बाजार में लौटा खरीदारी का जोश, शिवांगी सरडा से जानें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में शानदार कमाई के टिप्स
आज दोपहर 12 बजे के दौरान बैंक निफ्टी में 38500, 38600 और 38700 के लेवल पर सबसे ज्यादा पुट राइटर्स एक्टिव नजर आये
मोतीलाल ओसवाल की शिवांगी सरडा ने बाजार पर बुलिश नजरिया अपनाते हुए आज निफ्टी में बाय ऑन डिक्लाइन की सलाह दी है
कल की तेज गिरावट के बाद बाजार में आज खरीदारी का मूड है। निफ्टी 17500 के ऊपर निकल गया है। बैंक निफ्टी में तेजी ज्यादा दिख रही है। सीएनबीसी-आवाज़ के फ्यूचर एक्सप्रेस में आज की हमारी एक्सपर्ट मोतीलाल ओसवाल की शिवांगी सरडा हैं। शिवांगी ने आज के बाजार पर अपनी ट्रेडिंग रणनीति बताई। इसके साथ उन्होंने शेयरों पर अपने दमदार ट्रेड्स के साथ एक सस्ता ऑप्शन भी दिया।
NIFTY में राइटर्स की आज की रेंज
आज दोपहर 12 बजे के दौरान निफ्टी में सबसे ज्यादा कॉल राइटर्स 17600, 17700 और 17800 के लेवल पर एक्टिव नजर आये
ऐसे करते हैं Options Trading, बाजार गिरे या चढ़े, आप बनें ऑप्शन्स के खिलाड़ी
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। बाजार में कमाई के लिए एक नहीं, कई बातें अहम होती हैं। इसमें सबसे अहम होता है कि आपका निवेश का फैसला. क्योंकि इसी से तय होता है कि आप कमाएंगे या गवाएंगे। वहीं दूसरी सबसे बड़ी बात होती है कि आप कितनी तेजी से ऑप्शन से जुड़े फैसले लेते हैं। इससे तय होता है कि आप किसी मौके का फायदा उठा सकते हैं या नहीं और तीसरी सबसे अहम बात होती है कि आप सौदे करने के बदले कितना पैसा चुका रहें हैं, क्योंकि इससे तय होता है कि आप वास्तव में कितना मुनाफा घर ले जाएंगे।
ट्रेडिंग में इतनी शर्तों के साथ संभव है कि आपका ट्रेडिंग करने का जोश ही खत्म जाए। लेकिन टेंशन न लें, हम आपको बताते हैं 5paisa की दो खास पेशकश के बारे में, जहां आपको इन सभी बातों के कारगर हल मिल जाएंगे।
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5paisa से जितनी ट्रेड उतनी बचत
5paisa का अल्ट्रा ट्रेडर पैक आपकी ट्रेडिंग की लागत घटाता है और इससे आपका रिटर्न और बेहतर बन जाता है। पैक के जरिए सब्सक्रिप्शन लेने पर आपको सिर्फ 999 रुपये में 1000 रुपये के ब्रोकरेज रिवर्सल का फायदा मिलता है. वहीं कितना भी बड़ा ऑर्डर हो हर ऑर्डर पर सिर्फ 10 रुपये प्रति ऑर्डर का एक समान ब्रोकरेज लगता है. यही नहीं फ्री इक्विटी डिलीवरी सहित कई और फायदे मिलते हैं। यानी 5 Paisa के साथ जितना ज्यादा ट्रेड करते हैं उतनी ही सेविंग होती है।
5paisa के ये फीचर्स हैं ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए खास, देखें वीडियो-
बाजार गिरे या चढ़े आप बनें खिलाड़ी
5paisa के 'क्विक ऑप्शन ट्रेड' फीचर के साथ अब आपकी ऑप्शन ट्रेडिंग बेहद आसान हो जाती है। भले ही बाजार गिर रहा हो या चढ़ रहा हो, इसके साथ आपको 3 ऑप्शन ट्रेड की सलाह मिलती है। इसकी मदद से आप सिर्फ राइट या लेफ्ट स्वाइप की मदद से ही अपने ट्रेड पूरे कर सकते हैं। साथ ही पूरे समय ट्रेड पर नजर रखने की भी जरूरत नहीं है। पहले से ही टार्गेट प्राइस और स्टॉप लॉस रखकर आप इस टेंशन से भी मुक्त हो जाते हैं।
आपको बता दें कि ऑप्शन्स दो तरह के होते हैं, कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन। इंडेक्स या शेयर में तेजी का रुख रखने वाले निवेशक कॉल ऑप्शन्स खरीदते हैं। इंडेक्स या शेयर में मंदी का रुख़ रखने वाले निवेशक 5paisa के साथ पुट ऑप्शन्स ख़रीदते हैं और कमाई करते है। स्ट्राइक रेट के हिसाब से कॉल, पुट के भाव अलग-अलग होते है। स्ट्राइक रेट यानी वो भाव जिस पर आप शेयर या इंडेक्स को छोटी अवधि में पहुंचता हुआ देखते हैं।
What is CE and PE in share market
शेयर बाज़ार में पैसा निवेश करने से पहले आपको उसकी सही तरीके से नॉलेज होनी काफी ज़रूरी होती है , शेयर मार्केट में अलग अलग तरीको से पैसा निवेश किया जाता है या तो ट्रेडिंग किया जा सकता है आज हम बात करने वाले है , Option Trading के बारेमे और जानेंगे की option trading में Call (CE) और PUT (PE) का क्या मतलब है और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बात करेंगे |
सबसे पहले आपको बता दे की, शेयर मार्केट में trading अलग अलग प्रकार से होती है | जिसमे option trading का भी एक तरिका होता है |
What is option trading : (Strategies for beginners)
शेयर मार्किट में अगर आप Option trading करना चाहते है तो सबसे पहले आपको निचे बतायी गई कुछ महेत्व बातो का ध्यान रखना ज़रूरी होता है जिसमे CALL (CE) और PE (PUT) , Premium, Strike price जैसे शब्द है
1. CALL (CE) का मतलब क्या है (What is meaning of Call (CE) in Share market) :
शेयर मार्किट में खरीदी (Buyer) और बिकवाली (Seller) दोनों महेत्व है | अगर किसी शेयर में आपकी एनालिसिस यह कहती है की किसी शेयर की price या Value बढ़ने वाली है, मतलब की शेयर उप्पर जाने वाला है तो आप option trading करके उसमे Call (CE) buy करेंगे |
2. PUT(PE) का मतलब क्या है (What ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? is meaning of PUT (PE) in Share market) :
जैसा की हमने ऊपर समजा ठीक वैसे ही अगर किसी शेयर में आपकी एनालिसिस यह कहती है की किसी शेयर की price या Value गिरने वाली है, मतलब की शेयर निचे जाने वाला है तो आप option trading करके उसमे PUT (PE) buy करेंगे |
3. Strike Price का मतलब क्या है (Strike Price definition in option trading ) :
आपने CALL और PUT का मतलब समजा किन्तु आपको यह बात को भी समजा ज़रूरी है की शेयर मार्किट में स्ट्राइक प्राइस क्या होता है (What is strike price) स्ट्राइक प्राइस को आपको सरल सब्दो में संजय तो यु सम्जिये की वह एक नियत या निर्धारित किम्मत या मूल्य होता है |
What is strike price in share market |
आप यहाँ देख सकते है की, स्ट्राइक प्राइस का एक कोलम आपके सामने दिखाया गया है जिसमे अलग अलग किम्मत या मूल्य दिए गए है |
आपने यह तो समज लिया की CALL (CE) और PUT(PE) का मतलब क्या है अब थोड़ा विस्तार से समजिये की इसमें कौनसी बातो का आपको समजना है |
How to select right strike price in option trading : (How to select strike price in Stock, Nifty or BankNifty options)
ट्रेडिंग में सही स्ट्राइक प्राइस का चुनाफ काफी महत्वपूर्ण होता है । क्यों की आपको यह बात पता होनी चाहिए की अगर आप जितनी दूर की स्ट्राइक प्राइस का चुनाव करेंगे उतना आपको Option Premium कम देना पड़ेगा ।
Strike Price Difference :
What is in the money strike price :
इसका सरल अर्थ आपको कहे तो , यू समझिए की In the money strike अगर आप सलेक्ट करते है तो इसका मतलब यह है की , वह शेयर Already उस किम्मत या लक्ष्यांक के ऊपर पहुंचा हुआ है । और आपका तात्पर्य यह है की, आपका ट्रेड उस स्ट्राइक प्राइस के ऊपर रहेगा ।
इस स्ट्राइक प्राइस में ऑप्शन के प्रीमियम ज्यादा होते है । और अगर आप सही साबित रहते है तो आपके मुनाफे में भी काफी बड़ा अच्छा प्रॉफिट रहता है ।
Read option chain in stock market :
आपको अगर शेयर मार्किट में option trading करना है तो आपको option chain की समज होना बहुत ज़रूरी है option chain डाटा हमे यह बात सुनिश्चित करता है की कौनसे strike price पर कितनी पोजीशन है जिससे आपको बाज़ार की स्थिति का अंदाजा लगता है | आप स्टॉक मार्किट में option chain डाटा चेक कर सकते है जिसकी लिंक निचे दी गई है |
Trading
Trading journal क्या होता है- Trading journal kaise banaye
ट्रेडिंग तो हम सब करते हैं लेकिन काफी लोगों को ट्रेडिंग करने का सही तरीका नहीं मालूम है ट्रेडिंग करते समय काफी के लोगों के मन में काफी तरीके के भाव आते हैं जैसे डर लालच आदि इन्हीं भावों के कारण वह काफी लॉस कर लेते हैं जिन का अंदाजा उनको बाद में होता है,ट्रेडिंग … Read more
Scalping Kya Hoti Hai- Scalping Trading Meaning In Hindi
Scalping Trading Kya Hota Hai स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग तो हम सब करते हैं लेकिन बहुत ही कम लोग हैं जिनको पता है कि Scalping trading kya hota ha अगर आपको नहीं पता है कि Scalping Trading क्या होता है? तो आज के ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि स्काल्पिंग ट्रेडिंग क्या होता है … Read more
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F&O की कवर्ड कॉल स्ट्रैटेजी क्या है, कैसे मिलता है घर बैठे हर महीने कमाई का मौका
आपके डीमैट अकाउंट में किसी कंपनी के शेयर हैं और आप आप उसे बेचना नहीं चाहते तो कवर्ड कॉल रणनीति से इस होल्डिंग पर भी पैसा कमा सकते हैं.
- Vijay Parmar
- Updated On - July 30, 2021 / 08:09 PM IST
इस कंपनी पर तमिलनाडु सरकार का पूर्ण स्वामित्व है और ये कंपनी एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के तौर पर RBI के साथ रजिस्टर्ड है
Covered Call Strategy: आप एक स्टॉक में लॉन्ग पोजिशन रखने के साथ ही, प्रीमियम के माध्यम से आय उत्पन्न करने के लिए उसी स्टॉक पर कॉल आप्शन को बेचते हैं, जिसे दलाल स्ट्रीट में कवर्ड कॉल रणनीति कहते है. इसे कॉल ऑप्शन की राइटिंग करना भी कहते हैं. इसमें आप किसी पोजिशन को दूसरी पोजिशन से कवर करते है और जोखिम के सामने सुरक्षा का कवच बनाते है. डेरिवेटिव्स एक्सपर्ट के मुताबिक, स्थिर आय प्राप्त करने के लिए इस रणनीति का लाभ ले सकते है, लेकिन आप जिस स्टॉक की पोजिशन लेना चाहते हैं उसके लॉट साइज जितना पैसा आपके डीमैट खाते मे होना जरूरी है.
“ऑप्शंस ट्रेडिंग में कई स्ट्रैटेजी हैं, जिनका उपयोग करके निवेशक अच्छा पैसा कमा सकते है. कवर्ड कॉल रणनीति आपको ऐसा मौका देती है, लेकिन उसके लिए आपके पास मार्केट का नॉलेज होना जरूरी है. आपको इस रणनीति में आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित कर लेना चाहिए की आप जिस पोजिशन के लिए पैसा लगा रहे है वह कितनी सफल हो सकती है. आपको रिस्क-केपसिटी के आधार पर ही आगे बढना चाहिए,” ऐसा SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर धर्मेश कुमार भट्ट ने money9.com को बताया.
कवर्ड कोल रणनीति में क्या करना होता हैः
निवेशक उसके पास जो स्टोक है उसके कॉल ऑप्शन को बेचता है. कॉल ऑप्शन को बेचकर, निवेशक अनिवार्य रूप से उस एसेट की कीमत को लॉक कर देता है, जिससे वह शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट का लाभ ले सकता है. इसके अलावा, निवेशक को स्टॉक की कीमतों में भविष्य में किसी भी ऑप्शंस ट्रेडिंग में स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें? गिरावट से थोड़ी सुरक्षा भी मिलती है. कवर्ड कॉल रणनीति उस समय अच्छी तरह से काम करती है, जब निवेशक बुलिश होता है. वह जानता है कि सिर्फ स्टॉक या अंडरलेइंग एसेट की होल्डिंग करने पर ही वह अच्छा मुनाफा नहीं कमाया जा सकता. इसलिए, वह ऊंचे स्ट्राइक प्राइज पर, स्टॉक पर कॉल आप्शन बेचता है, और उस स्ट्राइक प्राइस तक प्रीमियम प्राप्त करता है.
ये रणनीति काम कैसे करती हैः
“कवर्ड कॉल राइटिंग से रिटेल निवेशक पैसा बना सकते है. इसमें आपको F&O लॉट साइज जितनी डिलीवरी खरीदनी होती है. मान लीजिए, आपके पास XYZ कंपनी का 3,200 का लॉट 210 रूपये के भाव में पड़ा है. इसमें 2 रुपये के प्रीमियम में 215 की स्ट्राइक का कॉल ऑप्शन सेल कर सकते हैं. शेयर का भाव चाहे किसी दिशा में जाए, आपको एक महीने के बाद 6,400 रुपये (2.00 x 3200) मिलना सुनिश्चित है,“ ऐसा डेरिवेटिव्स एक्सपर्ट और Equitymath के फाउंडर शशांक महेता बताते हैं.
इंडेक्स में एक्सपायरी दिन की अस्थिरता की उम्मीद के साथ ट्रेडर्स हर गुरुवार को कोल और पुट ओप्शन खरीदते है. पिछले 12 महीनों में भारतीय बाजारों ने जितनी वोलेटिलिटी देखी है, उतनी शायद ही कभी देखी होगी, इसलिए गुरुवार को, खासकर बैंक निफ्टी में, एक्स्पायरी आधारित ट्रेड करने का यह आइडिया काफी लोकप्रिय हो गया है, ऐसा महेता बताते है.
फायदा और नुकसानः
यह रणनीति निवेशक को सीमित मुनाफा प्रदान करती है, हालांकि, नुकसान असीमित हो सकता है. आपने जिस भाव की उम्मीद के साथ स्ट्राइक को चुना होगा, यदि भाव उससे उपर जाता है तब केवल प्रीमियम और फिक्स्ड किए गए भाव तक का मुनाफा होगा. इस रणनीति में आपको अपने स्टॉक की खरीद और कॉल ऑप्शन कोन्ट्राक्ट की बिक्री के लिए समय नहीं देना पड़ता है. स्टॉक खरीदने के बाद आप कभी भी उसके कॉल ऑप्शन को बेच सकते हैं.
सावधानी रखेः
इसमें शामिल जोखिम की मात्रा के कारण ओप्शन रणनीतियों के दौरान हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए. SEBI-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर और NISM-रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट हिमांशु शाह के मुताबिक, रिटेल इंवेस्टर को ओप्शन बाय करके ही ट्रेडिंग करना चाहिए. महीने की शुरुआती दो हफ्तो में सक्रिय रहे और पोजिशन बनाएं, लेकिन एक्स्पायरी के नजदीकी दिनों में दूर रहना चाहिए.
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