Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor - December 07, 2022 https://t.co/n8XlBguWt0 — ReserveBankOfIndia (@RBI) December 7, 2022
RBI Monetary Policy 2022, आरबीआई ने एक बार फिर बढ़ाया रेपो रेट, 0.35% बढ़कर 6.25% किया
RBI Monetary Policy 2022 : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 3 दिनों तक चले मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के बैठक के बाद रेपो रेट को एक बार फिर बढ़ाने की घोषणा की है, आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी करने की घोषणा कर दी है, अब आरबीआई की रिपोर्ट पढ़कर 6.25 परसेंट हो गई है, इसके पहले आरबीआई ने अक्टूबर और अगस्त में भी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया था। मई के महीने में हुई एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाकर 4.90% किया गया था। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर ने मीटिंग के बाद क्या कहा है और रेपो रेट को लेकर उनके क्या विचार हैं, अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा है
आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट की बढ़ोतरी की घोषणा की है साथ ही कहा है कि अगले 4 महीने में महंगाई दर बने रहने की संभावना है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 ने रेपो रेट को बढ़ाने के फैसले को सपोर्ट किया था। आरबीआई गवर्नर की लिक्विडिटी क्या है? घोषणा करते हुए कहा कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों की मांग में सुधार दिख रहा है।
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आरबीआई गवर्नर कहा है कि फाइनेंशिल ईयर 2023 में जीडीपी ग्रोथ 6.8% हो सकता है, इसके अलावा आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है की फाइनेंशियल ईयर 2023 के पहली तिमाही में सीपीआई 5 परसेंट रह सकती है। Free Daily Current Affair Quiz-Attempt Now with exciting prize
आरबीआई रेपो रेट नतीजन, विभिन्न दरें निम्नानुसार हैं-
रेपो रेट 6.25%
स्थायी जमा सुविधा (fixed deposit facility)-6.00%
सीमांत स्थायी सुविधा दर (marginal standing facility rate) - 6.50%
बैंक दर (Bank rate)- 6.50%
फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट (fixed reverse repo rate) 3.35%
नकद आरक्षित अनुपात (cash reserve ratio) - 4.50%
वैधानिक तरलता अनुपात (statutory liquidity ratio) -18.00%
3 दिन के बैठक के बारे में
एक्सपर्ट के मुताबिक रिटेल मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत एवं वृद्धि को आगे बढ़ाने की आवश्यकता के बीच आरबीआई अपने आने वाली मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा में रेपो रेट में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी का ऑप्शन है। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई शुरू से ही मौद्रिक नीति समिति एमपीसी की 3 दिवसीय लिक्विडिटी क्या है? बैठक के बाद 7 दिसंबर बुधवार को अपनी अगली द्विमासिक पॉलसी को पेश की है। GK Capsule Free pdf - Download here
रेपो रेट क्या है
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक कर्ज से ग्राहकों को ऋण देता है, बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रोवाइड करते हैं, रेपो रेट कम होने का मतलब है ग्राहक अब कम दाम में लोन या कर्ज ले सकेंगे, आसान भाषा में कहें तो सस्ते दामों पर कर्ज लेना रेपो रेट कहलाता है।
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RBI लिक्विडिटी क्या है? Repo Rate Hike: महंगाई पर कंट्रोल के लिए, आरबीआई ने फिर बढ़ाया रेपो रेट, जानें क्या होता है रेपो रेट?
RBI Repo Rate Hike: मोनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद में वर्तमान और उभरती आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, RBI ने रेपो रेट को 35 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.25% कर दिया है. रेपो रेट में यह लगातार पाँचवीं बार बढ़ोत्तरी की गयी है.
RBI Repo Rate Hike: मोनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद में वर्तमान और उभरती आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर, RBI ने रेपो रेट को 35 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.25% कर दिया है. रेपो रेट में यह लगातार पाँचवीं बार बढ़ोत्तरी की गयी है.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मोनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की घोषणाएं करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 23 के वास्तविक जीडीपी पूर्वानुमान को घटाकर 6.8% कर दिया गया लिक्विडिटी क्या है? है, जो कि विश्व बैंक द्वारा कल जारी संशोधित अनुमानों से 0.1% कम है.
एमपीसी की अगली बैठक 6-8 फरवरी, 2023 के दौरान निर्धारित की गयी है. जिसमे आर्थिक स्थिति के आकलन के बाद फिर से रेपो रेट पर निर्णय लिया जायेगा.
Central bank's action in line with market expectations, says RBI Governor Shaktikanta Das after 35 bps hike in repo rate
— Press Trust of India (@PTI_News) December 7, 2022
RBI ने वृद्धि के पीछे क्या कारण बताया?
मोनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में बढ़ती महगाई पर लगाम लगाने के लिए यह बढ़ोत्तरी की गयी है. पिछले सात महीनों में RBI की ओर से यह पांचवीं वृद्धि है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति के आकलन के बाद यह वृद्धि की गयी है.
यह वृद्धि liquidity adjustment facility (LAF) के तहत की गयी है. जो तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी है. गवर्नर शक्तिकांत दास, डॉ. शशांक भिडे, डॉ. आशिमा गोयल, डॉ. राजीव रंजन, और डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा ने वृद्धि के पक्ष में वोट किया जबकि प्रो. जयंत आर. वर्मा ने रेपो रेट वृद्धि के खिलाफ वोट किया था.
RBI ने बढ़ोत्तरी के पीछे के कारण को बताते हुए कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी के वर्तमान आंकलन और साथ ही साथ डोमेस्टिक इकोनॉमी की स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
रेपो रेट वृद्धि का क्या होगा प्रभाव:
रेपो रेट में RBI की ओर से की गयी वृद्धि का असर लोन महंगे होंगे साथ ही साथ लोगों द्वारा जमा की जा रही EMI भी महंगी होगी. इस बढ़ोत्तरी के बाद बैंक की ब्याज दरें भी बढ़ जायेंगे जिनका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा.
Statement by Shri Shaktikanta Das, RBI Governor - December 07, 2022 https://t.co/n8XlBguWt0
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 7, 2022
रेपो रेट क्या है?
रेपो रेट, वह रेट होता है जिस किसी देश का केन्द्रीय बैंक, कमर्शियल बैंको को ऋण देता है. भारत के रिफरेन्स में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कमर्शियल बैंको को पैसा उधार देते समय लगाया गया रेट है. शब्द 'REPO' टेक्निकल रूप से 'पुनर्खरीद विकल्प' (Repurchasing Option) या 'पुनर्खरीद समझौते' (Repurchase Agreement) के लिए होता है.
नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान, इस दिन लॉन्च होगा देश का पहला लिक्विडिटी क्या है? श्योरिटी बॉन्ड बीमा प्रोडक्ट, मिलेंगेे ये फायदे
नई दिल्ली। Surety Bond Insurance Product: भारत के केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी हाल ही में घोषणा की है कि जल्द ही देश का पहला श्योरिटी बॉन्ड बीमा प्रोडक्ट मिलने वाला है। जो लोग इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काम करते है, उनको इससे काफी मदद मिलेगी। इस बारे में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा कि, देश का पहला श्योरिटी बॉन्ड बीमा प्रोडक्ट 19 दिसंबर 2022 को लॉन्च किया जाएगा।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लिक्विडिटी बढ़ेगी
Surety Bond Insurance Product: मंत्री गडकरी ने सीआईआई के ग्लोबल इकोनॉमिक समिट को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह प्रोडक्ट ठेकेदारों के लिए काफी मददगार साबित होगा। इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि इससे बैंक में फंसी वर्किंग कैपिटल आजाद हो जाएगी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लिक्विडिटी बढ़ेगी जो बैंक गारंटी में फंसी हुई है। उन्होंने कहा कि इस फंड का इस्तेमाल ठेकेदारों के कारोबार को बढ़ाने में किया जा सकता है।
उचित प्रोडक्ट बनाने की उम्मीद
Surety Bond Insurance Product: मंत्री गडकरी ने कहा कि मंदी की प्रवृत्ति को हल करने के समाधान के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने का समय आ गया है। बैंक छोटी निर्माण इकाइयों से 50 फीसदी तक कैश मनी मार्जिन मांगते हैं। यह बैंक गारंटी के रूप में समाप्त होता है। इस बीमा बॉन्ड के लिए लगने वाले प्रीमियम से इसे उचित प्रोडक्ट बनाने की उम्मीद है। मंत्री गडकरी ने भी कहा कि, उनका मंत्रालय जल्द ही भारत का पहला ऐसा इंश्योरेंस स्कीम भी लॉन्च करेगा, जो कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए गारंटी मुहैया कराएगा।
इस दिन लॉन्च होगा देश का पहला श्योरिटी बॉन्ड बीमा प्रोडक्ट
Surety Bond: भारत के केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी हाल ही में घोषणा की है कि जल्द ही देश का पहला श्योरिटी बॉन्ड बीमा प्रोडक्ट मिलने वाला है। जो लोग इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काम करते है, उनको इससे काफी मदद मिलेगी। इस बारे में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा कि, देश का पहला श्योरिटी बॉन्ड बीमा प्रोडक्ट 19 दिसंबर 2022 को लॉन्च किया जाएगा।
मंत्री गडकरी ने सीआईआई के ग्लोबल इकोनॉमिक समिट को संबोधित करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह प्रोडक्ट ठेकेदारों के लिए काफी मददगार साबित होगा। इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि इससे बैंक में फंसी वर्किंग कैपिटल आजाद हो जाएगी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लिक्विडिटी बढ़ेगी जो बैंक गारंटी में फंसी हुई है। उन्होंने कहा कि इस फंड का इस्तेमाल ठेकेदारों लिक्विडिटी क्या है? के कारोबार को बढ़ाने में किया जा सकता है।
उचित प्रोडक्ट बनाने की उम्मीद
Surety Bond: मंत्री गडकरी ने कहा कि लिक्विडिटी क्या है? मंदी की प्रवृत्ति को हल करने के समाधान के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने का समय आ गया है। बैंक छोटी निर्माण इकाइयों से 50 फीसदी तक कैश मनी मार्जिन मांगते हैं। यह बैंक गारंटी के रूप में समाप्त होता है। इस बीमा बॉन्ड के लिए लगने वाले प्रीमियम से इसे उचित प्रोडक्ट बनाने की उम्मीद है। मंत्री गडकरी ने भी कहा कि, उनका मंत्रालय जल्द ही भारत का पहला ऐसा इंश्योरेंस स्कीम भी लॉन्च करेगा, जो कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए गारंटी मुहैया कराएगा।
पेटीएम का शेयर ‘बायबैक’ प्लान, जानिए निवेशकों को क्या होगा फायदा
Paytm Share Buyback: पेटीएम की पैरेंट कंपनी की ओर से शेयर बाजार से कहा गया है कि वह उसके इक्विटी शेयर बायबैक प्रस्ताव पर विचार करेगी. वन97 कम्युनिकेशंस के अनुसार, प्रबंधन का मानना है कि कंपनी की मौजूदा तरलता/वित्तीय स्थिति को देखते हुए, बायबैक हमारे शेयरधारकों के लिए एक लाभदायक सौदा हो सकता है। पेटीएम का आईपीओ फ्लॉप होने के करीब एक साल बाद पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस शेयर बायबैक की योजना बना रही है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि 13 दिसंबर को निदेशक मंडल की बैठक में शेयर बायबैक के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. आपको बता दें लिक्विडिटी क्या है? कि कंपनी के पास फिलहाल करीब 9,182 करोड़ रुपए की लिक्विडिटी है।
पेटीएम ने शेयर बाजार को दी जानकारी
पेटीएम की मूल कंपनी की ओर से शेयर बाजार से कहा गया है कि वह अपने इक्विटी शेयरों के बायबैक के प्रस्ताव पर विचार करेगी। वन97 कम्युनिकेशंस के अनुसार, प्रबंधन का मानना है कि कंपनी की मौजूदा तरलता/वित्तीय स्थिति को देखते हुए, बायबैक हमारे शेयरधारकों के लिए एक लाभदायक सौदा हो सकता है।
शेयर बायबैक क्या है?
पहले यह समझ लें कि पेटीएम अपने शेयरधारकों को राहत देने के लिए बायबैक पर विचार कर रही है। आम तौर पर शेयर बायबैक के तहत कोई कंपनी अपने निवेशकों से उसके प्रीमियम मूल्य पर शेयर खरीदती है। शेयर बायबैक बाजार में तरलता को संतुलित करने के लिए कॉरपोरेट कार्रवाई का हिस्सा है।
शेयर बायबैक से पेटीएम निवेशकों को कैसे फायदा होगा?
डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी पेटीएम का आईपीओ साल 2021 में लॉन्च हुआ था। जिसके बाद शेयर बाजार में इसकी लिस्टिंग कमजोर रही थी. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि लिक्विडिटी क्या है? पेटीएम का आईपीओ पिछले एक दशक का सबसे फ्लॉप आईपीओ निकला। शेयर का अभी तक निर्गम मूल्य रु. 2,150 रुपए प्रति शेयर पर नहीं पहुंच सके। इश्यू प्राइस के बाद से कंपनी के शेयरों में 75 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है।
वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही के क्या कहते हैं पेटीएम के आंकड़े?
वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में पेटीएम का घाटा बढ़कर रु. 571 करोड़ हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का घाटा रु. 472.90 करोड़, जबकि पहली तिमाही में कंपनी का घाटा रु. 650 करोड़। इस अवधि के दौरान, कंपनी का समेकित राजस्व पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 76 प्रतिशत बढ़कर रु. 1,914 करोड़।
इससे पहले सितंबर 2021 तिमाही में यह 1086 करोड़ रुपए था। मंथली रेवेन्यू की बात करें तो जून 2022 तिमाही के मुकाबले कंपनी के रेवेन्यू में 14% की बढ़ोतरी हुई है। पेटीएम के समेकित राजस्व में वृद्धि का श्रेय मर्चेंट सब्सक्रिप्शन आय में वृद्धि को दिया गया है।
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