेक्स, जो छह मुद्राओं की एक टोकरी के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.28 प्रतिशत बढ़कर 109 हो गया।
सेंकड्स में 5 लाख करोड़ रुपये की चपत: आखिर किन कारणों से औंधे मुंह गिरा शेयर बाजार
शेयर बाजार में मंगलवार को कुछ सेकंड के अंदर ही 5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। सेंसेक्स की शुरुआत 1,274 अंकों की गिरावट के साथ हुई और निवेशकों का सबसे बुरा सपना सच हो गया। शुरुआती गोते के बाद बाजार थोड़ा संभला और बेंचमार्क इंडेक्स ने रिकवरी शुरू की लेकिन मंगलवार 'ब्लैक टूज्डे' से कम नहीं है।
बीएनपी परिबास म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर रितेश जैन ने कहा, 'अमेरिकी शेयरों की गिरावट पर भारतीय बाजार की पैनी नजर है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सख्ती, महंगाई के डर और बॉन्ड यील्ड्स की गतिविधियों से अमेरिकी वॉलेटिलिटी इंडेक्स VIX में उछाल आ गई है।' उन्होंने कहा कि मार्केट में मुनाफे की लालच की जगह डर ने ले लिया जिसके नरम पड़ने में कुछ दिनों का वक्त लग सकता है। जैन ने कहा, 'तब तक देखो और इंतजार करो की स्थिति है।'
जिरॉम पॉवेल का पदग्रहण
जिरॉम पॉवेल के अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन का पद संभालाते ही मार्केट औंधे मुंह गिर गया। यूके सरकार के पूर्व वाणिज्य सचिव जिम ओ'नील ने कहा कि अमेरिका आगे बढ़ रहा है और केंद्रीय बैंक को मौद्रिक नीति को मार्केट के अनुमानों मुकाबले ज्यादा तेजी से सख्त करने की जरूरत होगी। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की पिछले चेयरमैन जेनट येलन ने ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि इस साल मुद्रास्फीति सालाना आधार पर बढ़ने की आशंका है।
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स
वैश्विक रूप से बॉन्ड्स बढ़त दर्ज कर रहे हैं। सॉवरन बॉन्ड्स को रिस्क-फ्री असेट्स के रूप में देखा जा रहा है। अगर बॉन्ड्स की कीमतें बढ़ती हैं तो इक्विटी में इन्वेस्ट करने के अवसर भी बढ़ेंगे। भारतीय संदर्भ में बात करें तो देश में 10 साल की बॉन्ड यील्ड जुलाई 2017 में 6.3 प्रतिशत से बढ़कर 7.6 प्रतिशत सालाना पहुंच चुकी है।
आरबीआई की पॉलिसी मीटिंग
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) मंगलवार से बैठक की शुरुआत करेगी जिसका फैसला बुधवार को आएगा। वित्त वर्ष 2018 की यह छठी द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी बैठक होगी। कई रिपोर्ट्स में आशंका जताई जा रही है कि आरबीआई राजकोषीय घाटे के टारगेट को देखते हुए कडे़ फैसले ले सकता है। सरकार फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 3.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत कर चुकी है। दिसंबर में रिटेल महंगाई 17 महीने के उच्चतम स्तर 5.21 पर पहुंच गई थी।
LTCG टैक्स की वापसी
बजट में इक्विटीज पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स की वापसी की घोषणा के बाद से ही बाजार का मूड निराशा भरा है। केंद्रीय बजट की घोषणा के बाद भारतीय बाजारों ने बड़ी गिरावट देखी थी। फिस्कल टारगेट पुरा न होने से भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा है।
शेयर बाजार खुलते ही चंद मिनटों में 1185 अंक उछला सेंसेक्स, जानिए किन 3 वजहों से आई ये तेजी
सोमवार को सेंसेक्स में करीब 638 अंकों कि गिरावट देखने को मिली. वहीं आज मंगलवार को सेंसेक्स करीब 1185 अंक तक उछल गया है. आइए जानते हैं किन वजहों से बाजार में ये तेजी देखने को मिल रही है.
शेयर बाजार (Share Market Latest Update) के लिए इस सप्ताह की शुरुआत भले ही बहुत ही खराब रही हो, लेकिन महानवमी (Navratri) के मौके पर सेंसेक्स (Sensex) में तगड़ा उछाल देखा जा रहा है. बाजार खुलने के महज चंद मिनटों में ही सेंसेक्स 1185 अंक तक उछल गया. हालांकि, उसके बाद इसमें मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिला. निफ्टी में भी शानदार तेजी देखने को मिली है और वह करीब 350 अंक तक चढ़ गया. सवाल ये है कि आखिर ये तेजी आई क्यों? आइए जानते हैं किन 3 बड़ी वजहों (Why share market rising) के चलते आज शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है.
1- अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में गिरावट
आज शेयर बाजार में शानदार तेजी की सबसे बड़ी वजह अमेरिका से देखने को मिल रही है. अमेरिकी डॉलर में गिरावट देखी गई है और साथ ही ट्रेजरी यील्ड में भी गिरावट आई है, जिसके चलते भारत का इक्विटी बाजार तेजी के साथ खुला है. बैंकिंग और वित्तीय शेयरों ने शेयर बाजार की तेजी की अगुआई की है.
2- एफआईआई ने की वापसी?
भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की वजह अक्सर रिटेल निवेशक नहीं होते हैं. ठीक उसी तरह बड़ी तेजी का क्रेडिट भी रिटेल निवेशकों को कभी-कभार ही जाता है. बाजार की तेजी की सबसे बड़ी वजह होते हैं विदेशी निवेशक यानी एफआईआई. जब वह बाजार औंधेमुंह गिरे अमेरिकी शेयर बाजार से पैसा निकालने लगते हैं तो बाजार गिरता है, जब खरीदारी करते हैं तो बाजार चढ़ता है. मुमकिन है कि आज सेंसेक्स में तगड़े उछाल की एक बड़ी वजह एफआईआई हों.
3- हर साल अक्टूबर में होता है ऐसा
भारत में अक्टूबर का महीना तमाम त्योहारों से भरा रहता है. इसी महीने नवमी, दशहरा, भैया दूज, दिवाली जैसे कई अहम त्योहार आते हैं. इन सब की वजह से अक्टूबर के महीने में हमेशा ही शेयर बाजार शानदार तेजी दिखाता है. पिछले 10 में से 8 सालों में इस महीने में सेंसेक्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी अक्टूबर का महीना हर साल की तरह शानदार रिटर्न देगा.
एक दिन पहले ही सेंसेक्स में आई थी भारी गिरावट
वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने से घरेलू शेयर बाजारों (Stock Markets) में सोमवार को गिरावट रही. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स (BSE Sensex) 638.11 अंक टूटकर 56,788.81 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 743.52 अंक तक नीचे चला गया था. पूरे दिन में सेंसेक्स ने 57,454.84 का उच्च स्तर और 56,683.40 का निम्न स्तर छुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में मारुति सुजुकी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंडसइंड बैंक, ITC, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. सबसे ज्यादा 3.16 प्रतिशत मारुति का शेयर गिरा है. इसके बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर है, जो 2.77 प्रतिशत टूटा है. बीएसई पर लिस्टेड 30 कंपनियों में से 4 को छोड़ बाकी 26 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं. डॉ. रेड्डीज, NTPC, भारती एयरटेल और विप्रो लाभ में रहे.
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