लिंडे इंडिया का स्टॉक गिरावट में खरीदने वाला और लंबी अवधि का है: शोमेश कुमार की सलाह
राजीव बंसल: लिंडे इंडिया (Linde India) में लंबी अवधि में निवेश को लेकर क्या सलाह है ?
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार : लिंडे इंडिया का स्टॉक काफी महँगा स्टॉक है। इसे दो-तीन साल के नजरिये शेयर या स्टॉक कैसे ख़रीदे? से खरीदना अच्छा रहेगा। इससे कम समय में यह स्टॉक आपको तकलीफ दे सकता है। इसे 100 डीएमए निकाल लेने के बाद इसमें 10% का स्टॉप लॉस लगाकर इसे ले सकते हैं। मुझे लगता है यह 3800 के स्तर तक भी जा सकता है। इस कंपनी के पिछली तिमाही के नतीजे अच्छे रहे थे, इस तिमाही के नतीजे भी अच्छे आ जाते हैं तो इसकी वैलुएशन और अच्छी हो जायेगी। यह गिरावट में खरीदने वाला और अच्छा स्टॉक है।
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FPI Inflow: विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार पर जताया भरोसा, दिसंबर में अबतक 4500 करोड़ से अधिक किया निवेश
FPI Inflows In Equities: इससे पहले सितंबर और अक्टूबर में विदेशी निवेशकों की शेयर बाजार में बिकवाली देखी गई थी. उन्होंने अक्टूबर में शेयर बाजार से आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये के भारतीय शेयर बेचे थे.
FPI ने शेयरों के अलावा डेब्ट या बॉन्ड मार्केट में 2,467 करोड़ रुपये डाले हैं.
FPI In Indian Capital Market: भारतीय शेयर बाजारों (Share Market) में विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) के निवेश का सिलसिला जारी है. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने इस महीने यानी दिसंबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पिछले महीने यानी नवंबर में भी एफपीआई (FPI) ने 36,200 करोड़ रुपये की खरीद की थी. बता दें कि डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) में गिरावट के बीच विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों की लगातार खरीद कर रहे हैं.
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हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) के ब्याज दरों (Interest Rate) पर निर्णय से पहले पिछले चार सत्रों में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 3,300 करोड़ रुपये निकाले हैं.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि शेयर या स्टॉक कैसे ख़रीदे? आगे चलकर एफपीआई सिर्फ कुछ अच्छा प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में मामूली खरीद करेंगे. वहीं, ऐसे क्षेत्रों में वे मुनाफा काटेंगे जहां वे लाभ में हैं. उन्होंने कहा कि चीन और दक्षिण कोरिया जैसे सस्ते बाजारों में एफपीआई अधिक पैसा लगा सकते हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से नौ दिसंबर के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयरों (FPI Inflows In Equities) में शुद्ध रूप से 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले नवंबर में भी उन्होंने 36,239 करोड़ रुपये की खरीद की थी. वहीं , इससे पहले सितंबर और अक्टूबर में विदेशी निवेशकों की शेयर बाजार में बिकवाली देखी गई थी. उन्होंने अक्टूबर में शेयर बाजार से आठ करोड़ रुपये की निकासी की थी. जबकि सितंबर में भी उन्होंने 7,624 करोड़ रुपये शेयर या स्टॉक कैसे ख़रीदे? के शेयर बेचे थे.
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले चार सत्रों में एफपीआई की बिकवाली की वजह संभवत: फेडरल रिजर्व की आगे होने वाली बैठक है. इस साल फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की अंतिम बैठक 13-14 दिसंबर को होगी.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार,गुरुवार के कारोबारी सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशक (FPI) शुद्ध बिकवाल बने रहे. उन्होंने गुरुवार को 1,131.67 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर भारतीय शेयर (FPI In Indian Capital Market) शेयर या स्टॉक कैसे ख़रीदे? बेचे हैं.
इस अवधि के दौरान एफपीआई ने शेयरों के अलावा डेब्ट या बॉन्ड मार्केट में 2,467 करोड़ रुपये डाले हैं. वहीं, इस महीने अन्य उभरते बाजारों जैसे फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाइलैंड और इंडोनेशिया में एफपीआई का प्रवाह नकारात्मक रहा है.
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