India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.
Indian Digital Currency जल्द आ रही है, नाम होगा ‘डिजिटल रुपया’
नई दिल्ली। क्रिप्टो (Crypto) या डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर दुनियाभर में दीवानगी है और भारत में भी 1 अप्रैल से Indian Digital शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में इसका देशी संस्करण पेश किया जाएगा, जो फिजिकल फॉर्म से प्रचलित मुद्रा के डिजिटल फॉर्म को प्रतिबिंबित करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक ‘डिजिटल रुपया’ नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी किया जाएगा और इसे फिजिकल करेंसी के साथ बदला जा सकेगा।
CBDC इस सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी (CBDC) को नियंत्रित करने वाले रेगुलेशन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. सीबीडीटी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, लेकिन इसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। निजी डिजिटल मुद्राएं किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है. वे निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं.आरबीआई प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध कर रहा है, बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल इकोनॉमी को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी।
टैक्स लगाने से क्या हो गई है क्रिप्टोकरेंसी लीगल, जानिए निर्मला सीतारमण ने दिया कैसा जवाब
बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को संसद के चालू बजट सत्र (Current Budget Session) के दौरान कहा कि सरकार के पास क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन (Cryptocurrency Transaction) से होने वाले बेनिफिट पर टैक्स लगाने का सॉवरेन राइट है, और भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने या न करने पर फैसला विचार-विमर्श के बाद बाद में आएगा। उन्होंने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्चुअल एसेट्स पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि सरकार इसे वैध कर रही है। इस स्तर पर इसे वैध बनाने या प्रतिबंधित करने के लिए कुछ भी नहीं कर रहा है," सीतारमण ने वर्चुअल एसेट्स से लाभ पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के निर्णय पर राज्यसभा में बजट बहस का जवाब दिया।
लगाया जाएगा 30 फीसदी टैक्स
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान वर्चुअल एसेट्स से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी की समान दर से कर लगाने के प्रस्ताव की घोषणा की थी, भले ही व्यक्ति की आयकर स्लैब दर कुछ भी हो। इसके अलावा, एक निश्चित सीमा से अधिक ऐसी संपत्ति के हस्तांतरण पर सोर्स पर 1 फीसदी कर (टीडीएस) काटा जाएगा। साथ ही, ऐसी संपत्तियों में लेनदेन से आय की गणना करते समय किसी भी व्यय या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसने यह भी निर्दिष्ट किया है कि वर्चुअल एसेट्स के ट्रांसफर से होने वाले नुकसान को किसी अन्य आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आरबीआई जारी करेगी डिजिटल करेंसी
सीतारमण ने 2022-23 से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए डिजिटल मुद्रा या डिजिटल रुपया पेश करने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था को बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत बढ़ावा देने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत की गई है, जिससे अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत प्रणाली को बढ़ावा मिला है।
सिर्फ आरबीआई की डिजिटल करेंसी को दी जाएगी मान्यता
FM सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पोस्ट बजट में कहा था कि RBI जो जारी करेगा वह एक डिजिटल मुद्रा है। इसके बाहर जो कुछ भी प्रचलित है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई जा रही संपत्ति है और हम उन परिसंपत्तियों के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी कर लगा रहे हैं। 1 फरवरी को उन्होंने कहा कि केवल आरबीआई द्वारा जारी 'डिजिटल रुपया' को ही डिजिटल मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी।
भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए खतरा है क्रिप्टोकरेंसी
डिटिजल युग में क्रिप्टो करेंसी को वैश्विक मुद्रा व्यवस्था में डॉलर का विकल्प माना जा रहा है किंतु क्रिप्टो करेंसी को लेकर कई तरह की कठिनाइयां सामने आ रही हैं। कुछ दिनों पहले ही क्रिप्टो करेंसी के निवेशकर्ताओं को एक बड़े प्लेटफार्म पर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। वहीं, अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्रीय बैंक की गंभीर चिंताओं को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बीते गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा बताया है। बता दें कि WazirX – भारत में क्रिप्टो करेंसी (एक डिज़िटल मुद्रा) के तौर पर विशेष रूप से BITCOIN का उपयोग सर्वाधिक किया जाता है, जबकि वैश्विक स्तर पर लगभग 57 फीसदी देश इस डिजिटल मुद्रा का उपयोग करते हैं।
क्रिप्टो बन सकता है वित्तीय खतरा
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि क्रिप्टोकरेंसी में कोई अंतर्निहित संपत्ति (underlying asset) नहीं है। शक्तिकांत दास ने नीतिगत दर के निर्णय के बाद कहा ,“जहां तक क्रिप्टोकरेंसी का सवाल है, आरबीआई का रुख बहुत स्पष्ट है। निजी क्रिप्टोकरेंसी हमारी वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं। वे वित्तीय स्थिरता से संबंधित मुद्दों बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत से निपटने के लिए आरबीआई की क्षमता को कमजोर करेंगे। मुझे लगता है कि निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि जब वे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हों, तो उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं।”
शक्तिकांत दास की टिप्पणी क्रिप्टोकरेंसी उद्योग के लिए किसी झटके से कम नहीं है। हाल ही में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में लगाए गए नए कर से क्रिप्टो उद्योग जूझ रहा था। दरअसल, बजट में निजी क्रिप्टोकरेंसी और अपूरणीय टोकन पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव रखा था। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक डिजिटल परिसंपत्ति के लेनदेन पर एक प्रतिशत पर कर कटौती (TDS) लगाया जाना है। वहीं, शक्तिकांत दास ने केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की शुरुआत के लिए कोई समयसीमा देने से इनकार कर दिया। शक्तिकांत दास ने कहा “हम CBDC पर समयरेखा नहीं दे सकते। लेकिन मैं यह बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत कह सकता हूं कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह बहुत सावधानी से कर रहे हैं। हमें साइबर सुरक्षा और जालसाजी जैसे जोखिमों को ध्यान में रखना होगा। इसलिए, हम सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं और समयरेखा नहीं दे सकते हैं।”
भारत अपनी डिजिटल मुद्रा को लेकर है प्रयासरत
RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के थोक और खुदरा दोनों मॉडल पर काम चल रहा था। उन्होंने कहा, “जब CBDC की बात आती है तो हम किसी बाहरी एजेंसी के साथ काम नहीं कर रहे हैं। हम अपने पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) में CBDC के साथ काम कर रहे हैं। किसी भी अन्य एजेंसियों के साथ जुड़ने का कोई भी निर्णय बाद में लिया जाएगा। हम CBDC के लिए हर संभव तकनीक को आजमाने के लिए तैयार हैं। यह उपयोग के मामले पर निर्भर करता है।” आपको बता दें कि CBDC एक केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप से जारी कानूनी निविदा (Legal Tender) है।
बता दें कि अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने यह भी कहा था कि RBI अगले वित्तीय वर्ष में एक डिजिटल मुद्रा पेश करेगा। बैंक नोट की परिभाषा के तहत केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को शामिल करने के लिए RBI अधिनियम में संशोधन की भी आवश्यकता होगी। वहीं, RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा, “डिजिटल रुपया बिल्कुल सामान्य, भौतिक रुपये जैसा होगा।” उन्होंने कहा, “सेंट्रल बैंक में डिजिटल मुद्रा पर काम चल रहा है। एक बार प्रस्तावित कानून में संशोधन के बाद हम अवधारणा (Accreditation) और प्रायोगिक परियोजनाओं (Pilot Projects) के अपने प्रमाणों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।”
जिस ब्लॉकचेन पर चलता है Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी, उसी पर आधारित RBI की डिजिटल करेंसी: जानिए कैसे करेगा काम
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि 'डिजिटल करेंसी' ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी।
RBI की नई डिजिटल करेंसी इसी साल होगी जारी (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bitcoin.Com)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फरवरी, 2022) को आम बजट पेश करते हुए बताया कि ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ अपनी एक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि ‘सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency)’ को चालू करने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। बताया गया कि डिजिटल करेंसी के माध्यम से एक और अधिक दक्ष और सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था देखने में आएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस डिजिटल करेंसी का निर्माण एवं संचालन ब्लॉकचेन सहित अन्य तकनीकों के जरिए किया जाए। 2022-23 से ही इसे जारी कर दिया जाएगा और RBI इसे चालू करेगा। अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना है तो आप ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में भी जानते होंगे, जिस पर Bitcoin और Ethereum सहित ये सभी कॉइन्स आधारित हैं। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर भी सरकार ने 30% कर वसूलने की बात कही है।
आपके मन में ये सवाल ज़रूर उठ रहा होगा कि ये डिजिटल करेंसी आखिर है क्या? ये CBDC आखिर काम कैसे करेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक CBDC के माध्यम से लीगल टेंडर जारी करेगा। मार्किट में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनमें से कोई भी ‘लीगल टेंडर’ नहीं हैं। अर्थात, मुद्रा के रूप में भारत सरकार ने उन्हें कोई मान्यता नहीं दी है। यह अंतर होगा CBDC और अन्य कॉइन्स में। ये एक ‘फ़िएट’ (Fiat) करेंसी के समान ही होगा, जिसे हम आजकल कागज़ की शक्ल में देखते हैं और प्रयोग करते हैं।
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि ‘डिजिटल करेंसी’ ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी। बजट में डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टो कर की शुरुआत क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और टैक्स चोरी का जिक्र करते हुए आगाह किया है। आप आजकल सर्कुलेशन में जो देखते हैं, उनमें से अधिकतर ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ हैं।
India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.
आखिर ‘डिजिटल करेंसी’ से बदलाव क्या आ जाएगा? लोगों का पूछना है कि इसका लेनदेन कैसे होगा। इन सवालों के जवाब समय के साथ केंद्र सरकार खुद देगी, लेकिन तब तक इतना जान लीजिए कि इसके लेनदेन में समय नहीं लगेगा और ट्रान्जक्शन्स तेजी से होंगे। इसके लिए एक वॉलेट बनाया जा सकता है, या फिर बैंक ही इसकी लेनदेन के लिए खुद को ब्लॉकचेन तकनीक से जोड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि नई प्रौद्योगिकी के प्रति मोदी सरकार के रुझान को भी ये कदम दिखाता है।
Digital Currency ने बनाई पॉकेट में जगह, अब कैश नहीं लगेगा हाथ
Digital Currency: आज से देश में डिजिटल लेनदेन की शुरुआत हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2022 का बजट पेश करते हुए एलान किया हैं कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा। आपको बतादें कि यह सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी होगी। तो आइएं जानते हैं कि आखिर क्या है ये डिजिटल करेंसी-
आप किसी को भी पेमेंट करने के लिए डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। सीबीडीसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखेगा और करेंसी नोट से इसे बदला भी जा सकेगा। ठीक उसी तरह जैसे हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करते हैं या मोबाइल वॉलेट चेक करते है, उसी तरह E-Rupee को इस्तेमाल कर सकेंगे। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी।
यह "ब्लॉकचेन और डिजिटल करेंसी का पूरा नाम “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी” होता है, इसे ई-मुद्रा (E-Currency) के नाम से भी जाना जाता है। डिजिटल करेंसी को हम छू नहीं सकते है, यह सिर्फ आप अपने लैपटॉप, स्मार्टफोन और कंप्यूटर आदि में ही देख सकते है। इसके अलावा आप इसे ऑनलाइन ट्रांसफर भी कर सकते है। जबकि अगर हम बात करें पेपर करेंसी की तो इसे हमें बैंक में जाकर जमा करना होता है। लेकिन डिजिटल करेंसी पूरी तरह से अलग है, यह इंटरनेट के माध्यम से ही कंट्रोल होती है।
क्या है ये CBDC?
CBDC आरबीआई द्वारा जारी की गई एक डिजिटल करेंसी है। सरल शब्दों में कहें तो सीबीडीसी किसी देश का लीगल टेंडर है क्योंकि इसे सेंट्रल बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाता है। यह किसी देश के मॉनिटरी अथॉरिटी द्वारा जारी ऑफिशियल करेंसी का एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या डिजिटल टोकन है।
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