Buy-on-Dips और Sell-on-Rallies दोनों तरह के मिलेंगे मौके.

अनिल सिंघवी ने दी कमाई की TIPS, बाजार से पैसा कमाना है तो जानिए क्या करें और क्या नहीं

अनिल सिंघवी के मुताबिक, इस वक्त रेंज बाउंड मार्केट है. रेंज को ट्रेड करना हर किसी के बस की बात नहीं है. यह बहुत मुश्किल कॉल है.

अनिल सिंघवी के मुताबिक, डेटा को देखना जरूरी है. डेटा से सबकुछ मिलता है.

बाजार में लगातार वॉलैटिलिटी हावी है. हफ्ते के पहले तीन दिन बाजार में भारी उठापटक देखने को मिली है. लेकिन, निवेशकों के मन में कई तरह के सवाल हैं. बाजार में क्या करना चाहिए. कहां पैसा बनाने का मौका मिलेगा. क्या ये Buy-on-Dips मार्केट है या फिर Sell-on-Rallies की तरफ देखना चाहिए. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर ने निवेशकों को ऐसे मार्केट में पैसा बनाने का मंत्र दिया है.

अनिल सिंघवी के मुताबिक, इस वक्त रेंज बाउंड मार्केट है. रेंज को ट्रेड करना हर किसी के बस की बात नहीं है. यह बहुत मुश्किल कॉल है. इस वक्त आप ऊपर में बेच पाएं या नीचे खरीद पाएं आसान काम नहीं है. हमारी पसंद से बाजार नहीं चलता है. बाजार को क्या पसंद है, इस हिसाब से हमें चलना है. जहां लगता है पोजिशन कट करनी चाहिए वहां करनी पड़ेगी और जहां लगता है मार्केट कमजोर हो गया है वहां खरीदना भी बनता है.

पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए कुछ नहीं बदला
अनिल सिंघवी के मुताबिक, डेटा को देखना जरूरी है. डेटा से सबकुछ मिलता है. अब सवाल है कि Buy-on-Dips मार्केट है या फिर Sell-on-Rallies मार्केट है. ये दोनों तरह का मार्केट है. कल हमने कहा था कि खरीदना चाहिए, शॉर्ट कवरिंग करनी चाहिए. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम ओवर-बुलिश हैं. मार्केट बहुत तेजी से भाग जाएंगे. न ही ये है कि मार्केट बहुत तेजी से गिरेंगे. दोनों तरफ के मार्केट हैं. डेली ट्रेडर्स के लिए यही है. वहीं, पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए कुछ नहीं बदला है. उनके लिए बुलिश ट्रेंड वाला मार्केट अब भी बरकरार है.

Buy-on-Dips और Sell-on-Rallies दोनों तरह के मिलेंगे मौके.

अनिल सिंघवी- Over-Bullish या Over-Bearish होना ठीक नहीं. लार्जकैप में रहिए, मिड-स्मॉलकैप शेयरों से निकल जाइए. #EditorsTake #Nifty #BankNifty @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/z9JN0ddllL

— Zee Business (@ZeeBusiness) September 10, 2020

अनिल सिंघवी की टिप्स
अनिल सिंघवी का मानना है कि इन्वेस्टर्स को लार्जकैप में बने रहना चाहिए और मिडकैप-स्मॉलकैप से निकल जाइये. लार्जकैप में कौन बढ़ रहा है ये जरूरी नहीं है. जरूरी है कि निफ्टी में वो करेक्शन नहीं है, जो बैंक निफ्टी में है. बैंक निफ्टी 10 फीसदी से ज्यादा करेक्ट हो चुका है. बैंक निफ्टी में 3000 प्वाइंट नीचे गया है. निफ्टी सिर्फ 600 प्वाइंट मुश्किल से नीचे की ओर गया है. इंडेक्स में बने रहना है. लार्जकैप में बने रहना है. मिड-स्मॉलकैप 25-30 फीसदी नीचे आ चुके हैं. ऐसे में यह नहीं समझना है कि मिडकैप खरीद लो. अभी भी दिग्गज शेयरों में ही निवेश का मौका है.

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निफ्टी-बैंक निफ्टी के लेवल्स पर रखें नजर
अनिल सिंघवी के मुताबिक, जब तक निफ्टी 11125-11175 की रेंज को नहीं तोड़ता है, तब तक मंदी के मूड में बिल्कुल नहीं आना है. तब भी न्यूट्रल रहना है. अगर बाजार 11175 की रेंज पर क्लोजिंग देता है तो अपनी तेजी की पोजिशन को कम करने की जरूरत होगी. यह सिर्फ पोजिशनल ट्रेडर्स के लिए है. बैंक निफ्टी में यह लेवल 22250 का है. अगर इस लेवल के नीचे बैंक निफ्टी बंद होता है तो तेजी की पोजिशन को कम करना है. और तेजी में तब आना है जब निफ्टी 11550 के लेवल पर निफ्टी बंद हो जाए. यहां जितना मन आए उतनी तेजी कीजिए. इसके बाद निफ्टी 11800-12000 जा सकता है. बैंक निफ्टी पर यही कॉल 23500 के लेवल पर है. यहां से 8-10 फीसदी की अपसाइड मूवमेंट के लिए तैयार रहें.

अमेरिकी बाजारों पर रखें डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है नजर
अनिल सिंघवी के मुताबिक, अमेरिकी बाजारों की एक दिन की तेजी से आपको पॉजिटिव होना है. हालांकि, ओवर कॉन्फिडेंस नहीं होना चाहिए. अभी भी रिस्क खत्म नहीं हुआ है. सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ है. FIIs की बिकवाली खत्म नहीं हुई है. अभी भी ये दो फैक्टर ऐसे हैं, जो आपको करेक्शन दे सकते हैं. ओवर बुलिश नहीं होना है. डरना नहीं है, लेकिन लापरवाह नहीं होना है.

ट्रेडिंग क्या है?

ट्रेडिंग क्या है

ट्रेडिंग की बहुत सारी किस्में भी होती हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं:

  • स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
  • इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
  • स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
  • पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

ऊपर दी हुई 4 किस्मों के बारे में हम संक्षेप में बात करते हैं।

स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)

स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।

ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।

इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।

ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

लेकिन इसमें रिस्क भी होता है। क्योंकि अक्सर हम देखते हैं कि शेयर बाजार में किसी अच्छी या बुरी खबर के कारण आने वाले दिनों में बाजार कुछ बहुत ज्यादा ऊपर या बहुत ज्यादा नीचे खुलता हैं। उदाहरण के तौर पर 2020 में स्टॉक मार्केट कोरोना वायरस की वजह से बहुत बुरी तरह से गिरा था।

अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम कमाई जा सकती है या नहीं। ऐसा सवाल हर इंसान के मन में आता है तो आइए हम आपको आसान शब्दों में इसकी जानकारी देते हैं।

हर एक इंसान के लिए ट्रेडिंग के जरिए पैसे कमाना संभव है पर यह आसान नहीं होता है क्योंकि जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अगर कोई व्यक्ति शेयर के मूल्य की हर एक छोटी मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाना चाहता है तो उसके लिए ज्यादा से ज्यादा शेयर लेने आवश्यक हैं और इसके लिए पैसों की जरूरत बहुत ज्यादा होगी।

पैसों के साथ-साथ हर एक व्यक्ति को जो कि इसमें पैसे लगाते हैं उनको TECHNICAL ANALYSIS की जानकारी होनी भी जरूरी है। तभी हम प्राइस के पैटर्न को समझ सकेंगे और वक्त आने पर शेयर को बेच और खरीद सकेंगे।

ट्रेडिंग में सबसे महत्वपूर्ण बात यह होती है कि लगातार अपनी गलतियों से सीखना क्योंकि जितना ही हम
सीखेंगे उतना हमारा तजुर्बा बढ़ेगा जिससे कि हम Successful Trader ट्रेडर बन सकेंगे। अपनी गलतियों से सीखना और उससे आगे बढ़ना ही सक्सेसफुल ट्रेडर की पहचान होती है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।

भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:

फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।

यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।

Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:

डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है

एक महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप ये है कि भी आवेग में आकर ट्रेड नहीं करना चाहिए. कई ट्रेडर्स FOMO (Fear of missing out) या FOLO (Fear of losing out) के जाल में पड़ जाते हैं.

Written by Web Desk Team | Published :September 9, 2022 , 6:43 am IST

इंट्रोडक्शन
यदि आप एक नौसिखिये हैं जो शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड शुरू करना चाहते हैं, तो ध्यान रखें कि स्टॉक खरीदना और बेचना मुश्किल नहीं है. सही स्टॉक का चयन करना जो शेयर बाजार में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर सकता है, वह चुनौतीपूर्ण है. इसलिए, यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, तो शेयर बाजार पर अच्छी पकड़ होना जरूरी है. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए आप ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं, जो उन निवेशकों/ट्रेडर्स के बीच लोकप्रिय हो गया है जो अपने दम पर ट्रेड करना चाहते हैं.

ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स
आपकी सफल वित्तीय यात्रा में सहायता के लिए यहां कुछ स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स दी गई हैं-

समझें कि आप निवेश/ट्रेड क्यों करना चाहते हैं और गोल सेट करे: बेशक, पैसा कमाना अंतिम लक्ष्य है, लेकिन इसे निवेश लक्ष्य के साथ जोड़ना सफलता सुनिश्चित करता है. लक्ष्य के बिना व्यक्ति भटका हुआ महसूस करता है. इसलिए महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स में से एक लक्ष्य निर्धारण भी है. किसी फाइनेंशियल ऑब्जेक्टिव को शॉर्ट, मीडियम या लॉन्ग टर्म के रूप में वर्णित किया जा सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको इसे प्राप्त करने में कितना समय लगना है. शॉर्ट टर्म गोल वे होते हैं जिन्हें आप एक साल में पूरा करना चाहते हैं, मीडियम टर्म गोल पांच सालों में और लॉन्ग टर्म गोल पांच सालों से अधिक में प्राप्त करना चाहते हैं.
जब आप अपने लक्ष्यों को लिख रहे हों, तो सुनिश्चित करें कि आपने उन्हें एक समय सीमा दी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि गोल प्रोजेक्टेड कॉस्ट की गणना के लिए आपको भविष्य में इन तारीखों की आवश्यकता होगी. ये आपको मोटिवेटेट रहने और आपको ट्रैक पर रखने में मदद कर सकता है. वित्तीय सफलता के लिए वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है.

अपनी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) का निर्धारण करें और स्टॉप–लॉस (एक निवेशक द्वारा अपने नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग की जाने वाली विधि) का उपयोग करें: ट्रेडिंग करते समय यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करें. एक बार ऐसा करने के बाद सुनिश्चित करें कि आप स्टॉप-लॉस के साथ ट्रेड करते हैं. कई ट्रेडर और निवेशक अनश्योर होते हैं कि स्टॉक, वायदा और अन्य उपकरणों में अपनी ओपन होल्डिंग को कैसे सुरक्षित रखा जाए. अच्छी बात ये है कि, बुल और बियर दोनों बाजारों में, डाउनसाइड को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस मेथड का उपयोग किया जा सकता है. स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक पर्चेज या सेल ऑर्डर है जो स्टॉक के एक स्पेसिफाइड प्राइस पर हिट होने के बाद एग्जीक्यूट हो जाता है. इसका उपयोग ट्रेडिंग पोजीशन पर संभावित नुकसान को प्रतिबंधित करने के लिए किया जाता है. इसलिए, स्टॉप-लॉस सेट करना सबसे महत्वपूर्ण ऑनलाइन स्टॉक ट्रेडिंग टिप्स में से एक है.

ट्रेडिंग/निवेश में टेम्परामेंट जरूरी, इसे ध्यान में रखें: भावनाएं ट्रेडिंग प्रोसेस का एक सामान्य अंग हैं. यहां तक कि अगर आप अपने ट्रेंड्स को सावधानीपूर्वक तैयार करते हैं, तो भी बाजार हमेशा उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता है. वास्तव में, आपके लक्ष्यों के अनुसार कार्य करने की तुलना में बाजार आपकी अपेक्षाओं से कम होने की ज्यादा संभावना है. शेयर बाजार के बेतहाशा उतार-चढ़ाव के कारण आप अपने पोर्टफोलियो में एडजस्टमेंट करने के लिए ललचा सकते हैं. हालांकि, यदि आप इस सत्य को स्वीकार करते हैं और इसके समाधान के लिए आवश्यक उपाय करते हैं, तो आप इमोशन्स के प्रभाव को कम करने में सक्षम होंगे. इमोशनल ट्रेडिंग में कई तरह के नुकसान होते हैं और इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान हो डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है सकता है. इसलिए, अपनी इमोशन्स को कंट्रोल में रखने के लिए किसी ट्रेड में प्रवेश करने से पहले एक रणनीति विकसित करना महत्वपूर्ण है. याद रखें, एक सफल व्यापारी बनने के लिए हमेशा तार्किक रूप से सोचना होगा. अपने जोखिमों की गणना करें और अपनी भावनाओं को अपने निर्णय के रास्ते में न आने दें.

स्टॉक मार्केट नॉलेज प्राप्त करें: मार्केट में ट्रेड और निवेश के लिए बहुत सारे अभ्यास और बाजार की समझ की आवश्यकता होती है. हालांकि, यह समझें कि शेयर बाजार में निवेश/ट्रेड करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन इसके लिए समय और धैर्य की आवश्यकता होती है. डीमैट खाते, शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे करें, म्यूचुअल फंड, स्टॉप लॉस, बाजार पूंजीकरण आदि जैसे कई आवश्यक विषयों के बारे में पढ़कर शुरुआत करें एक बार जब आप इन फंडामेंटल कॉन्सेप्ट को समझ लेते हैं, तो बैलेंस शीट, एनुअल रिपोर्ट आदि को पढ़ना सीखना शुरू कर दें. धीरे-धीरे आपको विषय की बेहतर समझ होगी. इससे आपको एक ठोस शुरुआत मिलनी चाहिए.

अत्यधिक ट्रेडिंग से बचें: एक महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टिप ये है कि भी आवेग में आकर ट्रेड नहीं करना चाहिए. कई ट्रेडर्स FOMO (Fear of missing out) या FOLO (Fear of losing out) के जाल में पड़ जाते हैं. इसलिए यह आवश्यक है कि आप ट्रेड से पहले एक योजना बना लें. यदि आप ठोस आइडियाज के साथ ट्रेड करते हैं और आवेग में ट्रेड करने से बचते हैं तो आप अपने मुनाफे की संभावनाओं में काफी सुधार करेंगे.

डायवर्सिफाई: डायवर्सिफिकेशन विभिन्न प्रकार के एसेट क्लास में निवेश/ट्रेड की प्रैक्टिस है. डायवर्सिफिकेशन का लक्ष्य आपको एक ही प्रकार के जोखिम के संपर्क में आने से बचाना है. निवेशक और ट्रेडर लाभ को अधिकतम करने के लिए इस विधि का उपयोग करते हैं. डायवर्सिफिकेशन का मुख्य लक्ष्य रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न को बूस्ट देना है, जो उस जोखिम की मात्रा को संदर्भित करता है जिसे आपको लाभ कमाने के लिए लेना चाहिए. एक डायवर्सिफिकेशन प्लान का रहस्य यह सुनिश्चित करना है कि आपके एसेट एक दूसरे से कनेक्टेड नहीं है. यह न केवल एसेट क्लास के बीच, बल्कि एसेट क्लास के भीतर भी डायवर्सिफिकेशन लाने पर जोर देता है.

Stock Tips: अगले हफ्ते शेयर बाजार में ट्रेडिंग, कुनाल बोथरा की सलाह पर शानदार कमाई कर सकते हैं आप

Nifty 50: डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है निफ्टी 17000 अंक को टेस्ट कर रहा है और बैंक निफ़्टी 36000 अंक को टेस्ट कर रहा है। इस वजह से शेयर बाजार के कारोबारियों में थोड़ी निराशा डे ट्रेडिंग से लगातार पैसा कमाना मुश्किल क्यों है का माहौल है।

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क्या खरीदें, किसे बेचें?
कुणाल बोथरा ने कहा है कि बायोकॉन, नैटको फार्मा जैसे शेयर बड़ी फार्मा कंपनियों के शेयरों की तुलना में ज्यादा आकर्षक दिख रहे हैं। इनसे आने वाले दिनों में शानदार कमाई की जा सकती है। अगर आप अगले कुछ हफ्ते में शेयरों से कमाई करना चाहते हैं तो मौजूदा लेवल पर बायोकॉन के शेयर खरीद सकते हैं। अगले कुछ दिनों में ही बायोकॉन के शेयर ₹400 के टारगेट को छू सकते हैं। इसी तरह कुणाल बोथरा की सलाह है कि अगर आपके पास मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर हैं तो आप उसे बेच सकते हैं। चार्ट पर अब फाइनेंस कंपनी के शेयरों में कमजोरी देखी जा रही है।

Olymp Trade के साथ वित्त बाजारों में ट्रेड शुरू करने से पहले पता होने वाली ये अहम बातें

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नई दिल्ली। ट्रेडिंग केवल एक कौशल ही नहीं, बल्कि कुछ आदतों को बनाए रखने का अभ्यास भी है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में कई भ्रांतियां और अपवाहें भी हैं लेकिन इतनी सारी अलग-अलग राय और आवाजें ट्रेडिंग से जुड़ी भ्रांतियों को वास्तविकता से अलग करना मुश्किल बनाती हैं। फ़ॉरेक्स और ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में ये गलत बातें कई जगहों और लोगों से आती हैं। हालांकि, जहां कोई पोडकास्ट डे ट्रेडिंग को लाखों कमाने का तरीका बता सकता है, या कोई यूट्यूबर पूरे उद्यम को धोखाधड़ी कह सकता है, यह जरूरी नहीं कि इनमें से कोई भी पूरी तरह सही हो।

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