जोखिम चेतावनी: फोरेक्स और लिवरेज किए गए वित्तीय इंस्ट्रूमेंट की ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण जोखिम हैं और इससे आपकी निवेश की गई पूंजी का नुकसान हो सकता है। आप जितनी हानि उठाने की क्षमता रखते हैं उससे अधिक का निवेश न करें और आपको इसमें शामिल जोखिम अच्छी तरह समझना सुनिश्चित करना चाहिए। लेवरिज्ड प्रोडक्ट की ट्रेडिंग सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती। ट्रेडिंग शुरु करने से पूर्व, कृपया अपने अनुभव का स्तर, निवेश उद्देश्य पर विचार करें और यदि आवश्यक हो तो स्वतंत्र वित्तीय सलाह प्राप्त करें। क्लायंट के निवास के देश में कानूनी अपेक्षाओं के आधार पर FXTM ब्रांड की सेवाओं का प्रयोग करने की अनुमति है अथवा नहीं, यह निर्धारित करना फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है क्लायंट की स्वयं की जिम्मेदारी है। कृपया FXTM का पूरा जोखिम प्रकटीकरण पढ़ें.
स्क्रैच से फॉरेक्स ब्रोकर कैसे बनाएं?
फ़ोरेक्ष और क्रिप्टोकरेंसी बाजार लाभ कमाने के कई अवसर पेश करते हैं। कई उद्यमी और स्टार्ट-अप तेजी से तरीकों की तलाश में हैं कि बिटकॉइन ब्रोकरेज कैसे शुरू करें या फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनाएं। जबकि कोई भी फ़ोरेक्ष ब्रोकर व्यवसाय बना सकता है, इसके लिए धन, समय और फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है प्रयास की आवश्यकता होती है। अपने व्यवसाय को शामिल करने के अलावा, आपको उस देश की कानूनी आवश्यकताओं से परिचित होना चाहिए जहां आप काम करेंगे।
ब्रोकरेज फर्म शुरू करने की प्रक्रिया को नेविगेट करने में आपकी मदद करने के लिए, हमने नीचे दिए गए चरणों की रूपरेखा तैयार की है।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर कैसे बनें?
पर्याप्त स्टार्ट अप पूंजी होने के अलावा, फ़ोरेक्ष ब्रोकर बनाने के लिए आपको कई अन्य घटकों की आवश्यकता होती है। पहला है बाजार पर शोध करना और आपके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के दायरे का निर्धारण करना। क्या आपका प्लेटफॉर्म केवल फिएट ट्रेडिंग का समर्थन करने वाला है या क्या आप क्रिप्टोकरेंसी को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं? यह एक फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है नया और गतिशील बाजार है जो कई व्यापारियों को अपनी अस्थिरता के कारण आकर्षित करता है। मार्जिन ट्रेडिंग के बारे में क्या?
आपके द्वारा चुने गए उत्पादों का दायरा आपकी ब्रोकरेज फर्म के पंजीकरण के स्थान के लिए एक निर्णायक कारक होगा। कुछ क्षेत्राधिकार ब्रोकरेज के प्रति अधिक उदार हैं। चूंकि अलग-अलग देशों में लाइसेंसिंग आवश्यकताएं अलग-अलग हैं, इसलिए आमतौर पर अपतटीय क्षेत्रों और क्रिप्टो-फॉरवर्ड देशों जैसे एस्टोनिया, साइप्रस और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह की ओर देखने की सिफारिश की जाती है।
फ़ोरेक्ष ब्रोकर क्यों बनें?
फ़ोरेक्ष ब्रोकरेज शुरू करने से निष्क्रिय आय अर्जित करने के लिए एक नया स्थान खुल सकता है। फ़ोरेक्ष और क्रिप्टो बाजार लाभ के लिए बड़ी संभावनाओं के साथ बहुत प्रतिस्पर्धी और गतिशील हैं।
यदि आप ब्रोकरेज फर्म शुरू करने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं, तो एक व्हाइट लेबल पार्टनर एक बेहतर विकल्प हो सकता है जब आप अभी शुरुआत कर रहे हों। एक नई ब्रोकरेज के लिए, इसका मतलब है कम परिचालन खर्च, कानूनी आवश्यकताओं में ढील और एक तेज सेट अप प्रक्रिया। पहले महीनों में, जब आप अभी भी एक ग्राहक आधार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो व्हाइट लेबल पार्टनर सभी व्यापारिक कार्यों को संभालेगा। एक बार जब आप अपना ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित कर लेते हैं, तो आप संचालन और लाभ पर पूर्ण नियंत्रण लेने के बारे में सोचना शुरू कर सकते हैं। एक ब्रांड और ग्राहक आधार स्थापित करने के बाद, आपके ब्रोकरेज के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण प्राप्त करना बहुत आसान है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है?
चाहे आपको यूरो को डॉलर्स से एक्सचेंज करना हैं या फिर डॉलर को रुपए से, ये सब फोरेक्स ट्रेडिंग का ही हिस्सा है. फोरेक्स ट्रेडिंग करेंसी एक्सचेंज के लिए ग्लोबल मार्किट में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है.
इसमें आप किसी भी देश की करेंसी एक्सचेंज करके पैसा कमा सकते है बशर्ते उस देश की करेंसी रेट क्या चल रहा है. जैसे कि आप जानते है भारत में रुपए का रेट डॉलर से कम फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है रहता है तो अगर आप आज डॉलर खरीद कर कुछ समय बाद डॉलर का रेट बढ़ने के बाद बेचते है तो आपको अच्छा मुनाफा होगा.
फोरेक्स ट्रेडिंग आज के समय में 5.3 ट्रिलियन फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है डॉलर के रोजाना लेन-देन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा फाइनैंशल मार्केट बन चूका है.
क्या आप जानते है फॉरेक्स ट्रेडिंग काम कैसे करती है ?
आपकी जानकारी के लिए बता दे फॉरेक्स ट्रेडिंग और इक्विटी ट्रेडिंग में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है. केवल इक्विटी ट्रेडिंग में कमाई या नुकसान के लिए शेयर का मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है। तो वहीँ फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग में एक्सचेंज मूल्य निर्णायक भूमिका में होता है।
अगर किसी व्यक्ति को फॉरेक्स ट्रेडिंग से कमाई करनी है तो वह अपने अनुभव और जानकारी के बलबूते और कोई भी मुद्रा खरीदकर बिज़नस कर सकता है.
भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग लीगल होने के बाद कई तरह के प्लेटफार्म आ चुके है जहाँ पर कोई भी व्यक्ति फोरेक्स ट्रेडिंग कर सकता है और आधिक से आधिक मुनाफा कमा सकता है जिनमे से MT4 भी फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है एक है. इस पर ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान है.
चलिए, एक उदाहरण से समझते है:-
मन लीजिये, निखिल चाहता है कि बढ़ती हुई डॉलर की कीमतों से कुछ मुनाफ़ा कमाया जाए जिससे कि उसकी अच्छी एक्स्ट्रा इनकम हो जाए.
फोरेक्स में ट्रेडिंग की शुरुआत कैसे करे
पहले भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग करना आसान नहीं था लेकिन भारत में फोरेक्स ट्रेडिंग लीगल होने के बाद भारत के लोगो के लिए ट्रेडिंग करना आसान हो गया है. लेकिन अभी भी भारतीय रिज़र्व बैंक ने फोरेक्स ट्रेडिंग फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है करने के लिए काफी शर्ते व नियम लागू किये हुआ है.
चलिए, आपको बताते है कि फोरेक्स ट्रेडिंग कैसे कर सकते है:-
- अगर आप फोरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो इसके लिए फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है सबसे जरुरी है कि सबसे पहले आप किसी SEBI रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवा ले.
- ध्यान रहे, ट्रेडिंग अकाउंट रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास ही खुलवाए.
- ट्रेडिंग अकाउंट किसी डिस्काउंट ब्रोकर के पास ही खुलवाएं क्यूंकि यहाँ पर चार्जेज काफी कम लगते है.
- भारत में करेंसी फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है ट्रेडिंग डेरिवेटिव्स मार्किट यानी फ्यूचर एंड आप्शन में होती है.
- NSE करेंसी ट्रेडिंग सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक करवाती है.
- ये बात ध्यान रखे कि किसी भी करेंसी का रेट देश में चल रही घटनाओं पर आधारित होता है जैसे ब्याज दर, GDP, महंगाई दर, बेरोज़गारी, राजनैतिक स्थिरता या अन्य कोई आकस्मिक घटना,
‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग
ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.
ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.
अपना रिसर्च करें
शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.
अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)
फॉरेक्स ट्रेडिंग के कुछ टिप्स -
जैसे कि हमने ऊपर पढ़ा है कि फॉरेक्स ट्रेडिंग बिल्कुल स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही होती है फर्क बस इतना होता है कि शेयर बाजार में प्रॉफिट या लॉस shares के प्राइस पर निर्भर करता है वहीं पर फॉरेक्स ट्रेडिंग में उस करंसी के एक्सचेंज पर निर्भर करता है जैसे कि आपको पता होगा कि शेयर बाजार में कभी आपको प्रॉफिट होता है तो कभी नुकसान भी होता है ठीक उसी प्रकार यहां भी होता है कभी आपको प्रॉफिट तो कभी लोग भी हो सकता है। यहां हम आपको कुछ सफल फॉरेक्स ट्रेडिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आप फॉलो करके कुछ अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं
- Forex trading करने से पहले आपको इसके विषय में जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है
- फॉरेक्स मार्केट सप्ताह में 5 दिन 24 घंटे तक खुला रहता है भारत में यहां 5:00 बजे तक बंद हो जाता है इसलिए यहां आपको इंटरडे ग्रेड से थोड़ा बचना चाहिए
- किसी भी प्रकार की स्कीम से बचना चाहिए और अपना अकाउंट सेबी फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है रजिस्टर्ड बुकिंग कंपनी से ही ओपन कर आना चाहिए
- प्रतीक ट्रेडिंग में आपको स्टॉपलॉस लगाना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यहां आपको बड़े लॉस से बचाता है
- और जिस दिन आप ट्रेड लगाते हैं उस समय से उस मार्केट का फॉलो करना चाहिए
- अपनी आवश्यकता अनुसार ट्रेडिंग कभी भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इसमें लॉस होने का chance भी अधिक होता है जब भी मार्केट अच्छा movementom होता है उस समय आपको ट्रेड करना चाहिए
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फॉरेक्स टाइम लिमिटेड (www.forextime.com/eu) साइप्रस प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा विनियमित है, जिसका CIF लाइसेंस नंबर है 185/12, तथा यह फॉरेक्स ट्रेडिंग क्या है दक्षिण अफ्रीका के फाइनेंशियल सेक्टर कंडक्ट अथॉरिटी (FSCA) द्वारा लाइसेंस प्राप्त है और इसका FSP नंबर 46614 है। यह कंपनी यूके के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी के साथ रजिस्टर्ड है, जिसका नंबर 600475 है।
ForexTime (www.forextime.com/uk) फाईनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी द्वारा लाइसेंस नंबर 777911 के अंतर्गत अधिकृत और विनियमित है।
Exinity Limited (www.forextime.com) मॉरीशस गणराज्य के वित्तीय सेवा आयोग द्वारा विनियमित निवेश डीलर है, जिसकी लाइसेंस संख्या C113012295 है।
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