जीवन बीमा पॉलिसी कितने तरह की होती हैं, सही पॉलिसी का चुनाव कैसे करें?
टर्म प्लान का प्रीमियम सबसे कम होता है. इसमें काफी बड़ा कवर कम प्रीमियम में मिल जाता है. पॉलिसी की अवधि के दौरान प्रीमियम फिक्स हो सकता है.
लाइफ इंश्योरेंस प्लान मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं. एक शुद्ध प्रोटेक्शन प्लान होते हैं. दूसरे, बीमा और निवेश दोनों की मिलीजुली पेशकश करते हैं.
- टर्म इंश्योरेंस
यह सबसे सरल बुनियादी प्रोटेक्शन प्लान है जो मौत के जोखिम को कवर करता है. बीमाधारक की किसी अनहोनी में असमय मौत की स्थिति में परिवार या नॉमिनी को एकमुश्त बीमित राशि का पेमेंट किया जाता है. ये प्लान अमूमन 85 साल की उम्र तक होते हैं.
डेथ बेनिफिट
इस तरह के प्लान में बीमाधारक की मौत पर पेमेंट किया जाता है. अगर प्लान की अवधि में बीमाधारक जीवित रहता है तो उन्हें कोई मैच्योरिटी बेनिफिट नहीं मिलता है. हालांकि, रिटर्न ऑफर करने वाले लाइफ प्लान की मांग के चलते एक वैरियंट में मैच्योरिटी पर प्रीमियम की वापसी होती है.
प्रीमियम
टर्म प्लान का प्रीमियम सबसे कम होता है. इसमें काफी बड़ा कवर कम प्रीमियम में मिल जाता है. पॉलिसी की अवधि के दौरान प्रीमियम फिक्स हो सकता है.
टर्म प्लान के प्रकार
1. रेगुलर प्लान
यह शुद्ध प्रोटेक्शन प्लान है. इसमें बीमित व्यक्ति की मौत पर सम एश्योर्ड का पेमेंट होता है.
30 साल के व्यक्ति के लिए 40 साल के 1 करोड़ रुपये के टर्म प्लान पर सालाना प्रीमियम : 11,210 रुपये
2. रिटर्न ऑफ प्रीमियम
रेगुलर प्लान की तरह इसमें पॉलिसीधारक की पॉलिसी अवधि के दौरान मौत होने पर बेनिफिट का पेमेंट किया जाता है. हालांकि, इसमें पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के दौरान जीवित रहता है तो चुकाए गए प्रीमियम का भुगतान किया जाता है. यह अवधि 10-40 साल हो सकती है.
30 साल के व्यक्ति के लिए 40 साल के 1 करोड़ रुपये के टर्म प्लान पर सालाना प्रीमियम : 17,969 रुपये
3. स्टैगर्ड पेमेंट
इस तरह के प्लान में पॉलिसीधारक की मौत होने पर नॉमिनी को डेथ बेनिफिट का एक हिस्सा दिया जाता है. बाकी की रकम धीरे-धीरे 10-20 साल में दी जाती है.
30 साल के व्यक्ति के लिए 15 साल की अवधि में 10 लाख रुपये और 50,000 रुपये मासिक पेमेंट का प्रीमियम : 15,725 रुपये
4. सिंगल प्रीमियम
जो लोग प्लान की पूरी अवधि के दौरान प्रीमियम का भुगतान नहीं करना चाहते हैं, इस विकल्प के साथ वे एकमुश्त पूरा प्रीमियम दे सकते हैं. इस तरह के प्लान का टर्म अमूमन 85 साल होता है.
30 साल के व्यक्ति के लिए 20 साल के 1 करोड़ रुपये के टर्म प्लान पर सालाना प्रीमियम : 1.8 लाख रुपये
5. बढ़ता/घटता प्रीमियम
जैसा कि नाम से पता चलता है कि इसमें सम एश्योर्ड बढ़ या घट सकता है. हालांकि, प्रीमियम में बदलाव नहीं होता है. यह अमूमन रेगुलर प्लान के मुकाबले ज्यादा होता है.
30 साल के व्यक्ति के लिए 1 करोड़ रुपये के बढ़ते टर्म प्लान पर सालाना प्रीमियम : 22,801 रुपये
किसे खरीदना चाहिए?
कोई अगर परिवार में कमाऊ व्यक्ति है जिस पर लोग आश्रित हैं या उस व्यक्ति पर लोन इत्यादि की जिम्मेदारी है तो उसे पॉलिसी जरूर खरीदनी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति कमा नहीं रहा है या फिर रिटायर हो चुका है और उस पर कोई आश्रित नहीं है तो वह इसे नजरअंदाज कर सकता है.
- होल लाइफ इंश्योरेंस
इसे परमानेंट प्लान भी कहा जाता है. यह बेसिक टर्म प्लान से अलग है. यह पूरी जिंदगी या 10 साल के लिए कवर की पेशकश करता है. यह प्लान दो तरह का होता है.
डेथ/ मैच्योरिटी बेनिफिट
बीमित व्यक्ति की मौत होने पर नॉमिनी को एकमुश्त रकम मिलती है. अगर वह 100 साल तक जीवित रहता है तो उसे मैच्योरिटी की रकम दी जाती है.
प्रीमियम
पॉलिसी की अवधि के दौरान प्रीमियम एक जैसा रहता है. होल लाइफ प्लान के दूसरे वैरियंट में आप छोटी अवधि मसलन 15 साल के लिए प्रीमियम दे सकते हैं.
30 साल के व्यक्ति के लिए होल लाइफ प्लान का सालाना प्रीमियम : 15,167 रुपये
किसे खरीदना चाहिए?
अगर विरासत में बच्चों के लिए कुछ छोड़कर नहीं जाना है तो इससे बचना चाहिए.
- ट्रेडिशनल इंश्योरेंस प्लान
इस तरह के लाइफ इंश्योरेंस प्लान इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट का मिलाजुला प्रारूप होते हैं. लेकिन, मुख्य रूप से इनका इस्तेमाल पैसे बढ़ाने के लिए किया जाता है. इनमें प्रोटेक्शन बहुत कम मिलता है. पेमेंट की अवधि के आधार पर ये दो कैटेगरी में बंटे होते हैं.
1. एनडावमेंट प्लान
डेथ/मैच्योरिटी बेनिफिट
ये प्लान पॉलिसीधारक की मौत होने पर नॉमिनी को बीमित राशि का पेमेंट बोनस के साथ करते हैं. पॉलिसी की अवधि में पॉलिसीधारक के जीवित रहने पर उन्हें मैच्योरिटी पर गारंटीशुदा बोनस के साथ पेमेंट किया जाता है.
प्रीमियम
टर्म प्लान की तुलना में प्रीमियम बहुत ज्यादा होता है. इस निर्धारित सालों तक देना पड़ता है.
30 साल के व्यक्ति के लिए 20 साल के 10 लाख रुपये के प्लान पर सालाना प्रीमियम : 1.04 लाख रुपये
2. मनीबैक प्लान
डेथ/मैच्योरिटी बेनिफिट
यहां मुख्य अंतर यह है कि इसमें पेमेंट नियमित अंतराल पर धीरे-धीरे होता है. पॉलिसीधारक के जीवित रहने पर मैच्योरिटी पर बोनस भी दिया जाता है.
प्रीमियम
एनडावमेंट प्लान की तरह टर्म प्लान की तुलना में प्रीमियम ज्यादा होता है. यह प्रीमियम इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट बंटता है.
किसे खरीदना चाहिए?
केवल तभी खरीदना चाहिए अगर आप में निवेश करने के लिए अनुशासन नहीं है. चूंकि इनमें कम कवर और कम रिटर्न मिलता है. लिहाजा, इनसे परहेज किया जा सकता है. इन्हें टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट समझने की भी भूल नहीं करें.
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सर्वोत्तम बाजार समय के दौरान आगे बढ़ें
Weekly Newsletter of CSC e-Governance Services India Limited, July 24, 2020 | CSC network is one of the largest Government approved online service delivery channels in the world
इफ्को के एमडी और सीईओ डॉ यू एस अवस्थी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि अंतिम मील वितरण हमारी गतिविधियों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है और हम सीएससी की मदद से इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि 4 लाख से अधिक सीएससी ने सरकार की डिजिटल इंडिया पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर्स यानि वीएलई ने किसानों, हाशिए के समुदायों और ग्रामीण नागरिकों को सशक्त बनाकर और उन्हें विभिन्न सरकारी और अन्य सेवाओं तक पहुंच के अवसर प्रदान करके भारत में क्रांति ला दी है।
डॉ अवस्थी ने कहा, “वीएलई की अवधारणा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के अनुरूप है। हम सामुदायिक जीवन की गुणवत्ता के साथ-साथ एक मजबूत सामाजिक ताने-बाने के लिए सामाजिक जिम्मेदारियों को समृद्ध करने के लिए स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा मिशन है "भारतीय किसानों को पर्यावरण की दृष्टि से विश्वसनीय, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि आदानों और सेवाओं की समय पर आपूर्ति के माध्यम से समृद्ध करना और उनके कल्याण में सुधार के लिए अन्य गतिविधियों को शुरू करना"। उन्होंने कहा “एक सहकारी समिति के रूप में, हम देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम एक गतिशील सर्वोत्तम बाजार समय के दौरान आगे बढ़ें संगठन के रूप में उभर रहे हैं, रणनीतिक ताकत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, शेयरधारकों के मूल्य को अधिकतम करने के लिए कमाई बढ़ा रहे हैं। हम भारत के बाहर संयुक्त वेंचर्स में प्रवेश करके किफायती लागत पर फॉस्फेटिक उर्वरकों के उत्पादन के लिए कच्चे माल का स्रोत हैं। " “हम सब्जियों के प्रसंस्करण पर भी काम कर रहे हैं। सिक्किम में, हम इमली और प्रतिरक्षा बूस्टर उत्पादों का प्रसंस्करण कर रहे हैं। हम नैनो के रूप में उर्वरक प्रदान कर रहे हैं। 500 ग्राम नैनो बोतल जो बहुत सस्ती है, यूरिया के एक बैग को बदल देती है। नैनो नाइट्रोजन और जस्ता पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता में मदद करेगा। ”
“हम ऊर्जा कुशल उर्वरकों के संतुलित उपयोग के माध्यम से अपनी फसल उत्पादकता बढ़ाने में मदद करके किसानों के वृद्धिशील आय में वृद्धि करते हैं। उन्होंने कहा, "मैं सीएससी के ग्रामीण स्तर के उद्यमियों को शुभकामनाएं देता हूं और आशा करता हूं कि वे सही मायने में भारत में किसान सशक्तीकरण के क्षेत्र में क्रांति के सूत्रधार होंगे और हमें सशक्त समाज बनाने में सक्षम बनाएंगे। इफ्को सेवाओं के वितरण को सक्षम करने में हमेशा सीएससी का समर्थन करेगा। "
इफको के विपणन निदेशक श्री योगेन्द्र कुमार ने कहा, “यह पहल कोरोना महामारी के दौरान बहुत सहायक है। इफको ई-बाजार आउटलेट ग्रामीण भारत में आधुनिक खुदरा अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से कृषि समुदाय को एक छत के नीचे उचित मूल्य पर कृषि आदान और सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से काम करते हैं। सागरिका, तरल पदार्थ / बीज, कृषि, जैव उर्वरक जैसे उर्वरक किसानों की उत्पादकता में वृद्धि करते हैं। इन उत्पादों के लिए वीएलई को बहुत ही आकर्षक कमीशन मिलेगा। प्लांट ग्रोथ प्रमोटर सागरिका किसानों के लिए प्रीमियम उत्पाद बन गई है। सागरिका तरल में एक बहुतायत एंजाइम होता है जो केवल समुद्री मातम में मौजूद होता है। वे पौधों को ऊर्जा कुशल बनाते हैं और ऊर्जा संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाओं की लगातार समीक्षा करते हैं। ”
उन्होंने घोषणा की कि यह सीएससी के माध्यम से देश भर के किसानों से निंबोली-नीम खरीदेगा। "हम लगातार अपने किसानों की आजीविका बढ़ाने के तरीकों को देख रहे हैं। निंबोली खरीदना देश में एक अनूठा प्रयोग है, जहाँ हम किसानों को न केवल निंबोली बेचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं, बल्कि नीम के पेड़ भी उगाते हैं। नीम का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। अन्य स्वास्थ्य लाभ भी और हम चाहते हैं कि गाँव में हमारे भाई-बहन अपने पिछवाड़े में एक नीम उगाने से लाभ प्राप्त करें। ”
“हम उर्वरकों, जैव उर्वरकों, जैव उत्तेजक, पशु चारा, स्प्रेयर और अन्य कृषि उपकरणों की आपूर्ति कर रहे हैं। कंपनी ने किसानों के लाभ के लिए बाजार में एक नया उत्पाद प्राकृतिक पोटाश पेश किया है। उत्पाद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। हम इन सभी उत्पादों के लिए हमारे ग्रामीण स्तर के उद्यमियों के लिए एक आकर्षक कमीशन मॉडल की पेशकश कर रहे हैं। इफको की मदद से, वीएलई सही समय पर और पर्याप्त मात्रा में किसानों को फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरक प्रदान करेंगे। "
सीएससी एसपीवी के सीईओ सर्वोत्तम बाजार समय के दौरान आगे बढ़ें डॉ दिनेश त्यागी ने कार्यक्रम में भाग लेने वालों का स्वागत करते हुए कहा, '' अब, इस सेवा के शुभारंभ के साथ, विशेष रूप से उन लोगों में जो ग्रामीण भारत के वीएलई किसानों और अघोषित समुदाय के लोगों की सेवा में सरकार के एजेंडे को आगे ले जा रहे हैं । नैनो उर्वरक की अवधारणा बहुत ही क्रांतिकारी है। हम इन उत्पादों को बेचने के लिए वीएलई को प्रोत्साहित करेंगे। हम इफको को एक लाख डिजिटल गांवों में शामिल करेंगे। ” सेवा के ऑनलाइन उद्घाटन के दौरान राज्य और केंद्रीय टीम के सीएससी अधिकारी भी मौजूद थे।
ITC के शेयर ने छुआ 3 साल का उच्च स्तर, क्या आईटीसी में निवेश करने का यह है सही समय?
घरेलू ब्रोकरेज और रिसर्च फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने विदेशी निवेशकों वापस खरीदारी पर एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की है.
आईटीसी के शेयरों (ITC Share Price) में वर्ष 2022 में अब तक 30.85 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 9 फी . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 06, 2022, 07:00 IST
नई दिल्ली. आईटीसी कंपनी के शेयरों (ITC Share Price) में पिछले कई दिनों से तेजी जारी है. मंगलवार को भी इस स्टॉक ने इंट्राडे में अपने तीन साल के उच्च स्तर को छूआ. हालांकि, कारोबार के अंत में आईटीसी के शेयर कल के मुकाबले बीएसई पर 1.73 फीसदी की गिरावट के साथ 286.75 रुपये पर बंद हुए. पिछले पांच कारोबारी सत्रों में इस शेयर में 6.28 फीसदी की तेजी आ चुकी है. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल और प्रभुदास लीलाधर दास का कहना है कि आने वाले समय में यह शेयर निवेशकों अच्छा मुनाफा दे सकता है.
आईटीसी के शेयरों में वर्ष 2022 में अब तक 30.85 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 9 फीसदी गिरा है. एक साल में यह शेयर अपने निवेशकों को 41.57 फीसदी मुनाफा दे चुका है. पिछले एक महीने में इस शेयर में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है तो छह महीने में यह शेयर 31 फीसदी चढ़ा है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार जानकारों का कहना है कि ITC एक अच्छे तरीके से डायवर्सिफाइड एफएमसीजी कंपनी है. सिगरेट पर पिछले कुछ साल से टैक्स ना बढ़ने के कारण आईटीसी को कीमत बढ़ोतरी का फायदा मिला है. जिसकी वजह से मांग में आई गिरावट का बहुत असर कंपनी पर नहीं पड़ा है. यह ट्रेंड आगे जारी रहेगा. इसके चलते आगे कंपनी की सिगरेट बिक्री में बढ़ोतरी होगी.
क्या हो निवेश रणनीति?
मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि आईटीसी पर कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी का कम असर पड़ा है. स्टॉक की डिविडेंड यील्ड भी काफी ऊंची है. कंपनी के कंज्यूमर कारोबार में आ रही तेजी और होटल कारोबार की मजबूती आगे के लिए इसकी ग्रोथ संभावनाओं को और मजबूत कर रही है. कंपनी का सिगरेट कारोबार पहले से ही मजबूत है. मोतीलाल ओसवाल ने इन तर्कों के आधार पर आईटीसी को बाय रेटिंग देते हुए इसके लिए 335 रुपये का टार्गेट प्राइस दिया है. ब्रोकरेज हाउस प्रभुदास लीलाधर ने आईटीसी शेयर को बाय रेटिंग देते हुए 305 रुपये प्रति शेयर का टार्गेट प्राइस दिया है.आईटीसी का वर्तमान बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 3.54 लाख करोड़ रुपये है.
(Disclaimer: यहां बताए गए स्टॉक्स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह की लाभ या हानि के लिए लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
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Gold Rate Prediction for 2022: अगले साल लौटेगी सोने की खोई हुई चमक, 55000 रुपये का मार्क छू सकता है भाव
Gold Price: सोना इस समय करीब 48,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर कारोबार कर रहा है। यह भाव सोने के सर्वकालिक उच्च स्तर से करीब 14 प्रतिशत कम है और जनवरी 2021 की तुलना में भी चार प्रतिशत नीचे है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर बाजार में सोना 1,791 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर था, जबकि भारत में एमसीएक्स सोना वायदा 29 दिसंबर को 47,740 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर रहा।त्यागराजन का मानना है कि सोने के भाव मध्यम अवधि में बढ़ने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं के अलावा कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर पैदा हुई अनिश्चितताएं भी सर्वोत्तम बाजार समय के दौरान आगे बढ़ें इस तेजी को बल दे सकती हैं। उन्होंने कहा, "शेयर बाजारों में गिरावट का रुख रहने और महंगाई से मुकाबले के एक साधन के तौर पर सोने को मुफीद मानने की सोच के नाते इसे अच्छा समर्थन मिलेगा। अगर कोई भू-राजनीतिक तनाव आता है तो इसे और भी मजबूती मिल जाएगी।"
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अगले साल पहली और दूसरी छमाही में कितनी कीमत का अनुमान
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 की पहली छमाही में सोने के 1700-1900 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रहने की उम्मीद है और दूसरी छमाही में यह 2,000 डॉलर प्रति औंस के स्तर को भी पार कर सकता है। वहीं भारत में सोने के पहली छमाही में 45,000-50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहने और दूसरी छमाही में 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर जाने की उम्मीद है।
अमेरिका के महंगाई आंकड़े और बॉन्ड यील्ड भी ला सकते हैं तेजी
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटी) तपन पटेल ने कहा कि अमेरिका के मुद्रास्फीति आंकड़े और बांड यील्ड की स्थिति भी सोने को तेज कर सकती है। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में सोने को 1970 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर समर्थन मिलने की उम्मीद है। भारत के लिए यह आंकड़ा 51,800 रुपये प्रति 10 ग्राम रह सकता है। विश्व स्वर्ण परिषद के क्षेत्रीय सीईओ (भारत) सोमसुंदरम पी आर का मानना है कि भारत ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य किए जाने से कारोबार पर संभावित असर को काफी कम कर दिया। अभी तक 1.27 लाख आभूषण कारोबारी हॉलमार्क वाले आभूषण बेचने के लिए बीआईएस में पंजीकरण करा चुके हैं।
Multibagger Stocks: बाजार में पैसे लगाकर पाना चाहते हैं कई गुना रिटर्न, ऐसे करें मल्टीबैगर शेयर की पहचान
मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों की पहचान कर पाना आसान नहीं है. लेकिन निवेश के पहले कुछ खास बातों पर ध्यान दिया जाए तो हाई रिटर्न वाले शेयरों की पहचान कर पाने की गुंजाइश बढ़ जाएगी.
मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों की पहचान कर पाना आसान नहीं है. (image: pixabay)
Find Multibaggers: आप अक्सर यह सुनते होंगे कि निवेशकों को किसी शेयर में दो गुना, 3 गुना या कई गुना रिटर्न मिला है. या यह भी सुनते होंगे कि किसी शेयर ने निवेशकों को करोड़पति बना दिया है. असल में बाजार में अगर सही शेयर की पहचान हो जाए तो कम समय में आपको अपने निवेश पर मल्टीपल टाइम्स रिटर्न मिल सकता है. मल्टीपल टाइम्स रिटर्न देने वाले शेयरों को मल्टीबैगर के नाम से पहचान मिली है. वैसे तो यह पहचान कर पाना कि कौन से मल्टीबैगर साबित होंगे, आसान नहीं है. लेकिन निवेश के पहले कुछ खास बातों पर ध्यान दिया जाए तो हाई रिटर्न वाले शेयरों की पहचान कर पाने की गुंजाइश बढ़ जाएगी. अलग अलग ब्रोकरेज हाउस मसलन शेयरखान या एंजल वन ने अपनी वेबसाइट पर इस बारे में कुछ खास टिप्स दिए हैं.
कंपनी में ग्रोथ आएगी या नहीं
अगर किसी कंपनी में बेहतर ग्रोथ आती है तो उसके शेयर का प्रदर्शन भी अच्छा रहता है. हाई ग्रोथ वाली कंपनियों के शेयरों में बेहतर रिटर्न की गुंजाइश होती है. इसलिए ऐसी कंपनी की पहचान करना जरूरी है, जिसमें ग्रोथ रहने के चांस ज्यादा हों. ऐसी कंपनी अपने सेक्टर में दूसरी कंपनियों से बेहतर दिखती है. यह देखना चाहिए कि समान सेकटर में कौन सी कंपनी ज्यादा इनोवेशन कर रही है. किसका प्रोडक्ट पोर्टफोलियो मजबूत है. कौन सी कंपनी लगातार नएपन के साथ काम कर रही है.
सही सेक्टर की करें पहचान
इकोनॉमिक साइकिल के साथ साथ कई तरह के ट्रेंड भी बदलते हैं. इसलिए करंट सीनैरियों में कौन से सेकटर में ज्यादा ग्रोथ आएगी, इस बात का आंकलन करना चाहिए. उसके बाद उस सेक्टर से जुड़ी मजबूत कंपनी की पहचान करनी चाहिए. इसलिए बेहतर स्टॉक चुनने का एक अच्छा तरीका है कि आप अर्थव्यवस्था पर नजर बनाए रखें. ट्रेंड से बाहर जा रही इंडस्ट्री से दूर रहें.
कंपनी पर कितना है कर्ज
निवेश के पहले यह जरूर देखना चाहिए कि जहां पैसे लगाने जा रहे हैं, उस कंपनी पर कर्ज कितना है. वह कंपनी अपना कर्ज कम कर रही है या नहीं. कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज है तो आगे उसके काम काज पर असर पड़ सकता है. वहीं कर्जमुक्त कंपनियों को लेकर सेंटीमेंट बेहतर होते हैं और ऐसी कंपनियां अपने मुनाफा का बड़ा हिस्स बिजनेस बढ़ाने पर खर्च कर सकती हैं. अगर कंपनी फ्री कैश फ्लो जेनरेट कर रही है तो इसका मतलब यह हुआ कि आगे ग्रोथ करने के मौके बेहतर हैं. वहीं कंपनी आसानी से अपना कर्ज खत्म कर सकती है
P/E रेश्यो, वैल्युएशन
P/E से स्टॉक के वैल्युएशन का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर P/E रेश्यो अधिक होता है, तो निवेशक यह मानते हैं कि स्टॉक का वैल्युएशन ज्यादा है. वहीं अगर शेयर का वैल्युएशन आकर्षक है तो अच्छी कीमत पर आपको शेयर मिल सगकता है. अगर कंपनी कि फाइनेंशियल पोजिशन मजबूत है लेकिन वैल्युएशन सस्ता है तो आगे रिटर्न बढ़ने की गुंजाइश ज्यादा होती है.
डिविडेंड मिल रहा है या नहीं
निवेश के पहले देखें ले कि वह कंपनी मुनाफा ला रही है या नहीं. किसी भी कंपनी के मल्टीबैगर बनने में यह जरूरी है कि समय के साथ कंपनी का मुनाफा बना रहे. मुनाफे वाली कंपनियां कमाई का एक हिस्सा डिविडेंड बांटने में करती हैं. डिविडेंड का मतलब है कि कंपनी मुनाफे में है और इसका फायदा निवेशकों को मिल रहा है.
मार्केट-टू-बुक रेश्यो
मार्केट टू बुक रेश्यो एक फाइनेंशियल वैल्यूएशन मेट्रिक है जिसका इस्तेमाल कंपनी के बुक वैल्यू के सापेक्ष मौजूदा मार्केट वैल्यू का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल किसी कंपनी की मार्केट कैपिटलाइजेशन की उसकी बुक वैल्यू के साथ तुलना करने के लिए होता है.
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