चीन को छोड़कर भारत की ओर.

मतांतरण कराने वाले कानून में तलाश ही लेते हैं छिद्र

Rupee: रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए RBI ने उठाया कदम, कम होगी डॉलर पर निर्भरता

By: ABP Live | Updated at : 13 Jul 2022 07:56 AM (IST)

RBI Step for Rupee: भारतीय रुपये में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रुपये में आयात और निर्यात के निपटान के लिए एक अतिरिक्त इंतजाम करने का फैसला किया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह भारतीय मुद्रा यानी रुपये में आयात-निर्यात के निपटारे का पर्याप्त इंतजाम करें. यह एक बड़ा फैसला माना जा रहा है, क्योंकि इससे देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी और डॉलर पर भारत की निर्भरता भी कुछ कम होगी.

भारतीय रुपये को मजबूत बनाने के लिए कदम
केंद्रीय बैंक ने यह कदम वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उठाया है. रिजर्व बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि बैंकों को यह व्यवस्था लागू करने के पहले उसके विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व-अनुमति लेना जरूरी होगा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि आरबीआई का लक्ष्य वैश्विक व्यापार और भारतीय अर्थव्यवस्था को डी-डॉलराइज करना है.

अर्थव्यवस्था पर लक्ष्मी की कृपा: भारत पर फिर मेहरबान लक्ष्मी, जगमगाने लगा उम्मीद का दीया

दीपावली पर कोविड-19 का अंधियारा कम होने के साथ बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता ही अर्थव्यवस्था के चेहरे पर कुछ मुस्कुराहट नजर आने लगी है। इस मुस्कुराहट के पीछे जहां देश बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता के फॉर्मा, आईटी, फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टरों का योगदान है, वहीं भारत में बढ़ते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने भी इस उम्मीद को आसमान पर पहुंचा दिया है। कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भी भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की रुचि लगातार बनी हुई है और इसी से भारत की अर्थव्यवस्था के लिए आशा की नई किरण दिखाई देने लगी है।

हाल ही में 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल वैश्विक निवेशक गोलमेज 2020 को संबोधित करते हुए कहा भी था कि भारत निवेश के लिए दुनिया का बेहतर बाजार है। आप भरोसे के साथ रिटर्न चाहते हैं तो भारत आपके लिए बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता मुफीद जगह है। यहां मांग और स्थायित्व है। ये बातें विदेशी निवेशकों के लिए अच्छे रिटर्न की गारंटी देती हैं। आप भारत के एक ही बाजार में कई तरह के बाजारों की लाभप्रद निवेश संबंधी संभावनाओं को अपनी मुट्ठी में कर सकते हैं।

वक्त की जरूरत है रुपये में व्यापार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अन्य के मुकाबले मजबूत और स्थिर होगी भारतीय मुद्रा

रुपये को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में वृद्धि करनी होगी जिसके लिए भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना होगा। रुपये में निवेश एवं व्यापार को बढ़ाने से रुपये के मूल्य में भी वृद्धि होगी जो वैश्विक व्यापार में भारत की भागीदारी के नए आयाम स्थापित करेगी।

[डा. सुरजीत बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता सिंह]। हाल में जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है। डालर के निरंतर मजबूत होने से महत्वपूर्ण मुद्राएं कमजोर पड़ने लगी हैं। विभिन्न देशों के विदेशी मुद्रा भंडार घटने लगे हैं, जिसके चलते वैश्विक वृद्धि दर घट रही है। आर्थिक परिदृश्य बदलने से वैश्विक भू-राजनीति भी बदल रही है। भारत सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार करना प्रारंभ किया है कि इन बदलते वैश्विक हालात के लिए जिम्मेदार अमेरिकी डालर पर निर्भरता को कैसे कम किया जाए?

अर्थव्यवस्था पर लक्ष्मी की कृपा: भारत पर फिर मेहरबान लक्ष्मी, जगमगाने लगा उम्मीद का दीया

दीपावली पर कोविड-19 का अंधियारा कम होने के साथ ही अर्थव्यवस्था के चेहरे पर कुछ मुस्कुराहट नजर आने लगी है। इस मुस्कुराहट के पीछे जहां देश के फॉर्मा, आईटी, फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टरों का योगदान है, वहीं भारत में बढ़ते हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने भी इस उम्मीद को आसमान पर पहुंचा दिया है। कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भी भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की रुचि लगातार बनी हुई है और इसी से भारत की अर्थव्यवस्था के लिए आशा की नई किरण दिखाई देने लगी है।

हाल ही में 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल वैश्विक निवेशक गोलमेज 2020 को संबोधित करते हुए कहा भी था कि भारत निवेश के लिए दुनिया का बेहतर बाजार है। आप भरोसे के साथ रिटर्न चाहते हैं तो भारत आपके लिए मुफीद जगह है। यहां मांग और स्थायित्व है। ये बातें विदेशी निवेशकों के लिए अच्छे रिटर्न की गारंटी देती हैं। आप भारत के एक ही बाजार में कई तरह के बाजारों की लाभप्रद निवेश संबंधी संभावनाओं को अपनी मुट्ठी में कर सकते हैं।

लंदन स्टॉक एक्सचेंज में विश्व के पहले 'मसाला' बढ़ती विदेशी मुद्रा सफलता बॉण्ड की शुरुआत

विश्व के प्रमुख वित्तीय केंद्र के रूप में लंदन का दर्जा तब और प्रभावी हुआ, जब भारत के बाहर किसी भारतीय कम्पनी द्वारा दुनिया का पहला ‘मसाला’ या रुपया-नामित बॉन्ड लंदन के शेयर बाजार में आज यानी 1 अगस्त 2016 को जारी किया गया।

एक्सचेकर के चांसलर फिलिप हैमंड ने हाउसिंग डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एचडीएफसी) द्वारा इस ऐतिहासिक सूचीकरण का स्वागत किया। एचडीएफसी भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक है और भारत में आवास के लिए वित्तीय सहायता देने वाला प्रमुख बैंक है।

एचडीएफसी पहली ऐसी कम्पनी है, जिसने इस तरह का बॉन्ड जारी किया है और लंदन में उसके बॉन्ड जारी करने का निर्णय इस ओर स्पष्ट संकेत देता है कि लंदन दुनिया का सर्वश्रेष्ठ वित्तीय केंद्र है।

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