म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
₹10 लाख यहां बन जाएंगे ₹20 लाख? ये हैं पैसा डबल करने वाली स्कीम्स, चेक करें हर डीटेल
Investment Tips: लंबी अवधि में ही वेल्थ क्रिएशन होता है और निवेश को कम्पाउंडिंग की पावर मिलती है. यहां हम ऐसी कुछ स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं, जिनमें से कुछ में गारंटीड पैसा डबल होगा. वहीं, बाजार से जोखिम वाली स्कीम्स भी हैं, जिनमें जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है.
Investment Tips: हर कोई चाहता है कि वो अपना पैसा ऐसी जगह लगाए, जहां से वो डबल, ट्रिपल हो जाए. लेकिन, इसको लेकर कुछ सवाल भी हैं. मसलन, कहां पैसा निवेश किया जाए, कहां निवेश से वेल्थ क्रिएशन होगा, निवेश पर जोखिम होगा या नहीं? पैसे से पैसा बनाने की सोच में ऐसे सवाल लाजमी हैं. इन्वेस्टमेंट को लेकर कुछ बुनियादी बातों पर जरूर फोकस करना चाहिए. जैसेकि, आपका निवेश लक्ष्य क्या है, जोखिम उठाने की क्षमता कैसी है. उसके बाद स्कीम्स का चयन करना चाहिए. यह ध्यान रखें कि लंबी अवधि में ही वेल्थ क्रिएशन होता है और निवेश को कम्पाउंडिंग की पावर मिलती है. यहां हम ऐसी कुछ स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं, जिनमें से कुछ में गारंटीड पैसा डबल होगा. वहीं, बाजार से जोखिम वाली स्कीम्स भी हैं, जिनमें जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है.
बैंक FDs
बैंकों के टर्म डिपॉजिट (TDs) या फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) फिक्स्ड इनकम का सबसे पॉपुलर ऑप्शन है. देश में ज्यादातर लोग बैंक एफडी को तरजीह देते हैं. बैंक में अलग-अलग टेन्योर के हिसाब से ब्याज मिलता है. देश का सबसे बड़ा बैंक SBI इस समय में 1 साल की मैच्योरिटी वाले डिपॉजिट पर 6.1 फीसदी सालाना ब्याज ऑफर कर रहा है. वहीं, कई स्माल फाइनेंस बैंक सालाना 7 फीसदी या इससे ज्यादा भी ब्याज ऑफर कर रहे हैं.
रूल ऑफ 72 (Rule of 72) के फॉर्मूले पर देखें, तो सालाना 6.1 फीसदी की ब्याज दर पर आपका पैसा करीब 11.80 साल में डबल हो जाएगा. इसमें यह है कि आपके निवेश पर बाजार का कोई जोखिम नहीं है. यानी, अगर आप 10 लाख रुपये एकमुश्त जमा कर उसे 20 लाख करना चाहते हैं, तो बैंक एफडी में मौजूदा प्रचलित ब्याज दरों के आधार पर 10-12 साल में बैंकों की डिपॉजिट में बिना बाजार के जोखिम लिए आप पैसा आसानी से दोगुना कर सकते हैं.
किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra- KVP)
पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) स्कीम निवेशकों का पैसा गारंटीड डबल करती है. इस पर सरकार 7 फीसदी सालाना ब्याज ऑफर कर ही है. ब्याज की कम्पाउंडिंग सालाना आधार पर होती है. पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम की 123 महीनों या 10 साल और निवेश क्या होता है? 3 महीने में आपका पैसा गारंटीड दोगुना हो जाएगा. यानी, अगर आपने 10 लाख इस स्कीम लगाए, तो 10 साल 3 महीने में 20 लाख रुपये आपको मिल जाएंगे. पोस्ट ऑफिस की स्कीम में किसी तरह का कोई जोखिम नहीं रहता है.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)
वेल्थ क्रिएशन का और दमदार तरीका है, म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट. म्यूचुअल फंड में निवेश हालांकि बाजार निवेश क्या होता है? के जोखिमों के अधीन रहता है. शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर आपके फंड की परफॉर्मेंस पर पड़ता है. अगर आप बाजार के रिस्क उठाने की क्षमता रखते हैं, तो लंबी अवधि में पैसा डबल, ट्रिपल करने का यह सबसे दमदार ऑप्शन है.
म्यूचुअल फंड में एकमुश्त या हर महीने SIP के जरिए निवेश किया जा सकता है. लंबी अवधि में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का रिटर्न देखें, तो यह औसतन 12 फीसदी सालाना रहा है. कई स्कीम्स का रिटर्न इससे भी ज्यादा रहा है. ऐसे में अगर अगर आपने 10 लाख रुपये एकमुश्त म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम में निवेश किया, जो अगले 6 साल में आपका पैसा 20 लाख रुपये हो जाएगा. लेकिन, यह ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड्स में रिटर्न की गारंटीड नहीं होती निवेश क्या होता है? है.
(डिस्क्लेमर: यहां स्कीम्स, उनके रिटर्न और जोखिम की डीटेल दी गई है. ये किसी भी तरह से निवेश की सलाह नहीं है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले खुद पड़ताल करें या अपने एडवाइजर से परामर्श करें.)
कारक निवेश
की सरल परिभाषाफ़ैक्टर निवेश विभिन्न परिसंपत्ति मूल्यों के लिए निवेश रणनीति को चैनलाइज़ करने के लिए विभिन्न विशेषताओं का उपयोग है। निवेशकों द्वारा कारक निवेश के लिए निर्धारित कुछ विशेषताओं में स्टॉक की अस्थिरता, वृद्धि और . शामिल हैंमंडी पूंजीकरण।
व्यापक समझ के लिए, हम यह भी कह सकते हैं कि कारक निवेश एक ऐसी रणनीति है जो किसी परिसंपत्ति के रिटर्न मूल्य को पहले से ही परिसंपत्ति से जुड़े जोखिमों और बाजार रिटर्न का विश्लेषण करके निर्धारित करती है।
कारक निवेश की उत्पत्ति
फैक्टर इन्वेस्टमेंट ने पहली बार 70 के दशक में गति प्राप्त करना शुरू किया जब निवेशकों ने बाजार में चक्कर लगाने वाली मौजूदा रणनीतियों में खामियां ढूंढनी शुरू कर दीं। कारक निवेश के सामने आने से पहले, इसके लिए अन्य उपाय भी थेइक्विटीज पसंदराजधानी परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण मॉडल और कुशल बाजार परिकल्पना।
लेकिन कारक निवेश के जन्म के बाद, प्रमुख निवेशकों ने धन के निर्माण के सुव्यवस्थित तरीके के कारण इसे अपनाना शुरू कर दिया। कई तरह से निवेश करने वाले कारकों को निवेश के तीसरे तरीके के रूप में पूरा किया जा सकता है, जिसमें सक्रिय और निष्क्रिय दोनों रणनीतियां शामिल हैं, लेकिन इसमें पारदर्शिता भी शामिल है और इसका उद्देश्य कम लागत वाले मूल्य के साथ रिटर्न में सुधार करना है।
इन दिनों फैक्टर इन्वेस्टमेंट इतना लोकप्रिय होने का एक और मुख्य कारण यह है कि यह विभिन्न कारकों पर रणनीतियों को मिलाकर अच्छी तरह से काम करता है और लंबे समय में रिटर्न सुनिश्चित करता है। सिद्ध कारकों को लक्षित करने से विविधीकरण को बढ़ावा मिलता है; हालांकि, जब आप दृष्टिकोण के लिए जाने के बारे में सोचते हैं, तो ध्यान रखें कि कई अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। इसलिए, परिणाम हमेशा रैखिक नहीं हो सकते निवेश क्या होता है? हैं।
कारक निवेश की मूल बातें क्या हैं?
कारक निवेश द्वारा केंद्रित पांच मौलिक सिद्धांत हैं:
1) स्टॉक का मूल्य
इस कारक का उद्देश्य अपने मौजूदा मौलिक मूल्यों की तुलना में कम कीमतों निवेश क्या होता है? वाले शेयरों से अधिकतम मूल्य निकालना है।
मोमेंटम स्ट्रैटेजी मुख्य रूप से उन शेयरों पर केंद्रित है जो आने वाले समय में सबसे मजबूत रिटर्न देने वाले हैं।
3) अस्थिरता
यह कारक मुख्य रूप से उन शेयरों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनमें कम अस्थिरता होती है क्योंकि वे भविष्य में अधिक जोखिम-समायोजित रिटर्न अर्जित करते हैं।
4) आकार
छोटे आकार के शेयरों में बड़े शेयरों की तुलना निवेश क्या होता है? में अधिक रिटर्न मिलता है। निवेशक बाजार पूंजीकरण को देखकर स्टॉक के आकार पर कब्जा कर सकते हैं।
5) स्टॉक की गुणवत्ता
निवेशक कुछ मापदंडों का उपयोग करके, परिवर्तनशीलता अर्जित करके और इक्विटी में वापसी करके गुणवत्ता वाले शेयरों की पहचान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इनके अलावा, जो कारक निवेश को कुशलता से बनाता है, वह यह है कि निवेशकों के पास विभिन्न कारकों और रणनीतियों में से चुनने का मौका होता है, जो बदले में विविध निवेश का कारण बन सकता है। कारक निवेश सक्रिय और निष्क्रिय निवेश के लिए एक प्रतिस्थापन नहीं है, और यह सिर्फ एक मात्रात्मक वैकल्पिक दृष्टिकोण है।
निवेश के स्रोत के रूप में कारक निवेश को एकीकृत करके, व्यक्ति दीर्घकालिक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं और जोखिम को एक साथ कम कर सकते हैं। अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के आधार पर, लोग निवेश के लिए विभिन्न कारकों या विभिन्न कारकों के संयोजन को ध्यान में रख सकते हैं।
संक्षेप में, जब निवेश की बात आती है तो कारक निवेश ने बाजार के परिदृश्य को संरचनात्मक रूप से बदल दिया है क्योंकि आम आदमी इस दृष्टिकोण के माध्यम से आसान रिटर्न और उच्च लाभ की ओर बढ़ सकता है।
इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है ? – What is what is Investment In Hindi | निवेश किसे कहते हैं?
इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है
इन्वेस्टमेंट क्या होता है / निवेश क्या है ? निवेश किसे कहते हैं?
निवेश क्या है: अपनी बचत की पूंजी को किसी ऐसी जगह पर लगा देना, जिससे की एक निश्चित समय बाद वह पूंजी बढ़ जाये तो उसे निवेश कहते है। निवेश अपने पैसे पर अतिरिक्त लाभ कमाने के लिये किया जाता है।
दूसरे शब्दों में जब हम अपने बचत के पैसों को इस तरह से उपयोग में लेते है की भविष्य में वह निवेश क्या होता है? पैसे बढ़ कर अपनी मूल राशि से ज्यादा हो जाये तो इससे हमें जो लाभ प्राप्त हुआ इसे इन्वेस्टमेंट या निवेश से मिलने वाला लाभ कहेंगे।
निवेश / इन्वेस्टमेंट का महत्व
आज की बचत ही कल की कमाई है। निवेश करने का मुख्य कारण अपने पैसों से पैसा बनाना होता है ताकि भविष्य की अपनी जरूरतों और अपने सारे सपनों को पूरा किया जा सके।
दिन – प्रतिदिन महंगाई बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है और जिस तेज़ी से महंगाई बढ़ रही है उतनी तेज़ी से लोगो की आमदनी (Income) नहीं बढ़ रही है। इसलिये अपनी आमदनी हो बढ़ाने के लिये भी निवेश करना जरूरी हो जाता है। निवेश करने पर लाभ होगा और उस लाभ से आप अपने सभी खर्चो को पूरा कर सकते है।( इन्वेस्टमेंट क्या है – what is Investment In Hindi )
बचत और निवेश में अंतर (Difference Between Saving And Investment)
अगर आप अपनी सैलरी से कुछ पैसा बचाकर अलग से बैंक या घर में रखते है तो वह बचत है। लेकिन बचाये हुये पैसों से शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर, म्यूच्यूअल फंड, जमीन आदि खरीद कर रखी जाये तो वह निवेश है।
बचत अल्पकालिक और निकटतम लक्ष्यों को पूरा करने के लिये की जाती है। जैसे: 2 – 3 महीने या 5 – 6 महीने बाद किसी काम को करने या किसी वस्तु को खरीदने के लिये पैसे चाहिये होंगे तो इसके लिये आप बचत (Saving) करेंगे।
निवेश (Investment) को Long Term Goals को पूरा करने के लिये किया जाता है। जैसे: कार निवेश क्या होता है? खरीदना, घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, रिटायरमेंट प्लानिंग के लिये निवेश किया जाता है। (निवेश क्या होता है – Nivesh kya hota hai)
निवेश कहां करें (Where To Invest Money)
1. Fixed Deposit (फिक्स्ड डिपाजिट): फिक्स्ड डिपाजिट को बैंक में करवाया जाता है। FD में निवेश करके सालाना 7 – 8% रिटर्न अपने पैसे पर कमाया जा सकता है। FD में निवेश सुरक्षित रहता है और लगाये हुये पैसे के डूबने की संभावना नहीं के बराबर होती है।
2. Mutual Fund (म्यूच्यूअल फंड): म्यूच्यूअल फंड में निवेश किया हुआ पैसा सीधे शेयर बाजार में लगता है इसलिये म्यूच्यूअल फंड्स थोड़े जोखिम भरे हो सकते है लेकिन 3 से 5 साल के लिये म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया जाये तो आप सालाना 15 – 20% तक रिटर्न कमा सकते है।
3. Equity Investment (इक्विटी इन्वेस्टमेंट): इक्विटी इन्वेस्टमेंट का अर्थ होता है की अपनी समझ से सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाना। शेयर मार्किट को समझकर और अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह से शेयर मार्किट में निवेश करके 25 से 30% तक रिटर्न कमा सकते है।
4. Real Estate (रियल एस्टेट): रियल एस्टेट का अर्थ होता है की जमीन, घर, फ्लैट, बिल्डिंग में निवेश करना। रियल एस्टेट में निवेश करने के लिये बहुत ज्यादा पैसों की जरुरत होती है और इसमें अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
5. Business Investment (व्यापार में निवेश): निवेश करने के लिये आप कोई व्यापार शुरू कर सकते है या किसी और के व्यापार में भी निवेश कर हिस्सेदार बन सकते है। (निवेश क्या है – Nivesh Kya Hai)
निवेश करके पैसा कमाने के कई तरीके होते है। आप अपने लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार कहाँ निवेश करना है उसका निर्णय ले सकते है।
म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?
म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.
म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 24, 2022, 08:30 IST
हाइलाइट्स
MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.
नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत आसान है. ऐसे कई प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं जिनके जरिए आप एक ही जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम ले सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी म्यूचुअल फंड स्कीम की ग्रोथ, उससे मिलने वाले रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी इन्हीं प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जिसमें पहले कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. फिर उस फंड के पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट सहित कई जगहों पर निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है. आमतौर पर सभी एएमसी में कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं.
दूसरे शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करता है. एक साथ कई जगह निवेश होने के कारण इसमें घाटे की संभावना तुलनात्मक रूप से कम रहती है.
एएमसी क्या है और ये क्या करती है?
एएमसी ऐसी कंपनियां होती हैं जो अलग-अलग निवेशकों से लेकर जमा किए गए फंड को इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि जगहों पर निवेश करती हैं और उससे मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के हिसाब से बांटती हैं. एक तरह से इनका बेसिक काम मैनेजमेंट का होता है. एक अच्छा फंड मैनेजर वह होता है जो फंड को सही जगह पर और सही तरीके से निवेश करता है और निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाता है.
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?
म्यूचुअल फंड की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना जरूरी नहीं है. इसमें आप सिर्फ 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप किसी बड़ी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपका बजट उसके एक शेयर की कीमत से भी कम है. ऐसी स्थिति में आप म्यूचुअल फंड के जरिए उस कंपनी में सिर्फ 500 रुपये में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड बहुत सारे निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर उसे एक साथ किसी कंपनी में निवेश करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं. इसमें निवेश करने पर आपको किसी कंपनी की ग्रोथ या परफॉर्मेंस को देखते रहने की जरूरत नहीं पड़ती. यह काम आपके बदले फंड मैनेजर करता है. इसमें एएमसी निवेशकों के पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करती है. जिससे अगर किसी एक सेक्टर मंदी आ जाती है तो इससे पूरे पोर्टफोलियो पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.
जितनी चाहें उतनी रकम से करें निवेश की शुरूआत
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से कर सकते हैं. आप जितने समय अंतराल पर इसमें निवेश करना चाहते हैं यह भी खुद ही तय कर सकते हैं. इसमें आपको साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर SIP के ऑप्शन मिलते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न केवल शेयर मार्केट बल्कि गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप मोबाइल ऐप, सीधे ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर या किसी एजेंट की मदद से आसानी से कर सकते हैं. इस तरह से छोटी-सी रकम से शुरूआत करके भी आप कुछ समय के बाद अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.
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