भारत में इन 5 वजहों से कमोडिटी ट्रेडिंग में बढ़ रही निवेशकों की दिलचस्पी

एक दशक पहले तक भारत में कई लोग स्टॉक, बॉन्ड और कमोडिटी में निवेश को जुआ मानते थे

commodity-outlook

2-मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव: आंकड़ें बतातें हैं कि शेयर और बॉन्ड महंगाई के हिसाब से अंडरपरफॉर्मर रहे हैं जबकि कमोडिटी इस मामले में बढ़िया विकल्प है. शेयर औऱ कमोडिटी दोनों विपरीत दिशा में चलते हैं. इसलिए निवेशक शेयर बाजार में गिरावट की भरपाई के लिए कमोडिटी में निवेश करते हैं. इक्विटी, कमोडिटीज और बॉन्ड के मिश्रित पोर्टफोलियो में, कमोडिटीज अन्य इंस्ट्रूमेंट्स से बेहतर रिटर्न देते हैं.

युवा निवेशकों का बढ़ता रुझान : भारत में 40 वर्ष से कम आयु के लोगों का आबादी में बड़ा हिस्सा है. निवेशकों का यह बढ़ता हुआ समुदाय अच्छी तरह से पढ़ा-लिखा और शिक्षित है. निवेशक आज रियल एस्टेट और बैंक डिपॉजिट जैसे पारंपरिक निवेश साधनों के अलावा दूसरे विकल्पों में निवेश करना चाहते हैं ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके.

बैंकिंग साधनों का उपयोग: बैंकों की कमोडिटी मार्केट में अच्छी भागीदारी है. खाद्य सब्सिडी इस तरफ बड़ा कदम है. इसके अलावा, संस्थागत उपाय जैसे कि आवश्यक वस्तु अधिनियम और इलेक्ट्रॉनिक नेगोशियबल वेयर हाउस रसीदों (ई-एनडब्ल्यूआर) ने कमोडिटी मार्केट से जुड़े सभी पक्षों की मदद की है. इस रसीद के जरिये किसानों को ऋण मिलने की सुविधा है और निवेशकों को कमोडिटी की डिलीवरी सुनिश्चित होती है.

इसने बैंकों को वस्तुओं के व्यापार के अपने कवरेज को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है. बैंकिंग विकल्पों के उपयोग से कमोडिटी स्पेस में खुदरा निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है, खासकर कोविड के बाद इस दिशा में और बढ़ोतरी हुई है.

नियम कायदों का पालन:
कमोडिटी की कीमतों में वृद्धि विभिन्न कारकों जैसे कृषि उपज, विनिर्माण उत्पादन, निर्यात और बारिश के अलावा अन्य कारको द्वारा निर्धारित की जाती है. ये कारक एक निवेशक को निवेश करने के लिए एनालिसिस करने में सक्षम बनाते हैं.

आजकल, ब्रोकरेज फर्में काफी रिसर्च के बाद अपने निवेशकों को ट्रेडिंग की सलाह दे रही हैं. ब्रोकरेज किसी भी सिफारिश को देने से पहले 100 करोड़ से अधिक डेटा बिंदुओं का विश्लेषण करते हैं.

(प्रथमेश माल्या एंजल ब्रोकिंग में नॉन एग्री कमोडिटी एवं करेंसी विभाग में एवीपी-रिसर्च है. यह विचार उनके निजी हैं)

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

commodity trading

जिस तरह कमोडिटी व्यापार विकल्प से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.

कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम

बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम

एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन

मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.

अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना

कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -

दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.

पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक कमोडिटी व्यापार विकल्प पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.

कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.

हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.

पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.

ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.

हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.

समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.

एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -

एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.

एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.

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5paisa ऐप ने बनाया Commodity Market की ट्रेडिंग को अब और भी आसान, कोई भी कमा सकता है घर बैठे लाखों रुपए

शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में खरीद-बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक व्यक्ति हर दिन अपनी जरूरत की वस्तुओं को खरीदता है। कई बार हम जरूरत की चीजों का ही व्यापार भी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि ऐसी ही वस्तुओं की खरीदी व बिक्री करके महीने में लाखों रुपए कमा सकें और इसके लिए आपको कहीं आना-जाना भी न पड़े। इस बात को सुनकर हमारे दिमाग में कई तरह के संशय भी आते हैं। क्या ऐसा कौन कर सकता है? क्या इसके लिए पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है? घर बैठे पैसा कमाने के इस आसान तरीके को समझाएगा कौन? इसके बारे में विस्तार से जानकारी कहां से मिलेगी?

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अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आ रहे हैं तो इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए और घर बैठे लाखों कमाने की स्किल्स सीखने के लिए केवल मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर पर जाकर 5paisa App डाउनलोड करना होगा।

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समझ लें कमोडिटी मार्केट में क्या खरीदा व बेचा जा सकता है

आमतौर पर हम सब रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं, वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीदा व बेचा जाता है। शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है। इनमें कीमती वस्तुओं से लेकर मिर्च मसाले तक का व्यापार किया जा सकता है।

Keep these things in mind for long term investment

●कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम।

●बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम।

●एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन।

●मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च।

●अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना।

कैसे आम इंसान के लिए भी लाभदायक है यह बाजार

1.भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसमें छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशक भी कम राशि के मार्जिन मनी से कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं।

Stock Market Investment: what is stop loss order

2.किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है।

3.कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है।

4.कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है।

जान लीजिए भारत में हैं कुल कितने कमोडिटी एक्सचेंज?

भारत में 22 कमोडिटी एक्सचेंज हैं जो फॉरवर्ड मार्केट कमीशन के तहत स्थापित किए गए हैं। भारत में ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए कमोडिटी एक्सचेंज लोकप्रिय विकल्प हैं। इनमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NMCE) और राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) सबसे अधिक महत्वपूर्ण कमोडिटी एक्सचेंज हैं।

ऑप्शंस ट्रेडिंग से सोने के व्यापार को संगठित करने में मदद मिलेगी: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रमुख जिंस एक्सजेंस एमसीएक्स में सोने की ऑप्शंस ट्रेडिंग का शुभारंभ करते हुए कहा कि.

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जेटली ने कहा कि सेबी ने करीब कमोडिटी व्यापार विकल्प 14 साल पहले देश में जिंस एक्सचेंजों को शुरू करने की अनुमति दी थी। उसके बाद से यह ऑप्शंस ट्रेडिंग का पहला प्रॉडक्ट है। आज शुरू किए गए गोल्ड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के तहत एक किलोग्राम सोने के कारोबार की अनुमति होगी। एमसीएक्स के अनुसार सोने का विकल्प अनुबंध आज से कमोडिटी व्यापार विकल्प ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होगा। निवेशक एक किलोग्राम सोने में कारोबार कर सकते हैं। यह अनुबंध नवंबर और जनवरी 2018 में समाप्त होगा। इस नए उत्पाद के प्रचार-प्रसार के बारे में पूछे जाने पर एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी मरगंक परांजपे ने कहा कि यह काफी कम लागत का उत्पाद है, हालांकि शुरआत में हम इस पर दिसंबर तक किसी तरह का लेनदेन शुल्क नहीं लेंगे।

अन्य जिंसों के विकल्प कारोबार के बारे में पूछे जाने पर परांजपे ने कहा कि सेबी के नियम के अनुसार सिर्फ उन जिंसों में विकल्प कारोबार की अनुमति दी जा सकती है जिनमें एक निश्चित मात्रा में कारोबार होता है। हमारे पास ऐसे 7-8 जिंस हैं। मसलन कपास, सीपीओ, कच्चा तेल, चांदी, जस्ता और तांबा। एमसीएक्स के चेयरमैन सौरभ चंद्र ने इसे एक प्रमुख सुधार बताया। उन्होंने कहा कि विकल्प से बाजार की मूल्य खोज प्रक्रिया अधिक दक्ष हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार और सेबी द्वारा जिंस बाजारों को चरणबद्ध तरीके से एकीकृत करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं।

बाजार को और मजबूत करने के लिए नीति आयोग में एक समिति भी गठित की गई है जिससे हाजिर और डेरिवेटिव्स बाजारों का एकीकरण किया जा सके। इस मौके पर वित्त सचिव अशोक लवासा, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार विवेक देवरॉय, एमसीएक्स के चेयरमैन सौरभ चंद्रा और एमसीएक्स के निदेशक और मुख्य कार्यकारी मरगंक परांजपे मौजूद थे। एमसीएक्स देश का प्रमुख जिंस एक्सचेंज है और इसकी बाजार हिस्सेदारी 90% से अधिक है। सोना, मूल धातु और ऊर्जा क्षेत्र में एक्सचेंज की बड़ी मौजूदगी।

5paisa ऐप ने बनाया Commodity Market की ट्रेडिंग को अब और भी आसान, कोई भी कमा सकता है घर बैठे लाखों रुपए

शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में खरीद-बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है।

ब्रांड डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक व्यक्ति हर दिन अपनी जरूरत की वस्तुओं को खरीदता है। कई बार हम जरूरत की चीजों का ही व्यापार भी करते हैं। लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि ऐसी ही वस्तुओं की खरीदी व बिक्री करके महीने में लाखों रुपए कमा सकें और इसके लिए आपको कहीं आना-जाना भी न पड़े। इस बात को सुनकर हमारे दिमाग में कई तरह के संशय भी आते हैं। क्या ऐसा कौन कर सकता है? क्या इसके लिए पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी है? घर बैठे पैसा कमाने के इस आसान तरीके को समझाएगा कौन? इसके बारे में विस्तार से जानकारी कहां से मिलेगी?

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अगर आपके मन में भी इस तरह के सवाल आ रहे हैं तो इन सभी प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए और घर बैठे लाखों कमाने की स्किल्स सीखने के लिए केवल मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर पर जाकर 5paisa App डाउनलोड करना होगा।

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आमतौर पर हम सब रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं, वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीदा व बेचा जाता है। शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) के नाम से जानते हैं। यह प्रक्रिया कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करने से थोड़ी भिन्न होती है। हालांकि कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट पर निर्भर करती है। इनमें कीमती वस्तुओं से लेकर मिर्च मसाले तक का व्यापार किया जा सकता है।

Keep these things in mind for long term investment

●कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम।

●बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम।

●एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन।

●मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च।

●अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना।

कैसे आम इंसान के लिए भी लाभदायक है यह बाजार

1.भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। इसमें छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशक भी कम राशि के मार्जिन मनी से कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं।

Stock Market Investment: what is stop loss order

2.किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है।

3.कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है।

4.कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है।

जान लीजिए भारत में हैं कुल कितने कमोडिटी एक्सचेंज?

भारत में 22 कमोडिटी एक्सचेंज हैं जो फॉरवर्ड मार्केट कमीशन के तहत स्थापित किए गए हैं। भारत में ट्रेडिंग के लिए नीचे दिए गए कमोडिटी एक्सचेंज लोकप्रिय विकल्प हैं। इनमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NMCE) और राष्ट्रीय कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (NCDEX) सबसे अधिक महत्वपूर्ण कमोडिटी एक्सचेंज हैं।

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