अपडेटेड Dec 17, 2022 पर 22:53
बुनियादी बुनियादी निवेश नियम निवेश नियम
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फाइनेंशियल प्लानिंग
टैक्स
बैंकिंग
अशनीर ग्रोवर और BharatPe के बीच के संघर्ष की कहानी अब किसी से छिपी नहीं है. अगर आप BharatPe की पूरी कहानी को अशनीर ग्रोवर के नजरिए से समझना चाहते हैं तो अशनीर की Doglapan: The Hard Truth about Life and Start-Ups पढ़ सकते हैं, जानिए किताब में उन्होंने किन-किन राज से पर्दा उठाया है.
अपडेटेड Dec 17, 2022 पर 19:38
Budget 2023: चीन से आयात पर बजट में चलेगा निर्मला सीतारमण का 'ब्रह्मास्त्र'
चीन के साथ बढ़ते आयात पर भारत सरकार इस बजट में लगा सकती है लगाम, चीन के खिलाफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का चलेगा ब्रह्माअस्त्र. देखिए बजट 2023 के ये खास पेशकश राकेश रंजन और पराजित सिन्हा के साथ सिर्फ
अपडेटेड Dec 18, 2022 पर 15:28
फायदेमंद है इन्वेस्टमेंट के बुनियादी नियमों का पालन
इनमें से ज्यादातर मामलों में इन्वेस्टर ने सोच-समझकर इन्वेस्टमेंट रूल का उल्लंघन करने का निर्णय किया होता है। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे खुद को यह समझा ले जाते हैं (शायद किसी सेल्सपर्सन की मदद से) कि मौजूदा हालात में आम नियम का रास्ता छोड़ना फायदेमंद होगा। हममें से ज्यादातर लोग अधिकांश मौकों पर इन्वेस्टमेंट के नियमों को आम दिशानिर्देश की तरह या अच्छी सलाह की तरह लेते हैं, जिनका उल्लंघन किया जा सकता है।
कुछ दिनों पहले किसी और जानकारी के लिए नेट ब्राउजिंग के वक्त मैंने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक डॉक्युमेंट देखा, जो सॉफ्टवेयर डिवेलपमेंट से जुड़ा होने के बावजूद इस मामले में प्रासंगिक है। 'पावर ऑफ टेन' के नाम से इसे कुछ साल पहले कंप्यूटर सायेंटिस्ट गेरार्ड होल्जमैन ने लिखा था, जो नासा के बुनियादी निवेश नियम साथ काम करते थे। इसमें सेफ्टी-क्रिटिकल सॉफ्टवेयर डिवेलप करने के 10 नियम बताए गए हैं। हालांकि हमारे मतलब की बात वह है, जो इस डॉक्युमेंट के लिए रिसर्च बुनियादी निवेश नियम करते वक्त होल्जमैन के सामने आई थी।
कभी न भूलें निवेश की बुनियादी बातें
अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ रहा है। महंगाई कम हो रही है। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआइआइ) व घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआइआइ) भारतीय बाजारों पर बड़ी बोली लगा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि देश की नई सरकार भारी बहुमत से चुनी गई है। इससे न केवल सुधारों को बल मिल रहा है, बल्कि सब तरफ आशाजनक माहौल होने से निवेशक सभी तरह के शेयर खरीदने का जोखिम मोल ले रहे हैं। उत्साह-उमंग के इस दौर में यही वह वक्त है, जब हमें निवेश की बुनियादी बातों को नहीं भूलना चाहिए।
पूंजी बाजार की जटिलताओं को छोड़ दें तो स्वर्णिम नियम को परंपरागत रूप से सभी कामयाब निवेशकों ने अपनाया है। वैसे किसी स्टॉक को जांचने के लिए जिन बातों का सबसे ज्यादा ध्यान रखा जाना चाहिए वे हैं- बेहतर भाव व कंपनी का प्रशासन यानी कॉरपोरेट गवर्नेंस।
बाजार के हर संकट से उबार देंगे बचत के ये दो बुनियादी नियम
पिछले दो वर्षों से बचतकर्ता उन बातों को लेकर परेशान दिख रहे हैं, जो पहले निवेशकों को परेशान किया करती थीं. यह सब बेवजह नहीं है. मैं बचतकर्ता उन लोगों को कह रहा हूं जो बैंक इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड या दूसरे एसेट में पैसा डालते हैं. दूसरी तरफ निवेशक उन्हें मान रहा हूं जो ट्रेडिंग करते हैं.
आमतौर पर बचतकर्ता कुछ रकम को अलग रखते हैं. जरूरत पड़ने पर ही उसे निकालते हैं. जबकि बुनियादी निवेश नियम निवेशक बाजार की चाल पर लगाए अनुमान के हिसाब से खरीद-फरोख्त करते हैं.
अभी जो स्थिति है, उसके हिसाब से दुनियाभर के मार्केट का मूड पॉजिटिव हो गया है. बड़ी बात है कि यह सेटल हो गया है क्योंकि इससे पता चलता है कि उसका मूड कितना अच्छा है और यह महज आंकड़ों के मुकाबले ज्यादा सूचनाएं देता है.
लंबे समय का निवेश
- नई दिल्ली,
- 17 मई 2022,
- (अपडेटेड 17 मई 2022, 6:10 PM IST)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के 2019 के एक अध्ययन के मुताबिक, 95 फीसद से ज्यादा भारतीय परिवार अपना पैसा बैंक जमा में रखना पसंद करते हैं. बचत खातों में पैसा बेशक ब्याज देता है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. बचत खातों में ब्याज की दर औसतन 3 फीसद है जबकि वर्तमान औसत महंगाई दर 6 फीसद से ज्यादा है, इसलिए जब आप बैंक में पैसा रखते हैं, तो वास्तव में तब आप बैंक को अपना पैसा सुरक्षित रखने के एवज में धन भुगतान कर रहे होते हैं. सच तो यह है कि आपकी बचत की वैल्यू में महंगाई नहीं जुड़ी है, इसका मतलब है कि बैंक में जमा धन का वास्तविक मूल्य भी बरकरार नहीं रहता है.
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